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12 जĒट िज़ंदगी facebook.com/sundaynbt twitter: @sundaynbt वेबसाइüस इन वेबसाइüस पर िमल सकते हɡ डायबीटीज मैनेजमɞट कɁ बेहतरीन िटĆस: dlife.com, ascp.com इन फɁसब पेजɻ पर डयबीटीज से ि नपटने कɁ बेहतरीन ि टĆस कɁ साथ एòसपीȫरएंस शेयर करने वाले कȱछ दोĒत भी हɡ। Living with Diabetes in India Diabetes Free India Diabetes Care Foundation of India Type 1 Diabetes and me मोबाइल ऐप BG Monitor Diabetes Ćलैटफॉमɑ : एंńॉयड BlueLoop Ćलैटफॉमɑ : एंńॉयड, आईओएस Diabetes in Check Ćलैटफॉमɑ : आईओएस Diabetic Connect Ćलैटफॉमɑ : एंńॉयड, आईओएस mySugr Diabetes Logbook Ćलैटफॉमɑ : एंńॉयड, आईओएस शहरɻ मɞ तेजी से बढ़ रही बीमाȫरयɻ मɞ डायबीटीज काफी ऊपर है। वैसे सही मैनेजमɞट िकया जाए तो डायबीटीज कɁ मरीज सामाąय िजंदगी जी सकते हɡ। अ÷छी खबर यह है िइसकɁ इलाज कɁ िलए लगातार नई तकनीक और दवाएं रही हɡ, जो ùयादा फायदेमंद हɡ। डायबीटीज कɁ इलाज और नई दवाʠ कɁ बारे मɞ एòसपüसɑ से पछकर परी जानकारी दे रही हɡ िŌयंका िसंह इंसुिलन लेते हɡ तो रखɞ Ąयान इंसुिलन हमेशा ऑथराइùड कɁिमĒट से ही खरीदɞ और इसका ि बल लɞ। इसकी òवािलटी बरकरार रखने कɁ ि लए इसे 8 से 10 ि डĺी तापमान पर रखना चािहए। कɁिमĒट की दुकान से घर तक लाने और घर मɞ इसे Ēटोर करने मɞ भी तापमान का Ąयान रखना जȠरी है। इंसुिलन को ठȾडी और साफ जगह पर रखɞ। ि कसी वजह से मरीज सुबह या शाम को इंजेòशन लगाना भूल जाता है तो मरीज को दो इंजेòशन एक साथ कभी भी नहȮ लगाने चािहए। कभी मरीज को लगता है ि आज खाने पर कȽłोल नहȮ हो पाएगा तो वह इंसुिलन की माŇा बढ़ा सकता है। डायबीटीज कɁ मरीज सीȫरंज और इंसुिलन की शीशी कɁ बजाय इंसुिलन पेन का इĒतेमाल कर सकते हɡ òयɻिक इसे आसानी से कहȮ भी ले जाया जा सकता है। इंसुिलन हमेशा खाने से पहले , नाĐते और ि डनर से 15-20 ि मनट पहले लेनी चािहए। दो इंजेòशनɻ कɁ बीच 10-12 घंटɻ का फासला होना जȠरी है। आिटɓिफशल Ēवीटनर का चòकर डायबीटीज कɁ मरीज कई बार आिटɓिफशल Ēवीटनर लेते हɡ। ये खाने की चीजɻ को मीठा करते हɡ लेिकन इनमɞ कɃलरी कम होती हɡ। इनकɁ फायदे और नुकसान दोनɻ हɡ। इनकɁ बुरे Ōभावɻ मɞ अनजाने मɞ ùयादा माŇा मɞ कɃलरी ले लेना , पकी हुई चीजɻ कɁ टɂòसचर मɞ बदलाव, एलजȯ , ि सरददɑ , घबराहट, ि मतली , नȮद कम आना , याददाĐत कमजोर होना , जोड़ɻ मɞ ददɑ और घबराहट आिद हɡ। लेिकन ि लिमट मɞ ि लया जाए तो नुकसान नहȮ होता। अमेȫरका कɁ फȳड एंड ńôस असोिसएशन (FDA) ने रोजाना कɁ ि लए Ēवीटनसɑ की ि लिमट तय की है , जोिक इस तरह है : सैĸीन (Saccharin): Ēवीटɂòस, Ēवीट एंड लो , नेòटर Ēवीट आिद। हर ि कलो वजन पर 5 ि मिलĺाम ले सकɁ हɡ। अĒपाटɪम (Aspartame): ईòवेल आिद। हर ि कलो वजन कɁ ि लए 50 ि मĺा तक ले सकते हɡ। ऐसीसčफɁम: Ēवीट वन आिद। हर ि कलो वजन कɁ ि लए 15 ि मĺा ले सकते हɡ। ि नयोटɂम जैसे ि ąयूłाĒवीट और Ēटीिवया (Stevia) जैसे ि ĒटɂिवयोकɁल आिद भी ले सकते हɡ। दवाएं डायबीटीज कɁ इलाज कɁ िलए अब बेहतर दवाएं गई हɡ। इąहɞ SGLT 2 ńôस कहा जाता है। इनमɞ Canagliflozin, Dapagliflozin और Empagliflozin दवाएं शािमल हɡ। दरअसल, ये दवाएं यूरीन कɁ राĒते शुगर को ùयादा माŇा मɞ बाहर िनकाल देती हɡ। इससे शुगर कȽłोल मɞ रहती है। दवाʠ कɁ अलावा इंजेòशन भी अब बेहतर हो गए हɡ। इąहɞ GLP-1 Analog कहा जाता है। इनमɞ पहले Liraglutide इंजेòशन आता था, िजसे रोजाना लगाना पड़ता था। अब Dulaglutide इंजेòशन आता है, िजसे हćते मɞ एक िदन लगाना होता है। इससे बार-बार इंजेòशन लगाने का झंझट नहȮ रहता। हालांिक िदल की बीमारी का खतरा कम करने मɞ यह SGLT 2 ńôस से कȱछ कम असरदार है लेिकन दूसरी दवाʠ से बेहतर है। ôलूकोमीटर पहले जो ôलूकोमीटर आते थे, उनमɞ खून की एक पूरी बूंद डालनी पड़ती है, िजसकɁ िलए उȾगली को दबा कर खून िनकालना पड़ता था। अब सòशन वाले ôलूकोमीटर माकɩट मɞ मौजूद हɡ। इनमɞ जरा-सी बूंद डालनी होती है और 5 सेकȽड मɞ रीिडȾग जाती है। इसकɁ अलावा मेमरी वाले ôलूकोमीटर भी िमल रहे हɡ। इनमɞ िपछले 3 महीने की पूरी रीिडȾग जाती है। इąहɞ मोबाइल से कनेòट कर पूरा डɂटा भी िलया जा सकता है। बायर (Bayer), रॉश (Roush) और जॉąसन एंड जॉąसन (Johnson & Johnson) कɁ ôलूकोमीटर को अ÷छा माना जाता है। कीमत 800 से 1500 ȟपये होती है। इनकɁ अलावा भी अ÷छɂ ôलूकोमीटर माकɩट मɞ हɡ। हर ȬĒłप की कीमत 10 से 18 ȟपये पड़ती है। CGMS पैच इसे CGMS यानी Continuous Glucose Monitoring System कहा जाता है। इसमɞ एक पैच को बांह पर लगाना पड़ता है, िजसमɞ एक सɞसर लगा होता है, जो िदन-रात शुगर मॉिनटर करता है ििदन मɞ िकस वòत शुगर ùयादा हुई और िकस वòत कम। इस पैच मɞ एक िचप लगी होती है, िजसे कȽĆयूटर पर लगाने से सारा डɂटा उस पर जाता है। इससे बेहतर मॉिनटȫरंग की जा सकती है। इस पैच से डॉòटर बेहतर डाइट और एòसरसाइज आिद की सलाह देते हɡ। इस पैच को 7 या 15 िदन मɞ बदलना पड़ता है। इंसुिलन पंप दरअसल, यह मोबाइल जैसा छोटा िडवाइस होता है। इससे शुगर पर ȫरयल टाइम िनगाह रखी जा सकती है। इसे इंटɂिलजɞट पंप भी कहा जाता है। यह पɡिĸयाज की तरह लगातार इंसुिलन शरीर मɞ देता रहता है। वैसे, आजकल माकɩट मɞ अलामɑ वाले पंप भी आते हɡ। शुगर बहुत ùयादा या बहुत कम होने पर ये अलामɑ बज उठते हɡ। ŌेƔɞट लेडीज और बƸɻ कɁ िलए ये पंप काफी अ÷छɂ होते हɡ। òवॉिलटी कɁ मुतािबक ये 2 से 5 लाख ȟपये कɁ पड़ते हɡ। इंसुिलन पेन सुइयɻ से राहत कɁ िलए इंसुिलन पेन का इĒतेमाल कर सकते हɡ। अब इनकी िनडल काफी पतली हो गई है िजससे ददɑ काफी कम होता है। िफर इनकɁ ऊपर सब कȱछ साफ-साफ िलखा होता है। इąहɞ लगाने कɁ िलए िकसी पर िनभɑर नहȮ रहना पड़ता, ही रोज सूई बदलनी पड़ती। इसमɞ एक बार यूज करने वाले और रीयूज वाले, दोनɻ तरह कɁ पेन आते हɡ। इंसुिलन का एक इंजेòशन िजसे आप कई बार उपयोग कर सकते हɡ। इसकी कीमत करीब 250-300 ȟपये और पेन करीब 400-500 ȟपये का पड़ता है। सभी अंगɻ पर असर आय वɨद इलाज मɞ òया है नया मʃस कɁ असंतुलन, मोटापे , जȮस और गलत लाइफĒटाइल का िमला-जुला नतीजा है डायबीटीज। इससे खाने से िमला काबɿहाइńɂट सेčस मɞ जाकर एनजȯ देने की बजाय खून मɞ ही घूमता रहता है, िजससे Ĉलड मɞ शुगर का लेवल बढ़ जाता है। इसका असर हाटɓ, िकडनी, िलवर, आंख, पैर समेत शरीर कɁ सभी अंगɻ पर पड़ता है। Ĉलड टɂĒट: यह दो बार िकया जाता है: खाली पेट (फाȬĒटȾग) और नाĐता या ôलूकोज लेने कɁ बाद (पीपी)फाȬĒटȾग Ĉलड शुगर (नॉमɑल रɞज 100- 120) और खाने कɁ 2 घंटɂ बाद (नॉमɑल रɞज 130-160)हćते मɞ कम-से-कम एक बार। HBA1C टɂĒट: इसे हर तीन से चार महीने बाद करा सकते हɡ। इसमɞ खाली पेट और खाने कɁ दो घंटɂ बाद का Ĉलड सɡपल देना नहȮ पड़ता। कभी भी, िकसी भी लैब मɞ जाकर एचबीए1सी (ôलाइकोिसलेटɂड हीमोôलोिबन) टɂĒट कɁ िलए सɡपल दे सकते हɡ। इस टɂĒट से िपछले तीन महीने कɁ ऐवरेज Ĉलड शुगर लेवल का पता लग जाता है। इसकी नॉमɑल रɞज 4 से 6 पसɲट तक मानी जाती है। आजकल डॉòटर इसी टɂĒट को ùयादा कराते हɡ। हॉ कौन-कौन से टɂĒट 1. टɂĒट से 3-4 िदन पहले से काबɿहाइńɂट से भरपूर खाना खाना चािहए। 2. टɂĒट से पहले कॉलेĒłॉल कम करनेवाली नाइिसन टɄĈलेट, िवटािमन-सी, ऐȬĒŌन, गभɑ-िनरोधक दवाएं आिद का िबčकȱल इĒतेमाल करɞ। इनसे पेशाब मɞ शुगर लेवल कम सकता है। 3. िजसको ôलूकोज पीकर दो घंटɂ बाद टɂĒट देना है, उसे वहȮ ठहरना चािहए। एक-डɂढ़ घंटɂ घूम आएं, ऐसा नहȮ करना चािहए। इससे टɂĒट कɁ ȫरजčट पर असर पड़ता है। Ąयान रखɞ कॉलेĒłॉल कɁ िलए िलिपड Ōोफाइल टɂĒट हाटɓ कɁ िलए ECG और TMT टɂĒट आंखɻ की जांच पैरɻ की जांच Ĉलड Ōेशर की जांच िकडनी Ōोफाइल और कौन-से टɂĒट कराएं डायबीिटक पेशंट ये सभी जांच साल मɞ एक बार जȠर कराएं। डॉ . अन ि मŖा , चेयरमैन, फोिटɓस सी -डॉक शुगर ...