maed- 503 (semester-i)
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MAED- 503 (SEMESTER-I)
िशा म अनसधान िविधया एव साियक
Research Methods and Statistics in Education
उराखड म िव(िव)ालय हानी
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ISBN-13 -978-93-84632-46-5
समत लख पाठ स सबिधत िकसी भी िववाद क िलए सबिधत लखक िजमदार होगा िकसी भी िववाद का ज)रसिड+शन ह-ानी )ननीताल (होगा
कापीराइट उ5राख6ड म7 िव8िव9ालय काशन वषlt जलाई 2012 पनः मBण -2020 सकरण सीिमत िवतरण हत पवlt काशन ित काशक िनदशालय अFययन एव काशन उ5राख6ड म7 िव8िव9ालय ह-ानी -263139 (ननीताल)
अltययन बोड
ोफसर ज0क0 जोशी िनदशक िशाशाK िव9ाशाखा उ5राख6ड म7 िव8िव9ालय ह-ानी उ5राख6ड
ोफसर क०बी०बधोरी (सदय)
िशा सकाय एच०एन०बी०िव8िव9ालय Nीनगर गढ़वाल उ5राख6ड
ोफसर बी०आर० ककरती (सदय) िशा सकाय एम० ज० पी० रोिहलखड
िव8िव9ालय बरली उ5रदश
ोफसर रभा जोशी िशा सकाय कमाऊ िव8िव9ालय अमोड़ा
डॉिदनश कमार सहायक ाFयापक उ5राखड म7 िव8िव9ालय ह-ानी
उ5राख6ड
डॉवीण कमार ितवारी सहायक ाFयापक उ5राखड म7 िव8िव9ालय ह-ानी
उ5राख6ड
डॉममता कमारी सहायक ाFयापक उ5राखड म7 िव8िव9ालय ह-ानी
उ5राख6ड
डॉ कपना पाटनी लखरा सहायक ाFयापक उ5राखड म7 िव8िव9ालय ह-ानी उ5राख6ड
डॉ मनीषा पत अकादिमक परामशltदाता उ5राखड म7 िव8िव9ालय ह-ानी
उ5राख6ड
डॉ िसVाथlt पोख)रयाल अकादिमक परामशltदाता उ5राखड म7 िव8िव9ालय ह-ानी उ5राख6ड
पाठयCम सयोजक व सपादक इकाई सयोजक व सपादक
डॉ0 िदनश कमार डॉ मनीषा पत सहायक ाचायlt अकादिमक परामशltदाता िशाशाK िव9ाशाखा िशाशाK िव9ाशाखा उ5राख6ड म7 िव8िव9ालय उ5राख6ड म7 िव8िव9ालय ह-ानी उ5राख6ड ह-ानी उ5राख6ड इकाई लखन इकाई सLया
डॉ0 रजनी रजन िसह सहायक ाFयापक िशाशाK िव9ाशाखा उ5राख6ड म7 िव8िव9ालय ह-ानी उ5राख6ड
910111213141516
सMी ममता कमारी
सहायक ाFयापक िशाशाK िव9ाशाखा उ5राख6ड म7 िव8िव9ालय ह-ानी उ5राख6ड
17
उराखड म िविवालय हानी िशा म अनसधान िविधया एव साि यक
Research Methods and Statistics in Education
SEMESTER-II (MAED-507)
इकाई स० इकाई का नाम पB स०
01 आकड़ सहण आकड़ क कार गणामक आकड़ तथा माामक आकड़ मापन क पमान-नािमत तर िमत तर अतरत तर तथा आनपाितक तर आकड़ सहण क उपकरण एव तकनीक( )Data Collection Types of Data Quantitative and Qualitative Data Scales of Measurement-
Nominal Ordinal Interval and Ratio Scales Tools and Techniques of Data Collection(
1-30
02 शोध उपकरण क िनमाMण क सामाय िसOात व शोध आकड़ कP िवQसनीयता व वधता तथा इनस सSबिधत अय मU ( General Principles of the Construction of Research Tools and Reliability and Validity of Scores and other related Issues)
31-56
03 वणMनामक साियकP क]ीय वि_ क मापक (Descriptive Statistics Measures of Central Tendency)
57-96
04 वणMनामक साियकP िवचरणशीलता मापक (Descriptive Statistics Measures of Variability or Dispersion Quartiles Percentiles Standard Errors of Various Relevant Statistics)
97-126
05 सहसबध क माप िपयसMन ोडgट मोम(ट सहसबध गणाक िiपिjक सहसबध गणाक व िबद-िiपिjक सहसबध गणाक )Measures of Relationship- Pearsonrsquos Product Moment Coefficient of Correlation Bi-serial and Point ndashbiserial Coefficients of Correlation(
127-160
06 अक क िवतरण कP कित का अवबोध सामा य िवतरण व ndash इसकP िवशषताए और उपयोिगताए िवषमता व पथशीषM व क मान का परकलन )Understanding the nature of the distribution of scores Normal Probability Curve (NPC)- Its features and uses Computation of the Values of Skewness and Kurtosis(
161-200
07 आनमािनक साियकP- ाितक अनपात शय परकxपना का परीyण साथMकता परीyण िटय क कार एक पzछीय तथा िiपzछीय परीyण टी ndash परीyण तथा एफ ndash परीyण )एनोवा](Inferential Statistics-Critical Ratio Testing the Null Hypothesis Test of Significance Types of Error One ndashtailed test Two-tailed test t-test and F-test (ANOVA)]
201-255
08 अाचिलक साियकP काई वगM परीyण (Non Parametric Statistics Chi ndashSquare)
256-277
09 शोध ब ध लखन क िविभ न सोपान (Steps of Writing Research Report)
278s-313
10 परिश (Appendices) 314-322
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय1
इकाई सखया 01 आकड़ सगरहण आकड़ो क परकार गणातमक आकड़ तथा मातरातमक आकड़ मापन क पमान-नाममत सतर करममत सतर अनतररत सतर तथा आनपाततक सतर आकड़ सगरहण क उपकरण एव तकनीक (Data
Collection Types of Data Quantitative and
Qualitative Data Scales of Measurement- Nominal
Ordinal Interval and Ratio Scales Tools and
Techniques of Data Collection)
इकाई की रपरखा
11 परसतािना
12 उददशय
13 आकड़ो क परकार
14 मापन क पमान
15 आकड़ सगरहण क उपकरण एि तकनीक
151 अिलोकन तकनीक
152 परीकषण
153 साकषातकार
154 अनसची
155 परशनािली
156 वनराारण मापनी
157 परकषपीय तकनीक
158 समाजवमवत
16 साराश
17 शबदािली
18 सिमलयावकत परशनो क उततर
19 सदरा गरनथ सची पाठय सामगरी
110 वनबरातमक परशन
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उततराखणड मकत विशवविदयालय2
11 परसतावना शवकषक शोर म पररमाणातमक ि गणातमक आकड़ो क माधयम स वकसी नए वसदात का वनमााण
और परान वसदात की पवि की जाती ह शवकषक शोर चरो क विशलषण पर आराररत काया ह चरो
की विशषताओ को आकड़ो क माधयम स वयकत वकया जाता ह चरो क गणो को िगो या मातराओ
म वयकत वकया जा सकता ह वजस आकड़ की सजञा दी जाती ह इस दवि स आकड़ दो परकार क
यथा गणातमक आकड़ (Quantitative Data) तथा मातरातमक आकड़ (Qualitative Data) हो
सकत ह इन आकड़ो को मापन क विवरनन पमानो या सतरो पर वयकत वकया जाता ह मापन क इन
चार सतरो को मापन क चार पमान अथाात नावमत पमाना(Nominal Scale) करवमत पमाना
(Ordinal Scale) अनतररत पमाना (Interval Scale) तथा अनपाती पमाना ((Ratio Scale)
कहा जाता ह शोर काया म चरो का विशलषण करन हत आकड़ो का सगरहण एक चनौती ररा काया
होता ह गणातमक आकड़ (Quantitative Data) तथा मातरातमक आकड़ (Qualitative Data)
का सगरहण विवरनन शोर उपकरणो क माधयम स वकया जाता ह परसतत इकाई म आप आकड़ो क
परकार यथा गणातमक आकड़ तथा मातरातमक आकड़ आकड़ सगरहण क उपकरण एि तकनीक
मापन क चारो पमान यथा नावमत सतर करवमत सतर अनतररत सतर तथा आनपावतक सतर का
अधययन करग
12 उददशय परसतत इकाई क अधययन क उपरात आप-
bull आकड़ो क परकार को सपि कर सक ग
bull आकड़ो क परकारो म विरद कर सक ग
bull मापन क चारो पमानो की व याख या कर सक ग
bull नावमत सतर करवमत सतर अनतररत सतर तथा आनपावतक सतर म विरद कर सक ग
bull आकड़ सगरहण क वलए परयकत की जान िाली विवरनन तकनीको को िगीकत कर सक ग
bull आकड़ (Qualitative Data) सगरहण हत विवरनन शोर उपकरणो की व याख या कर सक ग
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उततराखणड मकत विशवविदयालय3
13 आकड़ो क परकार (Types of Data)
आकड़ो क परकार को समझन स पहल चर ि चरो (variables) की परकवत को समझना आिशयक
ह मापन क दवारा िसतओ या वयवकतयो क समहो की विवरनन विशषताओ या गणो का अधययन
वकया जाता ह इन विशषताओ अथिा गणो को चर रावश या चर कहत ह अतः कोई चर िह गण
या विशषता ह वजसम समह क सदसय परसपर कछ न कछ वरनन होत ह उदाहरण क वलय वकसी
समह क सदसय रार लमबाई बवद या आवथाक वसथवत आवद म वरनन वरनन होत ह इसवलए रार
लमबाई बवद या आवथाक वसथवत को चर कहा जाए गा दसर शबदो म कहा जा सकता ह वक चर क
आरार पर वकसी समह क सदसयो को कछ उपसमहो म बॉटा जा सकता ह यहॉ पर यह बात धयान
रखन की ह वक चर रावश पर समह क समसत सदसयो का एक दसर स वरनन होना आिशयक नही ह
यवद समह का किल एक सदसय री वकसी गण क परकार या मातरा म अनयो स वरनन ह तब री इस
गण को चर क नाम स सबोवरत वकया जाएगा चरो क गणो को िगो या मातराओ म वयकत वकया जा
सकता ह वजस आकड़ की सजञा दी जाती ह इस दवि स आकड़ दो परकार क यथा गणातमक
आकड़ (Quantitative Data) तथा मातरातमक आकड़ (Qualitative Data) होत ह
1गणातमक आकड़(Qualitative Data) गणातमक आकड़ गण क विवरनन परकारो को इवगत
करत ह गणातमक आकड़ गणातमक चरो स समबवनरत होत ह उनक आरार पर समह को कछ
सपि िगो या शरवणयो म बॉटा जा सकता ह परतयक वयवकत इनम स वकसी एक िगा या शरणी का
सदसय होता ह जस वयवकतयो क वकसी समह को वलगरद क आरार पर परष या मवहला िगो म
छातरो को उनक अधययन विषयो क आरार पर कला विजञान या िावणजय िगो म अथिा वकसी
शहर क वनिावसयो को उनक रमा क आरार पर वहनद मवसलम वसख ि ईसाई िगो म बॉटा जा
सकता ह इन उदाहरणो म वलगरद अधययन िगा ि रमा गणातमक परकार क चर ह तथा इनक
समबवनरत गणो को िगो या गणातमक आकड़ो क माधयम स अवरवयकत वकया जाता ह
2मातरातमक आकड़ (Quantitative Data) चर क गणो की मातरा को मातरातमक आकड़ो क
माधयम स वयकत वकया जाता ह इन आकड़ो का सबर मातरातमक चरो पर समह क विवरनन वयवकत
वरनन-वरनन मातरा म मान परापत कर सकत ह जस छातरो क वकसी समह क वलए परीकषा परापताक
सकलो क वकसी समह क वलए छातर सखया अथिा वयवकतयो क वकसी समह क वलए मावसक आय
को सखयाओ दवारा इवगत वकया जाता ह इन उदाहरणो म परापताक छातर सखया ि मावसक आय
मातरातमक आकड़ ह कयोवक य समबवनरत गण की मातराओ को बतात ह
(i) सिि आकड़ (Continuous Data) सतत आकड़ ि आकड़ ह वजनक वलए वकनही री दो
मानो क बीच का परतयक मान रारण करना सरि होता ह जस रार ि लमबाई सतत चर का
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय4
उदाहरण ह वजसक मान को सतत आकड़ो क रप म वयकत वकया जाता ह वयवकतयो का रार कछ री
हो सकता ह रार क वलए यह आिशयक नही ह वक यह पणााक म ही हो अतः वकसी वयवकत का
रार 6876 वक० गरा० (अथिा इसस री अवरक दशमलि अको म हो सकता ह) इसी परकार स
लमबाई को सतत आकड़ो म वयकत वकया जा सकता ह सपि ह वक सतत चर (आकड़) वकसी एक
वबनद स दसर वबनद क बीच कोई री मान परापत कर सकता ह
(ii) असिि आकड़ (Discrete Data) असतत चर को असतत आकड़ो क माधयम स वयकत
वकया जा सकता ह असतत चर को खवणडत चर री कहत ह यह िह चर ह वजसक वलए वकनही दो
मानो क बीच क परतयक मान रारण करना समरि नही होता ह जस पररिार म बचचो की सखया
पणााको म ही हो सकती ह वकसी पररिार म बचचो की सखया 25 या 35 नही हो सकता अतः
पररिार म बचचो की सखया या वकताब म पषठो की सखया को असतत आकड़ो म ही वयकत वकया जा
सकता ह सपि ह वक असतत आकड़ो को किल पणााक सखया म ही वयकत वकया जा सकता ह
14 मापन क पमान (Scales of Measurement)
मापन परवकया को उसकी विशषताओ यथा यथाथाता परयकत इकाइयो चरो की परकवत पररणामो की
परकवत आवद क आरार पर कछ करमबद परकारो म बॉटा जा सकता ह एस0एस सटीबनस न मापन
की यथाथाता क आरार पर मापन क चार सतर बताय ह य चार सतर (1) नावमत सतर (Nominal
Level) (2) करवमत सतर (Ordinal Level) (3) अनतररत सतर (Interval Level) तथा (4) आनपावतक
सतर (Ratio level) ह मापन क इन चार सतरो को मापन क चार पमान अथाात नावमत
पमाना(Nominal Scale) करवमत पमाना (Ordinal Scale) अनतररत पमाना (Interval
Scale) तथा अनपाती पमाना ((Ratio Scale) री कहा जाता ह
(1) नाशमि पमाना (Nominal Scale) यह सबस कम पररमावजात सतर का मापन ह इस परकार
का मापन वकसी गण अथिा विशषता क नाम पर आराररत होता ह इसम वयवकतयो अथिा िसतओ
को उनक वकसी गण अथिा विशषता क परकार क आरार पर कछ िगो अथिा समहो म विरकत कर
वदया जाता ह इन िगो म वकसी री परकार का कोई अनतवनावहत करम अथिा सबर नही होता ह
परतयक िगा गण अथिा विशषता क वकसी एक परकार को वयकत करता ह विशषता क परकार की
दवि स सरी िगा एक समान महति रखत ह गण क विवरनन परकारो को एक एक नाम शबद अकषर
अक या कोई अनय सकत परदान कर वदया जाता ह जस वनिास क आरार पर गरामीण ि शहरी म
बॉटना विषयो क आरार पर सनातक छातरो को कला विजञान िावणजय विवर इनजीवनयररग
वचवकतसा आवद िगो म बॉटना वलग-रद क आरार पर बचचो को लड़क ि लड़वकयो म बॉटना
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उततराखणड मकत विशवविदयालय5
फलो को आम सब कला अगर सनतरा आवद म िगीकत करना फनीचर को मज कसी सटल
आवद म बॉटना आवद नावमत मापन क कछ सटीक उदाहरण ह
सपितः नावमत मापन एक गणातमक मापन ह वजसम गण क विवरनन परकारो पहलओ क आरार पर
िगो की रचना की जाती ह एि वयवकतयोिसतओ को इन विवरनन िगो म िगीकत वकया जाता ह
मापन परवकरया म किल यह दखा जाता ह वक कोई वयवकतिसत वकस िगा की विशषता को अपन म
समावहत वकए हए ह एि तदनसार उस वयवकतिसत को उस िगा का नामसकतपरतीक आिवटत कर
वदया जाता ह इस परकार क मापन म विवरनन िगो म सवममवलत वयवकतयो या सदसयो की किल
गणना ही सरि होती ह िगो या समहो को वयकत करन क वलए परयकत वकए जान िाल नामो
शबदो अकषरो अको या परतीको क साथ कोई री गवणतीय सवकरया जस जोड़ घटाना गणा या राग
आवद समरि नही होता किल परतयक समह क वयवकतयो की वगनती की जा सकती ह सपि ह वक
नावमत सतर पर वकए जान िाल मापन म गण विशषता क विवरनन पहलओ क आरार पर िगो या
समहा की रचना की जाती ह
(2) करशमि पमाना (Ordinal Scale) यह नावमत मापन स कछ अवरक पररमावजात होता ह यह
मापन िासति म गण की मातरा क आकार पर आरररत होता ह इस परकार क मापन म वयवकतयो
अथिा िसतओ को उनक वकसी गण क मातरा क आरार पर कछ ऐस िगो म विरकत कर वदया जाता
ह वजनम एक सपि अनतवनावहत करम वनवहत होता ह उन िगो म स परतयक क कोई नाम शबद अकषर
परतीक या अक परदान कर वदय जात ह जस छातरो को उनकी योगयता क आरार पर शरषठ औसत ि
कमजोर छातरो क तीन िगो म बॉटना करवमत मापन का एक सरल उदाहरण ह छातरो क इन तीनो
िगो म एक अतवनावहत समबनर ह पहल िगा क छातर दसर िगा क छातरो स शरषठ ह तथा दसर िगा क
छातर तीसर िगा क छातरो स शरषठ ह करवमत मापन म यह आिशयक नही की विवरनन िगो क मधय
गण की मातरा का अनतर सदि ही समान हो जस यवद सोन मोन तथा राम करमशः शरषठ िगा औसत
िगा तथा कमजोर िगा म ह तो उसका अथा यह नही की सोन ि मोन क बीच योगयता म िही अनतर ह
जो मोन तथा राम क बीच ह छातरो को परीकषा परापताको क आरार पर परथम वदवतीय ततीय शरवणयॉ
या अनतीणा वनरााररत करना लमबाई क आरार पर छातरो को लमबा औसत या नाटा कहना छातरो
को उनक ककषासतर क आरार पर पराथवमक सतर माधयवमक सतर सनातक सतर आवद म बााटना
अवररािको को उनक सामावजक आवथाक सतर क आरार पर उचच मधयम ि वनमन िगो म बााटना
इतयावद करवमत मापन क कछ सरल उदाहरण ह
सपि ह वक करवमत मापन क विवरनन िगो म गण या विशषता की उपवसथवत की मातरा एक
दसर स वरनन होती ह तथा उन िगो को इस आरार पर घटत अथिा बढत करम म वयिवसथत वकया
जा सकता ह िगो को करमबद करना समरि होन क कारण एक िगा क सदसय अनय िगो क
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उततराखणड मकत विशवविदयालय6
सदसयो स माप जा रह गण की दवि स शरषठ अथिा वनमन सतरीय होत ह नावमत मापन की तरह स
करवमत मापन म री किल परतयक समह क सदसयो की वगनती करना समरि होता ह समहो को
वयकत करन िाल शबदो अकषरो परतीको या अको क साथ गवणतीय सवकरयाएा समरि नही होती ह
परनत उन िगो को घटत करम म अथिा बढत करम म वयिवसथत वकया जा सकता ह
(3) अनिरिि पमाना (Interval Scale) यह नावमत ि करवमत मापन स अवरक पररमावजात होता
ह अतररत मापन गण की मातरा अथिा पररमाण पर आराररत होता ह इस परकार क मापन म
वयवकतयो अथिा िसतओ म विदयमान गण की मातरा को इस परकार ईकाइयो क दवारा वयकत वकया
जाता ह वक वकनही दो लगातार ईकाइयो म अनतर समान रहता ह जस छातरो को उनको गवणत
योगयता क आरार पर अक परदान करना अनतररत मापन (Interval Scale) का एक सरल उदाहरण
ह यहॉ यह सपि ह वक 35 एि 36 अको क बीच ठीक िही अनतर होता ह जो अनतर 45 ि 49
अको क बीच होता ह अवरकाश शवकषक सामावजक तथा मनोिजञावनक चरो का मापन परायः
अनतररत सतर पर ही वकया जाता ह समान दरी पर वसथत अक ही इस सतर क मापन की ईकाइयॉ
होती ह इन ईकाइयो क साथ जोड़ ि घटान की गावणतीय सवकरयाएा की जा सकती ह इस सतर क
मापन म परम शनय (Absolute Zero) या िासतविक शनय (Real Zero) जसा गणविहीनता को
वयकत करन िाला कोई वबनद नही होता ह वजसक कारण इस सतर क मापन स परापत पररणाम
सापवकषक (Relative) तो होत ह परनत वनरपकष (Absolute) नही होत ह इस सतर पर शनय वबनद
तो हो सकता ह परनत यह आरासी होता ह उदाहरण क वलए यवद कोई छातर गावणत परीकषण पर
शनय अक परापत करता ह तो इसका अवरपराय यह नही ह वक िह छातर गवणत विषय म कछ नही
जानता ह इस शनय का अवरपराय किल इतना ह वक छातर परयकत वकए गए गवणत परीकषण क परशनो
को सही हल करन म पणातया असफल रहा ह परनत िह गवणत क कछ अनय सरल परशनो का सही
हल री कर सकता ह अनतररत मापन स परापत अको क साथ जोड़ तथा घटान की गणनाएा की जा
सकती ह परनत गणा तथा राग की सवकरयाएा करना समरि नही होता ह वशकषा शासतर समाज शासतर
तथा मनोविजञान म परायः अनतररत सतर क मापन का ही परयोग वकया जाता ह
(4) अनपाशिक पमाना (Ratio Scale) यह मापन सिाावरक पररमावजात सतर का मापन ह इस
परकार क मापन म अनतररत मापन क सरी गणो क साथ-साथ परम शनय (Absolute Zero) या
िासतविक शनय (Real Zero) की सकलपना वनवहत रहती ह परम शनय िह वसथवत ह वजस पर कोई
गण पणा रप स अवसतति विहीन हो जाता ह जस लमबाई रार या दरी अनपावतक मापन का
उदाहरण ह कयोवक लमबाई रार या दरी को पणा रप स अवसततिहीन होन की सकलपना की जा
सकती ह अनपावतक मापन की दसरी विशषता इस पर परापत मापो की अनपावतक तलनीयता ह
अनपावतक मापन दवारा परयकत मापन पररणामो को अनपात क रप म वयकत कर सकत ह जबवक
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय7
अनतररत मापन दवारा परापत पररणाम गण क पररणाम क अनपातो क रप म वयकत करन म असमथा होत
ह जस 60 वकलोगराम रार िाल वयवकत को 30 वकलोगराम रार िाल वयवकतयो स दो गना रार िाला
वयवकत कहा जा सकता ह परनत 140 बवद-लवबर िाल वयवकत को 70 बवद-लवबर िाल वयवकत स
दो गना बवदमान कहना तका सगत नही होगा दरअसल तीस-तीस वकलोगराम िाल दो वयवकत रार की
दवि स 60 वकलोगराम िाल वयवकत क समान हो जायग परनत 70 ि 70 बवद-लवबर िाल दो वयवकत
वमलकर री 140 बवद-लवबर िाल वयवकत क समान बवदमान नही हो सकत ह अवरकाश
रौवतकचरो का मापन परायः अनपावतक सतर पर वकया जाता ह
सपि ह वक अनपावतक सतर क मापन म परम शनय या िासतविक शनय वबनद कोई कवलपत
वबनद नही होता ह िरन उसका अवरपराय गण की मातरा का िासतविक रप म शनय होन स होता ह
लमबाई रार दरी जस चरो क मापन क समय हम ऐस शनय वबनद की कलपना कर सकत ह जहाा
लमबाई रार या दरी का कोई अवसतति नही होता ह अनपावतक मापन स परापत पररणामो क साथ
जोड़ घटाना गणा ि राग की चारो मल गवणतीय सवकरयाएा की जा सकती ह
मापन क शवशिनन सििो का िलनातमक अधययन
मापन का सिि
)Level of
Measurement(
नाशमि सिि
)Nominal Level(
करशमि सिि
)Ordinal Level(
अनिरिि सिि
)Interval
Level(
अनपाशिक
सिि )Ratio
Level(
मातरापररणाम
)Magnitude (
नही हाा हाा हाा
समान अनतराल
)Equal
Interval(
नही नही हाा हाा
परम शनय वबनद
)Absolute
Zero(
नही नही नही हाा
सरावय गवणतीय
सवकरयाऐ
)Probable
Mathematical
Operations(
गणना गणना
le ge
+
-
+- xdivide
