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4026 GI/2017 (1) jftLVªh laö Mhö ,yö&33004@99 REGD. NO. D. L.-33004/99 vlk/kj.k EXTRAORDINARY Hkkx II—[k.M 3mi&[k.M (i) PART II—Section 3—Sub-section (i) izkf/dkj ls izdkf'kr PUBLISHED BY AUTHORITY la- 565] ubZ fnYyh] 'kqØokj] twu 30] 2017@vk"kk<+ 9] 1939 No. 565] NEW DELHI, FRIDAY, JUNE 30, 2017/ASADHA 9, 1939 िवᱫ मंालय िवᱫ मंालय िवᱫ मंालय िवᱫ मंालय (राजव िवभाग राजव िवभाग राजव िवभाग राजव िवभाग) अिधसूचना अिधसूचना अिधसूचना अिधसूचना नई ᳰद᭨ली, 30 जून, 2017 सं संसं सं. 20 20 20 20/2017 /2017 /2017 /2017–के᭠ी के ᭠ी के ᭠ी के᭠ीय उ᭜पा य उ᭜पा य उ᭜पा य उ᭜पाद-शु᭨क शु᭨क शु᭨क शु᭨क (एन.टी (एन.टी (एन.टी (एन.टी.) सा सा सा सा.का का का का.िन िन िन िन. 734 34 34 34(अ). ). ). ).—के᭠ीय सरकार, के᭠ीय उ᭜पाद-शु᭨क अिधिनयम, 1944 (1944 का 1) कᳱ धारा 37 ᳇ारा दᱫ शिᲦयᲂ का ᮧयोग करते ᱟए और सेनवेट ᭜यय िनयम, 2004 को उन बातᲂ के िसवाय अिधᮓांत करते ᱟए िज᭠हᱶ ऐसे अिधᮓमण से पहले ᳰकया गया है या करने का लोप ᳰकया गया है, िन᭥निलिखत िनयम बनाती है, अथाᭅत् :-- 1. 1. 1. 1. संिᭃ नाम, िवतार और ᮧारंभ संिᭃ नाम, िवतार और ᮧारंभ संिᭃ नाम, िवतार और ᮧारंभ संिᭃ नाम, िवतार और ᮧारंभ—(1) इन िनयमᲂ का संिᭃ नाम सेनवेट ᭜यय िनयम, 2017 है । (2) इनका िवतार संपूणᭅ भारत पर है । (3) ये 1 जुलाई, 2017 को ᮧवृᱫ हᲂगे । 2. पᳯरभाषाएं 2. पᳯरभाषाएं 2. पᳯरभाषाएं 2. पᳯरभाषाएं— (1) इन िनयमᲂ मᱶ, जब तक ᳰक संदभᭅ से अ᭠यथा अपेिᭃत न हो— (क) "सीमाशु᭨क टैᳯरफ अिधिनयम सीमाशु᭨क टैᳯरफ अिधिनयम सीमाशु᭨क टैᳯरफ अिधिनयम सीमाशु᭨क टैᳯरफ अिधिनयम" से सीमाशु᭨क टैᳯरफ अिधिनयम, 1975 (1975 का 51) अिभᮧेत है ; (ख) "इलैᮝािनक ᮧ᭜यय खाता इलैᮝािनक ᮧ᭜यय खाता इलैᮝािनक ᮧ᭜यय खाता इलैᮝािनक ᮧ᭜यय खाता" से के᭠ीय माल और सेवा कर अिधिनयम, 2017 (2017 का 12) कᳱ धारा 2 कᳱ उपधारा (46) मᱶ िनद इलैᮝािनक ᮧ᭜यय खाता अिभᮧेत है ; (ग) "उ᭜पाद उ᭜पाद उ᭜पाद उ᭜पाद-शु᭨क शु᭨क शु᭨क शु᭨क अिधिनयम अिधिनयम अिधिनयम अिधिनयम" से के᭠ीय उ᭜पाद-शु᭨क अिधिनयम, 1944 (1944 का 1) अिभᮧेत है ; (घ) "छूट ᮧा माल छूट ᮧा माल छूट ᮧा माल छूट ᮧा माल" से इस पर उ᳅हणीय संपूणᭅ उ᭜पाद-शु᭨क से छूट ᮧा᭡त उ᭜पाद योय माल अिभᮧेत है और इसमᱶ वह माल सि᭥मिलत है जो शु᭨क कᳱ "शू᭠य" दर से ᮧभायᭅ है ; (ङ) "अंितम उ᭜पाद अंितम उ᭜पाद अंितम उ᭜पाद अंितम उ᭜पाद" इनपुट से िविनᳶमत या उ᭜पाᳰदत उ᭜पाद योय माल से अिभᮧेत है ;

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  • 4026 GI/2017 (1)

    jftLVªh laö Mhö ,yö&33004@99 REGD. NO. D. L.-33004/99

    vlk/kj.k

    EXTRAORDINARY

    Hkkx II—[k.M 3—mi&[k.M (i) PART II—Section 3—Sub-section (i)

    izkf/dkj ls izdkf'kr PUBLISHED BY AUTHORITY

    la- 565] ubZ fnYyh] 'kqØokj] twu 30] 2017@vk"kk

  • 2 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]

    (च) "पहला चरण ौहारीपहला चरण ौहारीपहला चरण ौहारीपहला चरण ौहारी" से ऐसा ौहारी अिभ ेत ह,ै जो िन निलिखत सीध ेमाल य करता ह,ै—

    (i) के ीय उ पाद-शु क िनयम, 2017 के उपबंध के िनबंधन म बीजक जारी के आ छादन के अधीन िविनमाता या उ िविनमाता के िडपो से या उ िविनमाता के िडपो से या कसी अ य प रसर से जारी कया गया ह ैया इस बीजक के अधीन इस ओर से जारी कया गया ह ैजहां उ िविनमाता क ओर से उसके ारा िव य कए गए और उसके बीजक के अ तगत आते ह ;

    (ii) कोई आयातक या आयातक के िडपो से या पारेषण के प रसर से या आयातक के अिभकता के परेषण से बीजक के अधीन आ छा दत ह ै;

    (छ) "इन पटुइन पटुइन पटुइन पटु" से अंितम उ पाद के िविनमाता ारा कारखाने म उपयोग कया गया उ पाद यो य अिभ ेत ह ैक तु इसम पे ोल के नाम से सामा यत: ात उ गित डीजल तेल या मोटर ि ट अपव जत ह ै;

    (ज) "जॉब जॉब जॉब जॉब कायकायकायकाय" से कमकार के िलए क ी साम ी या दाय कए गए अध अंितम माल पर सं करण या कायरत अिभ ेत ह,ै कोई व तु या चालन िविनमाण समापन के प रणाम व प या के भाग या संपूण पूरा करन ेके बारे म िजसे उपयु या के िलए आ यक ह ैऔर पद "जॉब कमकार" का तदनुसार अथ लगाया जाएगा ;

    (झ) "अिधसचूनाअिधसचूनाअिधसचूनाअिधसचूना" से राजप म कािशत अिधसूचना अिभ ते ह ै;

    (ञ) " िििि " से के ीय माल और सेवा कर अिधिनयम, 2017 (2017 का 12) क धारा 2 क उपधारा (84) म िन द ि अिभ ेत ह ै;

    (ट) "हटान ेका थानहटान ेका थानहटान ेका थानहटान ेका थान" से िन निलिखत अिभ ेत ह—ै

    (i) उ पाद यो य माल का उ पादन या िविनमाण के कारखाना या कसी अ य थान या प रसर ;

    (ii) भांडागार या कोई अ य थान या प रसर िजसम शु क संदाय के िबना िन ेिपत कए जाने के िलए उ पाद यो य माल को अनु ा दी गई ह ै;

    (iii) िडपो, अिभकता पारेषण के प रसर या कोई अ य थान या प रसर से जहां कारखाने से उनक िनकासी के प ात् उ पाद यो य माल िव त कए जाते ह ;

    (ठ) "दसूरा म ौहारीदसूरा म ौहारीदसूरा म ौहारीदसूरा म ौहारी" से ऐसा ौहारी अिभ ेत ह ैजो पहले म ौहारी से माल य करता ह ै;

    (2) उन श द और पद के जो इन िनयम म यु ह ैऔर प रभािषत नह कए गए ह क तु उ पाद-शु क अिधिनयम म प रभािषत कए गए ह वह अथ ह गे जो उ पाद-शु क अिधिनयम म उ ह समनदुेिशत कया गया ह ै।

    3. 3. 3. 3. के ीयके ीयके ीयके ीय मू यमू यमू यमू य व धतव धतव धतव धत करकरकरकर यययययययय—(1) के ीय मू य व धत कर यय (िजसे इसम इसके प ात् सेनवेट यय कहा गया ह)ै के िलए िविनमाता या िनमाता को अनु ात कया जाएगा िजसको—

    (क) उ पाद-शु क अिधिनयम, 1944 के िलए चौथी अनुसूची म िविन द उ पाद-शु क जो क उ अिधिनयम के अंतगत उ हणीय ह ै;

    (ख) िव अिधिनयम, 2001 (2001 का 14) क धारा 136 के अधीन उ हणीय रा ीय आपदा आकि मक शु क ;

    (ग) सीमाशु क टै रफ अिधिनयम क धारा 3 के खंड (i) और खंड (ii) के अधीन िविन द उ पाद-शु क के समतु य अित र शु क ;

    (घ) सीमाशु क टै रफ अिधिनयम क धारा 3 क उपधारा (5) के अधीन उ हणीय अित र शु क ;

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(i)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 3

    (ङ) िव अिधिनयम, 2005 (2005 का 18) क धारा 85 के अधीन उ हणीय उ पाद के अित र शु क, पर संद —

    सं या सा.का.िन. 547(अ), तारीख 25 माच, 1986 तारीख 25 माच, 1986 ारा भारत के राजप म कािशत िव मं ालय (राज व िवभाग) सं.... 214/86-के ीय उ पाद-शु क म भारत सरकार क अिधसूचना म

    िविन द छूट का फायदा उपल धता जॉब कमकार ारा िविनमाण म यवत उ पाद म उपयोग सि मिलत करत ेए और िनयत तारीख को या प ात् इनपुट और जुलाई 2017 क पहली तारीख को या प ात् कारखाने म ा इनपुट अंितम उ पाद िविनमाण के संबंध म उपयोग ारा ा कया गया ।

    (2) उपिनयम (1) म अ त व कसी बात के होते ए भी, अंितम उ पाद के िविनमाता या िनमाता टाक म या या म पड़े इनपुट पर संद उस तारीख को िजसे उ िविनमाता या िनमाता ारा िविन मत माल छूट ा या कोई माल उ पाद यो य िवरत माल उ पाद यो य हो जाता ह,ै टाक म पड़े अंितम उ पाद म टाक या या इनपुट पर पड़े संद पर शु क क ीय मू य व धत कर यय के िलए अनु ात कया जाएगा ।

    (3) क ीय मू य व धत कर यय संदाय के िलए उपयोग कया जा सकेगा िजस पर—

    (क) अंितम उ पाद पर उ पाद के कोई शु क ; या

    (ख) इनपुट पर लेने म क ीय मू य व धत कर यय के िलए बराबर रकम य द ऐसे इनपुट, भागतः सं कृत होने के प ात् इनपुट हटाए जाते ह ;

    (ग) के ीय उ पाद-शु क िनयम, 2017 के िनयम 15 के उपिनयम (2) के अधीन रकम :

    बशत क उ पाद-शु क संदाय करते समय, सेनवेट यय उस सीमा तक या ितमाही माह के अंितम दन यथाि थित, माह या ितमाही ऐसी सीमा तक उपयोग कया जाएगा :

    बशत क यह और भी क उपिनयम (1) म िविन द कसी शु क के सेनवेट यय, उसके लॉज़ (ब) म रा ीय आपदा आकि मक के िसवाय िव अिधिनयम, 2001 (2001 का 14) क धारा 136 के अधीन उ हणीय रा ीय आपदा आकि मक शु क के संदाय के िलए उपयोग नह होगा :

    बशत क यह और भी क िव अिधिनयम, 2005 (2005 का 18) क धारा 85 के अधीन उ हणीय अित र उ पाद-शु क के यय से िभ उपिनयम (1) म उि लिखत कसी शु क का यय क ीय मू य व धत कर अंितम उ पाद पर उ उ पाद-शु क के संदाय के िलए उपयोग नह कया जाएगा ।

    (4) उपिनयम (1) और उपिनयम (3) म अ त व कसी बात के होते ए भी—

    (i) िव अिधिनयम, 2001 (2001 का 14) क धारा 136 के अधीन उ हणीय रा ीय आपदा आकि मक शु क ;

    (ii) सीमाशु क टै रफ अिधिनयम क धारा 3 के अधीन उ हणीय अित र शु क उपयु मद (i) के अधीन िविन द उ पाद-शु क के िलए समतु य ;

    (iii) िव अिधिनयम, 2005 (2005 का 18) क धारा 85 के अधीन उ हणीय उ पाद के अित र शु क,

    िव अिधिनयम, 2001 (2001 का 14) क धारा 136 के अधीन उ हणीय अित र उ पाद-शु क वयं इनपुट पर ऐसे शु क के संदाय के िलए अथवा िविनमाता ारा िविन मत कोई उ पाद, य द ऐसे इनपुट भागतः सं कृत होन े के प ात ्हटाया जाता ह ै।

  • 4 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]

    4. कितपय मामल म . कितपय मामल म . कितपय मामल म . कितपय मामल म सनेवटेसनेवटेसनेवटेसनेवटे यययययययय————(1) जब इनपुट पर िजसे क ीय मू य व धत कर यय कहा गया ह,ै कारखाने से इस तरह हटाया जाता ह,ै क अंितम उ पाद का िविनमाता इस तरह इनपुट क बाबत लाभ उठाएगा और िनयम 9 म िन द बीजक के अ छादन के अधीन इस तरह हटाया जाएगा ।

    (2) य द कसी इनपुट का मू य िजस पर क ीय मू य व धत कर यय पणूतः या भागतः अपिलखत कया जाता ह ैया जहां कोई उपाबंध लेखा बिहय म पूणतः या भागतः अपिलखत कया जाएगा तो िविनमाता उ त इनपुट के संबंध म िलए गए सेवनवेट यय के बराबर रकम का संदाय करेगा ::::

    बशत क उ इनपुट अंितम उ पाद के िविनमाण म त प ात् उपयोग कया जाता ह,ै इन िनयम के उपाबंध के अ यधीन िविनमाता संद क ीय मू य व धत कर यय के समतु य रकम यय लनेे के िलए पा होगा ।

    (3) जहां एक िनधा रती ारा िविन मत या उ पा दत कसी माल पर, शु क का संदाय के ीय उ पाद-शु क िनयम, 2017 के िनयम 17 के अधीन िव ेिषत कए जान े के िलए शु क आदेश कया जाता ह,ै क ीय मू य व धत कर

    यय इनपुट पर लनेे म उ माल के िविनमाण या उ पाद म उसका उपयोग ितवत कया जाएगा ।

    प ीकरण 1प ीकरण 1प ीकरण 1प ीकरण 1————उपिनयम (1), उपिनयम (2) और उपिनयम (3) के अधीन संदेय रकम, जब तक िविन द अ यथा ना हो, क ीय मू य व धत कर यय िवकलन ारा संद कया जाएगा या माच माह के अगल ेमाह के पांचवे दन को या पूव, माच माह के िसवाय, जहां ऐसा संदाय माच माह के 31व दन को या पूव कया जाएगा ।

    पपपप ीकरण 2ीकरण 2ीकरण 2ीकरण 2————य द माल का िविनमाता उपिनयम उपिनयम (1), उपिनयम (2) और उपिनयम (3) के अधीन संदेय रकम का भुगतान करन े म असफल रहता ह,ै गलत प से लेन े पर िनयम 13 म यथा----उपबंिधत रीित म उपयोग कया जाएगा ।

    (4) उपिनयम (1) के अधीन संद रकम क ीय मू य व धत कर यय के प पा होगा मान ि ारा संद शु क या िजसने उपिनयम (1) के अधीन ऐसा माल हटाया गया था ।

    5. छूट के मामल ेम . छूट के मामल ेम . छूट के मामल ेम . छूट के मामल ेम सनेवटेसनेवटेसनेवटेसनेवटे यययययययय ————जहां कोई अ य िनयम या अिधसूचना के उपाबंध कसी इनपुट पर संद शु क के यय क गैर अनलु धता क शत पर पूण या भाग छूट के िलए उपबंध करता ह ैय द इनपुट पर संद शु क का यय लाभ कया गया ह ै। माल (ऐसे माल पर शु क संदाय के िलए स यक् तारीख के प ात)् क िनकासी के प ात् ऐसा यय उ मण छूट के िलए िविनमाता पा को देगा ।