गर हो जाए यह बचपन मɞ अचानक इंसुिलन हॉमɿन बनना बंद होने से होती है। शरीर मɞ बढ़ɂ हुए ôलूकोज को कȽłोल करने कɁ िलए इंसुिलन कɁ इंजेòशन की जȠरत होती है। इसकɁ मरीज काफी कम होते हɡ। इसकी वजह आमतौर पर गलत लाइफĒटाइल, मोटापा और बढ़ती उŐ होती है। इसमɞ शरीर इंसुिलन कम माŇा मɞ बनता है। डायबीटीज कɁ 90 फीसदी मरीज इसी कɃिटगरी मɞ आते हɡ। एòसरसाइज, बैलɞĒड डाइट और दवाʠ से इसे कȽłोल मɞ रखा जा सकता है। डायबीटीज ि कतनी तरह की डायबीटीज कɁ मरीजɻ को हाटɓ अटɄक, Ēłोòस, लकवा , ि कडनी फɁčयोर, आंखɻ की समĒया , पैरɻ की समĒया , ȟषɻ मɞ नपंसकता और मिहलाʠ मɞ बांझपन, ōोजन शोčडर (कȽधे का जाम होना ) जैसी बीमाȫरयɻ का खतरा भी रहता है। ि कडनी पर असर तो डायबीटीज कɁ कȱछ साल बाद ही Ƞ हो जाता है। इसे रोकने कɁ ि लए Ĉलड गर और Ĉलड Ōेशर दोनɻ को नॉमɑल रखना चािहए। Ĉलड गर को कȽłोल मɞ रखकर मोितयािबंद जैसी बीमाȫरयɻ से बचा जा सकता है। डॉ. . कɁ. िझंगन, Ōेिजडɠट, िदčली डायबीटीज ȫरसचɑ सɞटर डॉ. पािमला दआ, आयुवɨद एòसपटɓ, एĊस सनीता राय चौधरी, चीफ डाइिटशन, बीएल कपूर हॉȬĒपटल सरिȦत गोĒवामी, योग गुȟ एòसपüसɑ पैनल आयुवɨद मɞ डायबीटीज कɁ इलाज कɁ िलए कई दवाएं हɡ। इनमɞ Ōमुख हɡ: िवजयसार, सǓपणɑ, गुड़मार, गुôगुल, मामƻक घनवटी, िशलाजीत, िनशा आमलकी, िनशािŇफला योग, सिहजन आिद। इनमɞ से िकसी एक का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसकɁ अलावा बेल कɁ पƫे का जूस, मेथी, आंवला, हčदी, लहसुन का सेवन भी डायबीटीज मɞ फायदेमंद बताया जाता है। इन िदनɻ बीजीआर 34 दवा भी काफी चचाɑ मɞ है। हालांिक इस दवा को लेकर अभी मरीजɻ का फीडबैक िमलना बाकी है। ऐसे मɞ इसकɁ असर को लेकर पòकɁ तौर पर दावा नहȮ िकया जा सकता। िमिनĒłी ऑफ आयुष ने आयुष 82 नाम की दवा भी ईजाद की है, िजसे अलग-अलग कȽपिनयां अलग-अलग नाम से बेच रही हɡ। इस दवा को शुगर कȽłोल करने कɁ अलावा डायबीटीज मɞ होनेवाली आंखɻ, िकडनी और ąयूरो की िदòकतɻ को कम करने मɞ भी असरदार माना जा रहा है। नोट: डॉòटर की सलाह कɁ बगैर कोई भी दवा लɞ। एòसरसाइज और योग रोजाना 50 िमनट वॉक करɞ। वॉक करते वòत कम से कम 8-10 िमनट मɞ 1 िकमी चल लɞ। रोजाना 10,000 कदम चलने की कोिशश करɞ। नंगे पैर चलɞ। अगर ùयादा थकान होती है, तो 15-15 िमनट 3 बार वॉक कर लɞ। पȬĐचमोƫानासन (2-3 बार), मāĒयɞʼnासन (2-3 बार), अधɑमāĒयɞʼnासन (2 बार), उĄवɑहĒतोतानासन (3 बार), पवनमुòतासन (2-3 बार), भुजंगासन (2-3 बार), मंडȴकासन (5-6 बार) करɞ। कपालभाित िĸया (5-7 िमनट), अनुलोम- िवलोम Ōाणायाम (5 िमनट), भȬĒŇका Ōाणायाम (2 बार) करɞ। 5 िमनट डीप Ŏीिदंग करɞ। पैरɻ और आंखɻ कɁ िलए अलग से सूȤम िĸयाएं करɞ। नोट: इन िĸयाʠ को खाली पेट सुबह करɞ या लंच कɁ चार-पांच घंटɂ बाद करɞ। खाने मɞ ùयादा गैप रखɞ। ùयादा गैप रखने से शुगर लेवल मɞ उतार-चढ़ाव होता है। हर दो घंटɂ मɞ कȱछ खाएं। Ŏाउन और िबना पॉिलश चावल, िछलकɁ वाली दालɞ, चोकर िमला आटा इĒतेमाल करɞ। सोयाबीन, साबुत चना, राजमा, लोिबया आिद लɞ। ĒŌाउüस ले सकते हɡ। Ŏाउन Ŏेड, ओट, दिलया खाएं। िदन भर मɞ चार-पांच कटोरी सȬĈजयां कƸी (सलाद) या पकी खाएं। पांच-छह बार मɞ थोड़ा-थोड़ा कर खाएं। मिहलाएं 1500- 1600 कɃलरी और पुȟष 1700-1800 कɃलरी ले सकते हɡ। दाल-सȬĈजयां मूंग, गुलथी, चना, तूर दाल फायदेमंद हɡ। मेथी, पालक, करेला, बथुआ, सरसɻ का साग, सीताफल, ककड़ी, तोरी, िटȾडा, िशमला िमचɑ, िभंडी, सेम, शलजम, खीरा, ôवार की फली, चने का साग, सोया का साग, गाजर आिद भी खा सकते हɡ। फल जामुन बेहद फायदेमंद हɡ। आंवला, नीबू, संतरा, टमाटर, पपीता, खरबूजा, तरबूज, अमȠद, Ēłॉबेरी, अंजीर, मौसमी, मालटा, िसंघाड़ा आिद। रोजाना 100-150 ĺाम ōȳüस खा सकते हɡ लेिकन इąहɞ मेन खाने से हटकर लɞ, तािक खाने कɁ साथ शुगर बढ़ɂ। जूस करेला, गाजर, पालक, लौकी, शलजम, पƫा गोभी आिद का जूस पी सकते हɡ। वैसे, फलɻ का रस ùयादा नहȮ पीना चािहए òयɻिक इनमɞ शुगर की माŇा ùयादा होती है। आधा िगलास तक िदन मɞ ले सकते हɡ। नॉन वेज मुगɨ और मछली को उबाल कर या भून कर खा सकते हɡ। िदन मɞ एक-दो अंडɂ खा सकते हɡ। हालांिक शाकाहारी खाना ही बेहतर है। घी-तेल सरसɻ, अलसी, सोयाबीन, सूरजमुखी का तेल खाएं। सूरजमुखी और कोनɑ ऑइल को सरसɻ को तेल मɞ िमलाकर भी इĒतेमाल कर सकते हɡ। लेिकन कȱल िमलाकर िदन मɞ फɃट 15- 20 ĺाम (3-4 चĊमच) से ùयादा लɞ। दूध से बनी चीजɞ दूध, दही, पनीर लɞ लेिकन लो फɃट रखɞ। डबल टɻड दूध का इĒतेमाल अ÷छा है। िदन मɞ दो-तीन कप चाय पी सकते हɡ, लेिकन िबना शुगर वाली। नमकीन लĒसी- छाछ पीएं। मसाले और बाकी चीजɞ मेथी, लहसुन और दालचीनी खून मɞ ôलूकोज लेवल कम करते हɡ और गुड कॉलेĒłॉल बढ़ाते हɡ। एलोवेरा का जूस जेल फायदेमंद है। ĺीन टी से शरीर मɞ ôलूकोज अĈजॉबɑ की Ȧमता बढ़ती है। डायबीटीज कɁ इलाज मɞ वòत कɁ साथ कई नई तकनीक और िडवाइस गए हɡ। इनमɞ खास हɡ: ùयादा जानकारी कɁ ि लए िकससे करɞ परहेज मीठी चीजɞ: चीनी, गुड़, गƞा, िमठाई, टॉफी, चॉकलेट, आइसĸीम आिद। मीठɂ फल : सेब, कɁला, चीकȳ, आम, शहतूत, अंगूर, लीची आिद। सȬĈजयां: आलू, अरबी, शकरकȽद, कचालू जैसी Ēटाचɑ वाली सȬĈजयां। घी-तेल: देसी घी, वनĒपित घी-तेल, नाȫरयल तेल, मòखन, ĸीम, खोया पनीर। महीने मɞ आधा िकलो से ùयादा घी या तेल नहȮ खाना चािहए। मांसाहार: कीमा, गुदɨ िलवर का मीट, बकरे का मीट और उसका चबȯ। अंडɂ का पीला वाला भाग। इनमɞ भी शुगर है: चाय, कॉफी, शेक, जूस आिद मɞ शुगर कȽटɠट होता है, इसिलए कम माŇा मɞ लɞ। पाĒता, वाइट Ŏेड आिद मीठɂ नहȮ होते लेिकन इनमɞ भी शुगर होती है। òया खाएं f नोट: कोई भी दवा अपने डॉòटर से सलाह करने कɁ बाद ही लɞ। Imagesbazaar 1 िमथ: मीठा खाने से डायबीटीज होती है सच: मीठɂ से डायबीटीज होने का कोई कनेòशन नहȮ है। इसकɁ िलए जȮस और दूसरे कारण िजĊमेदार होते हɡ। डायबीटीज हो जाने कɁ बाद मीठा खाने से शुगर कȽłोल से बाहर हो जाती है। 2. डायबीटीज का खतरा मोटɂ और उŐदराज लोगɻ को ही होता है सच: डायबीटीज मोटɂ-पतले सभी को हो सकती है। उŐ का भी इसकɁ साथ कोई कनेòशन नहȮ है। कई बार नवजात और छोटɂ बƸɻ को भी शुगर हो जाती है। उŐ बढ़ने कɁ साथ टाइप-2 डायबीटीज की िशकायत बढ़ती है। 3. िमथ: डायबीटीज कɁ िलए Ēपेशल खाना होता है सचः इसमɞ कोई Ēपेशल खाना नहȮ होता बस संतुिलत आहार की जȠरत होती है, िजसमɞ 50-60 पसɲट काबɿहाइńɂट, 15-20 पसɲट Ōोटीन और 20-25 पसɲट फɃट और दूसरे तāव शािमल हɻ। 4. िमथ: डायबीटीज हो तो कम खाना खाएं। सच: कम खाना खाना सही नहȮ है। थोड़ा-थोड़ा, बार-बार खाएं। तो ùयादा देर भूखे रहɞ और ही एक बार मɞ ढɂर सारा खाना खाएं। 5. िमथ: शगर कɁ मरीज को ōȳüस और ńाई-ōȳüस नहȮ खाने चािहए सच: डायबीटीज मɞ लो ôलाइसेिमक इंडɂòस वाले फल सेब, संतरा, मौसमी, अमȠद और पपीता। बादाम और अखरोट जैसे ńाई ōȳüस से शरीर मɞ अ÷छा यानी एचडीएल कॉलेĒłॉल बढ़ता है जो हाटɓ अटɄक कɁ खतरे को कम करता है,6. िमथ: समĒया का हल शगर-ōी खाना है। सच: शुगर-ōी का मतलब कɃलरी-ōी नहȮ है। शुगर-ōी कɁ नाम पर जमकर िमठाइयां खाना नुकसानदेय हो सकता है। इनमɞ खोया, ĸीम आिद की कɃलरी भी शािमल होती हɡ, जो शुगर अिनयंिŇत कर सकती हɡ। 7. िमथ: डायबीटीज कɁ िलए िसफɒ खाने को कȽłोल करना जȠरी है लेिकन दवा ले रहे हɻ तो कȱछ भी खा सकते हɡ। सचः डायबीटीज कɁ मरीज को खाने पर कȽłोल कɁ अलावा रोज एòसरसाइज (रोजाना 5 िकमी िŎĒक वॉक और योग) भी जȠरी है। 8. िमथ: डायबीटीज की मरीज मिहला को गभɑधारण नहȮ करना चािहए। सच: मां बनने से परहेज करने की कोई जȠरत नहȮ है। एòसपटɓ की देखरेख मɞ संतुिलत लाइफĒटाइल अपनाना जȠरी है। गभɑधारण से पहले, गभाɑवĒथा कɁ दौरान और आगे भी सही शुगर लेवल मेनटɂन रखɞ। 9. िमथः डायबीटीज का मरीज ऐथलीट नहȮ हो सकता। सच: कई िखलािड़यɻ ने डायबीटीज कɁ बावजूद खेल-कȳद मɞ एक मकाम हािसल िकया है जैसे िओलंिपक गोčड मेडिलĒट तैराक गैरी हॉल, िĸकɁटर वसीम अकरम आिद। ि मथ मंथन FB पेज टाइप टाइप संडɂ नवभारत टाइĊस। नई िदčली। 13 नवंबर 2016

