अर्धचालक - wifistudy.com · 2020. 10. 7. · यदद p-type और n-type...

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  • अर्धचालकsemiconductor

    Important Theory

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    RAMSIR105th

    OCTOBER

  • By Ramveer Rajput sir

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    RAMSIR105th

    OCTOBER

  • Semi-conductor-वे पदार्ध जिनमे ननम्न (कम) ताप पर तो ववर्तु प्रवाह आसानी से हो नह ीं हो पाताहै

    अर्धचालक (semiconductor) उन पदार्ों को कहते हैं जिनकी ववद्यतुचालकता चालकों (िसेै तााँबा) से कम ककन्तु अचालकों (िैसे काच) से अधर्क होतीहै।आपेक्षिक प्रनतरोर् प्रायः 10-5 से 108 ओम-मीटर के बीच सससलकॉन, िमेननयम,कैडसमयम सल्फाइड, गसैलयम आसेनाइड इत्यादद अर्धचालक पदार्ों के कुछउदाहरण हैं।

    लेककन ताप बढ़ने पर ववर्तु प्रवाह आसानी से हो िाता है ऐसेपदार्ध अद्धर्चालक (semiconductor) कहलाते है।

    Example- उदाहरण के सलए सससलकॉन (silicon)तर्ा िेमेननयम(germanium)अर्धचालक (semiconductor devices) है।

  • सससलकॉन के यौगिक एलेक्ट्रॉनिक अवयव, साबुि, शीश ेएवं कंप्यूटर गिप्स में इस्तेमाल ककए जाते हैं। सससलकॉन की खोज 1824 में स्वीडि के रसायिशास्री जोंस जकब बजे्रललयस िे की थी

    । आवतत साररणी मेंइसे 14वें स्थाि पर रखा िया है। सससलकॉन यौगिकों, जैसे सससलकॉन कारबाइड (SiC) को उिकी अिोखी ववशषेताओं के ललए इस्तेमाल ककया जाता है।

  • सससलकॉन के यौगिक एलेक्ट्रॉनिक अवयव, साबुि, शीश ेएवं कंप्यूटर गिप्स में इस्तेमाल ककए जाते हैं। सससलकॉन की खोज 1824 में स्वीडि के रसायिशास्री जोंस जकब बजे्रललयस िे की थी

    । आवतत साररणी मेंइसे 14वें स्थाि पर रखा िया है। सससलकॉन यौगिकों, जैसे सससलकॉन कारबाइड (SiC) को उिकी अिोखी ववशषेताओं के ललए इस्तेमाल ककया जाता है।

  • •Types of semiconductor- semiconductor दो प्रकार के होत ेहै। types of1 . आतंर या निज अर्दतधिालक इसे english में instrinsic कहत ेहै। what is2 . बाहँ या अशुर्दध अर्दतधिालक इसे english में extrinsic कहत ेहै।

    आींतर या ननि अद्धर्चालक or instrinsic

    बुल्कुल शुर्दध अर्दतधिालक को आतंर या निज अर्दतधिालक कहत ेहै। example -silicon तथा germanium निज अर्दतधिालक के उदाहरण है।

  • बाहाँ या अशुद्र् अद्धर्चालक or extrinsicउपद्रव या अशुर्दध युक्ट्त अर्दतधिालक को बाहँ

    अशुर्दध अर्दतधिालक कहते है। जब ककसी शुर्दध याआंतर अर्दतधिालक में थोड़ा सा (impurity) अपद्रवलमला ददया जाता है तोअर्दतधिालक(semiconductor-physics) की िालकताबहुत बढ़ जाती है। ऐसे अर्दतधिालक को अशुर्दधअर्दतधिालक or extrinsic कहते है।

  • परंतु यदद ककसी ऐसे पदाथत कोबहुत थोड़ी सी मारा, जजसकीसंयोजकता 5 अथवा 3 हो, शुर्दधजमेनियम अथवा लसललकॉि किस्टलमें अशुर्दगध के रूप में लमगित करते हैतो किस्टल की िालकता काफी बढ़जाती है। लमगित करिे की प्रकियाको डोवप ींग (Doping) कहते हैं

    बाह्य अधतिालक(Extrinsic Semiconductor ):

    डोवप ींग (Doping)