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मापन पररणामो
की परकवत
)Nature of
Results of
Measurement(
गण क विवरनन पकषो
क आरार पर
समतलय समहो म
िगीकरण
गण की मातरा क
आरार पर छोट ि
बड़ करम म
अवयिवसथत समहो
म िगीकरण
समान
अनतराल पर
वसथत अको
का अनतराल
समान
अनतराल पर
वसथत ऐस
अको का
आिटन
वजसम शनय
का अथा
परम शनय
होता ह
सावखयकीय
परविवरयॉ
)Statistical
Techniques(
आिवत वितरण
)Frequency
Distribution (
बहलाक )Mode(
आिवतत वितरण
बहलाक )Mode( म
धयाक )Median (
चतथााक
)Quartile( दशाक
)Decile (
परवतशताक
)Percentile(
शरणी करम सहसबर
)order -Rank
Correlation(
आिवत
वितरण
)Frequency
Distributio
n ( बहलाक
)Mode (
मधयाक
)Median(
मधयमान
)Mean(
मानक
विचलन
)SD (
गणनफल
आघणा
सहसबर
)Product
Moment
Correlation(
बहलाक
)Mode (
मधयाक
)Median (
मधयमान
)Mean (
हरातमक
माधय
)
Harmonic
Mean (
गणोततर
माधय
)
Geometric
Mean (
आवद
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उदाहरण
)Examples (
विदयावथायो को उनक
वलग रद क आरार
पर छातर ि छातरा क
दो िगो म बॉटना
छातरो को उनकी
योगयता क आरार
पर करम परदान करना
छातरो को
समपरावपत बवद
तथा वयवकतति
परीकषण पर
परापताक परदान
करना
छातरो की
लमबाई तथा
रार आवद
का मापन
करक अक
परदान करना
सवमलयाशकि परशन
ररकत सथान की पवता कीवजए
1 वलग -रद क आरार पर बचचो को लड़क ि लड़वकयो म बॉटना helliphelliphellipमापन का
उदाहरण ह
2 असतत चर को helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellipचर री कहत ह
3 रार ि लमबाई helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellipचर का उदाहरण ह
4 लमबाई क आरार पर छातरो को लमबा औसत या नाटा कहना helliphelliphelliphelliphellipमापन क
उदाहरण ह
5 गवणत योगयता क आरार पर अक परदान करना helliphelliphelliphellipमापन का उदाहरण ह
6 नावमत सतर पर शनय वबनद तो होता ह परनत यह helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellipहोता ह
7 helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellipपमाना सिाावरक पररमावजात सतर का मापन ह
8 छातरो की लमबाई तथा रार आवद का मापन करक अक परदान करना helliphelliphelliphellipसतर का
उदाहरण ह
9 शरणी करम सहसबर का पररकलन helliphelliphelliphelliphelliphellipसतर क पमान पर वकया जा सकता ह
10 रौवतकचरो का मापन परायः helliphelliphelliphelliphelliphelliphellipसतर पर वकया जाता ह
15 आकड़ सगरहण क उपकरण एव तकनीक (Tools and Techniques of Data Collection)
शवकषक शोर म पररमाणातमक ि गणातमक आकड़ो क माधयम स निीन वसदात का वनमााण और
पराचीन वसदात की पवि की जाती ह शोर काया म चरो का विशलषण करन हत आकड़ो का सगरहण
एक जवटल काया होता ह गणातमक आकड़ (Quantitative Data) तथा मातरातमक आकड़
(Qualitative Data) क सगरहण क वलए विवरनन शोर उपकरणो को परयकत वकया जाता ह इन
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आकड़ क सगरहण क वलए परयकत की जान िाली विवरनन तकनीको को पॉच मखय रागो म बॉटा जा
सकता ह य पॉच राग वनमनित ह-
(1) अिलोकन तकनीक (Observation Technique)
(2) सि-आखया तकनीक (Self Report Technique)
(3) परीकषण तकनीक (Testing Technique)
(4) समाजवमतीय तकनीक (Sociometric Technique)
(5) परकषपीय तकनीक (Projective Technique)
इन पॉच तकनीको का सवकषपत िणान सकषप म आग परसतत ह-
1 अिलोकन तकनीकः (Observation Technique) अिलोकन तकनीक स अवरपराय
वकसी वयवकत क वयिहार को दखकर या अिलोवकत करक उसक वयिहार का मापन करन
की पराविवर स ह अिलोकन को वयिवसथत एि औपचाररक बनान क वलए अिलोकन
कताा चक वलसट अिलोकन चाटा मापनी परीकषण एनकडोटल अवरलख आवद उपकरणो
का परयोग कर सकता ह सपि ह वक अिलोकन एक तकनीक क रप म अवरक वयापक ह
जबवक एक उपकरण क रप म इसका कषतर सीवमत रहता ह
(2) सव-आयया िकनीक (Self Report Technique) सि-आखया तकनीक म माप जा रह
वयवकत स ही उसक वयिहार क समबनर म जानकारी पछी जाती ह दसर शबदो म कहा जा सकता ह
वक वयवकत अपन बार म सिय सचना दता ह वजसक आरार पर उसक गणो को अवरवयकत वकया
जाता ह सपि ह वक इस तकनीक म इस बात का मापन नही होता ह वक वयवकत का कया गण ह
बवलक इस बात का मापन होता ह वक वयवकत वकस गणो को सिय म होना बताता ह यह तकनीक
सामावजक बाछनीयता स पररावित पररणाम दता ह वयवकत सामावजक रप स बाछनीय गणो को ही
सिय म बताता ह तथा अिाछनीय गणो को वछपा लता ह परशनािली साकषातकार अवरिवत मापनी
इस तकनीक क वलए परयोग म आन िाल कछ उपकरण ह
(3) पिीकषण िकनीक (Testing Technique) परीकषण तकनीक म वयवकत को वकनही ऐसी
पररवसथवत म रखा जाता ह जो उसक िासतविक वयिहार या गणो को परकट कर द मापनकताा वयवकत
क सममख कछ एसी पररवसथवतयो या समसयाऐ को रखता ह तथा उन पर वयवकत क दवारा की गई
परवतवकरयाओ क आरार पर उसक गणो की मातरा का वनराारण करता ह विवरनन परकार क परीकषण
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जस समपरवत परीकषण बवद परीकषण वनदानातमक परीकषण अवररवच परीकषण मलय परीकषण आवद
इस तकनीक क उदाहरण ह
(4) समाजशमिीय िकनीक (Sociometric Technique) समाजवमतीय तकनीक सामावजक
समबनरो समायोजन ि अनतवकरया क मापन म काम आती ह इस तकनीक म वयवकत अनय
वयवकतयो स वकस परकार क समबनर रखता ह तथा अनय वयवकत उसस कस समबनर रखत ह जस
परशनो पर उनक दवारा वदय गए परतयततरो का विशलषण वकया जाता ह सामावजक गवतशीलता क मापन
क वलए यह सिोततम तकनीक ह
(5)परकषपीय िकनीक (Projective Technique) परकषपीय तकनीक म वयवकत क सममख वकसी
असरवचत उददीपन को परसतत वकया जाता ह तथा वयवकत उस पर परवतवकरया दता ह इस तकनीक की
मानयता यह ह वक वयवकत अपनी पसनद नापसनद विचार दविकोण आिशयकता आवद को अपनी
परवतवकरया म आरोवपत कर दता ह वजनका विशलषण करक वयवकत क गणो को जाना जा सकता ह
रोशा का मवस लकषय परीकषण (Rorschach Ink Blot Test) टी0ए0टी0 (TAT Test) शबद
साहचया परीकषण (Word Association Test) पवता परीकषण (Completion Test) इस तकनीक
क परयोग क कछ परवसद उदाहरण ह
आकड़ सगरशिि किन क उपकिण (Data Gathering Tools) शोर क कषतर म आकड़
सगरवहत वकए जान िाल परमख उपकरणो का वनमनित सचीबद वकया जा सकता ह-
1 अिलोकन (Observation)
2 परीकषण (Test)
3 साकषातकार (Interview)
4 अनसची (Schedule)
5 परशनािली (Questionnaire)
6 वनराारण मापनी (Rating Scale)
7 परकषपीय तकनीक (Projective Techniques)
8 समाजवमवत (Sociometry)
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इन सरी आकड़ सगरवहत वकए जान िाल परमख उपकरणो का सवकषपत िणान परसतत वकया जा रहा ह
तावक इन सरी क विशषताओ क बार म आप अिगत हो सक
151 अवलोकन (Observation)
अिलोकन वयवकत क वयिहार क मापन की अतयनत पराचीन विवर ह वयवकत अपन आस-पास घवटत
होन िाली विवरनन वकरयाओ तथा घटनाओ का अिलोकन करता रहता ह मापन क एक उदाहरण
क रप म अिलोकन का सबर वकसी वयवकत अथिा छातर क बाहय वयिहार को दखकर उसक
वयिहार का िणान करन स ह अिलोकन को मापन की एक िसतवनषठ विवर क रप म सिीकार नही
वकया जाता वफर अनक परकार की पररवसथवतयो म तथा अनक परकार क वयिहार क मापन म इस
विवर का परयोग वकया जाता ह छोट बचचो क वयिहार का मापन करन क वलए यह विवर अतयनत
उपयोगी वसद होती ह छोट बचच मौवखक तथा वलवखत परीकषाओ क परवत जागरक नही होत ह
वजसकी िजह स मौवखक तथा वलवखत परीकषाओ क दवारा उनका मापन करना कवठन हो जाता ह
वयवकतति क गणो का मापन करन क वलए री अिलोकन का परयोग वकया जा सकता ह छोट
बचचो अनपढ वयवकतयो मानवसक-रोवगयो विकलागो तथा अनय राषा-राषी लोगो क वयिहार का
मापन करन क वलए अिलोकन एक मातर उपयोगी विवर ह अिलोकन की सहायता स जञानातमक
रािातमक तथा वकरयातमक तीनो ही परकार क वयिहारो का मापन वकया जा सकता ह
अिलोकन करन िाल वयवकत की दवि स अिलोकन दो परकार का हो सकता ह- सिअिलोकन
(Self Observation) तथा बाहय अिलोकन (External Observation) सिअिलोकन म
वयवकत अपन सिय क वयिहार का अिलोकन करता ह जबवक बाहय अिलोकन म अिलोकनकताा
अनय वयवकतयो क वयिहार का अिलोकन करता ह वनःसनदह सिय क वयिहार का ठीक- ठीक
अिलोकन करना एक कवठन काया होता ह जबवक अनय वयवकतयो क वयिहार को दखना तथा
उसका लखा-जोखा रखना सरल होता ह ितामान समय म परायः अिलोकन स अवरपराय दसर
वयवकतयो क वयिहार क अिलोकन को माना जाता ह
अिलोकन वनयोवजत री हो सकता ह तथा अवनयोवजत री हो सकता ह वनयोवजत अिलोकन
(Planned Observation) वकसी विशष उददशय की पवता क वलय वकया जाता ह इसक विपरीत
अवनयोवजत अिलोकन (Unplanned Observation) वकसी सामानय उददशय की दवि स वकया
जाता ह अिलोकन को परतयकष अिलोकन (Direct Observation) तथा अपरतयकष अिलोकन
(Indirect Observation) क रप म री बॉटा जा सकता ह परतयकष अिलोकन स अवरपराय वकसी
वयिहार को उसी रप म दखना ह जसा वक िह वयिहार हो रहा ह इसम मापनकताा या शोरकताा
वयिहार का अिलोकन सिय करता ह परोकष अिलोकन म वकसी वयवकत क वयिहार क सबर म
अनय वयवकतयो स पछा जाता ह परतयकष अिलोकन दो परकार का हो सकता ह वजनह करमशः
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सहरावगक अिलोकन ( Participant Observation) तथा असहरावगक अिलोकन (Non-
partcipant Observation) कहा जाता ह सहरावगक अिलोकन म अिलोकनकताा उस समह
का अग होता ह वजसका िह अिलोकन कर रहा होता ह जबवक असहरावगक अिलोकन म
अिलोकनकताा समह क वकरया कलापो म कोई राग नही लता ह
अिलोकन को वनयवतरत अिलोकन (Controlled Observation) तथा अवनयवतरत
अिलोकन (Uncontrolled Observation) क रप म री बॉटा जा सकता ह वनयवतरत
अिलोकन म अिलोकनकताा कछ विवशि पररवसथवतयॉ वनवमात करक अिलोकन करता ह जबवक
अवनयवतरत अिलोकन म िासतविक पररवसथवतयो म अिलोकन काया वकया जाता ह वनयवतरत
अिलोकन म वयिहार क असिाराविक हो जान की सरािना रहती ह कयोवक अिलोकन वकया
जान िाला वयवकत सजग हो जाता ह अवनयवतरत अिलोकन म अिलोकन वकए जान िाल सिय क
अिलोकन वकए जान की परायः कोई जानकारी नही होती वजसस िह अपन सिाराविक वयिहार
का परदशान करता ह
152 पिीकषण (Tests)
परीकषण ि उपकरण ह जो वकसी वयवकत अथिा वयवकतयो क वकसी समह क वयिहार का करमबद
तथा वयिवसथत जञान परदान करत ह परीकषण स तातपया वकसी वयवकत को ऐसी पररवसथवतयो म रखन
स ह जो उसक िासतविक गणो को परकट कर द विवरनन परकार क गणो को मापन क वलए विवरनन
परकार क परीकषणो का परयोग वकया जाता ह छातरो की शवकषक उपलवबर जञात करन क वलए
उपलवबर परीकषणो (Achievement Tests) का परयोग वकया जाता ह वयवकतति को जानन क वलए
वयवकतति परीकषण (Personality Tests) का परयोग वकया जाता ह अवरकषमता जञात करन क वलए
अवरकषमता परीकषण (Aptitude Test) का परयोग वकया जाता ह छातरो की कवठनाइयो को जानन
क वलए वनदानातमक परीकषण (Diagnostic Test) का परयोग वकया जाता ह आवद आवद परीकषणो
को अनक ढग स िगीकत वकया जा सकता ह
परीकषण क परकवत क आरार पर परीकषणो को मौवखक परीकषण (Oral Test) वलवखत
परीकषण (Written Test) तथा परायोगातमक परीकषण (Experimental Test) क रप म बॉटा जा
सकता ह मौवखक परीकषा म मौवखक परशनोततर क दवारा छातरो क वयिहार का मापन वकया जाता ह
परीकषक मौवखक परशन ही करता ह तथा परीकषाथी मौवखक रप म ही उनका उततर परदान करता ह सपि
ह वक मौवखक परीकषण क दवारा एक समय म एक ही छातर क गणो को मापा जा सकता ह वलवखत
परीकषण म परशन वलवखत रप म पछ जात ह तथा छातर उनका उततर वलख कर दता ह वलवखत
परीकषणो को एक साथ अनक छातरो क ऊपर परशावसत वकया जा सकता ह उसस कम समय म
अवरक वयवकतयो की योगयताओ का मापन समरि ह परयोगातमक परीकषणो म छातरो को कोई
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परयोगातमक काया करना होता ह तथा उस परयोगातमक काया क आरार पर उनका मापन वकया जाता
ह परायोगातमक परीकषणो को वनषपादन परीकषण री कहा जा सकता ह
परीकषण क परशासन क आरार पर परीकषण को दो रागो वयवकतगत परीकषण (Individual
Test) तथा सामवहक परीकषण (Group Test) म बॉटा जा सकता ह वयवकतगत परीकषण ि परीकषण
ह वजनक दवारा एक समय म किल एक ही वयवकत की योगयता का मापन वकया जा सकता ह इसक
विपरीत सामवहक परीकषण ि परीकषण ह वजनक दवारा एक ही समय म अनक वयवकतयो की वकसी
योगयता का मापन वकया जा सकता ह मौवखक परीकषण तथा वनषपादन परीकषण परायः वयवकतगत
परीकषण क रप म परशावसत वकए जात ह जबवक वलवखत परीकषण परायः सामवहक परीकषण क रप म
परशावसत वकए जात ह
परीकषण म परयकत सामगरी क परसततीकरण क आरार पर री परीकषणो को दो रागो शावबदक
परीकषण (Verbal Test) तथा अशावबदक परीकषण (Nonverbal Test) म बॉटा जा सकता ह
शावबदक परीकषण ि परीकषण ह वजनम परशन तथा उततर वकसी राषा क माधयम स अवरवयकत वकए
जात ह जबवक अशावबदक परीकषण ि परीकषण ह वजनम परशन तथा उततर दोना ही (अथिा किल
उततर) सकतो या वचतरो या वनषपादन आवद राषा रवहत माधयमो की सहायता स परसतत वकए जात ह
परीकषणो म परयकत परशनो क शवकषक उददशयो क आरार पर री परीकषणो क विवरनन परकारो म
बॉटा जा सकता ह यवद परीकषण क अवरकाश परशन किल शवकषक उददशय को मापन कर रह होत ह
तो परीकषण को जञान परीकषण (Knowledge Test) कहा जा सकता ह इसक विपरीत यवद परीकषण
अिबोर का मापन करता ह तो उस बोर परीकषण (Comprehension Test) कहा जाता ह यवद
परीकषण क दवारा मखयतः छातरो क कौशलो का मापन होता ह तो परीकषण को कौशल परीकषण (Skill
Test) कहा जाता ह यवद परीकषण मखयतः नई पररवसथतयो म जञान बोर ि कौशल क अनपरयोग
कषमता का पता लगाता ह तो उस अनपरयोग परीकषण कहा जा सकता ह बोर परीकषण तथा कौशल
परीकषण जहॉ छातरो की योगयता का किल मापन करत ह िही अनपरयोग परीकषण छातरो को पणातया
नई पररवसथवतयो म कया ि कस करना ह वक पररवसथवत उपलबर कराकर उनह सीखन का अिसर री
परदान करत ह इसवलए अनपरयोग परीकषणो को अनतः अवरगम परीकषण री कहा जा सकता ह
परीकषणो की रचना क आरार पर परीकषणो को परमाणीकत परीकषण (Standardised Test) तथा
अपरमापीकत परीकषण (Unstandardised Test) या अधयापक वनवमात परीकषण (Teacher-made
Test) म बॉटा जा सकता ह परमाणीकत परीकषण ि परीकषण ह वजनक परशनो का चयन पद-विशलषण
क आरार पर करत ह और वजनकी विशवसनीयता (Reliability)िरता (Validity) तथा मानक
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(Norms) उपलबर रहत ह अपरमापीकत परीकषण या अधयापक वनवमात परीकषण ि ह वजनह कोई
अधयापक अपनी आिशयकतानसार तातकावलक रप स तयार कर लता ह
परशनो क उततर क फलाकन क आरार पर री परीकषणो को दो रागो वनबनरातमक परीकषण
(Essay type Test) तथा िसतवनषठ परीकषण (Objective Test) म बॉटा जा सकता ह
वनबनरातमक परीकषण ि परीकषण ह वजनम परीकषाथी परशनो का उततर दन क वलए सितनतर होता ह तथा
उस विसतत उततर परदान करना होता ह जबवक िसतवनषठ परीकषाथी को कछ वनवित शबदो या
िाकयाशो की सहायता स ही परशनो क उततर परदान करन होत ह तथा उततर दन म छट कम हो जाती ह
परीकषण क दवारा माप जा रह गण क आरार पर री परीकषणो को अनक रागो म बॉटा जा
सकता ह जस उपलवबर परीकषण(Achievement Test) वनदानातमक परीकषण (Diagnostic
Test) अवरकषमता परीकषण (Aptitude Test) बवद परीकषण (Intelligence Test) रवच
परीकषण (Interest Test) वयवकतति परीकषण (Personality Test) आवद समपरवत परीकषणो की
सहायता स विवरनन विषयो म छातरो का दवारा अवजात योगयता का मापन वकया जाता ह वनदानातमक
परीकषणो की सहायता स विवरनन विषयो म छातरो की कवठनाईयो को जानकर उनह दर करन का
परयास वकया जाता ह बवद परीकषण क दवारा वयवकत की मानवसक योगयताओ का पता चलता ह
अवरकषमता परीकषण विवशि कषतरो म वयवकत की मापी कषमता या योगयता का मापन करत ह रवच
परीकषणो क दवारा छातरो की शवकषक तथा वयािसावयक रवचयो को मापा जाता ह वयवकतति परीकषण
की सहायता स वयवकत क वयवकतति की विशषताओ को जाना जाता ह
परीकषण क परकवत क आरार पर परीकषणो को दो रागो साविाक परीकषण (Omnibus
Test) तथा एकाकी परीकषण (Single Test) म बॉटा जा सकता ह साविाक परीकषण एक साथ
अनक गणो का मापन करता ह जबवक एकाकी परीकषण एक बार म किल एक ही गण या योगयता
का मापन करता ह
परीकषण को परा करन म लगन िाल समय क आरार पर परीकषणो को गवत परीकषण (Speed Test)
तथा सामरथया परीकषण (Power Test) क रप म री बॉटा जा सकता ह गवत परीकषणो म सरल परशन
अवरक सखया म वदय होत ह तथा छातरो दवारा वनवित समय म ही हल वकए गए परशनो की सखया क
आरार पर उनकी परशन हल करन की गवत का मापन वकया जाता ह सामरथया परीकषण म कछ कवठन
परशन वदय होत ह तथा छातरो की परशनो को हल करन की सामरथया का पता लगाया जाता ह
परीकषणो का चयन परीकषण (Selection Test) तथा हटाि परीकषण (Elimination Test) क रप
म री िगीकत वकया जा सकता ह चयन परीकषणो का उददशय वयवकत को सकारातमक पकषो अथिा
शरषठ वबनदओ को सामन लाकर उसक चयन का मागा परशसत करना ह उसक विपरीत हटाि परीकषणो
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
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का उददशय वयवकत क नकारातमक पकषो अथिा कमजोर वबनदओ को जानकर उस चयवनत न करन क
पररािो को परसतत करना होता ह औसत कवठनाई िाला परीकषण परायः चयन परीकषण का काया
करता ह जबवक अतयनत कवठनाई िाल परशनो स यकत परीकषण परायः हटाि परीकषण का काया
समपावदत करता ह
सवमलयाशकि परशन
11 helliphelliphelliphelliphelliphellipपरीकषण ि परीकषण ह वजनक परशनो का चयन पद-विशलषण क आरार पर
करत ह
12 परमाणीकत परीकषण कीhelliphelliphelliphelliphelliphellipिरता (Validity) तथा मानक (Norms)
उपलबर रहत ह
13 helliphelliphelliphelliphellipपरीकषण ि ह वजनह कोई अधयापक अपनी आिशयकतानसार तातकावलक
रप स तयार कर लता ह
14 helliphelliphelliphelliphelliphellipअिलोकन म अिलोकनकताा उस समह का अग होता ह वजसका िह
अिलोकन कर रहा होता ह
15 helliphelliphelliphelliphelliphellipअिलोकन म अिलोकनकताा समह क वकरया कलापो म कोई राग नही
लता ह
16 परकषपीय तकनीक म वयवकत क सममख वकसी helliphelliphelliphelliphelliphelliphellipउददीपन को परसतत वकया
जाता ह तथा वयवकत उस पर परवतवकरया दता ह
153 साकषातकाि (Interview)
साकषातकार वयवकतयो स सचना सकवलत करन का सिाावरक परचवलत सारन ह विवरनन परकार की
पररवसथवतयो म इसका परयोग वकया जाता रहा ह साकषातकार म वकसी वयवकत स आमन सामन
बठकर विवरनन परशन पछ जात ह तथा उसक दवारा वदय गए उततर क आरार पर उसकी योगयताओ का
मापन वकया जाता ह आमन सामन बठकर परतयकष िाताालाप करन क कारण साकषातकार को
परतयकषालाप क नाम स री समबोवरत वकया जाता ह वशकषा ससथाओ म छातरो की शवकषक उपलवबर
का मापन करन क वलए जान िाल साकषातकार को मौवखकी क नाम स पकारा जाता हः-
साकषातकार दो परकार क हो सकत ह य दो परकार करमशः परमाणीकत साकषातकार
(Standardised Interview) तथा अपरमाणीकत साकषातकार (Unstandardised Interview)
ह
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
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परमाणीकत साकषातकार को सरवचत साकषातकार (Structured Interview) री कहत ह इस परकार
क साकषातकार म पछ जान िाल परशनो उनक करम तथा उनकी राषा आवद को पहल स ही वनवित