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  • 12 ज ट िज़ंदगीfacebook.com/sundaynbt twitter: @sundaynbt

    वेबसाइ सइन वेबसाइ स पर िमल सकते ह डायबीटीज मैनेजमट क बेहतरीन िट स:dlife.com, ascp.com

    इन फसबकु पजे पर डयबीटीज से िनपटन ेक बहेतरीन िट स

    क साथ ए सपी रएंस शयेर

    करन ेवाल ेकछ दो त भी ह।

    Living with Diabetes in India

    Diabetes Free India

    Diabetes Care Foundation of India

    Type 1 Diabetes and

    me

    मोबाइल ऐप BG Monitor Diabetesलैटफॉम : एं ॉयड BlueLoopलैटफॉम : एं ॉयड, आईओएसDiabetes in Checkलैटफॉम : आईओएसDiabetic Connectलैटफॉम : एं ॉयड, आईओएसmySugr Diabetes Logbookलैटफॉम : एं ॉयड, आईओएस

    शहर म तेजी से बढ़ रही बीमा रय म डायबीटीज काफी ऊपर है। वैसे सही मैनेजमट िकया जाए तो डायबीटीज क मरीज सामा य िजंदगी जी सकते ह। अ छी खबर यह है िक इसक इलाज क िलए लगातार नई तकनीक और दवाएं आ रही ह, जो यादा

    फायदेमंद ह। डायबीटीज क इलाज और नई दवा क बारे म ए सप स से पूछकर पूरी जानकारी दे रही ह ि यंका िसंह

    इसंिुलन लते ेह तो रख यान इसंिुलन हमशेा ऑथराइ ड किम ट स ेही खरीद

    और इसका िबल ल। इसकी वािलटी बरकरार रखन ेक िलए इस े8 स े10 िड ी तापमान पर रखना चािहए। किम ट की दकुान स ेघर तक लाने और घर म इसे टोर करन ेम भी तापमान का यान

    रखना ज री ह।ै इसंिुलन को ठडी और साफ जगह पर रख।िकसी वजह स ेमरीज सबुह या शाम को इजंे शन लगाना भलू जाता ह ैतो मरीज को दो इजंे शन एक साथ कभी भी नह लगाने चािहए। कभी मरीज को लगता ह ैिक आज खाने पर क ोल नह हो पाएगा तो वह इसुंिलन की मा ा बढ़ा सकता ह।ै

    डायबीटीज क मरीज सी रजं और इसंिुलन की शीशी क बजाय इसंिुलन पने का इ तमेाल कर सकते ह य िक इस ेआसानी स ेकह भी ल ेजाया जा सकता ह।ै

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    आिटिफशल वीटनर का च करडायबीटीज क मरीज कई बार आिटिफशल वीटनर लतेे

    ह। य ेखान ेकी चीज को मीठा करते ह लिेकन इनम कलरी कम होती ह। इनक फायद ेऔर नकुसान दोन ह। इनक बरु े भाव म अनजाने म यादा मा ा म कलरी ल ेलनेा, पकी हईु चीज क ट सचर म

    बदलाव, एलज , िसरदद, घबराहट, िमतली, न द कम आना, याददा त कमजोर होना, जोड़ म दद और घबराहट आिद ह। लिेकन िलिमट म िलया जाए तो नकुसान नह होता। अमे रका क फड एडं स असोिसएशन (FDA) न ेरोजाना क िलए वीटनस की िलिमट तय की ह,ै जोिक इस तरह ह:ैसै ीन (Saccharin): वीट स, वीट एडं लो, ने टर वीट आिद। हर िकलो वजन पर 5 िमिल ाम ल ेसक ह।अ पाटम (Aspartame): ई वले आिद। हर िकलो वजन क िलए 50 िम ा तक ल ेसकते ह।ऐसीस फम: वीट वन आिद। हर िकलो वजन क िलए 15 िम ा ल ेसकत ेह।िनयोटम जसै ेिक यू ा वीट और टीिवया (Stevia) जसै ेिक टिवयोकल आिद भी ल ेसकते ह।