    6.... सनेवटेसनेवटेसनेवटेसनेवटे अनु ा के िलअनु ा के िलअनु ा के िलअनु ा के िलए शतए शतए शतए शत————(1) इनपुट क बाबत सेनवेट, िविनमाता के कारखान ेम जॉब कमकार के प रसर म ाि पर त काल ले सकेगा, माल के मामले म िविनमाता के िनदश पर जॉब कमकार के िलए सीधे भेजे जाते ह ::::

    बशत क िविनमाता िनयम 11111111 के उपिनयम (1) म िविन द कोई द तावेज जारी करन ेक तारीख के एक वष के प ात् क ीय मू य व धत कर यय नह लेगा ।

    (2) (क) इनपुट पर क ीय मू य व धत कर यय अनु ात कया जाएगा य द ऐसे जैसे इनपुट या जॉब कमकार के िलए भागतः सं कृत भेजे जाते ह और त प ात् अ य जॉब कमकार को भेजा जाता ह ैऔर उसी तरह, और सं करण परी ण, पनुःसुधार के िलए, या म यवत माल आव यक के िलए अंितम उ पाद के िविनमाण के िलए अ य योजन के िलए भेजे जाते ह और क ीय मू य व धत कर यय लनेे के िलए िविनमाता ारा अिभलेख, चालान या मेमो या कोई अ य द तावेज से थािपत कया जाता ह ै क इनपुट या उससे उ पा दत उ पाद, कारखाना से उ ह भेजने के िलए एक सौ अ सी दन के भीतर िविनमाता ारा पीछे ा कया गया था ::::

    पर त ु यय भी अनु ात कया जाएगा य द िविनमाता के प रसर के िलए पहल े उ ह लाया गया के िबना जॉब कमकार केिलए सीध ेभेजा जाता ह ैऔर ऐसे मामल ेम, जॉब कमकार ारा इनपुट क ाि क तारीख से एक सौ अ सी दन क अविध से गणना क जाएगी ।

    (ख) िविनमाता ारा उपखंड (क) के अधीन िविन द समय के भीतर य द िपछल ेइनपुट ा नह ए ह, िविनमाता क ीय मू य व धत कर यय या अ यथा िवकलन ारा इनपटु के िलए क ीय मू य व धत कर यय हते ुसमतु य रकम देगा क त ुिविनमाता पुनः क ीय मू य व धत कर यय ल ेसकेगा जब कारखान ेम पीछे से ा कए जाते ह ।

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(i)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 5

    (3) यथाि थित, के ीय उ पाद-शु क के उपायु या के ीय उ पाद-शु क के सहायक आयु अंितम उ पाद के िविनमाता के कारखाने पर उसके पास सम त अिधका रता ह ैिजसने आदशे ारा जॉब कमकार के िलए उसके कारखाने वा इनपुट या भागतः सं कृत कया जाता ह ैिजसे तीन वष के िलए ऐसे इनपुट भागतः सं कृत इनपुट िविधमा य होगा और ऐसी शत के अ यधीन जो िजसका शु क म रीित सिहत राज व के िहत म अिधरोिपत कया जा सके, य द उ हणीय हो, संद , जॉब कमकार के प रसर से प कए जाने के िलए अंितम उ पाद अनु ा को संद के िलए कया जाता ह ै।

    प ीकरण 1प ीकरण 1प ीकरण 1प ीकरण 1————इस िनयम म उि लिखत रकम जब तक अ यथा िविन द न हो, क ीय मू य व धत कर यय के िवकलन ारा माल के िविनमाता ारा संद कया जाएगा या अ यथा िन िलिखत माह के पांचवे दन को या पूव, माच के िसवाय संद कया जाएगा, जब ऐसा संदाय माच के माह के 31व दन को या पूव कया जाएगा ।

    प ीकरण 2प ीकरण 2प ीकरण 2प ीकरण 2————इस िनयम के अधीन रकम संदाय के िलए असफल रहता ह,ै गलत लेन ेपर क ीय मू य व धत कर यय क वसूली के िलए िनयम 16 म यथा----उपबंिधत रीित म वसूल करेगा ।

    प ीकरण 3प ीकरण 3प ीकरण 3प ीकरण 3————िविनमाता के मामले म जो िव ीय वष म िनकािसय के मू य पर आधा रत अिधसूचना के अधीन छूट ा करता ह ै""""िन िलिखत माह"""" पद और """"माच का माह"""" प ीकरण म आने वाले मशः """"िन िलिखत ितमाही"""" और """"माच

    के माह के साथ अंितम ितमाही"""" पढ़ा जाएगा ।

    7. . . . सनेवटेसनेवटेसनेवटेसनेवटे यय यय यय यय का ितदायका ितदायका ितदायका ितदाय————(1) कोई िविनमाता जो अंितम उ पाद या बंधप या उप म का प के अधीन शु क के संदाय के िबना िनयात के िलए कोई म यवत उ पाद प करता ह,ै राजप म अिधसूचना ारा बोड ारा जो िविन द कर सके, या, र ोपाय, शत और प रसीमाएं के अधीन िन िलिखत फामूला ारा जो अवधा रत कया जा सके, सेनवेट

    यय का ितदाय अनु ात कया जाएगा ::::

    ितदाय रकम ==== (माल का िनयात आवत) XXXX शु सेनवेट यय

    कुल आवत

    जहां,————

    (क) """" ितदाय रकम"""" से अिधकतम ितदाय से अिभ ेत ह ैजो क अनु ेय ह ै;;;;

    (ख) """"शु सेनवेट यय यय"""" से सुसंगत अविध के दौरान िनयम 3 के उपिनयम (4ख) के िनबंधन म ितव तत रकम ारा कमी क गई िविनमाता ारा इनपुट पर ला य कुल क ीय मू य व धत कर यय अिभ ेत है;;;;

    (ग) """"माल का िनयात आवत"""" सुसंगत अविध के दौरान िनबािधत अंितम उ पाद और म यवत उ पाद के मू य से अिभ ेत ह ैऔर बंधप या उप म का प के अधीन के ीय उ पाद-शु क संदाय के िबना िनयाितत कया जाता है ;;;;

    (घ) """"कुल आवत"""" मू य के कुल रािश से अिभ ते ह,ै जो मू य के————

    (i) माल, शु क यो य माल और उ पाद-शु क यो य माल िनयाितत सिहत सुसंगत अविध के दौरान िनबािधत उ पाद-शु क यो य माल ;;;;

    (ii) िनयम 3 के उपिनयम (4) के अधीन जैसे समान सभी इनपुट को बीजक के ित हटाए जाते ह अविध के दौरान िजसके िलए दावा फाइल कया गया ह ै।

    (2) यय का दावा अनु ात नह कया जाएगा य द िविनमाता यथाि थित, सीमाशु क और के ीय उ पाद-शु क और सेवा कर वापसी िनयम, 1995 या के ीय उ पाद-शु क िनयम, 2002 या उ पाद-शु क िनयम, 2017 के अधीन शु क म रबेट दावा ऐसे शु क क बाबत अनु ात कया जाएगा ।

    प ीकरण 1प ीकरण 1प ीकरण 1प ीकरण 1————इस िनयम के योजन के िलए————

    (1) """"िनयात माल"""" से ऐसा माल अिभ ेत ह ैजो भारत से बा थान के िलए भारत से बाहर ले जाया जाना ह ै;;;;

  • 6 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]

    (2) """"सुसंगत अविध"""" से ऐसी अविध अिभ ेत ह ैिजसके िलए दावा फाइल कया गया ह ै।

    8888. अिंतम उ पाद के िविनमाता या िनमाता क बा यता. अिंतम उ पाद के िविनमाता या िनमाता क बा यता. अिंतम उ पाद के िविनमाता या िनमाता क बा यता. अिंतम उ पाद के िविनमाता या िनमाता क बा यता— (1) सेनवेट यय इनपुट क ऐसी मा ा को अनु ात नह कया जाएगा जो क छूट ा माल िविनमाता के संबंध म या उसम उपयोग कया जाता ह ैऔर हटाने के थान तक उनक िनकासी और यथाि थित, उपिनयम (2) या उपिनयम (3) के उपबंध के िनबंधन म िविनमाता ारा प रभािषत और संद कया जाएगा ।

    प ीकरणप ीकरणप ीकरणप ीकरण—इस िनयम के योजन के िलए िनयम 2 के खंड (घ) और खंड (ङ) म यथा-प रभािषत छूट ा माल और अंितम माल कारखाने से तफल के िलए िनबािधत गैर-उ पाद-शु क माल सि मिलत होगा ।

    प ीकरण 2प ीकरण 2प ीकरण 2प ीकरण 2- इस िनयम के योजन के िलए गैर उ पाद-शु क माल का मू य बीजक मू य होगा और जहां ऐसे बीजक मू य उपल ध नह ह ैवहां मू य को उ पाद-शु क अिधिनयम और इसके अधीन बनाए गए िनयम म अंत व मू यांकन के िस ांत से संगत उपयोग कए जाने वाले युि यु अथ ारा अवधा रत कया जाएगा।

    (2) कोई िविनमाता, अन य प से ऐसे छूट ा त माल का, उ ह हटाए जान े के थान तक उनक िनकासी के िलए िविनमाण करता ह,ै इनपुट के यय क संपूण रकम का संदाय करेगा और व तुत: क ह इनपुट के यय के िलए पा नह होगा।

    (3)(क) ऐसा िविनमाता जो दो कार के माल का िविनमाण करता ह,ै अथात ्:--

    (i) गैर- छूट ा त माल को हटाने

    (ii) छूट ा त माल को हटान े

    उसको लागू िन िलिखत िवक प म से कसी एक का अनुसरण करेगा, अथातः-

    (i) उस अविध के दौरान िजसम इनपुट से संबंिधत संदाय के अिधकतम कुल आरंिभक अितशेष पर छूट ा त माल के मूल पर छह ितशत के बराबर रकम का संदाय करेगा।

    (ii) उपिनयम (4) के अधीन यथा-अवधा रत रकम क संदायः

    पर त ुयह क कोई उ पादःशु क छूट ा माल क बाबत संद कया गया ह ैउसे खंड (i) के अधीन संदाय रकम से घटाया जाएगाः

    प ीकरण 1प ीकरण 1प ीकरण 1प ीकरण 1- य द माल का िविनमाता इस िनयम के अधीन कसी िवक प का उपभोग करता ह ै तो वह उसके ारा िविन मत सभी छूट ा त माल के िलए ऐसे िवक प का योग करेगा और ऐसा िवक प को िव ीय वष के शेष भाग के दौरान वापस नह िलया जाएगा ।

    प ीकरण 2प ीकरण 2प ीकरण 2प ीकरण 2- कोई सेनवेट यय क ह माल क बाबत संद शु क पर िलए जाएंगे जो इनपटु नह ह।

    प ीकरण 3प ीकरण 3प ीकरण 3प ीकरण 3---- इस उपिनयम और उप िनयम (4) के योजन के िलएः-

    (क) “गरै-छूट ा त माल को हटाना” से िविन मत छूट ा त माल से अपव जत अंितम उ पाद और िनराकरण- थान तक साफ कया जाना अिभ ेत हःै

    (ख) “छूट ा त माल को हटाना” से िविन मत छूट ा त माल और िनराकरण थान तक साफ कया जाना अिभ ेत हःै

    (4) उपधारा (3)के खंड (ii) के अधीन संद क जान ेवाली अपेि त रकम का अवधारण के िलए माल के िविनमाता िन िलिखत या और शत का पालन करेगा, अथात ्:--

    (क) माल के िविनमाता, के ीय उ पाद-शु क के अधी क को, िलिखत म िन िलिखत िविशि यां सूिचत करेगा अथात ्:--

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(i)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 7

    (i) माल के िविनमाता का नाम, प ा और रिज ीकरण सं यांक ;

    (ii) ऐसी तारीख िजससे इस खंड के अधीन िवक प का योग कया गया ह ैया योग कया जाना तािवत ह ै:

    (iii) अपसा रत गए छूट ा त माल के िविनमाण म अन य प से या के संबंध म यु इनपुट का वणन और ऐसे छूट ा त माल का वणनः

    (iv) अपसा रत कए गए गरै छूट ा त माल के िविनमाण म अन य प से या के संबंध म यु इनपुट का वणन और हटाए गए ऐसे गैर छूट ा त माल का वणनः

    (v) इस शत के अधीन िवक प का योग करने क तारीख को अितशेष म पड़े इनपुट के क ीय मू य व धत कर यय ययः

    (ख) अंितम उ पाद के िविनमाता, सेनवेट यय के िविनमाता संद क जान वाली अपेि त यय का अवधारण करेगा िजसम से मास के दौरान िलए गए इनपुट को िन िलिखत आनु िमक उपाय से इस कुल यय को “टी” के प म सूिचत कया गया ह ैऔर उपखंड (i) और उपखंड (iv) के अधीन अवधा रत रकम को अनिंतम प से येक मास दया जाएगा, अथात ्:--

    (i) अपसा रत कए गए छूट ा त माल के िविनमाण म अन य प से या के संबंध म यु इनपुट से आरोप यो य क ीय मू य व धत कर यय क रकम, िजसे अपा यय कहा गया ह ै“ए " के प म सूिचत कया गया ह ैऔर उसे संद कया जाएगा ।

    (ii) अपसा रत गए गरै छूट ा त माल के िविनमाण म अन य प से या के संबंध म यु इनपुट से आरोपण यो य क ीय मू य व धत कर यय क रकम िजसे पा यय कहा जाएगा “बी” के प म सूिचत कया गया ह ैऔर उसे संद कया जाना अपेि त नह होगा।

    (iii) उपखंड (i) और उपखंड (ii) के अधीन यय के आरोप के प ात ्लाए गए यय िजसे सामा य यय कहा जाएगा, सी के प म सूिचत कया गया ह ैऔर उसे िन िलिखत प म संगिणत क गई ह,ै अथात् :-- सी=टी-(ए+बी);

    प ीकरणप ीकरणप ीकरणप ीकरण---- जहां संपूण यय उपखंड (i) और उपखंड (ii) अथात अपा यय या पा यय के अधीन आरोिपत कया गया ह ैवहां और आरोपण के िलए सामा य शेष यय नह होगा।

    (iv) अपसा रत गए छूट ा त माल के िवषय म आरोप यो य सामा य यय क रकम, िजसे अपा सामा य यय कहा गया ह ै “डी” के प म सूिचत कया गया ह ैऔर िन िलिखत प म संगिणत क जाएगी और संद कया जाएगा डी=(ई/एफ) x सी;

    यहाँ “ई” पूववत िव ीय वष वाले के दौरान अपसा रत छूट ा त माल के मू य का कुल जोड़ ह ै

    यहाँ “एफ” िन िलिखत का कुल जोड़ ह ै

    (क) अपसा रत गैर छूट ा त माल का मू य; और

    (ख) पूववत वष के दौरान अपसा रत छूट ा त माल का मू यः

    पर त ु यह क जहाँ कोई अंितम उ पाद पूववत िव ीय वष म िविन मत नह कए गए थे वहाँ अपा सामा य यय से आरोप यो य क ीय मू य व धत कर यय यय, सामा य यय का पचास ितशत समझा जाएगा ।

    (v) सामा य यय का मरणप को पा सामा य यय कहा गया ह ैऔर उसे “जी” के प म सूिचत कया गया ह,ै जहाँ,--

  • 8 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]

    जी= सी-डी.

    प ीकरणःप ीकरणःप ीकरणःप ीकरणः---- शंका को दरू करने के िलए, यह घोषणा कया जाता ह ै क कुल यय “ट” के िबना जो ए बी डी और जी का कुल जोड़ ह,ै िविनमाता अनंितम प से आरोप के यो य होगा और बी और जी के शेष यय अथात,् पा यय और पा सामा य यय अनंितम प से ए और डी के यय अथात,् अपा यय और अपा सामा य यय क रकम देगा।

    (vi) जहाँ िविनमाता उपखंड (i) और उपखंड (iv) के अधीन अवधा रत रकम दनेे म असफल हो जाता ह ैवहाँ वह पं ह ितशत ितवष क दर पर ऐसे रकम क संदाय क तारीख तक संदाय क तारीख से याज देन ेके िलए क दायी होगा।

    (ग) िविनमाता संपूण िव ीय वष के िलए अवसा रत छूट ा त माल के आरोपण यो य क ीय मू य व धत कर यय क रकम अवधा रत करेगा िजनम से टी (वा षक) के प म सूिचत कुल यय को िन िलिखत

    रीित म स पणू िव ीय वष के दौरान दया जाएगा, अथातः-

    (i) िव ीय वष के दौरान वा तिवक प से इस कार यु इनपुट के आधार पर अवसा रत छूट ा त माल का िविनमाण अन य प से या के संबंध म यु इनपुट के आरोपण यो य के ीय मू यव ध्त कर यय को वा षक अपा यय कहा गया ह ैऔर उसे ए वा षक के प म सूिचत कया गया ह।ै

    (ii) वा तिवक प से इस कार यु इनपुट के आधार पर अवसा रत गैर छूट ा त माल का िविनमाण अन य प से या के संबंध म यु इनपुट के आरोपण यो य क ीय मू य व धत कर यय को वा षक पा

    यय कहा गया ह ैऔर उसे बी (वा षक) के प म सूिचत कया गया ह।ै

    (iii) और आरोपण के िलए बाएँ सामा य यय सी (वा षक) के प म सूिचत कया गया ह ै और उसे िन िलिखत प म संगिणत क जाएगी, अथात्:--

    सी (वा षक)=टी (वा षक)-[ए(वा षक)+बी(वा षक)];

    (iv) हटाए गए छूट ा त माल के िवषय म आरोपण यो य सामा य यय को अपा सामा य यय कहा गया ह,ै िजसे डी (वा षक) ारा सूिचत कया गया ह ैऔर उसे िन िलिखत कार से संगिणत क जाएगी.