कर वलया जाता ह इस परकार क साकषातकार म साकषातकारकताा को परशनो क समबनर म कछ (परनत
अतयवरक कम) सितनतरता दी जा सकती ह परनत यह सितनतरता क वलए साकषातकार परशनािली को
पहल स ही सािरानी क साथ तयार कर वलया जाता ह सपितः परमाणीकत साकषातकार म सरी
छातरो म एक स परशन एक ही करम म तथा एक ही राषा म पछ जात ह
अपरमाणीकत सकषातकार को असरवचत साकषातकार (Unstructured Interview) री कहत ह इस
परकार क साकषातकार लोचनीय तथा मकत होत ह यदयवप इस परकार क साकषातकार म पछ जान िाल
परशन काफी सीमा तक मापन क उददशया क ऊपर वनरार करता ह वफर री परशनो का करम उनकी राषा
आवद साकषातकारकताा क ऊपर वनरार करता ह उनम वकसी री परकार क साकषातकार परशनािली का
परयोग नही वकया जाता ह सपितः अपरमाणीकत साकषातकार म विवरनन छातरो स पछ गए परशन वरनन
वरनन हो सकत ह करी करी पररवसथवतयो क अनसार साकषातकार का एक वमवशरत रप अपनाना
पडता ह वजस अरापरमाणीकत साकषातकार (Semi-structured Interview) अथिा अरासरवचत
साकषातकार कहत ह इसम साकषातकारकताा तातकावलक पररवसथवतयो क अनरप वनणाय लकर पिा
वनरााररत परशनो क साथ साथ कछ विकलपातमक परशनो का परयोग कर सकता ह
उददशय क अनरप साकषातकार कई परकार क हो सकत ह जस सचनातमक साकषातकार
(Informative Interview) परामशा साकषातकार(Counselling Interview) वनदानातमक
साकषातकार (Diagnostic Interview) चयन साकषातकार ( Selection Interview) तथा
अनसरान साकषातकार (Reserch Interview) आवद कछ विदवान साकषातकार को औपचाररक
साकषातकार (Formal Interview) तथा अनौपचाररक साकषातकार (Informal Interview) म री
बॉटत ह जबवक कछ विदवान साकषातकार को वयवकतगत साकषातकार (Individual Interview) तथा
सामवहक साकषातकार (Group Interview) म बॉटत ह वयवकतगत साकषातकार म एकबार म किल
एक ही वयवकत का साकषातकार वलया जाता ह जबवक सामवहक साकषातकार म एक साथ कई वयवकतयो
को बठा वलया जाता ह सामवहक साकषातकारो स वयवकत दवारा परशनो क उततरो को शीघरता स दन का
पता चलता ह सामवहक विचार-विमशा री सामवहक साकषातकार का एक परकार ह
परतयकष समपका सथावपत करक सचनाय सकवलत करन की दवि स साकषातकार अनयनत
महतिपणा होता ह साकषातकार क दवारा अनक ऐसी गपत तथा वयवकतगत सचनाय परापत हो सकती ह
जो मापन क अनय उपकरणो स परायः परापत नही हो पाती ह वकसी वयवकत क अतीत को जानन क
अथिा उसक गोपनीय अनरिो की झलक परापत करन क काया म साकषातकार एक उपयोगी रवमका
अदा करता ह बहपकषीय तथा गहन अधययन हत साकषातकार बहत उपयोगी वसद होता ह इसक
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अवतररकत अवशवकषतो तथा बालको स सचना परापत करन की दवि स री साकषातकार अतयनत महतिपणा
होता ह साकषातकार म साकषातकारकताा आिशयकतानसार पररितान कर सकता ह जो अनय मापन
उपकरण म समरि नही होता ह
साकषातकार की समपणा परवकरया को तीन रागो म (1) साकषातकार का परारमर (2) साकषातकार
का मखय राग तथा (3) साकषातकार का समापन म बॉटा जा सकता ह साकषातकार क परारमर म
साकषातकार लन िाला वयवकत साकषातकार दन िाल वयवकत स आतमीयता सथावपत करता ह इसक
वलए साकषातकारकताा को साकषातकार दन िाल वयवकत का सिागत करत हए पररचय परापत करना होता
ह तथा यह विशवास वदलाना होता ह वक उसक दवारा दी गई सचनाय पणातया गोपनीय रहगी
आतमीयता सथावपत हो जान क उपरानत साकषातकार का मखय राग आता ह वजसम िावछत
सचनाओ का सकलन वकया जाता ह
परशन करत समय साकषातकारकताा को धयान रखना चावहए वक (1)परशन करमबद हो (2)परशन सरल ि
सपि हो (3) साकषातकार दन िाल वयवकत को अपनी अवरवयवकत का उवचत अिसर वमल सक तथा
(5) साकषातकार दन िाल वयवकत क दवारा वदय गए उततरो का रया ि सहानरवत क साथ सना जाए
िावछत सचनाओ की परावपत क उपरानत साकषातकार को इस परकार स समापत वकया जाना चावहए वक
साकषातकार दन िाल वयवकत क सतोष का अनरि साकषातकारकताा को हो साकषातकार की समावपत
मरर िातािरण म रनयिाद जञापन क साथ करनी चावहए वकनही बातो क विसमरण की समरािना स
बचन क वलए साकषातकार क साथ-साथ अथिा ततकाल उपरानत मखय बातो का वलख दना चावहए
एि साकषातकार क उपरानत यथाशीघर साकषातकारकताा को अपना परवतिदन तयार कर लना चावहए
154 अनसची (Schedule)
अनसची समक सकलन हत बहतायत स परयकत होन िाला एक मापन उपकरण ह इसका उपयोग
विवरनन परकार की सचनाओ को परापत करन क वलए वकया जाता ह सामानयतः अनसची की पवता
समक सकलन करन िाला वयवकत सिय करता ह अनसरानकताामापनकताा उततरदाता स परशन पछता
ह आिशयकता होन पर परशन को सपि करता ह तथा परापत उततरो को अनसची म अवकत करता जाता
ह परनत करी करी अनसची की पवता उततरदाता स री कराई जाती ह िबसटर क अनसार अनसची
एक औपचाररक सची (Formal List) कटलॉग अथिा सचनाओ की सची होती ह अनसची को
औपचाररक तथा परमाणीकत जॉच कायो म परयकत होन िाली गणनातमक परविवर क रप म सपि
वकया जा सकता ह वजसका उददशय मातरातमक समको को सकलन कर वयिवसथत एि सविराजनक
बनाना होता ह अिलोकन तथा साकषातकार को िसतवनषठ ि परमावणक बनान म अनसवचयॉ सहायक
वसद होती ह य एक समय म वकसी एक बात का अिलोकन या जानकारी परापत करन पर बल दता ह
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वजसक फलसिरप अिलोकन स परापत जानकारी अवरक सटीक होती ह अनसची काफी सीमा तक
परशनािली क समान होती ह तथा इन दोनो म विरद करना एक कवठन काया होता ह अनसवचयॉ
अनक परकार की हो सकती ह जस अिलोकन अनसची(Observation Schedule) साकषातकार
अनसची (Interview Schedule) दसतािज अनसची (Document Schedule) मलयाकन
अनसची (Evaluation Schedule) वनराारण अनसची (Rating Schedule) आवद परनत यहॉ
यह सपि करना उवचत ही होगा वक य अनसवचयॉ परसपर एक दसर स पणातया अपिवजात नही ह
जस साकषातकार अनसची म अिलोकन क आरार पर पवता वकए जान िाल पद री हो सकत ह
अिलोकन अनसची वयवकतयो अथिा समहो की वकरयाओ तथा सामावजक पररवसथवतयो को जानन
क वलए एक समान आरार परदान करती ह इस पराकर की अनसवचयो की सहायता स एक साथ
अनक अिलोकनकताा एकरपता क साथ बड समह स आकड़ सकवलत कर सकत ह
साकषातकार अनसवचयो का परयोग अरा-परमाणीकत तथा परमाणीकत साकषातकारो म वकया
जाता ह य साकषातकार को परमाणीकत बनान म सहायक होती ह
दसतािजो का परयोग वयवकत इवतहासो स समबवनरत दसतािजो तथा अनय सामगरी स समक
सकवलत करन हत वकया जाता ह इस परकार की अनसवचयो म उनही वबनदओपदो को सवममवलत
वकया जाता ह वजनक समबनर म सचनाय विवरनन वयवकत इवतहासो स समान रप स परापत हो सक
अतः अपरारी बचचो क वयवकत इवतहासो का अधययन करन क वलए बनायी गई अनसची म उनही
बातो को सवममवलत वकया जाए गा जो अधययन म सवममवलत सरी बचचो क वयवकत इवतहासो स
जञात हो सकती ह जस अपरार शर करन की आय माता-वपता का वशकषा सतर पररिार का
सामवजक आवथाक सतर अपरारो की परकवत ि आिवत आवद
मलयाकन अनसची (Evaluation Schedule) का परयोग एक साथ अनक सथानो पर सचावलत
समान परकार क कायाकरमो का मलयाकन करन क वलए आिशयक सचनाय सकवलत करन क वलए
वकया जाता ह जस य0जी0सी दवारा अनक विशवविदयालयो म एक साथ सचावलत एकडवमक सटाफ
कॉलज योजना का मलयाकन करन क वलए विवरनन एकडवमक सटाफ कॉलजो क कायाकरम समबनरी
विवरनन सचनाओ को सकवलत करन क वलए मलयाकन अनसची का परयोग वकया जा सकता ह
वनराारण अनसची (Rating Schedule) का परयोग वकसी गण की मातरा का वनराारण करन
अथिा अनक गणो की तलनातमक उपवसथवत को वनरााररत करन क वलए वकया जाता ह वनराारण
अनसची िासति म वनराारण मापनी का ही एक रप ह
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155 परशनावली (Questionnaire)
परशनािली परशनो का एक समह ह वजस उततरदाता क सममख परसतत वकया जाता ह तथा िह उनका
उततर दता ह परशनािली परमाणीकत साकषातकार का वलवखत रप ह साकषातकार म एक एक करक परशन
मौवखक रप म पछ जात ह तथा उनका उततर री मौवखक रप म परापत होता ह जबवक परशनािली परशनो
का एक वयिवसथत सचयन ह परशनािली एक साथ अनक वयवकतयो को दी जा सकती ह वजस कम
समय कम वयय तथा कम शरम म अनक वयवकतयो स परशनो का उततर परापत वकया जा सकता ह
परशनािली तयार करत समय वनमन बातो का धयान रखना चावहए-
(1) परशनािली क साथ मखयपतर अिशय सलगन करना चावहए वजसम परशनािली को परशावसत करन
क उददशय का सपि उललख वकया गया हो
(2) परशनािली क परारमर म आिशयक वनदश अिशय दन चावहए वजनम उततर को अवकत करन की
विवर सपि की गई हो
(3) परशनािली म सवममवलत परशन आकार की दवि स छोट और बोरगमय होन चावहए
(4) परतयक परशन म किल एक ही विचार को परसतत वकया जाना चावहए
(5) परशनािली म परयकत तकनीकीजवटल शबदो क अथा को सपि कर दना चावहए
(6) परशन म एक साथ दहरी नकारातमकता का परयोग नही करना चावहए
(7)परशनो क उततर दन म उततरदाता को सरलता होनी चावहए
(8)परशनािली म सवममवलत परशनो क उततरो का सिरप इस परकार का होना चावहए वक उनका
सखयातमक विशलषण वकया जा सक
(9) परशनािली का आकार बहत अवरक बड़ा नही होना चावहए
परशनािली परतयकष सपका क दवारा री परशावसत की जा सकती ह तथा डाक दवारा रजकर री आिशयक
सचनाय परापत की जा सकती ह उततर परदान करन क आरार पर परशनािली दो परकार की हो सकती ह
य दो परकार परवतबवरत परशनािली तथा मकत परशनािली ह परवतबवरत परशनािली म वदए गए कछ उततरो
म स वकसी एक उततर का चयन करना होता ह जबवक मकत परशनािली म उततरदाता को अपन शबदो म
तथा अपन विचारानकल उततर दन की सिततरता होती ह जब परशनािली म दोनो ही परकार क परशन
होत ह तब उस वमवशरत परशनािली कहत ह
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156 शनधाािण मापनी (Rating Scale)
वनराारण मापनी वकसी वयवकत क गणो का गणातमक वििरण परसतत करती ह वनराारण मापनी की
सहायता स वयवकत म उपवसथत गणो की सीमा अथिा गहनता या आिवत को मापन का परयास वकया
जाता ह वनराारण मापनी म उततर की अवरवयवकत क वलए कछ सकत(अथिा अक) होत ह य सकत
(अथिा अक) कम स अवरक अथिा अवरक स कम क साततय म करमबद रहत ह उततरकताा को
माप जान िाल गण क आरार पर इन सकतो (अथिा अको) म वकसी एक ऐस सकत का चयन
करना होता ह जो छातर म उपवसथत उस गण की सीमा का अवरवयकत कर सक वनराारण मापनी
अनक परकार क हो सकती ह य परकार करमशः चकवलसट (Check List) आवकक
मापनी(Numerical Scale) गरावफक मापनी (Graphical Scale) करवमक मापनी (Ranking
Scale) सथावनक मापनी (Position Scale) तथा बाहय चयन मापनी (Forced-choice Scale)
ह
जब वकसी वयवकत म गण की उपवसथवत या अनपवसथवत का जञान करना होता ह तब
चकवलसट (Check List) का परयोग वकया जाता ह चकवलसट म कछ कथन वदय होत ह जो गण
की उपवसथवत अनपवसथवत को इवगत करत ह वनणाायक को कथनो क सही या गलत होन की
वसथवत को सही या गलत का वचनह लगाकर बताना होता ह वनणाायक क उततरो क आरार पर
वयवकत म मौजद गण की मातरा का पता लगाया जाता ह
आशकक मापनी (Numerical Scale) म वदय गए कथनो क हॉ या नही क रप म उततर
नही होत ह बवलक परतयक कथन क वलए कछ वबनदओ (जस 3 5 या 7 आवद) पर कथन क परवत
परयोजयकताा की सहमवत या असहमवत की सीमा जञात की जाती ह इस परकार स वनणायकताा स
परतयक कथन क परवत उसकी सहमवतअसहमवत की सीमा को जान वलया जाता ह तथा इन सबका
योग करक गण की मातरा को जञात कर वलया जाता ह
गराशिक मापनी (Graphical Scale) िसततः आवकक मापनी क समान होती ह इसम
सहमवतअसहमवत की सीमाओ को कछ वबनदओ स परकट न करक एक कषवतज रखा वजस साततय
कहत ह तथा जो सहमवतअसहमवत क दा छोरो को बताती ह पर वनशाना लगाकर अवरवयकत वकया
जाता ह इन कषवतज रखाओ पर वनणायकताा क दवारा लगाय गए वनशानो की वसथवत क आरार पर गण
की मातरा का जञान हो जाता ह
करशमक मापनी (Ranking Scale) म वनणायकताा स वकसी गण की मातरा क विषय म
जानकारी न लकर उपगणो को करमबद वकया जाता ह वयवकत म उपवसथत गणो की मातरा क आरार
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पर इन गणो को करमबद वकया जाता ह करी-करी इस मापनी की सहायता स विवरनन िसतओ या
गणो क सापवकषक महति को री जाना जाता ह
सथाशनक मापनी (Position Scale) की सहायता स विवरनन िसतओ वयवकतयो या कथनो को
वकसी समह विशष क सदरा म सथानसचक मान जस दशाक या शताक आवद परदान वकए जात ह
बाहय चयन मापनी (Forced-choice Scale) म परतयक परशन क वलए दा या दो स अवरक
उततर होत ह तथा वयवकत को इनम स वकसी एक उततर का चयन अिशय करना पडता ह
157 परकषपीय िकनीक (Projective Technique)
परकषपीय तकनीक की सिाावरक महतिपणा विशषता वयवकत क अचतन पकष का मापक ह परकषपण स
अवरपराय उस अचतन परवकया स ह वजसम वयवकत अपन मलयो दविकोणो आिशयकताओ
इचछाओ सिगो आवद को अनय िसतओ अथिा अनय वयवकतयो क माधयम स अपरोकष ढग स वयकत
करता ह परकषपीय तकनीक म वयवकत क सममख वकसी ऐसी उददीपक पररवसथवत को परसतत वकया
जाता ह वजसम िह अपन विचारो दविकोणो सिगो गणो आिशयकताओ आवद को उस
पररवसथवत म आरोवपत करक अवरवयकत कर द परकषपीय तकनीक म परसतत वकए जान िाल उददीपन
असरवचत परकवत क होत ह तथा इन पर वयवकत क दवारा की गई वकरयाए सही या गलत न होकर
वयवकत की सहज वयाखयाय होती ह परकषपीय तकनीको म वयवकत दवारा दी जान िाली परवतवकरया क
आरार पर उनह पॉच रागो साहचया तकनीक (Association Technique) रचना तकनीक
(Construction Technique) पवता तकनीक (Completion Technique) तथा अवरवयकत
तकनीक (Expression Technique) म बॉटा जा सकता ह
सािचया िकनीक (Association Technique) म वयवकत क सममख कोई उददीपक परसतत वकया
जाता ह तथा वयवकत को उस उददीपक स समबवनरत परवतवकरया दखी होती ह वयवकत क दवारा इस परकार
स परसतत की गई परवतवकरयाओ क विशलषण स उसस वयवकतति को जाना जाता ह उददीपको क
आरार पर साहचया तकनीक कई परकार की हो सकती ह जस शबद साहचया तकनीक वचतर साहचया
तकनीक तथा िाकय साहचया तकनीक म करमशः शबदो वचतरो या िाकयो को परसतत वकया जाता ह
तथा उसक ऊपर वयवकत की परवतवकरया परापत की जाती ह
िचना िकनीक (Construction Technique) म वयवकत क सामन कोई उददीपन परसतत कर
वदया जाता ह तथा उसस कोई रचना बनान क वलए कहा जाता ह वयवकत क दवारा तयार की गई
रचना का विशलषण करक उसक वयवकतति को जाना जाता ह परायः उददीपन क आरार पर कहानी
वलखाकर या वचतर बनाकर इस तकनीक का परयोग वकया जाता ह
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पशिा िकनीक (Completion Technique) म वकसी अररी रचना का उददीपन की तरह स
परसतत वकया जाता ह तथा वयवकत को उस अररी रचना को परा करना होता ह वयवकत क दवारा अररी
रचना म पवता म परयकत वकए जान िाल शबद या रािो को विशलषण कर उसक वयवकतति का अनमान
लगाया जाता ह िाकयपवता या वचतरपवता इस तकनीक क परयोग क कछ ढग ह
करम तकनीक म वयवकत क समकष उददीपन क रप म कछ शबद कथन रािविचार वचतर िसतए
आवद रख दी जाती ह तथा उसस उनह वकसी करम म वयिवसथत करन क वलए कहा जाता हवयवकत क
दवारा बनाए गए करम क विशलषण स उसक समबनर म जानकारी वमलती ह
अवरवयकत तकनीक (Expression Technique) क अनतगात वयवकत को परसतत वकए गए उददीपन
पर अपनी परवतवकरया विसतार स अवरवयकत करनी पड़ती ह वयवकत क दवारा परसतत की गई
अवरवयवकत क विशलषण स उसक वयवकतति ि अनय गणो का पता चल जाता ह
158 समाजशमशि(Sociometry )
यह एक ऐसा वयापक पद ह जो वकसी समह म वयवकत की पसनद अतःवकरया एि समह क गठन
आवद का मापन करन िाल उपकरणो क वलए परयोग म लाया जाता ह दसर शबदो म समाजवमवत
सामावजक पसनद तथा समहगत विशषताओ क मापन की एक विवर ह इस परविवर म वयवकत स
कहा जाता ह वक िह वदए गए क आरार पर एक या एक स अवरक वयवकत का चयन कर जस
ककषा म आप वकस क साथ बठना पसनद करग आप वकसक साथ खलना पसनद करग आप वकस
वमतर बनाना पसनद करग वयवकत इस परकार की एक या दो या तीन या अवरक पसनद बता सकता ह
इस परकार क समाजवमतीय परशनो क वलए परापत उततरो स तीन परकार का समाजवमतीय विशलषण
(Sociometric Analysis) समाजवमतीय मविकस (Sociometric Matrix) सोवशयोगारम
(Sociogram) तथा समाजवमतीय गणाक (Sociometric Coefficient) वकया जा सकता ह
समाजवमतीय मविकस म समह क सरी छातरो क दवारा इवगत की गई पसनद को अथिा समह की
सामावजक वसथवत को अको क रप म वयकत वकया जाता ह समाजवमतीय गणाक क अनक परकार
हो सकत ह
सवमलयाशकि परशन
17 helliphelliphelliphelliphelliphelliphellipसामावजक पसनद तथा समहगत विशषताओ क मापन की एक विवर
ह
18 परकषपीय तकनीक की सिाावरक महतिपणा विशषता वयवकत क helliphelliphelliphelliphellipपकष का
मापक ह
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19 helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellipपरमाणीकत साकषातकार का वलवखत रप ह
20 helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellipकी पवता समक सकलन करन िाला वयवकत सिय करता ह
16 साराश आकड़ दो परकार क यथा गणातमक आकड़ (Quantitative Data) तथा मातरातमक आकड़
(Qualitative Data) होत ह
गणातमक आकड़ (Qualitative Data) गणातमक आकड़ गण क विवरनन परकारो को इवगत
करत ह गणातमक आकड़ गणातमक चरो स समबवनरत होत ह उनक आरार पर समह को कछ
सपि िगो या शरवणयो म बॉटा जा सकता ह परतयक वयवकत इनम स वकसी एक िगा या शरणी का
सदसय होता ह
मातरातमक आकड़ (Quantitative Data) चर क गणो की मातरा को मातरातमक आकड़ो क
माधयम स वयकत वकया जाता ह इन आकड़ो का सबर मातरातमक चरो पर समह क विवरनन वयवकत
वरनन-वरनन मातरा म मान परापत कर सकत ह
सिि आकड़ सतत आकड़ ि आकड़ ह वजनक वलए वकनही री दो मानो क बीच का परतयक मान
रारण करना सरि होता ह
असिि आकड़ असतत आकड़ ि आकड़ ह वजनक वलए वकनही री दो मानो क बीच का परतयक
मान रारण करना सरि नही होता ह
मापन की यथाथाता क आरार पर मापन क चार सतर होत ह य चार सतर (1) नावमत सतर
(Nominal Level) (2) करवमत सतर (Ordinal Level) (3) अनतररत सतर (Interval
Level) तथा (4) आनपावतक सतर (Ratio Scales) ह मापन क इन चार सतरो को मापन क चार
पमान अथाात नावमत पमाना(Nominal Scale) करवमत पमाना (Ordinal Scale) अनतररत
पमाना (Interval Scale) तथा अनपाती पमाना ((Ratio Scale) री कहा जाता ह
नाशमि पमाना (Nominal Scale) यह सबस कम पररमावजात सतर का मापन ह इस परकार का
मापन वकसी गण अथिा विशषता क नाम पर आराररत होता ह इसम वयवकतयो अथिा िसतओ को
उनक वकसी गण अथिा विशषता क परकार क आरार पर कछ िगो अथिा समहो म विरकत कर
वदया जाता ह
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय25
करशमि पमाना (Ordinal Scale) यह नावमत मापन स कछ अवरक पररमावजात होता ह यह
मापन िासति म गण की मातरा क आकार पर आरररत होता ह इस परकार क मापन म वयवकतयो
अथिा िसतओ को उनक वकसी गण क मातरा क आरार पर कछ ऐस िगो म विरकत कर वदया जाता
ह वजनम एक सपि अनतवनावहत करम वनवहत होता ह
अनिरिि पमाना (Interval Scale) यह नावमत ि करवमत मापन स अवरक पररमावजात होता ह
अतररत मापन गण की मातरा अथिा पररमाण पर आराररत होता ह इस परकार क मापन म वयवकतयो
अथिा िसतओ म विदयमान गण की मातरा को इस परकार ईकाइयो क दवारा वयकत वकया जाता ह वक
वकनही दो लगातार ईकाइयो म अनतर समान रहता ह
अनपाशिक पमाना (Ratio Scale) यह मापन सिाावरक पररमावजात सतर का मापन ह इस परकार
क मापन म अनतररत मापन क सरी गणो क साथ-साथ परम शनय (Absolute Zero) या
िासतविक शनय (Real Zero) की सकलपना वनवहत रहती ह
आकड़ क सगरहण क वलए परयकत की जान िाली विवरनन तकनीको को पॉच मखय रागो म बॉटा जा
सकता ह य पॉच राग वनमनित ह-