    दवाएंडायबीटीज क इलाज क िलए अब बेहतर दवाएं आ गई ह। इ ह SGLT 2 स

    कहा जाता है। इनम Canagliflozin, Dapagliflozin और Empagliflozin दवाएं शािमल ह। दरअसल, ये दवाएं यूरीन क रा ते शुगर को यादा मा ा म बाहर िनकाल देती ह। इससे शुगर क ोल म रहती है। दवा क अलावा इंजे शन भी अब बेहतर हो गए ह। इ ह GLP-1 Analog कहा जाता है। इनम पहले Liraglutide इंजे शन आता था, िजसे रोजाना लगाना पड़ता

    था। अब Dulaglutide इंजे शन आता है, िजसे ह ते म एक िदन लगाना होता है। इससे बार-बार इंजे शन लगाने का झंझट नह रहता। हालांिक िदल की बीमारी का खतरा कम करने म यह SGLT 2 स से कछ कम असरदार है लेिकन दूसरी दवा से बेहतर है।

    लूकोमीटरपहले जो लूकोमीटर आते थे, उनम खून की एक पूरी बूंद डालनी पड़ती है, िजसक

    िलए उगली को दबा कर खून िनकालना पड़ता था। अब स शन वाले लूकोमीटर माकट म मौजूद ह। इनम जरा-सी बूंद डालनी होती है और 5 सेकड म रीिडग आ जाती है। इसक अलावा मेमरी वाले लूकोमीटर भी िमल रहे ह। इनम िपछले 3 महीने की पूरी रीिडग आ जाती है। इ ह मोबाइल से कने ट कर पूरा डटा भी िलया जा सकता है। बायर ( Bayer), रॉश (Roush) और जॉ सन

    एंड जॉ सन (Johnson & Johnson) क लूकोमीटर को अ छा माना जाता है। कीमत 800 से 1500 पये होती है। इनक अलावा भी अ छ लूकोमीटर माकट म ह। हर प की कीमत 10 से 18 पये पड़ती है।

    CGMS पैचइसे CGMS यानी Continuous Glucose Monitoring System कहा जाता

    है। इसम एक पैच को बांह पर लगाना पड़ता है, िजसम एक ससर लगा होता है, जो िदन-रात शुगर मॉिनटर करता है िक िदन म िकस व त शुगर यादा हुई और िकस व त कम। इस पैच म एक िचप लगी होती है, िजसे क यूटर पर लगाने से सारा डटा उस पर आ जाता है। इससे बेहतर मॉिनट रंग की जा सकती है। इस पैच से डॉ टर बेहतर डाइट और ए सरसाइज आिद की सलाह देते ह। इस

    पैच को 7 या 15 िदन म बदलना पड़ता है।

    इंसुिलन पंपदरअसल, यह मोबाइल जैसा छोटा िडवाइस होता है। इससे शुगर पर रयल टाइम

    िनगाह रखी जा सकती है। इसे इंटिलजट पंप भी कहा जाता है। यह पि याज की तरह लगातार इंसुिलन शरीर म देता रहता है। वैसे, आजकल माकट म अलाम वाले पंप भी आते ह। शुगर बहुत यादा या बहुत कम होने पर ये अलाम बज उठते ह। े ट लेडीज और ब क िलए ये पंप काफी अ छ होते ह। वॉिलटी क

    मुतािबक ये 2 से 5 लाख पये क पड़ते ह।

    इंसुिलन पेनसुइय से राहत क िलए इंसुिलन पेन का इ तेमाल कर सकते ह। अब इनकी िनडल

    काफी पतली हो गई है िजससे दद काफी कम होता है। िफर इनक ऊपर सब कछ साफ-साफ िलखा होता है। इ ह लगाने क िलए िकसी पर िनभर नह रहना पड़ता, न ही रोज सूई बदलनी पड़ती। इसम एक बार यूज करने वाले और रीयूज वाले, दोन तरह क पेन आते ह। इंसुिलन का एक इंजे शन िजसे आप कई बार उपयोग कर सकते ह। इसकी कीमत करीब 250-300 पये और पेन करीब

    400-500 पये का पड़ता है।

    सभी अगं पर असर

    आयवुद

    इलाज म या ह ैनया

    म स क असंतुलन, मोटापे , ज स और गलत लाइफ टाइल का िमला-जुला नतीजा है डायबीटीज। इससे खाने से िमला काब हाइ ट से स म जाकर एनज देने की बजाय खून म ही घूमता रहता है, िजससे लड म शुगर का लेवल बढ़ जाता है। इसका असर हाट,

    िकडनी, िलवर, आंख, पैर समेत शरीर क सभी अंग पर पड़ता है।

    लड ट ट: यह दो बार िकया जाता है: खाली पेट (फा टग) और ना ता या लूकोज लेने क बाद (पीपी)।

    फा टग लड शुगर (नॉमल रज 100-120) और खाने क 2 घंट बाद (नॉमल रज 130-160)। ह ते म कम-से-कम एक बार।

    HBA1C ट ट: इसे हर तीन से चार महीने बाद करा सकते ह। इसम खाली पेट और खाने क दो घंट बाद का लड सपल देना नह पड़ता। कभी भी, िकसी भी लैब म जाकर एचबीए1सी ( लाइकोिसलेटड हीमो लोिबन) ट ट क िलए सपल दे सकते ह। इस ट ट से िपछले तीन महीने क ऐवरेज लड शुगर लेवल का पता लग जाता है। इसकी नॉमल रज 4 से 6 पसट तक मानी जाती है। आजकल डॉ टर इसी ट ट को यादा कराते ह।

    हॉ

    कौन-कौन से ट ट

    1. ट ट से 3-4 िदन पहले से काब हाइ ट से भरपूर खाना खाना चािहए।2. ट ट से पहले कॉले ॉल कम करनेवाली नाइिसन ट लेट, िवटािमन-सी, ऐ न, गभ-िनरोधक

    दवाएं आिद का िब कल इ तेमाल न कर। इनसे पेशाब म शुगर लेवल कम आ सकता है।3. िजसको लूकोज पीकर दो घंट बाद ट ट देना है, उसे वह ठहरना चािहए। एक-डढ़ घंट घूम आएं,