    डी (वा षक)- (एच/आई) X सी(वा षक)

    यहाँ एच िव ीय वष के दौरान हटाए गए छूट ा त माल के मू य का कुल जोड़ ह।ै

    यहाँ िव ीय वष के दौरान आई िन िलिखत का कुल जोड़ ह ै

    (क) अपसा रत गरै छूट ा त माल का मू य, और

    (ख) अपसा रत छूट ा त माल का मू यः

    (घ) िविनमाता संपूण वष क अविध के िलए वा षक अपा यय और वा षक अपा सामा य यय क कुल रकम तथा अपा यय और अपा सामा य यय क कुल रकम के बीच के अंतर के बराबर क रकम उ रवत िव ीय वष के 30 जून को या इससे पहले देगा अथात ्

    [{ए (वा षक)+ डी(वा षक)}- {(ए+डी) संपूण वष के िलए)}] कुल यहाँ पूव के दोन रकम से बाद क रकम अिधक ह।ै

    (ङ) जहाँ खंड (घ) के अधीन के रकम उ रवत िव ीय वष के 30 जून तक संद नह कया गया हो वहाँ माल के िविनमाता खंड (घ) के अधीन इस कार संद यय क रकम के अित र ऐसे रकम क संदाय क तारीख तक उ रवत िव ीय वष के 30 जून से पं ह ितशत ितवष क दर पर याज क ऐसी रकम को देन ेके िलए दायी होगा ।

    (च) िविनमाता िव ीय वष के अंत म संपूण वष के दौरान संद अपा यय और अपा सामा य यय के कुल योग के कुल रकम के बीच के अंतर के बराबर रकम दगेा और वा षक अपा यय और वा षक अपा

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(i)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 9

    सामा य यय अथात् पूव के दोन रकम से बाद क रकम अिधक ह ै[संपूण वष के िलए कुल योग (ए-डी)-ए {(वा षक)+डी (वा षक)}]

    (छ) माल के िविनमाता िन िलिखत िविशि याँ खंड(घ),(ङ) और (च) के उपबंध के अनसुार संदाय या समायोजन क तारीख से पं ह दन क अविध के भीतर के ीय उ पाद-शू क के अिधका रता वाल ेअधी क को सूचना देगा अथात् :--

    (i) संपूण िव ीय वष के िलए मािसक वार पा यय, अपा , पा सामा य यय और अपा सामा य यय के िवषय म यय आरोपण के यौरे को खंड (ख) के उपबंध के अनुसार अवधा रत करेगा ।

    (ii) संपूण िव ीय वष के िलए पा यय, अपा यय, पा सामा य यय और अपा सामा य यय के वा षक प से आरोपण क ीय मू य व धत कर यय य को खंड (ग) के उपबंध के अनुसार अवधा रत करेगा।

    (iii) खंड (घ) के उपबंध के अनुसार, य द कोई हो, रकम क संदाय क तारीख सिहत रकम अवधा रत करेगा और देगा

    (iv) संदाय या संद , य द कोई हो, खंड (ङ) के अनुसार अवधा रत करेगा, और

    (v) खंड (च) के उपबंध के अनुसार, य द कोई हो, यय क ाि क तारीख सिहत यय अवधा रत करेगा और दगेा।

    (5) जहाँ कोई िविनमाता उपिनयम (3) के अधीन िवक प का योग और उपिनयम (4) के अधीन उपबंिधत या का पालन करने म असफल होता ह ै तो अंतविलत सेनवेट यय क रकम पर आधा रत यायिनणयन मामल ेस म के ीय उ पाद-शु क अिधकारी या का अनुसरण करने के िलए ऐसे िविनमाता को अनुमित दे सकेगा और उसके संदाय क तारीख तक ऐसे येक मास के िलए रकम क संदाय के िलए दये तारीख से पं ह ितशत ितवष क दर पर संगिणत याज सिहत उपिनयम (4) के खंड (ग) के िनबंधन के अनुसार आव यक प रवतन सिहत येक मास के िलए संगिणत उपिनयम (3) के खंड (ii) म िन द ट रकम को देगा।

    (6) जहाँ इस शत के आधार पर कोई छूट दी गई ह ै क इनपुट पर कोई सेनवेट यय नह िलया जाएगा वहाँ उपिनयम (3) के अधीन कसी रकम के संदाय के कसी छूट स बधी अिधसूचना के योजन के िलए िलया गया क ीय मू य व धत कर

    यय समझा जाएगा

    प प प प टी टी टी टीकरणकरणकरणकरण I- उपिनयम (3) और (4) के योजन के िलए “मू य” का वही अथ यथासमनुदेिशत होगा जो उ पाद-शु क अिधिनयम क धारा 3, 4 या 4क के साथ प ठत उसके अधीन बनाए गए िनयम म उसका ह ै

    प प प प टी टी टी टीकरणकरणकरणकरण II- उपिनयम (3) और (4) म उि लिखत रकम तब तक िविन द ट नह क जाएगी जब तक क िवकलन वाल ेसेनवेट यय ारा माल के िविनमाता ारा संद नह कया जाता या माच मास के िसवाय अगल ेमास क 5 तारीख को या उससे पहल ेतब ऐसे संदाय माच मास क 31 तारीख को या उससे पहल े कया जाएगा ।

    प प प प टी टी टी टीकरणकरणकरणकरण III- य द माल का िविनमाता उपिनयम (3) और (4) के अधीन रकम संदाय करने म असफल रहता ह ै तो अ यपूण दए गए सेनवेट यय क वसूली के िलए िनयम 16 म यथाउपबंिधत रीित म उसक वसूली क जाएगी ।

    प प प प टी टी टी टीकरणकरणकरणकरण IV- ऐसे िविनमाता क दशा म जो कसी िव ीय वष म िनकासी मू य पर आधा रत अिधसूचना के अधीन छूट का उपभोग कया ह ैउपिनयम (3) और (4) के अधीन उ भूत “आगामी मास” और “माच मास” श द का मश: माच के मास से समा त होने वाल ेितमाही को “आगामी ितमाही और” के प म पढ़ा जाएगा ।

    (4) उपिनयम, (1), (2) और (3) के उपबंध शु क के संदाय के िबना हटाए गए उ पाद-शु कयो य माल क दशा म लागू नह होगा य द—

  • 10 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]

    (i) उनके ािधकृत सं या के िलए कसी िवशेष आ थक जोन के कसी यूिनट क सफाई या कसी िवशेष आ थक जोन के िवकास के िलए; या

    (ii) शत ितशत िनयातो मुख उप म क सफाई; या

    (iii) उनके पदीय उपयोग के िलए संयु त रा या अंतरा ीय संगठन से क गई पू त या उनके ारा िविधक प रयोजना को क गई पू त को िजसे भारत सरकार के िव मं ालय (राज व िवभाग) क अिधसूचना सं० के ीय उ पाद-शु क-108/95 तारीख 28 अग त, 1995 सं. सां०का०िन० 602 (अ), तारीख 28 अग त, 1995 के अधीन शु क से छूट उपल ध ह;ै या

    (iv) अिधसूचना सं० 12/2012-सीई, तारीख 17 माच, 2012 सं० सा०का०िन० 163(अ), तारीख 17 माच, 2012 के उपबंध के िनबंधन म िवदेशी राजनियक िमशन या क सलीय िमशन या कै रयर क सलय कायालय या राजनियक अिभकता के उपयोग के िलए क गई पू त; या

    (v) के ीय उ पाद-शु क िनयम, 2017 के उपबंध के िनबंधन म बंधप के अधीन िनयात के िलए क गई िनकासी ।

    9. 9. 9. 9. िविनमाता के भाडंागार ारा इनपटु के सबंधं म यिविनमाता के भाडंागार ारा इनपटु के सबंधं म यिविनमाता के भाडंागार ारा इनपटु के सबंधं म यिविनमाता के भाडंागार ारा इनपटु के सबंधं म यय का िवतरणय का िवतरणय का िवतरणय का िवतरण :-- (1) ऐसा िविनमाता िजसके पास एक या दो फै टी ह ैउ त िविनमाताके कसी भांडागार ारा जारी बीजक क आड़ म ा त इनपुट के संबंध म कए गए यय को अनु ान करेगा जो ऐसे इनपुट को य करने के संबंध म िनयम 11 के अधीन िविन द ट द तावेज के भाड़ म इनपुट ा त होत ेह ।