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  • शरु्दध अर्दतधिालक में लमलाये िए उपद्रव की प्रकिया के आधार पर शरु्दधअर्दतधिालक or extrinsic दो प्रकार के होते है।

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    A. N-TYPE or donorsemi-conductor इसेदहदंी में दाताअर्दतधिालक कहते है।

    B. P-TYPE or acceptorsemi-conductor इसेदहदंी में ग्राही अर्दतधिालककहते है।

  • •N-TYPE semi-conductor diode-यदद शरु्दध germanium किस्टल में पांि सयोजकता वाले उपद्रव परमाणु जैसेएंटीमिी आसेनिक फॉस्फोरस आदद डाले जाते है तो प्राप्त किस्टल N-TYPEका semi-conductor कहलाता है।

    1. यह शरु्दध अर्दतधिालक में पांि सयोजकता वाले उपद्रव परमाणुओ कीअशरु्दगध लमलािे पर प्राप्त होता है।2. इसमें बहुसंख्यक धारवाहक इलेक्ट्राि होते है।3. इसमें अल्पसंखयक धारवाहक होल होते है।4. इसमें निश्िल आयाम धिात्मक आवेलशत होते है जजन्हे दाता आयामकहते है। इि दाता आयामों की शंख्या इलेक्ट्रािो की शंख्या के बराबर होतीहै।

  • •P-TYPE semi-conductor diode-यदद शरु्दध germanium किस्टल में तीि सयोजकता वाले उपद्रव परमाणुजैसे aluminum ,बोराि indium आदद डाले जाते है तो प्राप्त किस्टल P-TYPEका semi-conductor कहलाता है।

  • 1. यह शरु्दध अर्दतधिालक में तीि सयोजकता वाले उपद्रव परमाणुओ कीअशरु्दगध लमलािे पर प्राप्त होता है।

    2. इसमें बहुसंख्यक धारवाहक होल होते है। what is semiconductor inHindi

    3. इसमें अल्पसंखयक धारवाहक इलेक्ट्राि होते है।

    4. इसमें निश्िल आयाम ऋणात्मक आवलेशत होते है जजन्हेग्राही आयाम कहते है। इि ग्राही आयामों की शंख्या होलो की शंख्या केबराबर होती है।

  • यदद P-type और N-type semiconductor को एक साथ लमला ददया जाये तो P-N संगध का निमातण होता है। वास्तव में P-N junction, दो अलि-अलि टुकड़ो से िहीं बिता है, अवपतु एक ही crystal की एक side, doping र्दवारा P और दसूरी side N का निमातण ककया जाता है। P-N junction को P-N Diode भी कहते हैं।

    P-N junction diode

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  • Depletion layer:- जब P और N को आपस में लमलायाजाता है, तब joint(जोड़) पर P side के कुछ Hole और Nside के कुछ electron आपस में recombine होकर निजरियहो जाते हैं, जजसके कारण joint पर एक पतली सी layer बिजाती है। इस layer को depletion region(क्षेर) कहते हैं।Depletion क्षेर बििे के बाद P और N side के hole औरelectrons आपस में recombine होिे के ललए depletionlayer को पार िहीं कर पाते हैं। P side के depletion क्षेर मेंकेवल -ve ion रह जाते हैं, जबकक N side वाले क्षेर में +veion रह जाते हैं।Use referral code RAMSIR10

  • Potential Barrier:-P-N junction में, P

    side वाले depletionके्षर में -ve ions केकारण negative chargeहोता है, जबकक N sideवाले के्षर में +ve ionsके कारण positive िाजतहोता है, अतः दोिोंतरफ ववपरीत chargeहोिे के कारण junctionमें ववर्दधतु के्षर उतपिहो जाता है।

  • इस ववर्दधतु के्षर को potential barrier कहते हैं। Potential barrier, केवल जस्थर ions के कारण बिता है। यहाँ िनतमाि आवेश(electron या hole) िहीं होते हैं। अतः Potential barrier को space charge भी कहते हैं। Silicon में potential barrier का माि 0.7volt है, जबकक Germanium के ललए इसका माि 0.41volt है।

    (Depletion के्षर को P और N के बीि एक बहुत कम वोल्टेज वाली छोटी सी battery माि लीजजये, जजसकी एक प्लेट िेिेदटव है और दसूरी पॉजिदटव है, परंतु दोिों के मध्य धारा प्रवाह िहीं करता है।)Type of current:- Semiconductors में दो प्रकार की धारा प्रवाह होती है।