    ऐसा नह करना चािहए। इससे ट ट क रज ट पर असर पड़ता है।

    यान रख

    कॉले ॉल क िलए िलिपड ोफाइल ट टहाट क िलए ECG और TMT ट टआंख की जांच

    पैर की जांचलड ेशर की जांचिकडनी ोफाइल

    और कौन-से ट ट कराएं

    डायबीिटक पेशंट ये सभी जांच साल म एक बार ज र कराएं।

    डॉ. अनपू िम ा, चयेरमैन, फोिटस सी-डॉक

    शुगर...गर हो जाएयह बचपन म अचानक इंसुिलन हॉम न बनना बंद होने से होती है। शरीर म बढ़ हुए लूकोज को क ोल करने क िलए इंसुिलन क इंजे शन की ज रत होती है। इसक मरीज काफी कम होते ह।

    इसकी वजह आमतौर पर गलत लाइफ टाइल, मोटापा और बढ़ती उ होती है। इसम शरीर इंसुिलन कम मा ा म बनता है। डायबीटीज क 90 फीसदी मरीज इसी किटगरी म आते ह। ए सरसाइज, बैल ड डाइट और दवा से इसे क ोल म रखा जा सकता है।

    डायबीटीज िकतनी तरह की

    डायबीटीज क मरीज को हाट अटक, ो स, लकवा, िकडनी फ योर, आखं की सम या, परै की सम या, पु ष म नपुसंकता और मिहला म बांझपन, ोजन शो डर (कध ेका जाम होना) जसैी बीमा रय का खतरा भी रहता ह।ै िकडनी पर असर तो डायबीटीज क कछ साल बाद ही शु हो जाता ह।ै इस ेरोकन ेक िलए लड शगुर और लड शेर दोन को नॉमल रखना चािहए। लड शगुर को क ोल म रखकर मोितयािबंद जसैी बीमा रय स ेबचा जा सकता ह।ै

    डॉ. ए. क. िझंगन,

    ेिजडट, िद ली डायबीटीज रसच सटर

    डॉ. पािमला दुआ, आयुवद ए सपट, ए स

    सुनीता राय चौधरी, चीफ डाइिटशन, बीएल कपूर हॉ पटल

    सुरि त गो वामी, योग गु

    ए सप स पनैल

    आयुवद म डायबीटीज क इलाज क िलए कई दवाएं ह। इनम मुख ह: िवजयसार, स पण, गुड़मार, गु गुल, माम क घनवटी, िशलाजीत, िनशा आमलकी, िनशाि फला योग, सिहजन आिद। इनम से िकसी एक का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसक अलावा बेल क प े का जूस, मेथी, आंवला, ह दी, लहसुन का सेवन भी डायबीटीज म फायदेमंद बताया जाता है। इन िदन बीजीआर 34 दवा भी काफी चचा म है। हालांिक इस दवा को लेकर अभी मरीज का फीडबैक िमलना बाकी है। ऐसे म इसक असर को लेकर प क तौर पर दावा नह िकया जा सकता। िमिन ी ऑफ आयुष ने आयुष 82 नाम की दवा भी ईजाद की है, िजसे अलग-अलग कपिनयां अलग-अलग नाम से बेच रही ह। इस दवा को शुगर क ोल करने क अलावा डायबीटीज म होनेवाली आंख , िकडनी और यूरो की िद कत को कम करने म भी असरदार माना जा रहा है। नोट: डॉ टर की सलाह क बगैर कोई भी दवा न ल।

    ए सरसाइज और योगरोजाना 50 िमनट वॉक कर। वॉक करते

    व त कम से कम 8-10 िमनट म 1 िकमी चल ल। रोजाना 10,000 कदम चलने की

    कोिशश कर। नंगे पैर न चल।अगर यादा थकान होती है, तो 15-15 िमनट 3 बार वॉक कर ल।

    प चमो ानासन (2-3 बार), म य ासन (2-3 बार), अधम य ासन (2 बार), उ वह तोतानासन (3 बार), पवनमु तासन (2-3 बार), भुजंगासन (2-3 बार), मंडकासन (5-6 बार) कर।

    कपालभाित ि या (5-7 िमनट), अनुलोम-िवलोम ाणायाम (5 िमनट), भ का ाणायाम (2 बार) कर। 5 िमनट डीप ीिदंग कर।

    पैर और आंख क िलए अलग से सू म ि याएं कर।

    नोट: इन ि या को खाली पेट सुबह कर या लंच क चार-पांच घंट बाद कर।

    खाने म यादा गैप न रख। यादा गैप रखने से शुगर लेवल म उतार-चढ़ाव होता है। हर दो घंट म कछ खाएं। ाउन और िबना पॉिलश चावल, िछलक वाली दाल, चोकर िमला आटा इ तेमाल कर। सोयाबीन, साबुत चना, राजमा, लोिबया आिद ल। ाउ स ले सकते ह। ाउन ेड, ओट, दिलया खाएं। िदन भर म चार-पांच कटोरी स जयां क ी (सलाद) या पकी खाएं। पांच-छह बार म थोड़ा-थोड़ा कर खाएं। मिहलाएं 1500-1600 कलरी और पु ष 1700-1800 कलरी ले सकते ह।

    दाल-स जयांमूंग, गुलथी, चना, तूर दाल फायदेमंद ह। मेथी, पालक, करेला, बथुआ, सरस का साग, सीताफल, ककड़ी, तोरी, िटडा, िशमला िमच, िभंडी, सेम, शलजम, खीरा, वार की फली, चने का साग, सोया का साग, गाजर आिद भी खा सकते ह।

    फलजामुन बेहद फायदेमंद ह। आंवला, नीबू, संतरा, टमाटर, पपीता, खरबूजा, तरबूज, अम द, ॉबेरी, अंजीर, मौसमी, मालटा, िसंघाड़ा आिद। रोजाना 100-150 ाम स खा सकते ह लेिकन इ ह मेन खाने से हटकर ल, तािक खाने क साथ शुगर न बढ़।