    (2) इन िनयम के उपबंध या उ पाद-शु क अिधिनयम के अधीन बनाए गए अ य िनयम जो थम म के यवहारी या ि तीय म के यवहारी को लाग ुहोता ह,ै यथाप रवतन सिहत, िविनमाता के भांडागार को लागू होगा ।

    10.10.10.10. िविविविविनमाता के कारखान ेका इनपटु आउटपटु का भडंारणिनमाता के कारखान ेका इनपटु आउटपटु का भडंारणिनमाता के कारखान ेका इनपटु आउटपटु का भडंारणिनमाता के कारखान ेका इनपटु आउटपटु का भडंारण- के ीय उ पाद-शु क के ऐसे उपायु त या के ीय उ पाद-शु क के ऐसे सहायक आयु त, यथाि थित, िजनक अिधका रता म आपवा दक प रि थितय म अंितम उ पाद के िविनमाण का कारखाना ह ैमाल क कृितको और ऐसे िविनमाता के प रसर म भंडारण थान क कमी को यान म रखत े ए आदेश ारा सेनवेट यय क बाबत इनपुट भंडार को िविनमाता ऐसी सीमा और शत के अधीन रहते ए कारखाना के बाहर रखन ेके िलए िविन द ट कर सकेगा ।

    पर तु यह क जहां ऐसा इनपुट को कसी और कारण से इन िनयम म िविन द ट रीित म उपयोग नह कया जाता ह ैवहां अंितम उ पाद के िविनमाता ऐसे इनपुट क बाबत उपयोग कए गए यय क तलुना म बराबर रकम देगा ।

    11. 11. 11. 11. द ताद ताद ताद तावजे और खातेवजे और खातेवजे और खातेवजे और खात-े(1) सेनवेट यय िन निलिखत क ह द तावेज के आधार पर िविनमाण ारा दया जाएगा, अथात ्:--

    (क) जारी बीजक पर

    (i) बीजक क िनकासी के िलए िविनमाता

    (I) ऐसे इनपुट के िलए जो उ त िविनमाता के पारेषण एजट के उसके कारखाना या िडपो म या प रसर से या उसके अ य प रसर म िजससे उ त िविनमाता ारा या उसके िनिम माल खरीदे गए ह ;

    (II) ऐसे इनपुट;

    (ii) ऐसे आयातकता;

    (iii) ऐसा आयातकता जो उ त आयातकता के पारेषण एजट के उसके िडपो से या प रसर से, य द वह, यथाि थित उ त िडपो या प रसर के ीय उ पाद-शु क िनयम, 2017 के िनबंधन के अनुसार रिज ीकृत ह;ै

    (iv) एक थम यवहारी या एक ि तीय यवहारी जैसा क मामला हो ; या

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(i)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 11

    (ख) उ त िविनमाण या आयातकता के पारेषण एजट अपन ेकारखाना या िडपो से या प रसर से के ीय उ पाद-शु क िनयम, 2017 के उपबंध के िनबंधन के अनुसार इनपुट के िविनमाण या आयातकता ारा कोई अनुपूरक बीजक जारी करता ह ैया कसी अ य प रसर से जहां से उ त िविनमाता या आयतकता ारा या उसके िनिम माल खरीदे गए ह, सीमा-शु क टै रफ

    अिधिनयम क धारा 3 के अधीन उ गृहीत उ पाद-शु क या अित र त शु क अित र त रकम क दशा म, िसवाय उ पाद-शु क अिधिनयम या सीमाशु क अिधिनयम, 1962 (1962 का 52) के या शु क के संदाय का अपवंयन करन ेक आशय के अधीन बनाए गए िनयम के क ह उपबंध के कवट के कारण कसी अनु हण या कम उ हण, दरुिमसंिध या जानबूझ कर कया गया कोई िम या कथन या त य को िछपाया गया या उ लंघन के उ े य से इनपुट के िविनमाता या आयातकता से

    वसूल कए जाने यो य शु क के अित र त रकम के, संदाय करेगा ।

    प ीकरण.प ीकरण.प ीकरण.प ीकरण.- शंका को दरू करने के िलए यह प कया जाता ह ै क सीमाशु क टै रफ अिधिनयम क धारा 3 के अधीन अनुपूरक बीजक म चालान या उ हीत अित र शु क के अित र रकम का कोई अ य सम प साि यक संदाय ; या

    (ग) वेश प ;या

    (घ) िवदेशी डाक घर के मा यम से आयाितत माल के संबंध म सीमा शु क का अंकक, या यथाि थित ािधकृत कु रयर सीमा शु क का धान आयु या सीमाशु क िवमान प न का भार साधक सीमाशु क आयु ारा जारी कया गया माण प :

    परंत ु सीमा शु क टै रफ अिधिनयम, 1975 (1975 का 51) क धारा 3 क उप-धारा (5) के अधीन उ हीत अित र सीमा-शु क यय क अनुमित नह दी जाएगी, य द बीजक या अनपुूरक बीजक, यथाि थित इस भाव को उपद शत करते ए वहन करता ह ै क उ अित र शु क ा नह होगा ।

    (2) उप िनयम (1) के अधीन कोई भी सेनवेट यय नह िलया जाएगा जब तक सभी िववरण के ीय उ पाद-शु क िनयम, 2017 के अधीन व णत नह ह ैया उ द तावेज म नह ह :

    परंतु य द उ द तावेज सभी िववरण अंत व नह करता ह,ै बि क संद शु क का यौरा, माल का वणन, िनधारणीय मू य, बीजक जारी कए गए ि का के ीय उ पाद रिज ीकृत सं या, कारखाना या भ डागार, थम या ि तीय चरण ावहारी के प रसर, के ीय उ पाद का उपायु , या के ीय उ पाद का सहायक आयु का नाम और पता, यथाि थित उसके यौरे उ द तावेज ारा आने वाले माल को ा कया ह ैया ापक के लखेा बही म लेखा कया गया ह,ै उसे सेनवेट कर यय क अनुमित दी जा सकेगी ।

    (3) थम तर ावहारी या ि तीय तर ावहारी से य िनवेश के संबंध म सेनवेट यय क अनुमित दी जाएगी, य द उ थम तर वहारी या ि तीय तर वहारी यथाि थित, त य को िन द करत े ए अिभलेख बनात े ए क टाक से िनवेश का दाय कया गया था, िजसे उ िनवेश के िनमाता ारा शु क संद कया गया था और केवल उ शु क क रकम पूव दर के आधार पर उसके ारा जारी कए गए बीजक म उपद शत कया गया ह ै:

    परंतु इस उप-िनयम के ावधान आयात-कता को यथाव यक प रवतन सिहत लाग ूहोगा, जो बीजक जारी करता ह,ै िजसका सेनवेट यय ा कया जा सकता ह ै।

    (4) अंितम उ पाद का िविनमाता ाि , िनपटान, खपत और िनवेश क सूची के िलए उिचत अिभलेख सुरि त रखना होगा. िजसम मू य, संद शु क. िलया गया सी ई एन वीए टी यय और उपयोग से संबंिधत सुसंगत सूचना, वह ि िजससे िनवेश उपा कया गया ह ैउसे अिभलोिपत कया जाएगा और सेनवेट यय क ा ता से संबंिधत सबूत का भार उस िविनमाता के ऊपर होगा, जो उ यय ा कर रहा ह ै।

    (5) अंितम उ पाद का िविनमाता येक माह के अंत से दस दन के भीतर, िविश प म मािसक िववरणी बोड ारा अिधसूचना के मा यम से के ीय उ पाद-शु क अधी क को तुत करेगा :

    परंत ुजहां िविनमाता िव ीय वष म क मत या िनकासी क मा ा पर आधा रत अिधसूचना के अधीन छूट ा कर रहा ह,ै उसे िविश प म ितमाही अिधसूचना के मा यम से, िववरणी से संबंिधत ितमाही के अंत से दस दन के भीतर बोड

    ारा िववरणी फाईल करनी होगी ।

  • 12 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]

    (6) थम तर वहारी या ि तीय तर वहारी या रिज ीकृत आयातकता, जैसा भी मामला हो, बोड ारा अिधसूचना के मा यम से िविश प म िववरणी को के ीय उ पाद अधी क को वष के येक ितमाही के अंितम से पं ह दन के भीतर