(1) अिलोकन तकनीक (Observation Technique)
(2) सि-आखया तकनीक (Self Report Technique)
(3) परीकषण तकनीक (Testing Technique)
(4) समाजवमतीय तकनीक (Sociometric Technique)
(5) परकषपीय तकनीक (Projective Technique)
अवलोकन अिलोकन वयवकत क वयिहार क मापन की अतयनत पराचीन विवर ह वयवकत अपन
आस-पास घवटत होन िाली विवरनन वकरयाओ तथा घटनाओ का अिलोकन करता रहता ह मापन
क एक उदाहरण क रप म अिलोकन का सबर वकसी वयवकत अथिा छातर क बाहय वयिहार को
दखकर उसक वयिहार का िणान करन स ह
पिीकषण परीकषण ि उपकरण ह जो वकसी वयवकत अथिा वयवकतयो क वकसी समह क वयिहार का
करमबद तथा वयिवसथत जञान परदान करत ह परीकषण स तातपया वकसी वयवकत को ऐसी पररवसथवतयो
म रखन स ह जो उसक िासतविक गणो को परकट कर द विवरनन परकार क गणो को मापन क वलए
विवरनन परकार क परीकषणो का परयोग वकया जाता ह
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय26
साकषातकाि साकषातकार वयवकतयो स सचना सकवलत करन का सिाावरक परचवलत सारन ह
विवरनन परकार की पररवसथवतयो म इसका परयोग वकया जाता रहा ह साकषातकार म वकसी वयवकत स
आमन सामन बठकर विवरनन परशन पछ जात ह तथा उसक दवारा वदय गए उततर क आरार पर उसकी
योगयताओ का मापन वकया जाता ह
अनसची अनसची समक सकलन हत बहतायत स परयकत होन िाला एक मापन उपकरण ह
इसका उपयोग विवरनन परकार की सचनाओ को परापत करन क वलए वकया जाता ह सामानयतः
अनसची की पवता समक सकलन करन िाला वयवकत सिय करता ह अनसरानकताामापनकताा
उततरदाता स परशन पछता ह आिशयकता होन पर परशन को सपि करता ह तथा परापत उततरो को अनसची
म अवकत करता जाता ह
परशनावली परशनािली परशनो का एक समह ह वजस उततरदाता क सममख परसतत वकया जाता ह तथा
िह उनका उततर दता ह परशनािली परमाणीकत साकषातकार का वलवखत रप ह साकषातकार म एक एक
करक परशन मौवखक रप म पछ जात ह तथा उनका उततर री मौवखक रप म परापत होता ह जबवक
परशनािली परशनो का एक वयिवसथत सचयन ह
शनधाािण मापनी वनराारण मापनी वकसी वयवकत क गणो का गणातमक वििरण परसतत करती ह
वनराारण मापनी की सहायता स वयवकत म उपवसथत गणो की सीमा अथिा गहनता या आिवत को
मापन का परयास वकया जाता ह वनराारण मापनी म उततर की अवरवयवकत क वलए कछ सकत(अथिा
अक) होत ह य सकत (अथिा अक) कम स अवरक अथिा अवरक स कम क साततय म करमबद
रहत ह
परकषपीय िकनीक परकषपीय तकनीक की सिाावरक महतिपणा विशषता वयवकत क अचतन पकष का
मापक ह परकषपण स अवरपराय उस अचतन परवकया स ह वजसम वयवकत अपन मलयो दविकोणो
आिशयकताओ इचछाओ सिगो आवद को अनय िसतओ अथिा अनय वयवकतयो क माधयम स
अपरोकष ढग स वयकत करता ह
परकषपीय तकनीको म वयवकत दवारा दी जान िानी परवतवकरया क आरार पर उनह पॉच रागो साहचया
तकनीक (Association Technique) रचना तकनीक (Construction Technique) पवता
तकनीक (Completion Technique) तथा अवरवयकत तकनीक (Expression Technique) म
बॉटा गया ह
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समाजशमशि यह एक ऐसा वयापक पद ह जो वकसी समह म वयवकत की पसनद अतःवकरया एि
समह क गठन आवद का मापन करन िाल उपकरणो क वलए परयोग म लाया जाता ह दसर शबदो म
समाजवमवत सामावजक पसनद तथा समहगत विशषताओ क मापन की एक विवर ह
17 शबदावली गणातमक आकड़ (Qualitative Data) गणातमक आकड़ गण क विवरनन परकारो को इवगत
करत ह गणातमक आकड़ गणातमक चरो स समबवनरत होत ह उनक आरार पर समह को कछ
सपि िगो या शरवणयो म बॉटा जा सकता ह परतयक वयवकत इनम स वकसी एक िगा या शरणी का
सदसय होता ह
मातरातमक आकड़ (Quantitative Data) चर क गणो की मातरा को मातरातमक आकड़ो क
माधयम स वयकत वकया जाता ह इन आकड़ो का सबर मातरातमक चरो पर समह क विवरनन वयवकत
वरनन-वरनन मातरा म मान परापत कर सकत ह
सिि आकड़ सतत आकड़ ि आकड़ ह वजनक वलए वकनही री दो मानो क बीच का परतयक मान
रारण करना सरि होता ह
असिि आकड़ असतत आकड़ ि आकड़ ह वजनक वलए वकनही री दो मानो क बीच का परतयक
मान रारण करना सरि नही होता ह
नाशमि पमाना (Nominal Scale) सबस कम पररमावजात सतर का मापन इसम वयवकतयो
अथिा िसतओ को उनक वकसी गण अथिा विशषता क परकार क आरार पर कछ िगो अथिा
समहो म विरकत कर वदया जाता ह
करशमि पमाना (Ordinal Scale) इस परकार क मापन म वयवकतयो अथिा िसतओ को उनक
वकसी गण क मातरा क आरार पर कछ ऐस िगो म विरकत कर वदया जाता ह वजनम एक सपि
अनतवनावहत करम वनवहत होता ह
अनिरिि पमाना (Interval Scale) नावमत ि करवमत मापन स अवरक पररमावजात अतररत
मापन गण की मातरा अथिा पररमाण पर आराररत होता ह इस परकार क मापन म वयवकतयो अथिा
िसतओ म विदयमान गण की मातरा को इस परकार ईकाइयो क दवारा वयकत वकया जाता ह वक वकनही दो
लगातार ईकाइयो म अनतर समान रहता ह
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अनपाशिक पमाना (Ratio Scale) सिाावरक पररमावजात सतर का मापन इस परकार क मापन म
अनतररत मापन क सरी गणो क साथ-साथ परम शनय (Absolute Zero) या िासतविक शनय
(Real Zero) की सकलपना वनवहत रहती ह
अवलोकन अिलोकन का सबर वकसी वयवकत अथिा छातर क बाहय वयिहार को दखकर उसक
वयिहार का िणान करन स ह
पिीकषण परीकषण स तातपया वकसी वयवकत को ऐसी पररवसथवतयो म रखन स ह जो उसक िासतविक
गणो को परकट कर द विवरनन परकार क गणो को मापन क वलए विवरनन परकार क परीकषणो का
परयोग वकया जाता ह
साकषातकाि साकषातकार म वकसी वयवकत स आमन सामन बठकर विवरनन परशन पछ जात ह तथा
उसक दवारा वदय गए उततर क आरार पर उसकी योगयताओ का मापन वकया जाता ह
अनसची एक मापन उपकरण वजसका उपयोग विवरनन परकार की सचनाओ को परापत करन क
वलए वकया जाता ह सामानयतः अनसची की पवता समक सकलन करन िाला वयवकत सिय करता ह
परशनावली परशनािली परशनो का एक समह ह वजस उततरदाता क सममख परसतत वकया जाता ह
परशनािली परशनो का एक वयिवसथत सचयन ह
शनधाािण मापनी वनराारण मापनी वकसी वयवकत क गणो का गणातमक वििरण परसतत करती ह
इसकी सहायता स वयवकत म उपवसथत गणो की सीमा अथिा गहनता या आिवत को मापन का
परयास वकया जाता ह
परकषपीय िकनीक वयवकत क अचतन पकष का मापक ह परकषपण स अवरपराय उस अचतन परवकया
स ह वजसम वयवकत अपन मलयो दविकोणो आिशयकताओ इचछाओ सिगो आवद को अनय
िसतओ अथिा अनय वयवकतयो क माधयम स अपरोकष ढग स वयकत करता ह
समाजशमशि समह म वयवकत की पसनद अतःवकरया एि समह क गठन आवद का मापन करन िाला
उपकरण समाजवमवत सामावजक पसनद तथा समहगत विशषताओ क मापन की एक विवर ह
18 सवमलयाककत परशनो क उततर 2 नावमत 2 खवणडत 3 सतत 4 करवमत 5 अनतररत 6 आरासी 7 अनपावतक 8
अनपावतक 9 करवमत 10 अनपावतक 11 परमाणीकत 12 विशवसनीयता
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उततराखणड मकत विशवविदयालय29
(Reliability) 13 अपरमापीकत 14 सहरावगक 15 असहरावगक 16 असरवचत
17 समाजवमवत 18 अचतन 19 परशनािली 20 अनसची
19 सदरभ गरनथ सची पाठय सामगरी 1 Best John W amp Kahn (2008) Research in Education New Delhi
PHI
2 Good Carter V (1963) Introduction to Educational Research New
York Rand Mc Nally and company
3 Koul Lokesh (2002) Methodology of Educational Research New
Delhi Vikas Publishing Pvt Ltd
4 Karlinger Fred N (2002) Foundations of Behavioural Research
New Delhi Surjeet Publications
5 Tuckman Bruce W (1978) Conducting Educational Research New
York Harcout Bruce Jovonovich Inc
6 Van Dalen Deo Bold V (1979) Understanding Educational
Research New York MC Graw Hill Book Co
7 वसह ए०क० (2007) मनोविजञान समाजशास तर तथा वशकषा म शोर विवरयॉ नई
वदल ली मोतीलाल बनारसी दास
8 गप ता एस०पी० (2008) मापन एि मल याकन इलाहाबाद शारदा पवबलकशन
9 शमाा आर०ए० (2001) वशकषा अनसरान क मल तत ि एि शोर परवकरया मरठ
आर०लाल० पवबलकशनस
10 राय पारसनाथ (2001) अनसरान पररचय आगरा लकष मी नारायण अगरिाल
पवबलकशनस
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उततराखणड मकत विशवविदयालय30
110 तनबधातमक परशन 1 आकड़ो क परकारो का िणान कीवजए
2 मापन क चारो पमानो की विशषताओ की व याख या कीवजए
3 मापन क चारो पमानो यथा नावमत सतर करवमत सतर अनतररत सतर तथा आनपावतक सतर म विरद कीवजए
4 आकड़ सगरहण क वलए परयकत की जान िाली विवरनन तकनीको को िगीकत कर
उनका िणान कीवजए
5 आकड़ (Qualitative Data) सगरहण हत विवरनन शोर उपकरणो की व याख या
कीवजए
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उततराखणड मकत विशवविदयालय31
इकाई सखया02 शोध उपकरणो क तनमाभण क सामानय मसदधात व शोध आकड़ो की ववशवसनीयता व वधता तथा इनस समबधधत अनय मदद (General Principles of the Construction of
Research Tools and Reliability and Validity
of Scores and other related Issues)
इकाई की रपरखा
21 परसतािना
22 उददशय
23 शोर उपकरणो क वनमााण क सामानय वसदात
24 परीकषण की योजना
25 एकाश लखन
26 परीकषण का परारवमरक वकरयान ियन या परयोगात मक वकरयान ियन
27 परीकषण की विश िसनीयता
271 विश िसनीयता (Reliability) का अथा
272 विश िसनीयता की विशषताए
273 विश िसनीयता जञात करन की विवरयॉ
274 विश िसनीयता को पररावित करन िाल कारक
275 मापन की मानक तरवट तथा परीकषण की विश िसनीयता
28 परीकषण की िरता का अथा
281 िरता की विशषताए
282 िरता क परकार
283 िरता जञात करन की विवरयॉ
284 िरता को पररावित करन िाल कारक
285 विशवसनीयता तथा िरता म सबर
29 परीकषण का मानक
210 मन यअल तयार करना तथा परीकषण का पनरत पादन करना
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उततराखणड मकत विशवविदयालय32
211 साराश
212 शबदािली
213 सिमलयावकत परशनो क उततर
214 सदरा गरनथ सची पाठय सामगरी
215 वनबरातमक परशन
21 परसतावना शोर आकड़ो क सकलन क वलय बहत सार शोर उपकरणो को परयोग म लाया जाता ह अवरकाश
शवकषक अनसरानो म आकड़ो क सकलन या तो परमावणत परीकषणो क दवारा या सिय वनवमात
अनसरान-उपकरणो क दवारा वकया जाता ह इसस िसतवनषठ आकड़ परापत होत ह वजसक दवारा सही
शोर वनषकषा तक पहचा जा सकता ह परदततो का सकलन परशनािली वनरीकषण साकषातकार
परीकषण तथा अनक अनय परविवरयो दवारा वकया जाता ह इन शोर उपकरणो क वनमााण हत
िजञावनक सोपानो का अनसरण वकया जाता ह तावक इनक दवारा परापत आकड़ की विशवसनीयता ि
िरता बनी रह परसतत इकाई म आप इन शोर उपकरणो क वनमााण क सामानय वसदात ि शोर
आकड़ो की विशवसनीयता ि िरता तथा इनस समबवरत अनय मदद का बहत रप स अधययन करग
22 उददशय
इस इकाई क अध ययनोपरात आप-
bull शोर उपकरणो क वनमााण क सामानय वसदातो को सपि कर सक ग
bull शोर उपकरणो क वनमााण क परमख पदो को नामावकत कर सक ग
bull शोर उपकरणो क वनमााण क परमख पदो का िणान कर सक ग
bull विशवसनीयता की परकवत को बता पाएग
bull िरता क सपरत यय की व याख या कर सक ग
bull विशवसनीयता ि िरता क मधय सबरो की वयाखया कर सक ग
bull विशवसनीयता को पररावित करन िाल कारक की वयाखया कर सक ग
bull िरता को पररावित करन िाल कारक की वयाखया कर सक ग
bull विशवसनीयता क परकारो का िणान कर सक ग
bull िरता क परकारो का िणान कर सक ग
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उततराखणड मकत विशवविदयालय33
23 शोध उपकरणो क तनमाभण क सामानय मसदधात (
General Principles of the Construction of
Research Tools)
वयािहाररक विजञान क विषयो जस मनोविजञान (Psychology) समाजशासतर ि वशकषा
(education) क शोर क वनषकषा की विशवसनीयता ि िरता शोर उपकरणो यथा परशनािली
वनरीकषण साकषातकार परीकषण तथा अनक अनय परविवरयो पर वनरार करता ह शोर उपकरणो क
अराि म वयािहाररक विजञान स सबवरत विषयो म अथापणा ढग स शोर नही वकया जा सकता ह
अत यह आिश यक ह वक आप उन सरी परमख चरणो (Steps) स अिगत हो वजनक माध यम स
एक शवकषक शोर उपकरण का वनमााण वकया जाता ह यहाा सविरा क वलए शवकषक शोर उपकरण
क रप म परीकषण (test) वनमााण क परमख चरणो (Steps) को सपि वकया गया ह इसक अवतररकत
अनय शवकषक शोर उपकरणो क वनमााण म री यही सामानय वसदात को धयान म रखा जाता ह
शवकषक शोर उपकरण क रप म परीकषण (test) वनमााण क परमख चरणो (Steps) को वनम नावकत
सात रागो म बॉटा गया ह-
1 परीकषण की योजना (Planning of the test)
2 एकाश ndash लखन (Item writing)
3 परीकषण की परारवमरक वकरयान ियन या परयोगात मक वकरयान ियन (Preliminary
tryout or Experimental tryout of the test)
4 परीकषण की विश िसनीयता (Reliability of the test)
5 परीकषण की िरता (Validity of the test)
6 परीकषण का मानक (Norms of the test)
7 परीकषण का मन यअल तयार करना एि पनरत पादन करना (Preparation of
manual and reproduction of test)
शवकषक शोर उपकरण क रप म परीकषण (test) वनमााण क परमख चरणो (Steps) की व याख या
वनम नावकत ह-
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उततराखणड मकत विशवविदयालय34
24 परीकषण की योजना (Planning of the test) वकसी री मनोविजञावनक या शवकषक परीकषण क वनमााण (Construction) म सबस पहला कदम एक
योजना (Planning) बनाना होता ह इस चरण म परीकषणकताा (Test constructor) कई बातो का
धयान रखता ह जस िह यह वनवित करता ह वक परीकषण का उददशय (Objectives) क या ह इसम
एकाशो (Items) की सख या वकतनी होनी चावहए एकाश (item) का स िरप (nature) अथाात उस
िस तवनष ठ (objective) या आत मवनष ठ (subjective) होना चावहए वकस परकार का वनदश
(instruction) वदया जाना चावहए परवतदशा (sampling) की विवर क या होनी चावहए परीकषण की
समय सीमा (time limit) वकतनी होनी चावहए सावखयकीय विश लषण (Statistical analysis)
कस की जानी चावहए आवद-आवद इस चरण म परीकषण वनमााता (test constructor) इस बात का
वनणाय करता ह वक परीकषण वनमााण हो जान क बाद िह वकतनी सखया म उस परीकषण का वनमााण
करगा
25 एकाश लखन (Item writing) परीकषण की योजना तयार कर लन क बाद परीकषण वनमााता (test constructor) एकाशो (items)
को वलखना परारर कर दता ह बीन (Bean 1953) क शब दो म एकाश एक ऐसा परश न या पद होता
ह वजस छोटी इकाईयो म नही बॉटा जा सकता ह
एकाश-लखन (item writing) एक कला (art) ह ऐस तो उत तम एकाश वलखन क वलए कोई
वनवित वनयम नही ह वफर री एकाश-लखन बहत हद तक परीकषण वनमााणकताा क कल पना
अनरि सझ अभ यास आवद कारको पर वनरार करता ह इसक बािजद री शोरकतााओ न
कछ ऐस अपवकषत गणो (requisites) की चचाा की ह वजसस शोरकताा को उपयक त एकाश
(appropriate items) वलखन म मदद वमलती ह ऐस कछ अपवकषत गणो (requisites)
वनम नित ह ndash
i एकाश-लखक (item writer) को विषय-िस त (Subject-Matter) का पणा जञान होना
चावहए दसर शब दो म वजस कषतर म परीकषण का वनमााण वकया जा रहा ह उस उस कषतर क
सरी तरथ यो (facts) वनयमो भावतयो (fallacies) का पणाजञान होना चावहए
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय35
ii एकाश-लखक (item writer) को उन व यवकतयो क व यवकतत ि स पणात िावकफ होना
चावहए वजनक वलए परीकषण का वनमााण वकया जा रहा ह इन व यवकतयो की कषमताओ
रझानो आवद स अिगत रहन पर एकाश लखक (item writer) क वलए उनक मानवसक
स तर क अनरप एकाश वलखना सरि हो पाता ह
iii एकाश लखक (item writer) को एकाश (items) क विवरन न परकारो (types) जस
आत मवनष ठ परकार (subjective type) िस तवनष ठ परकार (objective type) तथा वफर
िस तवनष ठ परकार क कई उप परकार (subtype) जस वदविकवलपक एकाश (two
alternative item) तथा बहविकल पी एकाश (Multiple choice item) जस वमलान
एकाश (matching) आवद क लार एि हावनयो स पणात अिगत होना चावहए
iv एकाश-लखक (item writer) का शब दकोष (Vocabulary) बड़ा होना चावहए िह
एक ही शब द क कई अथा स अिगत हो तावक एकाश लखन (item writing) म वकसी
परकार की कोई सम भावनत (Confusion) नही हो
v एकाश-लखन कर लन क बाद एकाशो (items) को विशषजञो (experts) क एक समह
को सपदा कर दना चावहए उनक दवारा की गई आलोचनाओ (criticism) एि वदए गए
सझािो (suggestions) क आलोक म एकाश क स िरप म या सरचना (structure) म
यथासरि पररितान कर लना चावहए
vi एकाश-लखक म कल पना करन की शवकत (Imaginative power) की परचरता होनी
चावहए
26 परीकषण का परारममरक ककरयान वयन या परयोगात मक ककरयान वयन (Preliminary tryout of Experimental tryout of the test)
शवकषक शोर परीकषण क वनमााण म तीसरा महत िपणा कदम परीकषण क परारवरक वकरयान ियन
(Preliminary tryout) का होता ह वजस परयोगात मक वकरयान ियन (experimental
tryout) री कहा जाता ह जब परीकषण क एकाशो (items) की विशषजञो (experts) दवारा
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय36
आलोचनात मक परख कर ली जाती ह तो इसक बाद उसका कछ व यवकतयो पर वकरयान ियन
(administer) वकया जाता ह ऐस वकरयान ियन को परयोगात मक वकरयान ियन कहा जाता ह
ऐस परयोगात मक वकरयान ियन की सफलता क वलए यह अवनिाया ह वक चन गए व यवकतयो
का परवतदशा (sample) का स िरप (nature) ठीक िसा ही हो वजसक वलए परीकषण
बनाया जा रहा हो कोनरड (Conrad 1951) क अनसार परारवमरक वकरयान ियन
(Preliminary tryout) कछ खास-खास उददश यो की पवता क वलए वकया जाता ह इन
उददश यो म वनम नावकत पररान ह-
i एकाशो म यवद कोई असपष टता अपयााप तता (inadequacies) अथाहीनता आवद रह गई
हो तो इसका आसानी स पता परावमरक वकरयान ियन (Preliminary tryout) स कर
वलया जाता ह
ii इसस परत यक एकाश की कवठनता स तर (Difficulty value) का पता चल जाता ह
परतयक एकाश पर वजतन वयवकतयो दवारा सही उततर वदया जाता ह उसका अनपात
(proportion) ही एकाश की कवठनता स तर (difficulty level) होता ह
iii इसस परत यक एकाश (item) की िरता (validity) का पता री लग जाता ह एकाश की
िरता स तात पया उत तम व यवकतयो (superior individual) तथा वनम न व यवकतयो
(inferior individual) म विरद करन की कषमता स होता ह यही कारण ह वक इस
एकाश (item) का विरदी सचकाक (discriminatory index) री कहा जाता ह
iv इसस परीकषण की समय सीमा वनरााररत करन म मदद वमलती ह
v परीकषण को उपयक त लम बाई (Length) वनयत करन म मदद वमलती ह
vi परारवरक वकरयान ियन (Preliminary tryout) क आरार पर एकाशो (items) क बीच
अन तरसहसबर (inter correlation) जञात करन म री मदद वमलती ह
vii परीकषण को साथ वदय जान िाल मानक वनदश (Standard instruction) की अस पष टता
अथाहीनता यवद कोई हो आवद की जॉच म री इसस मदद वमलती ह
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परारवमरक वकरयान ियन (Preliminary tryout) दवारा इन विवरन न तरह क उददश यो की
पवता क वलए कोनरोड (Conrad 1951) न कम स कम तीन बार परीकषण को नय-नय परवतदशा
(sample) पर वकरयान ियन (administer) करन की वसफाररश की ह पहल वकरयान ियन क
वलए व यवकतयो की सख या 20 स कम नही होनी चावहए इस पराक-वकरयान ियन (pre-tryout)
कहा जाता ह वजसका उददशय एकाशो तथा वनदश (instruction) म वछपी वकसी तरह क
अस पष टता (vagueness) का पता लगाना होता ह दसर वकरयान ियन (second tryout) क
वलए व यवकतयो की सख या 400 क करीब या कम स कम 370 अिश य होनी चावहए इस खास
वकरयान ियन (tryout proper) कहा जाता ह इसका उददशय एकाश विश लषण (item
analysis) क वलए ऑकड़ इकटठा करना होता ह एकाश विश लषण करन स परीकषण वनमााता