    जूसकरेला, गाजर, पालक, लौकी, शलजम, प ा गोभी आिद का जूस पी सकते ह। वैसे, फल का रस यादा नह पीना चािहए य िक इनम शुगर की मा ा यादा होती है। आधा िगलास तक िदन म ले सकते ह।

    नॉन वेज मुग और मछली को उबाल कर या भून कर खा सकते ह। िदन म एक-दो अंड खा सकते ह। हालांिक शाकाहारी खाना ही बेहतर है।

    घी-तेलसरस , अलसी, सोयाबीन,

    सूरजमुखी का तेल खाएं। सूरजमुखी और कोन ऑइल को सरस को तेल

    म िमलाकर भी इ तेमाल कर सकते ह। लेिकन कल िमलाकर िदन म फट 15-20 ाम (3-4 च मच) से यादा न ल।

    दूध से बनी चीजदूध, दही, पनीर ल लेिकन लो फट रख। डबल ट ड दूध का इ तेमाल अ छा है। िदन म दो-तीन कप चाय पी सकते ह, लेिकन िबना शुगर वाली। नमकीन ल सी-छाछ पीएं।

    मसाले और बाकी चीजमेथी, लहसुन और दालचीनी खून म लूकोज लेवल कम करते ह और गुड कॉले ॉल बढ़ाते ह। एलोवेरा का जूस व जेल फायदेमंद है। ीन टी से शरीर म लूकोज अ जॉब की मता बढ़ती है।

    डायबीटीज क इलाज म व त क साथ कई नई तकनीक और िडवाइस आ गए ह। इनम खास ह:

    यादा जानकारी क िलए

    िकससे कर परहेजमीठी चीज: चीनी, गुड़, ग ा, िमठाई, टॉफी, चॉकलेट, आइस ीम आिद। मीठ फल : सेब, कला, चीक, आम, शहतूत, अंगूर, लीची आिद।

    स जयां: आलू, अरबी, शकरकद, कचालू जैसी टाच वाली स जयां।

    घी-तेल: देसी घी, वन पित घी-तेल, ना रयल तेल, म खन, ीम, खोया व पनीर। महीने म आधा िकलो से यादा घी या तेल नह खाना चािहए।

    मांसाहार: कीमा, गुद व िलवर का मीट, बकरे का मीट और उसका चब । अंड का पीला वाला भाग।

    इनम भी शुगर है: चाय, कॉफी, शेक, जूस आिद म शुगर कटट होता है, इसिलए कम मा ा म ल। पा ता, वाइट ेड आिद मीठ नह होते लेिकन इनम भी शुगर होती है।

    या खाएं

    fनोट: कोई भी दवा अपने डॉ टर से सलाह

    करने क बाद ही ल।

    Imagesbazaar

    1 िमथ: मीठा खाने से डायबीटीज होती है ।

    सच: मीठ से डायबीटीज होने का कोई कने शन नह है। इसक िलए जस और दूसरे कारण िज मेदार होते ह। डायबीटीज हो जाने क बाद मीठा खाने से शुगर क ोल से बाहर हो जाती है।

    2. डायबीटीज का खतरा मोट और उ दराज लोग को ही होता है ।

    सच: डायबीटीज मोट-पतले सभी को हो सकती है। उ का भी इसक साथ कोई कने शन नह है। कई बार नवजात और छोट ब को भी शुगर हो जाती है। उ बढ़ने क साथ टाइप-2 डायबीटीज की िशकायत बढ़ती है।

    3. िमथ: डायबीटीज क िलए पेशल खाना होता है

    सचः इसम कोई पेशल खाना नह होता बस संतुिलत आहार की ज रत होती है, िजसम 50-60 पसट काब हाइ ट, 15-20 पसट ोटीन और 20-25 पसट फट और दूसरे त व शािमल ह ।

    4. िमथ: डायबीटीज हो तो कम खाना खाएं।

    सच: कम खाना खाना सही नह है। थोड़ा-थोड़ा, बार-बार खाएं। न तो यादा देर भूखे रह और न ही एक बार म ढर सारा खाना खाएं।

    5. िमथ: शुगर क मरीज को स और ाई- स नह

    खाने चािहएसच: डायबीटीज म लो

    लाइसेिमक इंड स वाले फल सेब, संतरा, मौसमी, अम द और पपीता। बादाम और अखरोट जैसे ाई स से शरीर म अ छा यानी एचडीएल कॉले ॉल बढ़ता है जो हाट अटक क खतरे को कम करता है,।

    6. िमथ: सम या का हल शुगर- ी खाना है।

    सच: शुगर- ी का मतलब कलरी- ी नह है। शुगर- ी क नाम पर जमकर िमठाइयां खाना नुकसानदेय हो सकता है। इनम खोया, ीम आिद की कलरी भी शािमल होती ह, जो शुगर अिनयंि त कर सकती ह।

    7. िमथ: डायबीटीज क िलए िसफ खाने को क ोल करना ज री है लेिकन दवा ले रहे ह तो कछ भी खा सकते ह।

    सचः डायबीटीज क मरीज को खाने पर क ोल क अलावा रोज ए सरसाइज (रोजाना 5 िकमी ि क वॉक और योग) भी ज री है।

    8. िमथ: डायबीटीज की मरीज

    मिहला को गभधारण नह करना चािहए।

    सच: मां बनने से परहेज करने की कोई ज रत नह है। ए सपट की देखरेख म संतुिलत लाइफ टाइल अपनाना ज री है। गभधारण से पहले, गभाव था क दौरान और आगे भी सही शुगर लेवल मेनटन रख।

    9. िमथः डायबीटीज का मरीज ऐथलीट नह हो सकता।

    सच: कई िखलािड़य ने डायबीटीज क बावजूद खेल-कद म एक मकाम हािसल िकया है जैसे िक ओलंिपक गो ड मेडिल ट तैराक गैरी हॉल, ि कटर वसीम अकरम आिद।

    िमथ मथंन

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    । संड नवभारत टाइ स। नई िद ली। 13 नवंबर 2016