    तुत करेगा :

    परंतु थम तर वहारी या ि तीय तर वहारी या रिज ीकृत आयातकता, यथाि थित, इलै ािनक मा यम से उ िववरणी ततु करेगा ।

    12121212. वा षक िववरणी. वा षक िववरणी. वा षक िववरणी. वा षक िववरणी.- (1) अंितम उ पाद का िविनमाता येक िव ीय वष के िलए वा षक िववरणी उ रवत वष के 30 नव बर को बोड ारा अिधसूचना के मा यम से िविश प म के ीय उ पाद-शु क अधी क को ततु करेगा ।

    (2) के ीय उ पाद-शु क िनय़म, 2017 के िनयम 12 के ावधान म, जैसा क वे वा षक िववरणी से संबंिधत ह.ै यथाव यक प रवतन सिहत, इस िनयम के अधीन भरा गया अपेि त वा षक िववरणी पर लाग ूहोगा ।

    13. सनेवे13. सनेवे13. सनेवे13. सनेवेट यय का अतंरण.ट यय का अतंरण.ट यय का अतंरण.ट यय का अतंरण.-(1) य द अंितम उ पाद का िविनमाता अपने कारखान ेको दसूरे थल पर थानांत रत करता ह ै या वािम व के प रवतन के कारण कारखाने का थानांतरण कया गया ह ै या िव य, िवलय, समामेलन, प ा उ कारखाने के दािय व के अंतरण के िलए िविश ावधान के साथ संय्ु उ म का अंतरण कया जाता ह,ै तब िविनमाता को उ अंतरण, िव य, िवलय, प ा या कारखान े के समामेलन के िलए अनु यु पड़े ए सेनवेट यय के अंतरण क अनुमित दी जाएगी ।

    (2) उपिनयम (1) के अधीन सेनवेट यय का अंतरण क अनमुित केवल तब होगी जब वह या म हो या उसी कार के िनवेश का टाक हो, जो कारखाने के साथ अंत रत कया गया हो या नये थल का कारबार प रसर हो या वािम व हो और िनवेश, िजसके यय का स यक लेखा कया गया ह,ै के ीय उ पाद का उपायु या के ीय उ पाद का सहायक आयु यथाि थित, संतु हो ।

    (3) उपिनयम (2) म िन द ावधान के अधीन सेनवेट यय का अंतरण, के ीय उ पाद के उपायु या के ीय उ पाद के सहायक आयु ारा, यथाि थित, ाथना-प क ाि क तारीख से तीन महीन ेक अविध के भीतर अनुमित दी जाएगी :

    परंत ुअविध, जो उप-िनयम म िविन द ह,ै उिचत कारण को दखाये जाने पर और कारण को िलिखत म अिभिलिखत कए जाने पर, के ीय उ पाद के धान आयु या के ीय उ पाद आयु ारा, यथाि थित, आग ेक अविध के िलए, जो छः

    माह से अिधक का नह होगा, बढ़ा सकेगा ।

    14141414. सीमा. सीमा. सीमा. सीमा----शु क टै रफ अिधिनयम क धारा 3 क उपधारा (5) के अधीन उ हीत अित र शु क के शु क टै रफ अिधिनयम क धारा 3 क उपधारा (5) के अधीन उ हीत अित र शु क के शु क टै रफ अिधिनयम क धारा 3 क उपधारा (5) के अधीन उ हीत अित र शु क के शु क टै रफ अिधिनयम क धारा 3 क उपधारा (5) के अधीन उ हीत अित र शु क के सनेवटेसनेवटेसनेवटेसनेवटे यययययययय का का का का अतंरण.अतंरण.अतंरण.अतंरण.---- (1) अंितम उ पाद का िविनमाता या िनमाता, िजसके पास एक से अिधक रिज ीकृत प रसर ह, आयकर अिधिनयम, 1961 (1961 का 43) के अधीन साधारण थायी खाता सं या के आधार पर ा कए गए, के ीय उ पाद-शु क िनयम, 2017 के अधीन रिज ीकृत कए गए सीमा-शु क टै रफ अिधिनयम क धारा 3 क उपधारा (5) के अधीन उ हीत अित र शु क का अ यु सेनवेट यय का अंतरण कया जा सकेगा, येक ितमाही के अंत म उनम से उसके कसी एक खाली पड़े रिज ीकृत प रसर, उसके दसूरे रिज ीकृत प रसर ारा –

    (i) िनयम 11 के अधीन अनुरि त द तावेज म उ अतंरण के िलए िवि करना;

    (ii) अंतरण चालान जारी करना िजसम रिज ीकृत सं या, रिज ीकृत प रसर का नाम और पता अतं रत कए गए यय या उ यय क ाि , अंत रत कए गए यय क रकम और खंड (i) म उि लिखत उ िवि का िववरण,

    और उ ाि कता के प रसर, अंतरण चालान के आधार पर सेनवेट यय ले सकग े।

    िविनमाता या िनमाता, जैसा क इस िनयम के अधीन िविन द ह,ै रिज ीकृत प रसर के अंतरण और ाि के संबंध म पृथकतः मािसक िववरणी ततु करेगा ।

    15. सं मणकालीन ावधान15. सं मणकालीन ावधान15. सं मणकालीन ावधान15. सं मणकालीन ावधान---- (1) ऐसा कोई भी यि त जो क क ीय व तु एवं सेवाकर अिधिनयम, 2017 (2017 का 12) के अंतगत पंजीकृत ह ै के ीय मू य व त कर यय िनयम, 2004 के अतंगत ा त संपणू यय को, जो क 1 जुलाई, 2017 के त काल पूव समा त होने वाली अविध से संबंिधत ह,ै क ीय व त ुएवं सेवाकर अिधिनयम, 2017 (2017 का 12)

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(i)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 13

    के अ याय 20 के अनुसार और इस अिधिनयम के अंतगत बनाए गए िनयम के अनुसार अपने इले ािनक यय लेजर म अंत रत कर सकता ह ैऔर ऐसे कसी भी सेनवेट यय को, िजसका इस तरह अंतरण नह कया जा सकता ह ैतब तक सेनवेट यय के प म अपने पास नह रख सकता ह ैजब तक क इन िनयम के अनुसार ऐसा करन ेक उसे अनुमित न हो।

    (2)(क) इन िनयम म िनिहत क ह भी बात के बावजूद, क ीय व तु एवं सेवाकर अिधिनयम, 2017 के अंतगत कोई भी यि त, िजससे क उ पाद-शु क अिधिनयम के अंतगत पंजीकरण कराना ज री नह था के बारे म यह माना जाएगा क

    उसके पास ऐसा कागजात ह ैिजससे क यह िस हो क शु क का भुगतान आ ह,ै य द ऐसे िवशेष व त ुका भी िनमाता िजस पर क ीय उ पाद-शु क लगता था न ेउसको यय अतंरण कागजात जारी कया ह,ै जो क उसके ारा 1 जुलाई, 2017 को अपने भंडार म रखे ऐसे िवशेष व तु से संबंिधत ह,ै िजसके िलए उसके पास ऐसा कोई बीजक नह था िजससे यह कट हो क शु क का भुगतान कया गया ह।ै

    (ख) खंड (क) के अधीन यय का अंत रत द तावेज कुछ शत क या और सुर ा जैसा क के ीय सरकार ारा अिधसूिचत कया जाए, के अधीन िविन द माल के िविनमाता ारा जारी कया जाएगा ।

    प ीकरण.प ीकरण.प ीकरण.प ीकरण.---- उप-िनयम (2) के उ े य के िलए "िविन द माल" का ता पय ऐसे माल से ह,ै िजसका मू य ित मद के िलए प ीस हजार पए से अिधक ह ैऔर जो िविनमाता या मूल िविनमाता का ांड नाम धारण करता ह ैऔर जो एक िभ सं या यथा-कार का चेिसस/ इंिजन सं या ारा पहचान यो य हो ।

    16. 16. 16. 16. दोषपणू तरीके स े ा कया गया या गलती स े ितदाय कए गए के ीय मू य दोषपणू तरीके स े ा कया गया या गलती स े ितदाय कए गए के ीय मू य दोषपणू तरीके स े ा कया गया या गलती स े ितदाय कए गए के ीय मू य दोषपणू तरीके स े ा कया गया या गलती स े ितदाय कए गए के ीय मू य व तव तव तव त कर यय क वसलूीकर यय क वसलूीकर यय क वसलूीकर यय क वसलूी—(1) जहां सेनवेट यय दोषपूण तरीके से ा कया गया ह,ै ले कन उसका उपयोग नह कया गया ह ैतो उसे िविनमाता से वसूल कया जाएगा और उ पाद-शु क अिधिनयम क धारा 11 अ के उपबंध उ वसूली के िलए यथाव यक प रवतन सिहत लाग ू