(test constructor) को अन य बातो क अलािा परत यक एकाश क बार म दो तरह क
सचकाक (indices) का पता चल जाता ह ndashकशिनाई सचकाक (difficulty index) तथा
शविद सचकाक (discrimination index) कवठनाई सचकाक स यह पता चल जाता ह
वक एकाश व यवकत क वलए कवठन ह या हल का ह तथा विरदन सचकाक स यह पता चल जाता
ह वक कहॉ तक एकाश उत तम व यवकतयो और वनम न व यवकतयो म अन तर कर रहा ह इन दोनो
महत िपणा सचकाक क अलािा एकाश विश लषण (item analysis) दवारा परत यक एकाश क
उत तर क रप म वदए गए कई विकल पो (alternatives) की पररािशीलता (effectiveness)
का री पता चल जाता ह तीसरा वकरयान ियन (third tryout) कछ व यवकतयो पर इस उददशय
स वकया जाता ह वक अन त म उन तरवटयो (errors) या अस पष टता दर कर ली जाए जो परथम दो
वकरयान ियनो म री दर नही हो सक थ
इस तरह स यह तीसरा वकरयान ियन एक तरह का डरस ररहसाल (dress rehearsal) का काया
करता ह
एकाश विश लषण (item analysis) कर लन क बाद परीकषण अपन अवतम रप
(final form) म आ जाता ह अकसर दखा गया ह वक एकाश विश लषण क बाद िस एकाश
अपन आप छाट जात ह जो परीकषण क उददश यो क अनरप नही होत ह इसका मतलब यह
हआ वक एकाश विश लषण क बाद परीकषण की लबाई (length) कम हो जाती ह
सवमलयाशकि परशन
1 स तात पया उत तम व यवकतयो (superior individual)
तथा वनम न व यवकतयो (inferior individual) म विरद करन की कषमता स होता
ह
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2 एकाश की िरता को एकाश (item) का री कहा जाता ह
3 स यह पता चल जाता ह वक एकाश व यवकत क वलए कवठन ह या हल का ह
4 स यह पता चल जाता ह वक कहॉ तक एकाश उत तम व यवकतयो और वनम न व यवकतयो म अन तर कर रहा ह
5 एक ऐसा परश न या पद होता ह वजस छोटी इकाईयो म नही बॉटा जा सकता ह
27 परीकषण की ववश वसनीयता (Reliability of the test)
शवकषक परीकषण वनमााण करन म यह चौथा महत िपणा चरण ह जहॉ परीकषण की विश िसनीयता
(reliability) जञात वकया जाता ह विश िसनीयता स तात पया परीकषण पराप ताक (test scores) की
सगवत (consistency) स होता ह इस सगवत म कावलक सगवत (temporal constancy) तथा
आतररक सगवत (internal consistency) दोनो ही शावमल होत ह
271 ववश वसनीयता (Reliability) का अथभ परीकषण की विश िसनीयता का सबर उसस वमलन िाल पराप ताको म स थावयत ि स ह परीकषण की
lsquoविश िसनीयताrsquo का सबर lsquoमापन की चर तरवटयोrsquo स ह परीकषण की यह विशषता बताती ह वक
परीकषण वकस सीमा तक चर तरवटयो स मक त ह विश िसनीयता का शावबदक अथा विश िास करन की
सीमा स ह अत विश िसीयता परीकषण िह परीकषण ह वजस पर विश िास वकया जा सक यवद वकसी
परीकषण का परयोग बार-बार उन ही छातरो पर वकया जाए तथा ि छातर बार-बार समान अक पराप त कर
तो परीकषण को विश िसनीय कहा जाता ह यवद परीकषण स पराप त अको म स थावयत ि ह तो परीकषण को
विश िसनीय परीकषण क रप म स िीकार वकया जाता ह
अनास तसी क अनसार lsquoपरीकषण की विश िसनीयता स अवरपराय वरन न-वरन न अिसरो पर या
समतल य पदो क वरन न-वरन न विन यासो पर वकसी व यवकत क दवारा पराप त अको की सगवत स हrsquo
वगलफडा क अनसार lsquoविश िसनीयता परीकषण पराप ताको म सत य परसरण का अनपात हrsquo
माशाल एि हल स क अनसार lsquoपरीकषण पराप ताको क बीच सगवत की मातरा को ही विश िसनीयता कहा
जाता हrsquo
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272 ववश वसनीयता की ववशषताए उपरोकत पररराषाओ क आरार पर परीकषण की विश िसनीयता की विशषताए वनमनित ह -
i विश िसनीयता वकसी री परीकषण पराप ताक का एक परमख गण होता ह
ii विश िसनीयता स तात पया पराप ताको की पररशदता स ह
iii विश िसनीयता स तात पया पराप ताक की सगवत स होता ह जो उनक पनरत पादकता क रप म
वदखलाई दता ह
iv परीकषण पराप ताक की विश िसनीयता का अथा आतररक सगवत (Internal consistency)
स होता ह
v विश िसनीयता परीकषण का आत म सह-सबर होता ह
vi विश िसनीयता का सबर मापन की चर तरवटयो स होता ह
vii विश िसनीयता गणाक को सत य परसरण ि कल परसरण का अनपात माना जाता ह
viii विश िसनीयता को वसथरता गणाक (Coefficients of stability) समतल यता गणाक
(Coefficient of equivalence) तथा सजातीयता गणाक (coefficient of
Homogeneity) क रप म री परररावषत वकया जाता ह
273 ववश वसनीयता जञात करन की ववधधय (Methods of Estimating Reliability)
विश िसनीयता पराप त करन की पॉच मखय विवरयॉ ह ndash
1 परीकषण-पनपारीकषण विश िसनीयता विवर (Test-retest reliability)
2 समतल य परीकषण विश िसनीयता (Equivalence forms Reliability)
3 अदाविच छद विश िसनीयता (Split-Halves Reliability)
4 तावका क समतल यता विश िसनीयता (Rational-Equivalence Reliability)
5 होययययट विश िसनीयता (Hoyt Reliability)
1 पिीकषण-पनपािीकषण शवश वसनीयिा शवशध (Test-retest reliability) इस विवर म
परीकषण को दो बार छातरो क वकसी समह पर परशावसत वकया जाता ह वजसस परत यक छातर
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क वलए दो पराप ताक पराप त हो जात ह परीकषण क परथम परशासन तथा परीकषण क वदवतीय
परशासन स पराप त अको क बीच सहसबर गणाक की गणना कर ली जाती ह यह सहसबर
गणाक (r) ही परीकषण क वलए परीकषण-पनपरीकषण विश िसनीयता गणाक कहलाता ह इस
परकार स पराप त विश िसनीयता गणाक को वसथरता गणाक (coefficient of stability) री
कहा जाता ह
2 समिल य पिीकषण शवश वसनीयिा (Equivalence forms Reliability) यवद वकसी
परीकषण की दो स अवरक समतल य परवतयॉ इस ढग स तयार की जाती ह वक उन पर पराप त
अक एक दसर क समतल य हो तब समतल य परीकषण विश िसनीयता की गणना की जाती
ह समतल य विश िसनीयता गणाक जञात करन क वलए परत यक छातर को परीकषण की दो
समतल य परवतयॉ एक क बाद दी जाती ह तथा परत यक छातर क वलए दो पराप ताक पराप त कर
वलए जात ह इन दो समतल य परारपो पर छातरो क दवारा परापत अको क बीच सहसबर गणाक
(r) ही समतल य परीकषण विश िसनीयता कहलाता ह इस विवर स पराप त विश िसनीयता
गणाक को समतल यता गणाक (Coefficient of Equivalence) री कहत ह
3 अदधाशवच छद शवश वसनीयिा (Split Halves Reliability) वकसी री परीकषण को दो
समतल य रागो म विरक त करक विश िसनीयता गणाक जञात वकया जाता ह परीकषण क
दोनो रागो क वलए परत यक छातर क वलए दो अलग-अलग पराप ताक पराप त वकए जात ह
वजनक मध य सहसबर गणाक (r) की गणना की जाती ह पणा परीकषण की विश िसनीयता
की गणना क वलए स पीयरमन ndash बॉउन परोफसी सतर का परयोग करत ह जो इस परकार ह =
2r 1+r
4 तावका क समतल यता शवश वसनीयिा (Rational-Equivalence Reliability) यह
विवर परीकषण की सजातीयता का मापन करती ह इसवलए कडर ररचाडासन विवर स
विश िसनीयता गणाक को सजातीयता गणाक या आन तररक सगवत गणाक री कहा जाता
ह कडर ररचाडासन न इस विवर क परयोग क वलए अनक सतरो का परवतपादन वकया वजनम
स दो सतर क०आि० 20 तथा क०आि० 21 अवरक परचवलत ह
5 िोययययट शवश वसनीयिा (Hoyt Reliability) होययययट न परसरण (Variance) को
विश िसनीयता गणाक वनकालन का आरार माना ह होययययट क अनसार कल परसरण को
तीन रागो म बॉटा जा सकता ह य तीन राग-सत य परसरण (total variance) पद परसरण
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(item Variance) तथा तरवट परसरण (error variance) ह सत य परसरण छातरो या
व यवकतयो क िास तविक अको का परसरण ह पद परसरण पदो या परश नो पर पराप ताको क वलए
परसरण ह तरवट परसरण चर तरवट क अको का परसरण ह परसरण विश लषण सावखयकीय
तकनीक का परयोग कर होययययट विश िसनीयता को जञात की जा सकती ह यह विवर
विश िसनीयता गणाक वनकालन की एक जवटल विवर ह
274 ववश वसनीयता को परराववत करन वाल कारक (Factors Affecting the Reliability)
परीकषण का विश िसनीयता गणाक परीकषण स सबवरत अन य अनक विशषताओ स सबवरत
रहता ह विश िसनीयता को पररावित करन िाल कछ परमख कारक वनम नित ह-
i परीकषण की लबाई तथा परीकषण की विश िसनीयता क बीच रनात मक सह-सबर
पाया जाता ह परीकषण वजतना अवरक लबा होता ह उसका विश िसनीयता
गणाक उतना ही अवरक होता ह
ii वजस परीकषण म सजातीय परश नो की सख या अवरक होती ह तो उसकी
विश िसनीयता अवरक होती ह जबवक अवरक विजातीय परश न िाल परीकषण की
विश िसनीयता कम होती ह
iii परीकषण म अवरक विरदक कषमता (Discriminative Power) िाल परश नो क
होन स उसकी विश िसनीयता अवरक होती ह
iv औसत कवठनाई स तर िाल परश नो स यक त परीकषण की विश िसनीयता अवरक होती
ह जबवक अत यवरक सरल अथिा अत यवरक कवठन परश नो िाल परीकषण की
विश िसनीयता कम होती ह
v योग यता क अवरक परसार िाल समह स पराप त विश िसनीयता गणाक अवरक होता
ह जबवक योग यता म लगरग समान छातरो क समह स पराप त विश िसनीयता
गणाक कम होता ह
vi गवत परीकषण (Speed Test) की विश िसनीयता अवरक होती ह जबवक शवकत
परीकषण (Power Test) की विश िसनीयता कम होती ह
vii िस तवनष ठ परीकषण विषयवनष ठ परीकषण की अपकषा अवरक विश िसनीय होत ह
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viii समतल य परीकषण विवर स पराप त विश िसनीयता गणाक परीकषण-पनापरीकषण विवर
स पराप त गणाक स कम आता ह तथा इस पराय िास तविक विश िसनीयता की
वनम न सीमा माना जाता ह इसक विपरीत अदाविच छद विवर स विश िसनीयता
का मान अवरक आता ह तथा इस विश िसनीयता की उच च सीमा माना जाता
ह
276 मापन की मानक तरटि तथा परीकषण की ववश वसनीयता (Standard Error of Measurement and Test
Reliability)
तरवट पराप ताको क मानक विचलन को मापक की मानक तरवट कहत ह तथा इस σe स व यक त करत
ह मापन की मानक तरवट (σe) तथा विश िसनीयता गणाक (r) म घवनष ठ सबर होता ह इन दोनो क
सबर को वनम न समीकरण स परकट वकया जा सकता ह ndash
σe = σ radic1-r जहॉ σ पराप ताको का मानक विचलन ह मापन की मानक तरवट पराप ताको की
यथाथाता को बताता ह
शवश वसनीयिा सचकाक (Index of Reliability) परीकषण पर पराप त कल अको (X) तथा
सत य पराप ताको (T) क बीच सहसबर गणाक को विश िसनीयता सचकाक कहत ह उसका मान
विश िसनीयता गणाक क िगामल क बराबर होता ह दसर शब दो म कह सकत ह वक विश िसनीयता
गणाक का िगामल ही विश िसनीयता सचकाक ह या दसर शब दो म विश िसनीयता सचकाक का िगा
ही विश िसनीयता गणाक ह
rxt = radicr (rxt) = विश िसनीयता सचकाक
r = विश िसनीयता गणाक
विश िसनीयता सचकाक यह बताता ह वक पराप ताको तथा सत य पराप ताको क बीच क या सबर ह
उदाहरण क वलए यवद विश िसनीयता गणाक का मान 81 ह तो सचकाक का मान 90 होगा जो
पराप ताको तथा सत य पराप ताको क सहसबर का दयोतक ह विश िसनीयता सचकाक का दसरा काया
परीकषण की िरता की सीमा को बताना ह िरता का मान विश िसनीयता गणाक क िगामल क
बराबर या इसस कम ही हो सकता ह
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सवमलयाशकि परशन
6 यवद विश िसनीयता गणाक का मान 36 ह तो विश िसनीयता सचकाक का मान
helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip होगा
7 helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip का मान विश िसनीयता गणाक क िगामल
क बराबर होता ह
8 helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellipकी विश िसनीयता अवरक होती ह जबवक शवकत परीकषण
(Power Test) की विश िसनीयता कम होती ह
9 परीकषण म अवरक विरदक कषमता (Discriminative Power) िाल परश नो क होन स
उसकी विश िसनीयता helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellipहोती ह
10 योग यता क अवरक परसार िाल समह स पराप त विश िसनीयता गणाक
helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellipहोता ह
28 परीकषण की वधता (Validity of the test) का अथभ वकसी री शवकषक परीकषण की विश िसनीयता जञात कर लन क बाद उसकी िरता (Validity) जञात
की जाती ह
पिीकषण वधिा (Test Validity) वकसी री अच छ परीकषण को विश िसनीय होन क साथ िर
होना आिश यक ह िरता का सीरा सबर परीकषण क उददशय पणाता स ह जब परीकषण अपन उददशय
की पवता करता ह तब ही उस िर परीकषण कहत ह तथा परीकषण की इस विशषता को िरता कहत
ह िास ति म परीकषण कशलता (Test efficiency) का पहला परमख अियि विश िसनीयता तथा
दसरा परमख अियि िरता होती ह परीकषण की िरता स तात पया परीकषण की उस कषमता स होता ह
वजसक सहार िह उस गण या काया को मापता ह वजस मापन क वलए उस बनाया गया था यवद कोई
परीकषण अवरकषमता मापन क वलए बनाया गया ह और िास ति म उसस सही-सही अथो म व यवकत
की अवरकषमता की माप हो पाती ह तो इस एक िर परीकषण माना जाना चावहए िरता को बहत
सार शोर ि परीकषण विशषजञो न अलग-अलग ढग स परररावषत वकया ह जो वनम नित ह ndash
गवलकसन क अनसार lsquoिरता वकसी कसौटी क साथ परीकषण का सहसबर हrsquo
करोनबक क अनसार lsquoिरता िह सीमा ह वजस सीमा तक परीकषण िही मापता ह वजसक वलए
इसका वनमााण वकया गया हrsquo
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एनास टसी एि उविाना क अनसार lsquoपरीकषण िरता स तात पया इस बात स होता ह वक परीकषण क या
मापता ह और वकतनी बारीकी स मापता हrsquo
ग क अनसार lsquorsquoिरता की सबस सरल पररराषा यह ह वक यह िह मातरा ह जहॉ तक परीकषण उस
मापता ह वजस मापन की कल पना की जाती हrsquo
फरीमन क शब दो म lsquoिरता सचकाक उस मातरा को व यक त करता ह वजस मातरा म परीकषण उस लकष य
को मापता ह वजसक वलए इस बनाया गया हrsquo
गरट क अनसार lsquoवकसी परीकषण या वकसी मापन उपकरण की िरता उस यथाथाता पर वनरार करती
ह वजसस िह उस तरथ य को मापता ह वजसक वलए इस बनाया गया हrsquo
आर०एल० थानाडाइक क अनसार lsquoकोई मापन विवर उतनी ही िर ह वजतनी यह उस काया म
सफलता क वकसी मापन स सबवरत ह वजसक पिाकथन क वलए यह परयक त हो रही हrsquo
281 वधता की ववशषताए उपयाक त पररराषाओ क आरार पर िरता की वनम नवलवखत विशषताऍ सवनवित की जा सकती ह-
i िरता एक सापकष पद होता ह अथाात कोई री परीकषण हर काया या गण क मापन
क वलए िर नही होता ह
ii िरता स परीकषण की सत यता का पता चलता ह
iii िरता का सबर परीकषण क उददशय स होता ह
iv िरता वकसी री परीकषण का बाहय कसौटी क साथ सहसबर को दशााता ह
v िरता वकसी री परमावणक परीकषण की एक महतिपणा विशषता होती ह
282 वधता क परकार (Types of validity) विवरन न शोर विशषजञो ि मापनविदो न िरता क वरन न-वरन न िगीकरण वदय ह कछ परमख
िगीकरणो क आरार पर िरता क मख य परकारो की चचाा यहॉ की जा रही ह-
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i शवषयगि वधिा (Content Validity) ndash जब परीकषण की िरता स थावपत
करन क वलए परीकषण पररवसथवतयो तथा परीकषण व यिहार का सािरानीपिाक
विश लषण करक परीकषण दवारा मापी जा रही विशषतायोग यता क सबर म परमाण
एकवतरत वकए जात ह तो इस विषयगत िरता कहत ह विषयगत िरता कई परकार
की हो सकती ह ndash रप िरता (Face validity) तावका क िरता (Logical
validity) परवतदशाज िरता (Sampling validity) तथा अियिात मक िरता
(factorial validity) उपलवबर परीकषण की िरता विषयगत िरता क माध यम
स सवनवित की जाती ह
ii आनिाशवक वधिा (Empirical validity) जब परीकषण व यिहार (Test
behaviour) तथा वनकष व यिहार (Criterion behaviour) क मध य सबर को
जञात करक परीकषण दवारा मापी जा रही विशषता या योग यता क सबर म परमाण
एकवतरत वकए जात ह तो इस आनराविक िरता या वनकष िरता (Criterion
Validity) कहत ह यवद परीकषण पराप ताको तथा वनकष पराप ताको म घवनष ठ सबर
होता ह तो परीकषण को िर परीकषण स िीकार वकया जाता ह वनकष दो परकार क ndash
तात कावलक वनकष (Immediate criterion) तथा रािी वनकष (Future
criterion) हो सकत ह तत कावलक वनकष की वसथवत म परीकषण क पराप ताक
तथा वनकष पर पराप ताक दोनो ही साथ-साथ पराप त कर वलए जात ह तथा इनक
बीच सह-सबर की गणना कर लत ह वजस समिती िरता (concurrent
validity) कहत ह परीकषण पराप ताको तथा रािी वनकष पराप ताको क सबर को
पिाकथन िरता (Predictive Validity) कहत ह
iii अन वय वधिा (Construct Validity) ndash जब मानवसक शीलगणो की
उपवसथवत क आरार पर परीकषण की िरता जञात की जाती ह तब इस अन िय
िरता कहत ह
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283 वधता जञात करन की ववधधय (Methods of
Estimating validity) ndash
परीकषण की िरता जञात करन क वलए परयक त की जान िाली विवरनन विवरयो को दो मख य रागो म
बॉटा जा सकता ह ndash
1 िाशका क शवशधय या आिरिक कसौटी पि आधारिि शवशधय (Rational
Method or based on Internal Criterion) इसक अन तगात तको क
आरार पर परीकषण की िरता को सवनवश चत वकया जा सकता ह इस विवर स पराप त
िरता को रप िरता (Face Validity) विषयिस त िरता (Content
Validity) तावका क िरता (Logical Validity) या कारक िरता (Factorial
Validity) जस नामो स री सबोवरत वकया जा सकता ह तावका क विवरयो स
परीकषण की िरता का वनणाय परीकषण वनमााता अथिा परीकषण परयोगकताा स िय री
कर सकता ह तथा विशषजञो क दवारा री करा सकता ह विशषजञो क दवारा परीकषण क
विवरन न पकषो की रवटग कराई जा सकती ह वजसक आरार पर परीकषण की िरता
स थावपत की जा सकती ह परीकषण क वलए इस विशषजञ िरता (Expert
Validity) री कहत ह
2 साशययकीय शवशधय (Statistical methods) वकसी परीकषण की िरता
जञात करन क वलए सहसबर गणाक टी परीकषण कारक विश लषण दवीपवकतक
सहसबर (Biserial) चतष कोवषठक सहसबर (Tetra choric correlation) बह
सहसबर (Multiple correlation) जसी सावखयकीय विवरयो का परयोग री वकया
जाता ह पिा कवथत िरता (Predictive validity) समिती िरता
(Concurrent validity) तथा अन िय िरता (Construct validity) सावखयकीय
आरार पर ही स थावपत की जाती ह इन विवरयो म वकसी बाहय कसौटी क आरार
पर ही िरता गणाक स थावपत की जाती ह इसवलए इस परकार की िरता को बाहय
कसौटी पर आराररत िरता री कहा जाता ह
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284 वधता को परराववत करन वाल कारक (Factors
Affecting Validity)
वकसी परीकषण की िरता अनक कारको पर वनरार करती ह इसको पररावित करन िाल कछ परमख
कारक वनम नित ह ndash
i यवद परीकषावथायो को परीकषण क सबर म वदए गए वनदश अस पष ट होत ह तो परीकषण िरता कम
हो जाती ह
ii परीकषावथायो की अवरव यवकत का माध यम यवद उनकी मातराषा म ह तो परीकषण की िरता
अवरक हो जाती ह
iii परश नो की सरल राषा एि आसान शब दािली परीकषण की िरता को बढा दती ह
iv अत यवरक सरल या कवठन परश नो िाल परीकषण की िरता पराय कम हो जाती ह
v पराय िस तवनष ठ परीकषण वनबरात मक परीकषण की तलना म अवरक िर होत ह
vi परकरणो का अिावछत रार परीकषण की िरता को पराय कम कर दती ह
vii परीकषण की लबाई बढन स उसकी िरता बढ जाती ह
285 ववश वसनीयता तथा वधता म सबध (Relationship between Reliability and Validity)
वकसी परीकषण की विश िसनीय तथा िरता एक ही वसक क क दो पहल ह परीकषण क िर होन क
वलए उसका विश िसनीय होना आिश यक ह यवद वकसी परीकषण स पराप त अक विश िसनीय नही होत
ह तो उनक िर होन का परश न ही नही उठता ह परत इसक विपरीत विश िसनीयता क वलए िरता
का होना कोई पिाशता नही ह अथाात विश िसनीयता का होना िरता क वलए तो आिश यक शता ह
परन त पयााप त शता नही ह विश िसनीय परीकषण का िर होना अपन आप म आिश यक नही ह परन त