  • 1)- Drift current:-electrons या holes के

    अपिी जिह छोड़ कर दसूरेelectron या hole की जिहपर खखसकिे को drift होिाकहते हैं, और इस प्रकार सेहोिे वाली धारा प्रवाह कोDrift current कहते हैं।साधारणतः धारा, इसी प्रकारसे प्रवाह होती है। Driftcurrent में electrons केप्रवाह की ददशा हमेसा, holesके प्रवाह की ददशा के ववपरीतहोती है।

  • 2)- Diffusion current:-अधतिालकों में डोवपिं के समय, कुछ स्थािो पर Holes अगधक बि जाते हैं और कुछ जिह holes काघित्व कम होता है। जजसकी वजह से holes, अगधक घित्व वाले के्षर से कम घित्व वाले के्षर की ओर प्रवाह करिे लिते हैं। Holes केकारण होिे वाला यह धारा प्रवाह, ककसी आवेश या ववधतु के्षर के कारण िहीं होता है। अतः इसप्रकार की धारा को Diffusioncurrent कहते हैं।

  • 1)- Forward Biasing:- Forward biasing में P-N डायोड को एक battery से जोड़ ददयाजाता है।डायोड के P side को battery के positive terminal से जोड़ा जाता है, जबकक N side कोbattery के negative terminal से जोड़ा जाता है। PN junction में potential barrier कामाि बहुत कम होता है, अतः थोड़ी से वोल्टेज से ही barrier समाप्त हो जाता है।(जब battery र्दवारा दी िए वोल्टेज, potential barrier की वोल्टेज के बराबर हो जाती है,तब potential barrier समाप्त हो जाता है।)

    इसके बाद, N side के free electrons, आसािी से P side में िले जाते हैं। Battery केnegative terminal से N side को लिातार electrons की supply होती रहती है।

    इसी प्रकार, P side के Hole भी आसािी से N side को पार करते हुए battery के negativeterminal की ओर िले जाते हैं।Battery के positive terminal से P side को लिातार Holes की supply बिी रहती है।Potential barrier के समाप्त हो जािे के बाद, थोड़ी सी voltage बढ़ािे पर भी धारा का मािबहुत तेजी से बढ़ता है।

  • 2)- Reverse Biasing:- Reverse bias में P side को battery के negativeterminal से और N side को battery के positive terminal से जोड़ा जाता है।वोल्टेज लिािेपर, P side केसभी holes,battery केnegativeterminal की ओरआकवषतत होते हैं,जबकक N side केसभी electrons,battery केpositiveterminal की ओरआकवषतत होते हैं।

  • इस तरह ववपरीत ददशा में ववधतु ऊजात लििे के कारण potential barrier की िौड़ाई और अगधक हो जाती है। इसके कारण majority carrier, P-N संगध को पार िहीं कर पाते हैं, अतः majority carriers के कारण कोई धारा िहीं बहती है।

    परन्तु P side के minority carrier (कुछ bond टूटिे के कारण कुछ electrons उतपि हो जाते हैं) आसािी से junction को पार करके N side में िले जाते हैं। इसी प्रकार N side के minority carrier (कुछ bond टूटिे के कारण N side में बिे hole) junction को पार करके P साइड में िले जाते हैं।

    इस प्रकार से दोिों side के minority carriers के कारण बहुत कम मारा की धारा बहती रहती है। यह धारा, Reverse Leakage current कहलाती है।

    P-N संगध पर यदद reverse bias में वोल्टेज को लिातार बढ़ाया जाये तो एक वोल्टेज पर अच्िािक से धारा का माि बहुत तेजी से बढ़िे लिता है। Reverse bias में voltage के इस माि को Break down वोल्टेज कहते हैं और इस किया को Avalanche Breakdown कहते हैं।।

    Break down पर बहुत अगधक reverse voltage होिे के कारण junction के परमाणुओंके bond बहुत अगधक तेजी से टूटिे लिते हैं, और भरी मारा में minority carrier उतपि होिे लिते हैं।

    http://ewtp.blogspot.com/p/semiconductor-physics.htmlhttp://ewtp.blogspot.com/p/semiconductor-physics.htmlhttp://ewtp.blogspot.com/p/semiconductor-physics.html