'' सोने से हीरा होने का सफर '' सोना अर्ाात बमूभ एव ंहीया (कारा) मानन कोमरा जी ह ,ं कारा हीया कोमरे का ऩमाामवाची है । ब-ूगबा भें ऩामे जाने वारे हीये का जन् भ बी बमूभ से जडाा है । िजसके मरमे हभायी क् ऩनी के दयू-दयू तक पैरे कोमरा ऺेत्रों भें खनन कामा के मरए वह के खनेतहय ककसानों को बमूभ की आवश् मकता होती है । व ेककसान अऩनी सोने सी बमूभ हभें देत ेहैं औय हभ उसे हीये भें तब् दीर कयने का कामा कयत े हैं औय इस तयह हभ सोने के फदरे उन् हें हीये का योजगाय देत ेहैं ।
आज जह एक ओय धयती ऩय रहरहाती पसरों की कहानी है तो दसूयी ओय देश भें ऊजाा की फढती हडई भांग की ऩनूत ा बी हभाया फाा उत् तयदानमत् व है ् मोंकक आज उन सडनहयी पसरों के ऩीछे बी ऊजाा का ही हार् है ।
देश की ऊजाा के इस प्रभडख स्त त्रोत को सजाने, सवंायने व ननखायने के मरए हभायी कंऩनी के उच् च मशखय ऩय आसीनों ने फहडत सडदंय एव ं सडद़ढ बमूभका ननबाई है । अबी हार ही भें बानेगांव खान के मशरान् मास के सभम एक ककसान के वावाया ही नारयमर पोाकय शडबायंब कयवामा गमा । वेकोमर भें एक खान का उदघाटन ही नही वयन एक इनतहास यचा गमा । एक काभगाय से रेकय उच् च ऩदाधधकायी तक के मरए वेकोमर के वावाय सदैव खडर े होत े हैं जह हय कोई अऩनी सभस्त मा का सभाधान ऩाता है ।
हभें पक्र है कक हभ ऐसी फधगमा भें हैं जह ंके भारी की ननगाह हय पूर ऩय होती है औय वे सदा उन् हें तयाशने,
सींचने व सवंायने हेतड तत् ऩय यहत ेहैं ।
रश्मि ससिंह, सहायक प्रबन् धक औ.ससिं