िर परीकषण अिश य ही विश िसनीय होगा सावखयकीय दविकोण स वकसी री परीकषण की िरता का
अवरकतम सराव य मान उसकी विश िसनीयता क िगामल क बराबर ही हो सकता ह अथाात परीकषण
का िरता गणाक उसक विश िसनीयता गणाक क िगामल स अवरक नही हो सकता ह
विश िसनीयता गणाक शन य होन पर िरता गणाक स ित शन य हो जाएगी अत अविश िसनीय
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परीकषण वकसी री दशा म िर नही हो सकता ह ज बवक एक िरता विहीन परीकषण विश िसनीय री
हो सकता ह
सवमलयाशकि परशन
11 िर परीकषण अिश य ही helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip होगा
12 सावखयकीय दविकोण स वकसी री परीकषण की िरता का अवरकतम सराव य मान उसकी
विश िसनीयता क helliphelliphelliphelliphelliphelliphellipक बराबर होता ह
13 िह सीमा ह वजस सीमा तक परीकषण िही मापता ह वजसक वलए इसका वनमााण वकया गया ह
14 मानवसक शीलगणो की उपवसथवत क आरार पर परीकषण की िरता को
कहत ह
15 िरता वकसी री परीकषण का बाहय कसौटी क साथ को दशााता
ह
29 परीकषण का मानक (Norms of test) परीकषण वनमााण (test construction) का अगला चरण परीकषण क वलए मानक तयार
करन का होता ह वकसी परवतवनवरक परवतदशा (representative sample) दवारा परीकषण
पर पराप त औसत पराप ताक या अक (average score) को मानक कहा जाता ह परीकषण
वनमााणकताा मानक इसवलए तयार करता ह तावक िह परीकषण पर आय अक की अथापणा
ढग स व याख या कर सक शवकषक परीकषणो क वलए अकसर वजन मानको का परयोग वकया
जाता ह उनम आय मानक (age norms) गरड मानक (grade norms) शतमक मानक
(percentile norms) तथा परमावणक पराप ताक मानक (standard score norms) आवद
पररान ह परीकषण क स िरप को ध यान म रखत हए परीकषण वनमााणकताा इन मानको म स
कोई उपयाक त मानक (appropriate norms) का वनमााण करता ह मानक जञात करन क
वलए सामान यत एक बड़ परवतदशा (sample) का चयन वकया जाता ह
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210 मन यअल तयार करना तथा परीकषण का पनरत पादन करना (Preparation of manual and reproduction of test)
सच च अथा म यह अवतम कदम या चरण परीकषण वनमााण क दायर स बाहर ह इस चरण क पहल
परीकषण वनमााणकताा परीकषण की जररतो को मददनजर रखत हए वनवित सख या म परीकषण की
कावपयॉ छपिाता ह तथा एक पवसतका (booklet) तयार करता ह वजसम िह परीकषण क
मनोरौवतकी गणो (Psychometric properties) ि अनय तकनीकी गणो जस एकाश विश लषण
सबरी सचना विश िसनीयता गणाक (reliability coefficient) िरता गणाक (validity
coefficient) मानक (norms) वकरयान ियन करन क वलए वनदश (instruction) क बार म सवकषप त
म सचकाको को उजागर करता ह इन पवसतका को मन यअल कहा जाता ह बाद म कोई री
शोरकताा मन यअल म वनदश (instruction) क ही अनसार परीकषण का वकरयान ियन करता ह तथा
व यवकत दवारा पराप त अको का विश लषण करता ह
वनष कषात यह कहा जा सकता ह वक वकसी री शवकषक शोर उपकरण क रप म परीकषण क वनमााण
म यही परमख सात चरण ह वजनका यवद कठोरता स पालन वकया जाता ह तो एक उत तम परीकषण या
शोर उपकरण का वनमााण सरि हो पाता ह
211 साराश (Summary) परसतत इकाई म शवकषक शोर उपकरण क रप म परीकषण (test) वनमााण क परमख चरणो (Steps)
को सपि वकया गया ह इसक अवतररकत अनय शवकषक शोर उपकरणो क वनमााण म री यही सामानय
वसदात को धयान म रखा जाता ह शवकषक शोर उपकरण क रप म परीकषण (test) वनमााण क
परमख चरणो (Steps) को वनम नावकत सात रागो म बॉटा गया ह-
1 परीकषण की योजना (Planning of the test) इस चरण म परीकषणकताा
(Test constructor) कई बातो का धयान रखता ह जस िह यह
वनवित करता ह वक परीकषण का उददशय (Objectives) क या ह इसम
एकाशो (Items) की सख या वकतनी होनी चावहए एकाश (item) का
स िरप (nature) अथाात उस िस तवनष ठ (objective) या आत मवनष ठ
(subjective) होना चावहए वकस परकार का वनदश (instruction)
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वदया जाना चावहए परवतदशा (sampling) की विवर क या होनी चावहए
परीकषण की समय सीमा (time limit) वकतनी होनी चावहए
सावखयकीय विश लषण (Statistical analysis) कस की जानी चावहए
आवद-आवद
2 एकाश ndash लखन (Item writing) एकाश-लखन बहत हद तक परीकषण
वनमााणकताा क कल पना अनरि सझ अभ यास आवद कारको पर वनरार
करता ह इसक बािजद री शोरकतााओ न कछ ऐस अपवकषत गणो
(requisites) की चचाा की ह वजसस शोरकताा को उपयक त एकाश
(appropriate items) वलखन म मदद वमलती ह
3 परीकषण की परारवमरक वकरयान ियन या परयोगात मक वकरयान ियन (Preliminary tryout or Experimental tryout of the test)
शवकषक शोर परीकषण क वनमााण म तीसरा महत िपणा कदम परीकषण क
परारवरक वकरयान ियन (Preliminary tryout) का होता ह वजस
परयोगात मक वकरयान ियन (experimental tryout) री कहा जाता ह
जब परीकषण क एकाशो (items) की विशषजञो (experts) दवारा
आलोचनात मक परख कर ली जाती ह तो इसक बाद उसका कछ
व यवकतयो पर वकरयान ियन (administer) वकया जाता ह ऐस
वकरयान ियन को परयोगात मक वकरयान ियन कहा जाता ह
4 पिीकषण की शवश वसनीयिा (Reliability of the test) परीकषण
की विश िसनीयता (Reliability) ि िरता (Validity) शवकषक शोर
उपकरणो की महतिपणा विशषताए ह वबना इन दोनो गणो क कोई री
शवकषक शोर उपकरण वकसी शोर समसया को हल नही कर सकता
अतः इन दोनो विशषताओ क बार म आपको बहत जानकारी होनी
चावहए इस हत इस इकाई म परीकषण की विश िसनीयता (Reliability)
िरता (Validity) का विसतारपिाक िणान वकया गया ह परीकषण की
विश िसनीयता स अवरपराय वरन न-वरन न अिसरो पर या समतल य पदो क
वरन न-वरन न विन यासो पर वकसी व यवकत क दवारा पराप त अको की सगवत स
हrsquo
विश िसनीयता पराप त करन की पॉच मखय विवरयॉ ह ndash
i परीकषण-पनपारीकषण विश िसनीयता विवर (Test-retest reliability)
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ii समतल य परीकषण विश िसनीयता (Equivalence forms Reliability)
iii अदाविच छद विश िसनीयता (Split-Halves Reliability)
iv तावका क समतल यता विश िसनीयता (Rational-Equivalence Reliability)
v होययययट विश िसनीयता (Hoyt Reliability)
कावलक सगवत जञात करन क वलए परीकषण-पनपारीकषण विश िसनीयता विवर का परयोग
वकया जाता ह वकसी उपयक त परवतदशा (sample) पर सामान यत 14 वदन क अतराल पर
परीकषण को दोबारा वकरयान ियन (administer) वकया जाता ह इस तरह स परीकषण
पराप ताको (test scores) क दो सट हो जात ह और उन दोनो म सहसबर गणाक
(correlation coefficient) जञात कर कावलक सगवत गणाक (temporal consistency
coefficient) जञात कर वलया जाता ह यह गणाक वजतना ही अवरक होता ह (जस 087
092 आवद) परीकषण की विश िसनीयता उतनी ही अवरक समझी जाती ह आतररक सगवत
जञात करन क वलए वकसी उपयक त परवतदशा (appropriate sample) पर परीकषण को एक
बार वकरयान ियन कर वलया जाता ह उसक बाद परीकषण क सरी एकाशो को दो बराबर या
लगरग रागो म बॉट वदया जाता ह इस परकार स परत यक व यवकत का कल पराप ताक (total
score) दो-दो हो जात ह जस यवद परीकषण क सरी सम सख या िाल एकाश (even
numbered items) को एक तरफ तथा सरी विषय सख या िाल एकाशो (odd
numbered items) की दसरी तरफ कर वदया जाए तो सरी सम सख या िाल एकाश पर
एक कल पराप ताक (total score) आएगा तथा सरी विषय सख या िाल एकाशो पर दसरा
कल पराप ताक (total score) आएगा इस तरह स कल पराप ताको का दो सट हो जाएगा
वजस आपस म सहसबवरत (correlate) वकया जाएगा इस आतररक सगवत गणाक
(internal consistency coefficient) कहा जाता ह यह गणाक वजतना ही अवरक
होगा परीकषण की विश िसनीयता (reliability) री उतनी ही अवरक होगी इन दोनो
उदाहरणो स यह स पष ट हो जाता ह वक विश िसनीयता का पता लगान म परीकषण (test) को
एक तरह स अपन-आप स सह सबवरत वकया जाता ह यही कारण ह वक विश िसनीयता
को परीकषण का स िसहसबर (self-correlation) कहा जाता ह
6 पिीकषण की वधिा (Validity of the test) जब परीकषण उस गण या आदत
या मानवसक परवकरया का सही-सही मापन करता ह वजसक वलए उस बनाया गया
था तो इस ही परीकषण की िरता (Validity) की सजञा दी जाती ह और ऐस
परीकषण को िर परीकषण (Valid test) कहा जाता ह परीकषण की िरता जञात
करन क वलए बनाए जा रह परीकषण को वकसी बाहय कसौटी (external
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criterion) क साथ सहसबवरत करना होता ह यवद सहसबर अवरक ऊा चा होता
ह तो परीकषण म िरता (Validity) का गण अवरक समझा जाता ह यहॉ बाहय
कसौटी (external criterion) स तात पया कोई अन य दसरा समान परीकषण या
कोई और कसौटी वजसक दवारा िही शीलगण या कषमता का मापन होता ह जो
बनाए गए परीकषण दवारा होता ह तथा वजसकी िरता एि विश िसनीयता
सतोषजनक होती ह स होती ह परीकषण की िरता को सही-सही ऑकन क वलए
यह आिश यक ह वक इस परीकषण एि बाहय कसौटी का वकरयान ियन
(administration) चन गए व यवकतयो क ऐस परवतदशा (sample) पर वकया जाना
चावहए जो एकाश विश लषण (item analysis) क वलए चयन वकए परवतदशा स
वरन न हो इस परवकरया को करास िरीकरण (cross validation) की सजञा दी
जाती ह परीकषण पराप ताको की िरता जञात करन म पराय वपयरसन और
(pearson r) टी अनपात (t ratio) वदवपवकतक आर (Biserial r) वबद वदवपवकतक
आर (Point-biserial r) आवद सामान य (common) ह इस इकाई क अगल
राग म परीकषण की िरता (Validity) का विसतारपिाक िणान वकया गया ह
7 परीकषण का मानक (Norms of the test) परीकषण वनमााण (test
construction) का अगला चरण परीकषण क वलए मानक तयार करन का होता
ह वकस परवतवनवरक परवतदशा (representative sample) दवारा परीकषण पर पराप त
औसत पराप ताक या अग (average score) को मानक कहा जाता ह परीकषण
वनमााणकताा मानक इसवलए तयार करता ह तावक िह परीकषण पर आय अक की
अथापणा ढग स व याख या कर सक
8 परीकषण का मन यअल तयार करना एि पनरत पादन करना (Preparation of
manual and reproduction of test) परीकषण परशावसत करन की परणाली क
बार म उवललवखत पवसतका को मन यअल कहा जाता ह कोई री शोरकताा
मन यअल म वनदश (instruction) क ही अनसार परीकषण का वकरयान ियन करता
ह तथा व यवकत दवारा पराप त अको का विश लषण करता ह
212 शबदावली एकाि (Item) एकाश एक ऐसा परश न या पद होता ह वजस छोटी इकाईयो म नही बॉटा जा सकता
ह
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परयोगात मक शकरयान वयन (Experimental Tryout) जब परीकषण क एकाशो (items) की
विशषजञो (experts) दवारा आलोचनात मक परख कर ली जाती ह तो इसक बाद उसका कछ
व यवकतयो पर वकरयान ियन (administer) वकया जाता ह ऐस वकरयान ियन को परयोगात मक
वकरयान ियन कहा जाता ह
कशिनाई सचकाक (Difficulty Index) कवठनाई सचकाक स यह पता चल जाता ह वक
एकाश व यवकत क वलए कवठन ह या हल का ह
शविदन सचकाक (Discriminating Index) विरदन सचकाक स यह पता चल जाता ह वक
कहॉ तक एकाश उत तम व यवकतयो और वनम न व यवकतयो म अन तर कर रहा ह
एकाि शवश लषण एकाश विश लषण (item analysis) दवारा परत यक एकाश क उत तर क रप म
वदए गए कई विकल पो (alternatives) की पररािशीलता (effectiveness) का पता चलता ह
शवश वसनीयिा (Reliability) यवद वकसी परीकषण का परयोग बार-बार उन ही छातरो पर वकया
जाए तथा ि छातर बार-बार समान अक पराप त कर तो परीकषण को विश िसनीय कहा जाता ह यवद
परीकषण स पराप त अको म स थावयत ि ह तो परीकषण को विश िसनीय परीकषण क रप म स िीकार वकया
जाता ह
पिीकषण-पनपािीकषण शवश वसनीयिा शवशध (Test-retest reliability) इस विवर म परीकषण
को दो बार छातरो क वकसी समह पर परशावसत वकया जाता ह वजसस परत यक छातर क वलए दो
पराप ताक पराप त हो जात ह परीकषण क परथम परशासन तथा परीकषण क वदवतीय परशासन स पराप त अको
क बीच सहसबर गणाक की गणना कर ली जाती ह यह सहसबर गणाक (r) ही परीकषण क वलए
परीकषण-पनपरीकषण विश िसनीयता गणाक कहलाता ह इस परकार स पराप त विश िसनीयता गणाक
को वसथरता गणाक (coefficient of stability) री कहा जाता ह
समिल य पिीकषण शवश वसनीयिा (Equivalence forms Reliability) यवद वकसी परीकषण
की दो स अवरक समतल य परवतयॉ इस ढग स तयार की जाती ह वक उन पर पराप त अक एक दसर क
समतल य हो तब समतल य परीकषण विश िसनीयता की गणना की जाती ह
अदधाशवच छद शवश वसनीयिा (Split Halves Reliability) वकसी री परीकषण को दो समतल य
रागो म विरक त करक विश िसनीयता गणाक जञात वकया जाता ह
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िाशका क समिल यिा शवश वसनीयिा (Rational-Equivalence Reliability) यह विवर
परीकषण की सजातीयता का मापन करती ह इसवलए कडर ररचाडासन विवर स विश िसनीयता गणाक
को सजातीयता गणाक या आन तररक सगवत गणाक री कहा जाता ह विश िसनीयता गणाक
वनकालन क वलए कडर ररचाडासन न अनक सतरो का परवतपादन वकया वजनम स दो सतर क०आि०
20 तथा क०आि० 21 अवरक परचवलत ह
िोययययट शवश वसनीयिा (Hoyt Reliability) होययययट न परसरण (Variance) को विश िसनीयता
गणाक वनकालन का आरार माना ह परसरण विश लषण सावखयकीय तकनीक का परयोग कर होययययट
विश िसनीयता को जञात की जा सकती ह
मापक की मानक तरशट (Standard Error of Measurement) तरवट पराप ताको क मानक
विचलन को मापक की मानक तरवट कहत ह तथा इस σe स व यक त करत ह
शवश वसनीयिा सचकाक (Index of Reliability) परीकषण पर पराप त कल अको (X) तथा
सत य पराप ताको (T) क बीच सहसबर गणाक को विश िसनीयता सचकाक कहत ह उसका मान
विश िसनीयता गणाक क िगामल क बराबर होता ह
पिीकषण वधिा (Test Validity) िरता का सीरा सबर परीकषण क उददशय पणाता स ह जब
परीकषण अपन उददशय की पवता करता ह तब ही उस िर परीकषण कहत ह तथा परीकषण की इस
विशषता को िरता कहत ह
शवषयगि वधिा (Content Validity) ndash जब परीकषण की िरता स थावपत करन क वलए
परीकषण पररवसथवतयो तथा परीकषण व यिहार का सािरानीपिाक विश लषण करक परीकषण दवारा मापी
जा रही विशषतायोग यता क सबर म परमाण एकवतरत वकए जात ह तो इस विषयगत िरता कहत ह
आनिाशवक वधिा (Empirical validity) जब परीकषण व यिहार (Test behaviour) तथा
वनकष व यिहार (Criterion behaviour) क मध य सबर को जञात करक परीकषण दवारा मापी जा रही
विशषता या योग यता क सबर म परमाण एकवतरत वकए जात ह तो इस आनराविक िरता या वनकष
िरता (Criterion Validity) कहत ह
अन वय वधिा(Construct Validity) जब मानवसक शीलगणो की उपवसथवत क आरार पर
परीकषण की िरता जञात की जाती ह तब इस अन िय िरता कहत ह
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मानक (Norms)वकसी परवतवनवरक परवतदशा (representative sample) दवारा परीकषण पर पराप त
औसत पराप ताक या अक (average score) को मानक कहा जाता ह मानक परीकषण पर आय
अक की अथापणा ढग स व याख या करन म सहायता करता ह
मन यअल (Manual) वनदश (instruction) पवसतका वजसक अनसार शोरकताा परीकषण का
वकरयान ियन करता ह तथा परीकषण पर पराप त अको का विश लषण करता ह
213 सवमलयाककत परशनो क उततर 1 एकाश की िरता 2 विरदी सचकाक (discriminatory index) 3 कवठनाई सचकाक
4 विरदन सचकाक 5 एकाश 6 060 7 विश िसनीयता सचकाक 8 गवत परीकषण
(Speed Test) 9 अवरक 2 अवरक 11 विश िसनीय 12 िगामल 13 िरता
14 अन िय िरता 15 सहसबर
214 सदरभ गरनथ सची पाठय सामगरी 1 Koul Lokesh (2002) Methodology of Educational Research New
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2 Karlinger Fred N (2002) Foundations of Behavioural Research
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5 वसह ए०क० (2007) मनोविजञान समाजशास तर तथा वशकषा म शोर विवरयॉ नई
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शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय56
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10 Good Carter V (1963) Introduction to Educational Research
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215 तनबधातमक परशन 1 शोर उपकरणो क वनमााण क सामानय वसदातो का िणान कीवजए 2 शोर उपकरणो क वनमााण हत परयकत परमख पदो का मलयाकन कीवजए 3 विशवसनीयता की विशषताओ का िणान कीवजए
4 िरता क सपरत यय की व याख या कीवजए तथा विशवसनीयता ि िरता क मधय सबरो का िणान कीवजए
5 विशवसनीयता को पररावित करन िाल कारको की वयाखया कीवजए 6 िरता को पररावित करन िाल कारको की वयाखया कीवजए 7 विशवसनीयता क परकारो का िणान कीवजए
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उततराखणड मकत विशवविदयालय57
इकाई सखया 3 वणभनातमक सामखयकी कनरीय परववतत क मापक (Descriptive Statistics
Measures of Central Tendency)
इकाई की रपरखा
31 परसतािना
32 उददशय
33 सावखयकी का अथा
34 िणानात मक सावखयकी
35 कन रीय परिवतत का अथा एि पररराषा
36 कन रीय परिवतत क माप क उददशय ि काया
37 आदशा माध य क लकषण
38 सावखयकीय माध य क विविर परकार
39 समान तर माध य
310 समान तर माध य क परकार
311 सरल समान तर माध य जञात करन की विवर
312 मध यका
313 मध यका की गणना
314 मध यका क वसदान त पर आराररत अन य माप
315 बहलक
316 बहलक की गणना
317 समान तर माध य मध यका तथा बहलक क बीच सबर
318 साराश
319 शबदािली
320 सिमलयावकत परशनो क उततर
321 सदरा गरनथ सची पाठय सामगरी
322 वनबरातमक परशन
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31 परसतावना हमार जीिन म सख याओ की रवमका तीवर गवत स बढती जा रही ह जञान विजञान समाज और
राजनीवत का कोई री ऐसा कषतर नही ह जो सख यात मक सचना क परिश स अछता रह गया हो
ऑकड़ो का सकलन सचनाओ का परस ततीकरण सम रािनाओ का पता लगाना तथा इनक आरार
पर वनष कषा वनकालना आरवनक समाज म एक आम बात हो गई ह शवकषक विश लषण शवकषक
सम परावपत (उपलवबर परीकषण) बवद परीकषण व यवकतत ि मल याकन आवद कछ ऐस उदाहरण ह वजन पर
सावखयकीय विवरयो क परयोग क अराि म विचार करना री सम रि नही ह इस परकार शोर एि
विकास की शायद ही कोई ऐसी शाखा हो वजस सावखयकीय विवरयो क परयोग क वबना सचावलत
वकया जा सक काया क आरार पर सावखयकी को मखयतः दो रागो म बाटा जाता ह िणानातमक
सावखयकी (Descriptive Statistics) तथा अनमावनकी सावखयकी (Inferential Statistics)
परसतत इकाई म आप सावखयकी का अथा तथा िणानातमक सावखयकी क रप म कनरीय परिवतत क
मापको (Measures of Central Tendency) का अधययन करग
32 उददशय इस इकाई क अध ययनोपरात आप-
bull सावखयकी का अथा बता पायग
bull िणानातमक सावखयकी का अथा बता पायग
bull िणानातमक सावखयकी क महति का िणान कर सक ग
bull िणानातमक सावखयकी क सपरत यय की व याख या कर सक ग
bull कनरीय परिवतत क विवरन न मापको का पररकलन कर सक ग
bull कनरीय परिवतत क मापको विवरन न मापको की तलना कर सक ग
33 सामखयकी का अथभ (Meaning of Statistics) अगरजी राषा का शब द स टवटवसटक स (Statistics) जमान राषा क शब द स टवटवसटक (Statistick)
लवटन राषा क शब द Status या इटवलयन शब द स टवटस टा (Statista) स बना ह िस
स टवटस टकस (Statistics) शब द का परयोग सन 1749 म जमानी क परवसद गवणतजञ गॉट फरायड
आकनिाल दवारा वकया गया था वजन ह सावखयकी का जन मदाता री कहा जाता ह
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उततराखणड मकत विशवविदयालय59