    ह गे ;

    (2) जहां सेनवेट यय दोषपणू तरीके से ा कया गया ह ैया योग कर िलया गया ह ैया गलती से ितदाय कया गया ह ैतो वह िविनमाता से याज सिहत वसूल कया जाएगा और उ पाद-शु क अिधिनयम क धारा 11 अ और 11 अअ के उपबंध उ वसूली के िलए यथाव यक प रवतन सिहत लागू ह गे,

    11117777. ज ती और शाि त.. ज ती और शाि त.. ज ती और शाि त.. ज ती और शाि त.---- (1) य द कोई ि , इस अिधिनयम के कसी उपबंध के उ लघंन म या दोषपूण तरीके से िनवेश के संबंध म सेनवेट यय का उपयोग करता ह ैया ा करता ह,ै तब सभी माल ज ती के िलए दायी होगा और वह ि उ पाद-शु क क धारा 11 क ग क उपधारा (1) का खंड (क) और खंड (ख) के अनुसार शाि त के िलए दायी होगा ।

    (2) ऐसे मामल ेम, जहां िनवेश के संबंध म के ीय मू य व त कर यय कपटपूवक, दरुिभसंिध या कोई गलत कथन, त य को िछपाना, या उ पाद-शु क अिधिनयम के कसी ावधान के उ लघंन या इन िनयम के अधीन शु क संद करने से बचने के आशय से दोषपूण तरीके से उपभोग कया जाता ह ैया ा कया जाता ह,ै तब िविनमाता उ पाद-शु क अिधिनयम क धारा 11 क ग क उपधारा (1) के खंड (ग), खंड (घ) या खंड (ड.) के ावधान के अंतगत शाि त के िलए दायी होगा ।

    (3) के ीय उ पाद-शु क अिधकारी ारा उप िनयम (1)और उपिनयम (2) के अधीन जारी कए गए कोई भी आदशे ाकृितक याय से िस ांत का अनुसरण करेगा ।

    18. 18. 18. 18. साधारण शाि तसाधारण शाि तसाधारण शाि तसाधारण शाि त.- जो भी इन िनयम के उपबंध का उ लघंन करता ह,ै िजसके िलए िनयम म कसी शाि त का उपबंध नह ह,ै तो वह पांच हजार पए तक क शाि त के िलए दायी होगा ।

    19. 19. 19. 19. कितपय कार के मामल म िनबधन अिधरोिपत करन ेक शिकितपय कार के मामल म िनबधन अिधरोिपत करन ेक शिकितपय कार के मामल म िनबधन अिधरोिपत करन ेक शिकितपय कार के मामल म िनबधन अिधरोिपत करन ेक शि .- इस िनयम म कसी बात के होते ए भी, जहां के ीय सरकार, के ीय मू य व त कर यय के दु पयोग, उस दु पयोग क कृित और कार व ऐसे हीअ य कारक जो सुसंगत ह,ै को यान म रखते ए उसक यह राय ह ै क इस िनयम म िविन द के ीय मू य व त कर यय के ावधान के दु पयोग को रोकन े के िलए, लोक िहत म कितपय उपाय का कया जाना आव यक ह,ै िजसम िविनमाता रिज ीकृत आयातकता पर ितबंध लगाना सि मिलत ह,ै कराधेय सेवा के थम चरण और ि तीय चरण वहारी को राजप म अिधसूिचत कया जा सकेगा, िविशि तः ितबंध क कृित, के ीय मू य व त कर यय के उपभोग का िनलबंन और

  • 14 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]

    आयातकता के मामले म रिज ीकरण का िनलंबन शािमल ह ैया वहारी और सुिवधा को वापस लेना, या के ीय उ पाद शु क का धान मु य आयु या के ीय उ पाद-शु क का मु य आयु , जैसा भी हो, ारा जारी कया गया कोई आदशे ।

    प ीकरणप ीकरणप ीकरणप ीकरण – इस िनयम के उ े य के िलए, यह प कया जाता ह ै क येक ताव भारत के राजप , भाग II, खंड 3, उपखंड (i) म, अिधसूचना सं या 05/ 2012 सी ई (एन.टी), तारीख 12 माच, 2012 ारा कािशत कए गए थे, वह एक िविश या से ारंभ होगा और सं या सा.का.िन. 140 (अ), तारीख 12 माच, 2012, जो लंिबत ह,ै इस िनयम के अधीन िविन द या के अनुसार माना जाएगा और उसके अनुसार िनण त कया जाएगा ।

    20202020. अनपुरूक उपबधं. अनपुरूक उपबधं. अनपुरूक उपबधं. अनपुरूक उपबधं ::::---- (1) के ीय मू य व त कर यय िनयम, 2004 के अधीन कोई अिधसूचना, प रप , अनुदशे, थायी आदेश, ापार सूचना या अ य आदेश के ीय सरकार ारा, जारी कया गया ह,ै के ीय उ पाद और सीमा-शु क

    बोड, के ीय उ पाद-शु क का धान मु य आयु , या के ीय उ पाद-शु क का मु य आयु , यथाि थित, इन िनयम के त थानी उपबंध के अधीन जारी कए गए और वैध समझे गए, इन िनयम के िव तार तक और संगत ह,ै आरंभ से लागू ह गे ।

    (2) के ीय मू य व त कर यय िनयम, 2004 म कोई िनयम, अिधसूचना, प रप , अनुदेश, थायी आदेश. ापार सूचना या अ य आदशे का संदभ और उसका कोई उपबंध, इस िनयम के आरंभ से के ीय मू य व त कर यय िनयम, 2017 और उसके अनुपरूक उपबंध के संदभ से अथ लगाया जाएगा ।

    [फा. सं. 267/22/2017-सी ए स-8]

    रोहन, अवर सिचव

    MINISTRY OF FINANCE

    (Department of Revenue)

    NOTIFICATION

    New Delhi, the 30th June, 2017

    No. 20 /2017-Central Excise (N.T.)

    G.S.R. 734(E).—In exercise of the powers conferred by section 37 of the Central Excise Act, 1944 (1 of 1944) and in supersession of the CENVAT Credit Rules, 2004, except as respects things done or omitted to be done before such supersession, the Central Government hereby makes the following rules, namely:-

    1. Short title, extent and commencement.—(1) These rules may be called the CENVAT Credit Rules, 2017.

    (2) They extend to the whole of India.

    (3) They shall come into force on the 1st day of July, 2017.

    2. Definitions.—(1) In these rules, unless the context otherwise requires,-

    (a) "Customs Tariff Act" means the Customs Tariff Act, 1975 (51 of 1975);

    (b) “electronic credit ledger” means the electronic credit ledger referred to in sub-section (46) of section 2 of the Central Goods and Services Tax Act, 2017 (12 of 2017);

    (c) "Excise Act" means the Central Excise Act, 1944 (1 of 1944);

    (d) "exempted goods" means excisable goods which are exempt from the whole of the duty of excise leviable thereon, and includes goods which are chargeable to "Nil" rate of duty;

    (e) "final products" means excisable goods manufactured or produced from input;

    (f) "first stage dealer" means a dealer, who purchases the goods directly from,-

    (i) the manufacturer under the cover of an invoice issued in terms of the provisions of Central Excise Rules, 2017 or from the depot of the said manufacturer, or from premises of the consignment agent of the said manufacturer or from any other premises from where the goods are sold by or on behalf of the said manufacturer, under cover of an invoice; or

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(i)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 15

    (ii) an importer or from the depot of an importer or from the premises of the consignment agent of the importer, under cover of an invoice;

    (g) "input" means excisable goods used in the factory by the manufacturer of the final product but excludes high speed diesel oil or motor spirit, commonly known as petrol;

    (h) "job work" means processing or working upon of raw material or semi-finished goods supplied to the job worker, so as to complete a part or whole of the process resulting in the manufacture or finishing of an article or any operation which is essential for aforesaid process and the expression "job worker" shall be construed accordingly;

    (i) "notification" means the notification published in the Official Gazette;

    (j) “person” means the person referred to in sub-section (84) of section 2 of the Central Goods and Services Tax Act, 2017 (12 of 2017);

    (k) "place of removal" means-

    (i) a factory or any other place or premises of production or manufacture of the excisable goods;

    (ii) a warehouse or any other place or premises wherein the excisable goods have been permitted to be deposited without payment of duty;

    (iii) a depot, premises of a consignment agent or any other place or premises from where the excisable goods are to be sold after their clearance from the factory, from where such goods are r