डा0 ए0एल0 बाउल (Dr AL Bowley) क अनसाि - समक वकसी अनसरान स सबवरत
विराग म तरथ यो का सख यात मक वििरण ह वजन ह एक दसर स सबवरत रप स परस तत वकया जाता ह
(Statistics are numerical statement of facts in any department of enquiry placed
in relation to each other)
यल व कण डाल क अनसाि- समको स अवरपराय उन सख यात मक तरथ यो स जो पयााप त सीमा तक
अनक कारणो स पररावित होत ह
ब शडगटन क अनसाि- सावखयकी अनमानो और सरािनाओ का विजञान ह (Statistics is
the Science of estimates and probabilities)
सावखयकी क इन पररराषाओ स वनम नवलवखत विशषताए परकट होती ह-
(i) सावखयकी गणना का विजञान ह (Statistics is the science of
counting)
(ii) सावखयकी को सही अथा म माध यो का विजञान कहा जा सकता ह
(Statistics may rightly be called the science of
Averages)
(iii) सावखयकी समावजक व यिस था को सम पणा मानकर उनक सरी
परकटीकरणो म माप करन का एक विजञान ह (Statistics is the
science of measurement of social organism regarded as a
whole in all its manifestations)
34 वणभनात मक सामखयकी (Descriptive
Statistics)
इनस वकसी कषतर क रतकाल तथा ितामान काल म सकवलत तरथ यो का अध ययन वकया जाता ह और
इनका उददशय वििरणात मक सचना परदान करना होता ह अत य समक ऐवतहावसक महत ि रखत ह
कन रीय परिवतत क माप वििरणात मक या िणानात मक सावखयकी क उदाहरण ह
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35 कन रीय परववतत का अथभ एव पररराषा (Meaning and Definition of Central Tendency)
एक समक शरणी की कन रीय परिवतत का आशय उस समक शरणी क अवरकाश मल यो की
वकसी एक मल य क आस-पास कवनरत होन की पर िवतत स ह वजस मापा जा सक और इस परिवतत क
माप को ही माध य कहत ह माध य को कन रीय परिवतत का माप इसवलए कहा जाता ह क योवक
व यवकतगत चर मल यो का जमाि अवरकतर उसी क आस-पास होता ह इस परकार माध य सम पणा
समक शरणी का एक परवतवनवर मल य होता ह और इसवलए इसका स थान सामान यत शरणी क मध य म
ही होता ह दसर शबदो म सावखयकीय माध य को कन रीय परिवतत का माप इसवलए कहा जाता ह
कयोवक यह समगर क उस मलय को दशााता ह वजसक आस-पास समगर की शष इकाईयो क कवनरत
होन की परिवतत पायी जाती ह
यल व कण डाल (Yule and Kendal) क िब दो म- वकसी आिवतत वितरण की अिवसथवत
या वसथवत क माप माध य कहलात ह
(Measures of location or position of a frequency distribution are called
averages)
कर क सटन एव काउडन (Croxton and Cowden) क अनसाि- माध य समको क विस तार क
अन तगात वसथत एक ऐसा मल य ह वजसका परयोग शरणी क सरी मल यो का परवतवनवरत ि करन क वलय
वकया जाता ह समक शरणी क विस तार क मध य म वसथत होन क कारण ही माध य को कन रीय मल य
का माप री कहा जाता ह
(An average is single value within the range at the data which is used to
represent all the values in the series Since an average is somewhere within the
range of the data it is some times called a measure of central value)
डा0 बाउल क अनसाि- सावखयकी को िास ति म माध यो का विजञान कहा जा सकता ह
(Statistics may rightly be called the science of average)
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36 कन रीय परववतत क माप क उददशय व कायभ(Objectives and functions of
Measures of Central Tendency)
कन रीय परिवतत क माप क उददशय एि काया वनम न परकार ह-
1 सामगरी को सशकषप ि रप म परस िि किना- माध य दवारा हम सगरहीत सामगरी को सकषप म
परस तत करत ह वजस एक समान व यवकत शीघरता ि सरलता स समझ कर स मरण रख सकता ह
2 िलनात मक अध ययन- माध यो का परयोग दो या दो स अवरक समहो क सबर म वनवित
सचना दन क वलए वकया जाता ह इस सचना क आरार पर हम उन समहो का पारस पररक
तलनात मक अध ययन सरलता स कर सकत ह उदाहरणाथा हम दो ककषाओ क छातरो की अको
की तलनात मक अध ययन क आरार पर उनकी उपलवबर की तलना का सकत ह
3 समि का परशिशनशधत व- माध य दवारा सम पणा समह का वचतर परस तत वकया जा सकता ह एक
सख या (माध य) दवारा पणा समह की सरचना क बार म पयााप त जानकारी पराप त हो सकती ह पराय
व यवकतगत इकाइयॉ अवसथर ि पररितानशील होती ह जबवक औसत इकाईयॉ अपकषाकत वसथर
होती ह
4 अक गशणिीय शकरयाऍ- दो विवरन न शरवणयो क सबर को अकगवणत क रप म परकट करन
हत माध यो की सहायता अवनिाया हो जाती ह और इन ही क आरार पर अन य समस त वकरयाऍ
सम पन न की जाती ह
5 िावी योजनाओ का आधाि- हम माध यो क रप म समह का एक ऐसा मल य पराप त होता ह
जो हमारी रािी योजनाओ क वलए आरार का काया करता ह
6 पािस परिक सबध- करी-करी दो समक समहो क पारस पररक सबर की आिश यकता होती ह
जस- दो समहो म पररितान एक ही वदशा म ह या विपरीत वदशा म यह जानन क वलए माध य ही
सबस सरल मागा ह
37 आदशभ माध य क लकषण (Essential
Characteristics of an Ideal Average)
वकसी री आदशा माध य म वनम नवलवखत गण होनी चावहए-
1 परशिशनशध- माध य दवारा समगर का परवतवनवरत ि वकया जाना चावहए वजसस समगर की
अवरकावरक विशषताए माध य म पायी जा सक माध य ऐसा हो वक समगर क परत यक मद स
उसकी अवरक वनकटता पराप त हो सक
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2 स पष ट एव शसथि- माध य सदि स पष ट एि वसथर होना चावहए तावक अनसरान काया ठीक
ढग स सम पन न वकया जा सक वसथरता स आशय ह वक समगर की इकाईयो म कछ और
इकाईयॉ जोड़ दन या घटा दन स माध य कम स कम पररावित हो
3 शनशिि शनधाािण- आदशा माध य िही होता ह जो वनवित रप म वनरााररत वकया जा
सकता हो अवनवित सख या वनष कषा वनकालन म भम उत पन न कर दती ह यवद माध य एक
सख या न होकर एक िगा आय तो इस अच छा माध य नही कहग
4 सिलिा व िीघरिा- आदशा माध य म सरलता ि शीघरता का गण री होना चावहए वजसस
वकसी री व यवकत दवारा इसकी गणना सरलता ि शीघरता स की जा सक तथा िह समझन म
वकसी परकार की कवठनाई अनरि न कर
5 परिविान का न यनिम परिाव- आदशा माध य की यह विशषता होनी चावहए वक न यादशा
म होन िाल पररितानो का माध य पर कम स कम परराि पड़ यवद न यादशा म पररितान स
माध य री पररिवतात हो जाता ह तो उस माध य नही कहा जा सकता
6 शनिपकष सय या- माध य सदि वनरपकष सख या क रप म ही व यक त वकया जाना चावहए उस
परवतशत म या अन य वकसी सापकष रीवत स व यक त वकया हआ नही होना चावहए
7 बीजगशणि एव अकगशणि शवशधयो का परिाव- एक आदशा माध य म यह गण री
आिश यक ह वक उस सदि अकगवणत एि बीजगवणत वििचन म परयोग होन की व यिस था
होनी चावहए
8 माध य का आकाि- आदशा माध य िह होता ह जो शरखला या शरणी क समस त मल यो क
आरार पर जञात वकया गया हो
9 शरणी क मल यो पि आधारिि- माध य सख या यवद शरणी म िास ति म वसथत हो तो उवचत
ह अन यथा माध य अनमावनत ही वसद होगा
38 सामखयकीय माध य क ववववध परकार (Different
kinds of Statistical Averages)
सावखयकीय म मख यत वनम न माध यो का परयोग होता ह-
I वसथवत सम बन री माध य (Averages of position)
a बहलक (Mode)
b मध यका (Median)
II गवणत सम बन री माध य (Mathematical Average)
a समान तर माध य (Arithmetic Average or mean)
b गणोत तर माध य (Geometric Mean)
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c हरात मक माध य (Harmonic Mean)
d वदवदयात या िगीकरण माध य (Quadratic Mean)
III व यापाररक माध य (Business Average)
a चल माध य (Moving Average)
b परगामी माध य (Progressive Average)
c सगरहीत माध य (Composite Average)
कन रीय परिवतत क माप क रप म आप यहाा समान तर माध य (Arithmetic Mean) मध यका
(Median) ि बहलक (Mode) का ही अधययन करग
39 समान तर माध य (Arithmetic Mean) समान तर माध य गवणतीय माध यो म सबस उत तम माना जाता ह और यह कन रीय परिवतत का
सम रित सबस अवरक लोकवपरय माप ह करॉक सटन तथा काउडन क अनसार- वकसी
समक शरणी का समान तर माध य उस शरणी क मल यो को जोड़कर उसकी सख या का राग दन
स पराप त होता ह होरस सवकरस ट क मतानसार- समान तर माध य िह मल य ह जो वक एक
शरणी क योग म उनकी सख या का राग दन स पराप त होती ह
310 समान तर माध य क परकार (Types of Arithmetic Mean)
समान िि माध य दो परकाि क िोि ि
1 सरल समान तर माध य (Simple Arithmetic Mean)
2 राररत समान तर माध य (Weighted Arithmetic Mean)
1 सिल समान िि माध य- जब समक शरणी क समस त मदो को समान महत ि वदया जाता ह
तो मदो क मल यो क योग म मदो की सख या का राग वदया जाता ह इस ही सरल समान तर
माध य कहत ह
2 िारिि समान िि माध य- समान तर माध य म यह दोष ह वक समस त मदो को समान महत ि
वदया जाता ह वकन त करी-करी समक शरणी क विवरन न मदो म काफी वरन नता होती ह
उनम आिश यकता अनसार महत ि दना आिश यक हो जाता ह इसक वलए परत यक मद को
उसकी व यवकतगत महत ता क आरार पर रार (Weight) परदान वकया जाता ह इसक बाद
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परत यक मद क मल य को उसक दवारा वदय गए रार स गणा कर दत ह इस परकार गणनफल क
योग म रारो क योग का राग दन पर पराप त होन िाली सख या राररत समान तर माध य
कहलाती ह
311 सरल समान तर माध य जञात करन की ववधध (Method of Computing Arithmetic Mean)
समान तर माध य की गणना करन क वलए दो रीवतयो का परयोग वकया जाता ह-
i परत यकष रीवत (Direct Method)
ii लघ रीवत (Short-cut Method)
अिगीकत तरथ यो या व यवकतगत शरणी म समान तर माध य की गणना-
1 परत यकष िीशि (Direct Method)- परत यकष रीवत म (i) समस त मदो क मल यो का योग वकया
जाता ह (ii) पराप त मल यो क योग म मदो की सख या का राग दकर समान तर माध य जञात वकया जाता
ह यह विवर उस समय उपयक त होती ह जब चर मल यो की सख या कम हो तथा ि दशमलि म हो
सतरानसार ndash X =
N
XXXX n++++ 321
X = N
X
यहॉ X = समान तर माध य (Mean)
N = मदो की कल सख या (No of Items)
= योग (Sum or Total)
X = मल य या आकार (Value or Size)
उदाििण- वनम नवलवखत सारणी म ककषा IX क छातरो क गवणत का अक परस तत वकया गया ह
समान तर माध य का पररकलन परत यकष रीवत दवारा कर
पदो का योग (TotaValueof
termss ofofterms termsstertItems पदो की सखया
अथिा
=
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SN Marks
1 57
2 45
3 49
4 36
5 48
6 64
7 58
8 75
9 68
योग (Total) 500
सतरानसार X = N
x
X = 500
N = 9
X = 9
500= 5555
माध य (Mean) = 5555
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2 लघ िीशि (Short Cut Method)- इस रीवत का परयोग उस समय वकया जाता ह जबवक
समक शरणी म मदो की सख या बहत अवरक हो इस रीवत का परयोग करत समय वनम नवलवखत
वकरयाय की जाती ह-
i कशलपि माध य (A)- शरणी म वकसी री सख या को कवलपत माध य मान लत ह यह सख या
चाह उस शरणी म हो अथिा नही परन त शरणी क मध य की वकसी सख या को कवलपत माध य
मान लन स गणना वकरया सरल हो जाती ह
ii शवचलन (dx) की गणना- उपयक त कवलपत माध य स समह क विवरन न िास तविक मल यो
का विचलन रन (+) तथा ऋण (-) क वचन हो को ध यान म रखत हए जञात करत ह (dx
=X-A)
iii शवचलनो का योग ( dx)- व यवकतगत शरणी म सरी विचलनो को जोड़ लत ह ऐसा
करत समय रनात मक और ऋणात मक वचन हो को ध यान म रखा जाता ह
iv मदो की सय या (N) स िाग दना- उपयक त परकार स पराप त योग म मदो की सख या का
राग द वदया जाता ह
v माध य ( X )जञाि किना- विचलन क योग म मदो की सख या का राग दन पर जो रागफल
परापत हो उस कवलपत माध य म जोड़कर अथिा घटाकर माध य जञात करत ह रागफल यवद
रनात मक हो तो उस कवलपत माध य म जोड़ दत ह और यवद यह ऋणात मक हो तो उस
कवलपत माध य म स घटा दत ह इस परकार पराप त होन िाली सख या समान तर माध य
कहलायगी यह रीवत इस तरथ य पर आराररत ह वक िास तविक समान तर माध य स विवरन न
मदो क विचलन का योग शन य होता ह
सतरानसार- X = A+ N
dx
यहॉ X = समान तर माध य (Arithmetic mean)
A = कवलपत माध य (Assumed mean) dx =
कवलपत माध य स वलय गए मल यो क विचलनो का योग
(Sum of deviations from Assumed mean)
N = मदो की सख या (Total No Items)
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उदाििण- वनम नवलवखत सारणी म ककषा IX क 10 छातरो को विजञान विषय क अवरकतम पराप ताक
20 म स वनम न अक पराप त हए ह इन छातरो का विजञान विषय म समान तर माध य की गणना लघ रीवत
स कर
अक ndash 15 13 09 18 17 08 12 14 11 10
समान िि माध य की गणना (Calculation)
S N Marks Deviation
1 15 - 2
2 13 - 4
3 09 - 8
4 18 + 1
5 17 0
6 08 - 9
7 12 - 5
8 14 - 3
9 3 - 6
10 10 - 7
N= 10 योग =- 44+1
dx = - 43
X = A+ N
dx
= 17 + 10
43minus
= 17+ (-43)
= 127
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उततराखणड मकत विशवविदयालय68
खशणडि शरणी (Discrete Series)- खवणडत शरणी म समान तर माध य की गणना दो परकार स
की जा सकती ह
i परत यकष शवशध (Direct Method)- खवणडत शरणी म कल पदो क मल यो का योग
जञात करन हत परत यक पद मल य (x) को उसकी आिवतत (f) स गणा वकया जाता ह
इन गणनफलो का योग ही कल पद मल यो का योग होता ह ( fx) इन योग म पदो
की सख या (N) का राग दन स समान तर माध य जञात हो जाता ह यथा
1 परत यक मल य स उसकी आिवतत को गणा करत ह (fx)
2 गणनफल का योग जञात करत ह( xf)
3 कल आिवतत का योग जञात करत ह ( f or N))
4 गणनफल क योग म कल आिवततयो क योग स राग दकर समान तर माध य परस तत
सतर दवारा जञात कर त ह N
fxX
=
यहॉ X = समान तर माध य
fx = मल यो स सबवरत आिवततयो क गणनफलो का योग
N = आिवततयो का योग
ii लघ रीवत (Short-Cut Method)- गणना विवर-
1 वकसी मल य को कवलपत माध य (A) मान लत ह
2 कवलपत माध य स िास तविक मल यो क विचलन जञात करत ह (dx=X-A)
3 इन विचलनो (dx) को सबवरत आिवतत (f) स गणा करत ह (fdx)
4 गणनफल स योग जञात करत ह ( f dx)
5 गणनफल क योग म कल आिवतत क योग का राग दन पर जो सख या पराप त हो उस
कवलपत माध य म जोड़कर अथिा घटाकर समान तर माध य जञात करत ह
6 इसको जञात करन क वलए वनम न सतर का परयोग करत ह-
X = A+ N
fdx
यहॉ X = समान तर माध य
A = कवलपत माध य
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उततराखणड मकत विशवविदयालय69
fx = विचलनो ि आिवततयो क गणनफल का योग
N = आिवततयो का योग
उदाििण- वनम नवलवखत समको स परत यकष रीवत ि लघ रीवत दवारा समान तर माध य का पररकलन
कीवजए 20 25 75 50 10 15 60 65
िल
करम
स0
परत यकष शवशध
(Direct Method)
लघ िीशि (Short Cut) शवचलन A= 50 स dx
1 20 1 20 -30
2 25 2 25 -25
3 75 3 75 +25
4 50 4 50 +0
5 10 5 10 -40
6 15 6 15 -35
7 60 7 60 +10
8 65 8 65 +15
N= 8 x =320 dx = -80
सिि शरणी
(Continuous Series)- अखवणडत या सतत शरणी म समान तर माध य की गणना क वलए
सिापरथम िगाान तरो क मध य मल य जञात करक उस खवणडत शरणी म पररिवतात कर लत ह मध य मल य
परत यकष शवशध (Direct Method) लघ िीशि (Short Cut)
X= 8
320=
N
X
= 40
माध य = 40
X = A+ N
dx
= 50 + 8
80minus
= 50 + (-10) = 40
माध य = 40
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उततराखणड मकत विशवविदयालय70
जञात करन क वलए िगाान तरो की अपर और अरर सीमाओ को जोड़कर दो स राग वदया जाता ह
यह इस मान यता पर आराररत ह वक मध यमल य उस िगा म सवममवलत सरी मदो का परवतवनवर मल य
होता ह इसक पश चात परत यकष या लघ रीवत दवारा समान तर माध य जञात कर लत ह इसकी विवर
खवणडत शरणी क समान ही ह
उदाििण- वनम न आिवतत वितरण स समान तर माध य जञात कीवजए-
Marks (out of 50) 0-10 10-20 20-30 30-40 40-50
No of Student 10 12 20 18 10
िल (Solution)-
समान तर माध य का परतयकष ि लघ रीवत विवर स पररकलन (Calculation of Arithmetic Mean
by direct amp Short -Cut Method)
Marks MV=
X
f fx dx
A= 25
f dx
0-10 5 10 50 -20 -200
10-20 15 12 180 -10 -120
20-30 25 20 500 0 0
30-40 35 18 630 +10 +180
40-50 45 10 450 +20 +200
Total
N=70 fx =1810
fdx =
-320 + 380
= + 60
Direct Method Short- Cut Method
X = N
fx
X = A+ N
fdx
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उततराखणड मकत विशवविदयालय71
= 70
1810
= 2586 Marks
70
6025 +=
= 25+ 086= 2586 Marks
समान तर माध य (Mean) = 2586 Marks
समाविी शरणी Inclusive Series)
उदाहरण- वनम नवलवखत समको स समान तर माध य जञात कीवजए-
Marks 1-10 11-20 21-30 31-40 41-50
No of Student 5 7 10 6 2
िल (Solution)- समान तर माध य का पररकलन (Calculation of Arithmetic Mean)
Marks F Mid
Value=x
f x dx
f dx
1-10 5 55 275 -20 -100
11-20 7 155 1085 -10 -70
21-30 10 255 2550 0 0
31-40 6 355 2130 +10 +60
41-50 2 455 910 +20 +40
Total N= 30 fx =6950 fdx =-70
Direct Method Short- Cut Method
X = 30
695=
N
fx
= 2317 Marks
समानतर माधय (Mean) = 237
marks
X = A+ N
fdx
30
70525
minus+=
= 255-233= 2317 mean
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उततराखणड मकत विशवविदयालय72
पद शवचलन िीशि (Step deviation method)- इस रीवत का परयोग उस समय वकया जाता ह
जबवक विचलनो को वकसी समान सख या म विरावजत वकया जा सक तथा िगाान तरो की सख या
अवरक हो इस विवर म लघ रीवत क आरार पर विचलन जञात करत ह और विचलनो म
समापिताक (Common factor) i स राग वदया जाता ह पराय इस विवर का परयोग समान
िगाान तर िाली शरणी म वकया जाता ह इस रीवत स परश न हल करन क वलए वनम नवलवखत विवर
अपनायी जाती ह-
1 सरी िगाान तरो क मध य वबन द (x) जञात करत ह
2 शरणी क लगरग बीच क सरी िगाान तर क मध य वबन द को कवलपत माध य मान कर
परत यक िगाान तर क मध य वबन द स विचलन (dx) जञात करत ह ऐसा करत समय
रनात मक और ऋणात मक वचन हो का ध यान रखना चावहए
3 इन विचलनो को ऐसी सख या स विरावजत कर दत ह वजसका सरी म राग चला
जाए व यिहार म कवलपत मल य क सामन क पद विचलन क खान म 0 वलखकर
ऊपर की ओर -1 -2 -3 आवद ि नीच की ओर +1 +2 +3 आवद वलख दत ह
य ही पद विचलन होत ह (dx)
4 इसक पश चात पद विचलनो को उनकी आिवतत स गणा करक गणनफल का योग
जञात कर लत ह ( fdx )
5 इस परकार जञात गणनफल क योग म आिवततयो की कल सख या का राग द दत ह
6 पद विचलन रीवत अपनान पर वनम न सतर का परयोग करत ह-
XiN
fdxAX
+=
जहॉ X = समान तर माध य
A = कवलपत माध य
i = िगाान तर
dx = पद विचलन (Step deviation)
fdx = पद विचलनो और आिवततयो क गणनफल का योग
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय73
उदाहरण- वनम न सारणी स समान तर माध य पद विचलन रीवत स जञात कीवजए
Marks (out of 50) 0-10 10-20 20-30 30-40 40-50
No of Student 2 3 8 4 3
हल (Solution)-
Marks MV=
x
No of students
(f)
dx
A= 25
fdx
0-10 5 2 -2 -4
10- 20 15 3 -1 -3
20-30 25 8 0 0
30-40 35 4 +1 +4
40-50 45 3 +2 +6
Total N= 20 fdx
xiN
fdxAX
+=
1020
325 x+=
20
3025 +=
= 25+ 15
समान तर माध य = 265
अिदध मल य को िदध किना- जब गणना करन म तरवट हो जाती ह तो समान तर माध य री गलत हो
जाता ह उसका सही मल य जञात करन हत सतर का परयोग करत ह सतर दवारा कल मल य जञात कर उसम
आिश यक शवद की जाती ह तत पश चात सही समान तर माध य जञात वकया जाता ह
उदाहरण- 100 छातरो क औसत पराप ताक 40 थ बाद म पता चला वक एक विदयाथी क 74 क
स थान पर गलती स 14 अक पढ गए सही समान तर माध य जञात कीवजए
Solution-
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय74
यहॉ- =X 40 और N=100 और 74 क स थान पर 14 पढ गए कल
अक (Total Marks) )( x = X x N= 40x100= 4000 marks
सही अक (Corrected) )( x = 4000-14+74= 4060 marks
Corrected =X 4060divide100=4060 marks
सामशिक समान िि माध य (Combined Arithmetic Mean)- यवद अनक शरवणयो म पथक-
पथक समान तर माध य जञात ह और उस वमलाकर सामवहक माध य जञात करन की आिश यकता हो तो
उन अलग-अलग माध यो की सहायता स सामवहक माध य जञात कर सकत ह इसक वलए वनम न सतर
का परयोग करग-
सामवहक माध य (Combined Mean) )( 123 nX
n
nn
NNNN
NXNXNXNX
321
332211
+++
++=
यहॉ- =123X सामवहक माध य (Combined Mean)
1N 2N = पदो की सखया परथम वदवतीय समह इतयावद म (No of Item for
first group second group and so on)
1X 2X = परथम वदवतीय समह इतयावद का औसत (Average of first
group second group and so on)
उदाहरण 1- एक आिवतत वितरण क तीन राग ह वजनकी आिवततयॉ 100 150 तथा 200 ह और
उनक समान तर माध य करमश 25 15 10 ह कल वितरण का सामवहक माध य जञात कीवजए
हल (Solution)-
=123X 321
332211
NNN
NXNXNX
++
++
200150100
200101501510025
++
++=
xxx
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय75
450
200022502500 ++=
15450
6750==
सामवहक माध य =15
समान िि माध य की बीजगशणिीय शविषिाए (Algebraic Properties of Arithmetic
Mean)- समान तर माध य की बीजगवणतीय विशषताए वनमनवलवखत ह -
1 विवरन न मदो क मल यो का समान तर माध य स वलय गए विचलनो का योग हमशा
शन य होता ह अथाात 0)( =minus= XXd
2 समान तर माध य स वलय गए विचलनो क िगो का योग अन य वकसी मल य स वलय
गए विचलनो क िगो क योग स कम होता ह अथाात 22 dxX अत परमाप
विचलन की न यनतम िगा विवर ि सह सबर म समान तर माध य की इस विशषता
का परयोग वकया जाता ह
3 यवद X N ि X म स कोई दो माप जञात हो तो तीसरा माप जञात वकया जा
सकता ह अथाात X
XorNNXXor
N
XX
==
= )(
4 समान तर माध य क अन तागत परमाप विभम अन य माध य की अपकषा कम होता ह 5 यवद एक समह क दो या अवरक रागो क समान तर माध य ि उसकी सख या दी गइा
हो तो सामवहक समान तर माध य जञात वकया जा सकता ह
6 यवद वकसी शरणी की मदो की समान मल य स गणा कर राग द जोड़ द अथिा घटा द तो समान तर माध य पर िसा ही परराि पड़ता ह जस वकसी समक का
समानतर माधय 20 ह यवद इस समक क पदो क परत यक मल य म 2 जोड़ वदया जाए
तो निीन समान तर माध य 20+2 अथाात 22 हो जायग
समान िि माध य क गण (Merits of Mean)-
1 सिल गणना- समान तर माध य की पररकलन सरल ह और इस एक सामान य व यवकत री
सरलता स समझ सकता ह
2 सिी मल यो पि आधारिि- समान तर माध य म शरणी क समस त मल यो का उपयोग वकया
जाता ह
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय76
3 शनशिि सय या- समान तर माध य एक वनवित सख या होती वजस पर समय स थान ि व यवकत
का कोई परराि नही पड़ता शरणी को चाह वजस करम म वलखा जाए समान तर माध य म कोई
अन तर नही होगा
4 शसथििा- समान तर माध य म परवतदशा (Sample) क उच चािचन का अन य माध य की
अपकषा परराि पड़ता ह अथाात एक समगर म स यवद दि परवतदशा क आरार पर कई परवतदशा
वलय जाय तो उनक समान तर माध य समान होग
5 बीजगशणिीय परयोग सम िव- समान तर माध य की पररगणना म वकसी री सावखयकी
विश लषण म इसका परयोग वकया जाता ह
6 िदधिा की ज च- समान तर माध य म चालीयर जॉच क आरार पर शदता की जॉच सम रि
ह
7 करमबदधिा औि समिीकिण की आवश यकिा निी- इसम मध यका क तरह शरणी को
करमबद ि व यिवसथत करन अथिा बहलक की रॉवत विश लषण तावलका और समहीकरण
करन की आिश यकता नही
समान िि माध य क दोष (Demerits of Mean)-
1 शरणी क चिम मल यो का परिाव- समान तर माध य की गणना म शरणी क सरी मल यो को
समान महत ि वदया जाता ह अत इसकी गणना म बहत बड़ ि बहत छोट मल यो का बहत
परराि पड़ता ह
2 शरणी की आकशि स समान िि माध य जञाि किना सिव निी- वजस परकार शरणी की
आकवत को दखकर बहलक अथिा मध यका का अनमान लगाया जा सकता ह समान तर माध य
का अनमान लगाना सरि नही
3 शरणी की सिी मदो का वास िशवक मल य जञान िोना- समान तर माध य की गणना क वलए
शरणी क सरी मल यो का जञात होना आिश यक ह यवद शरणी क एक मद का री मल य जञात नही ह
तो समान तर माध य जञात नही वकया जा सकता ह
4 काल पशनक सय या- समान तर माध य एक ऐसा मल य हो सकता ह जो शरणी की सम पणा सख या म
मौजद नही हो जस 4 9 ि 20 का समान तर माध य 11 ह जो शरणी क बाहर का मल य होन क
कारण उसक वकसी मल य का परवतवनरत ि नही करता
5 हरास यास पद परिणाम- समान तर माध य म करी-करी हास यास पद पररणाम री वनकलत ह जस
वकसी गॉि क 5 पररिारो म बच चो की सख या 8 हो तो माध य 16 पराप त होगा जो हरास यास पद ह
क योवक 16 बच च का कोई अथा नही होता ह
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय77
समान िि माध य क उपयोग- समान तर माध य का उपयोग उस दशा म उपयोगी वसद होता ह जब
शरणी क सरी मल यो को समान महत ि दना हो ि पणा गवणतीय शदता की आिश यकता हो व यिहार
म इसका परयोग सबस अवरक होता ह क योवक इसकी गणना सरलता स की जा सकती ह औसत
परापताक औसत बवद औसत आय औसत मल य औसत उत पादन आवद म समान तर माध य का ही
परयोग वकया जाता ह इसका परयोग गणात मक अध ययन क वलए नही वकया जा सकता ह
सवमलयाशकि परशनो क उतति
1 helliphelliphelliphellipकी गणना म शरणी क सरी मल यो को समान महत ि वदया जाता ह
2 विवरन न मदो क मल यो का समान तर माध य स वलय गए विचलनो का योग हमशा helliphelliphelliphelliphellip होता ह
3 वकसी समक का समानतर माधय 42 ह यवद इस समक क पदो क परत यक मल य म 4
जोड़ वदया जाए तो निीन समान तर माध य helliphelliphelliphellipहो जायग
4 कन रीय परिवतत क मापhelliphelliphelliphelliphelliphellip सावखयकी क उदाहरण ह
5 सावखयकी को िास ति मhelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip का विजञान कहा जाता ह
312 मध यका (Median) मध यका एक वसथवत सबरी माध य ह यह वकसी समक माला का िह मल य ह जो वक समक माला को
दो समान रागो म विरावजत करता ह दसर शब दो म मध यका अिरोही या आरोही करम म वलख हए
विवरन न मदो क मध य का मल य होता ह वजसक ऊपर ि नीच समान सख या म मद मल य वसथत होत
ह डॉ ए0एल0 बाउल क अनसार यवद एक समह क पदो को उनक मल यो क आरार पर करमबद
वकया जाए तो लगरग बीच का मल य ही मध यका होता ह कॉनर क अनसार- मध यका समक शरणी
का िह चर मल य ह जो समह को दो बराबर रागो म विरावजत करता ह वजसम एक राग म मल य
मध यका स अवरक और दसर राग म सरी मल य उसस कम होत ह
313 मध यका की गणना (Computation of Median) मध यका की गणना क वलए सिापरथम शरणी को व यिवसथत करना चावहए मदो को वकसी मापनीय गण
क आरार पर आरोही या अिरोही करम म व यिवसथत करत समय मल यो स सबवरत सचना समय
वदन िषा नाम स थान रोल नम बर आवद को मल यो क आरार पर बदल वलया जाना चावहए आरोही
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उततराखणड मकत विशवविदयालय78
करम म सबस पहल छोट मद को और उसक बाद उसस बड़ को और इसी करम म अत म सबस बड़
मद को वलखत ह और अिरोही करम स सबस बड़ मद को वफर उसस छोट को और अत म सबस
छोट मद को वलखा जाता ह
मध यका की गणना शवशध व यशिगि शरणी (Individual Series)- इसम मध यका की गणना
की विवर इस परकार ह-
a शरणी क पदो को आरोही अथिा अिरोही करम म रखत ह
b इसक पश चात वनम न सतर का परयोग कर मध यका जञात करत ह-
M= Size of 2
)1( +N th item
शवषम सय या िोन पि (Odd Numbers)-
उदाििण- वनम न समको की सहायता स मध यका की गणना कीवजए-
9 10 6 8 3
हल शरणी क पदो को आरोही करम म रखन पर
6 8 9 10 11
मध यका = 2
)15( + िा पद का आकार
अथाात तीसरा पद ही मध यका का मान होगा = 9
सम सय या िोन पि (Even Numbers)- उपयक त उदाहरण म सख या विषम थी अत मध य
वबन द सरलता स जञात कर वलया गया परन त यवद सख या सम हो तो उसम एक सख या जोड़न पर ऐसी
सख या बन जाए गी वजसम दो का राग दन पर हम सम पणा सख या पराप त होगी ऐसी वसथवत म सतर का
परयोग करक िास तविक वसथवत जञात कर लनी चावहए ततपश चात वजन दो सख याओ क बीच मध यका
हो उन सख याओ क मल यो को जोड़कर दो स राग दना चावहए इसस पराप त सख या मध यका का
िास तविक मल य होगा
उदाििण- वनम न समको की सहायता स मध यका की गणना कीवजए-
10 11 6 8 9
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय79
हल शरणी क पदो को आरोही करम म रखन पर
6 8 9 10 11 15
मध यका = 2
)109( + = 95
खशणडि शरणी (Discrete Series)- खवणडत शरणी म मध यका जञात करन क वलए वनम न काया
करना होता ह-
1 पद मल यो (Size) को अिरोही अथिा आरोही करम म व यिवसथत करना
2 शरणी म दी गई आिवततयो की सचयी आिवतत जञात करना
3 मध यका अक जञात करन क वलए 2
1+N सतर का परयोग करना यहॉ N का अथा
आिवततयो की कल सख या स ह
4 मध यका पद को सचयी आिवतत स दखना ह मध यका पद वजस सचयी आिवतत म
आता ह उसक सामन िाला पद-मल य ही मध यका कहलाता ह
उदाहरण- वनम न समको की सहायता स मध यका की गणना कीवजए-
छातरो की सखया - 6 8 9 10 11 15 16 20 25
अक 28 20 27 21 22 26 23 24 25
िल मध यका जञात करन क वलए सिापरथम शरणी को व यिवसथत करग वफर सतर का परयोग वकया
जाए गा
Marks
No of Student
Cumulative
Frequency
20 8 8
21 10 18
22 11 29
23 16 45
24 20 65
25 25 90
26 15 105
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय80
27 9 114
28 6 120
मध यका (Median) = 2
1+N िा पद का आकार
2
1120+=
= 605
अत 605 िॉ मद 65 सचयी आिवतत क सामन अथाात 24 र0 ह मध यका मजदरी = 24
र0 ह
सिि शरणी (Continuous Series) - सतत शरणी म मध यका जञात करन क वलए वनम नवलवखत
वकरया विवर अपनायी जाती ह-
1 सबस पहल यह दखना चावहए की शरणी अपिजी ह अथिा समािशी यवद शरणी समािशी दी गई ह तो उस अपिजी म पररितान करना चावहए
2 इसक बाद सारारण आिवततयो की सहायता स सचयी आिवततयॉ (CF)
जञात करना चावहए
3 इसक पश चात N2 की सहायता स मध यका मद जञात की जाती ह
4 मध यका मद वजस सचयी आिवतत म होती ह उसी स सबवरत िगाान तर मध यका
िगा (Median group) कहलाता ह
5 मध यका िगा म मध यका वनराारण का आन तगाणन वनम न सतर की सहायता स
वकया जाता ह-
)()( 111 cm
f
LLLorMcm
f
iLM z minus
minus+=minus+=
M = मध यका (Median)
1L = मध यका िगा की वनम न सीमा zL = मध यका
िगा की उच च सीमाf = मध यका िगा की आिवततm =
मध यका मद )2
(N
C = मध यका िगा स पहल िाल िगा की सचयी आिवतत
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय81
i = मध यका िगा का िगा विस तार
6 यवद शरणी अिरोही करम म दी गई ह तो वनम न सतर का परयोग करग-
)(2 cmf
iLM minusminus=
अपवजी शरणी (Exclusive Series)
उदाहरण- वनम न सारणी स मध यका जञात कीवजए
अक 0-5 5-10 10-15 15-20 20-25
छातरो की सखया - 5 8 10 9 8
Marks
No of Student
F
Cumulative
Frequency
c f
0-5 5 5
5-10 8 13
10-15 10 23
15-20 9 32
20-25 8 40
thN
M2
= item (िी मद ) or 402= 20th items (िी मद) यह मद 23 सचयी आिवतत म
सवममवलत ह वजसका मल य =(10-15) र0 ह सतर दवारा मध यका
)1320(10
510)(1 minus+=minus+= cm
f
iLM or 10+35=135
मध यका (Median) = 1350
समाविी शरणी (Inclusive Series) जब मल य अिरोही करम (Descending order) म वदय
गए हो-
उदाहरण- वनम न शरणी स मध यका की गणना कीवजए
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय82
अक 25-30 20-25 15-20 10-15 5-10 0-5
छातरो की सखया 8 12 20 10 8 2
हल
Marks
No of Student
f
Cumulative
Frequency
c f
25-30 8 8
20-25 12 20
15-20 20 40
10-15 10 50
5-10 8 58
0-5 2 60
2
NM = िी मद या =
2
60 30 िी मद जो 40 सचयी आिवतत म ह वजसका िगा 15-20 ह सतर
दवारा )2030(20
520)(2 minusminus=minusminus= cm
f
iLM
51752201020
520 =minus=minus= X Marks
अतः मधयका अक = 175
वगा क मध य मल य (Mid Value) शदय िोन पि
उदाहरण- वनम न समको की सहायता स मध यका का वनराारण कीवजए
मध य वबन द (Central Size) 5 15 25 35 45 55 65 75
आिवतत (Frequency) 15 20 25 24 12 31 71 52
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय83
िल - ऐस परश नो को सबस पहल उपखवणडत शरणी म पररिवतात करग उपयक त उदाहरण म िगाान तर
10 ह इसका आरा राग अथाात 5 परत यक मध य वबन द स घटाकर ि आरा राग मध य वबन द म
जोड़कर िगा की वनम न सीमा ि उच च सीमाय मालम करक परश न को हल वकया जाएगा
Size Calculation of
Central Value
Median
F
Size C F
0-10 5 15 15
10-20 15 20 35
20-30 25 25 60
30-40 35 24 84
40-50 45 12 96
50-60 55 31 127
60-70 65 71 198
70-80 75 52 250
2
NM = िी मद या 125
2
250= िी मद वजसका मल य 50-60 मध यका िगा म ह
सतर दवारा )(1 cmf
iLM minus+==
)96125(31
1050 minus+=
31
29050 +=
=50+935= 5935
अतः मधयका = 5935
मध यका की शविषिाए (Characteristics of Median)
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उततराखणड मकत विशवविदयालय84
1 मध यका एक वसथवत सम बन री माप ह 2 मध यका क मल य पर अवत सीमान त इकाइयो का परराि बहत कम होता ह 3 मध यका की गणना उस दशा म री की जा सकती ह जब शरणी की मदो को सख यात मक रप
नही वदया जा सकता हो
4 अन य माध यो की रॉवत मध यका का गवणतीय वििचन सम रि नही ह 5 यवद मदो की सख या ि मध यका िगा मातर क विषय म सचना दी हई ह तो री मध यका की
गणना सरि ह अथाात अपणा सचना स री मध यका मल य का वनराारण सरि ह
मध यका क गण (Merits of Median)
1 बवदमत ता सन दरता एि स िस थता आवद गणात मक विशषताओ क अध ययन क वलए
अन य माध यो की अपकषा मध यका शरष ठ समझा जाता ह
2 मध यका पर अवत सीमात और सारारण मदो का परराि नही पड़ता ह
3 मध यका को जञात करना सरल और सविराजनक रहता ह इसकी गणना करना एक
सारारण व यवकत री सरलता स समझ सकता ह
4 करी-करी तो मध यका की गणना वनरीकषण मातर स ही की जा सकती ह
5 मध यका को वबन दरखीय पदवत स री जञात वकया जा सकता ह
6 मध यका की गणना करन क वलए सम पणा समको की आिश यकता नही होती ह
किल मदो की एि मध यका िगा का जञान पयााप त ह
7 यवद आिवततयो की परिवतत शरणी क मध य समान रप स वितररत होन की हो तो
मध यका को एक विश िसनीय माध य माना जाता ह
8 मध यका सदि वनवित एि स पष ट होता ह ि सदि जञात वकया जा सकता ह
9 मध यका अवरकतर शरणी म वदय गए वकसी मल य क समान ही होता ह
मध यका क दोष (Demerits of Median)
1 मध यका की गणना करन क वलए कई बार शरणी को आरोही या अिरोही करम म
व यिवसथत करना होता ह जो कवठन ह
2 यवद मध यका तथा मदो की सख या दी गई हो तो री इनक गणा करन पर मल यो का
कल योग परापत नही वकया जा सकता
3 मदो का अवनयवमत वितरण होन पर मध यका परवतवनवर अक परस तत नही करता ि
भमपणा वनष कषा वनकालत ह
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय85
4 जब मदो की सख या सम ह तो मध यका का सही मल य जञात करना सरि नही हो
पाता ह ऐसी वसथवत म मध यका का मान अनमावनत ही होता ह
5 सतत शरणी म मध यका की गणना क वलए आन तगाणन का सतर परयक त वकया जाता
ह वजसकी मान यता ह वक िगा की समस त आिवततयॉ पर िगा म समान रप स फली
हई ह जबवक िास ति म ऐसा न होन पर वनष कषा अशद और भामक होत ह
6 जब बड़ एि छोट मदो को समान रार दना हो तो यह माध य अनपयक त ह क योवक
यह छोट और बड़ मदो को छोड़ दता ह
7 मध यका का परयोग गवणतीय वकरयाओ म नही वकया जा सकता ह
8 मध यका जञात करत समय यवद इकाईयो की सख या म िवद की जाए तो इसका
मल य बदल जाए गा
मध यका की उपयोशगिा वजन तरथ यो की व यवकतगत रप स पथक-पथक तलना नही की जा
सकती अथिा वजन ह समहो म रखा जाना आिश यक ह उनकी तलना क वलए मध यका का परयोग
बहत उपयोगी ह इसक दवारा ऐसी समस याओ का अध ययन री सरि होता ह वजन ह पररणाम म
व यक त नही वकया जा सकता ह उदाहरणाथा- सन दरता बवदमानी स िास रथ य आवद को पररमाप म
व यक त नही कर सकत ऐसी वसथवत म जहॉ अवत सीमात मदो को महत ि नही वदया जाता हो यहाा
माध य उपयक त रहता ह
314 मध यका क मसदधात पर आधाररत अन य माप- वजस परकार मध यका दवारा एक शरणी की अनविन यावसत मदो को दो बराबर रागो म बॉटा जाता ह
उसी परकार शरणी को चार पॉच आठ दस ि सौ बराबर रागो म बॉटा जा सकता ह चार रागो म
बॉटन िाला मल य चतथाक (Quartiles) पॉच रागो म बॉटन िाला मल य पचमक (Quintiles)
आठ रागो िाल मल य अष ठमक (Octiles) दस िाल दशमक (Deciles) ि सौ बराबर रागो म
बॉटन िाल मल य शतमक (Percentiles) कहलात ह इन विवरन न मापो का परयोग सावखयकीय
विश लषण म वकया जाता ह य माप अपनी वसथवत क आरार पर वनरााररत की जाती वजनका वििचन
वनम न खण डो म वकया गया ह-
1 चिथाक Quartiles)- यह एक अत यवरक महत िपणा माप ह जो सबस अवरक परयोग म
आता ह जब वकसी अनविन यावसत शरणी को चार समान रागो म बॉटा जाना हो तो उसम
तीन चतथाक होग परथम चतथाक को वनचला चतथाक (Lower Quartile) दसर
चतथाक को मध यका तथा ततीय चतथाक को उच च चतथाक (Upper Quartile) कहत ह
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2 पचमक (Quintiles)- शरणी को पॉच बराबर रागो म बॉटन पर चार पचमक होग
वजन ह करमश Qn1 Qn2 Qn3 Qn4 दवारा व यक त वकया जाता ह
3 अष टमक (Octiles)- शरणी का आठ बराबर रागो म बॉटन पर सात अष टमक होग
वजन ह - O1 O2 O3 O7
4 दिमक (Deciles) - शरणी को दस बराबर रागो म बॉटन पर 9 दशमक होग इन ह D1
D2 D9 दवारा व यक त वकया जाता ह
5 ििमक (Percentiles)- शरणी को सौ बराबर रागो म बॉटन पर 99 शतमक होग इन ह
P1 P2 P3 P99 दवारा व यक त वकया जाता ह
शििीय चिथाक (Q2) चौथ अष टमक (Q4) प चव दिमक (D5) िथा
पचासव ििमक (P50) का मल य मध यका मल य किलािा ि
315 बहलक (Mode) वकसी शरणी का िह मल य वजसकी आिवतत सबस अवरक होती ह बहलक कहलाता ह अगरजी
राषा का Mode शब द फर च राषा क La Mode स बना ह वजसका अथा फशन या ररिाज म
होन स ह वजस िस त का फशन होता ह अवरकाश व यवकत पराय उसी िस त का परयोग करत ह अत
सावखयकी म बहलक शरणी िह चर मल य ह वजसकी आिवतत सिाावरक होती ह और वजसक चारो
मदो क कवनरत होन की परिवतत सबस अवरक होती ह बॉवडगटन क अनसार- बहलक को
महत िपणा परकार रप या पद क आकार या सबस अवरक घनत ि िाल मल य क रप म परररावषत
वकया जा सकता ह बहलक क जन मदाता वजजक क अनसार- बहलक पद मल यो की वकसी शरणी
म सबस अवरक बार आन िाला एक ऐसा मल य ह वजसक चारो ओर अन य पद सबस घन रप म
वितररत होत ह
करॉक सटन एि काउडन क शब दो म- बहलक वकसी आिवतत वितरण का िह मल य ह वजसक
चारो ओर मदो क कवनरत होन की परिवतत बहत अवरक होती ह यह मल य शरणी क मल यो का
सिाशरष ठ चारो ओर मदो क कवनरत होन की परिवतत बहत अवरक होती ह यह मल य शरणी क मल यो
का सिाशरष ठ परवतवनवर होता हrdquo
316 बहलक की गणना (Calculation of Mode) व यशिगि शरणी (Individual Series) - अिगीकत तरथ यो क सबर म बहलक जञात करन की
तीन विवरयॉ ह-
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i वनरीकषण विवर
ii व यवकतगत शरणी को खवणडत या सतत शरणी म पररिवतात करक
iii माध यो क अतासबर दवारा
शनिीकषण िािा (By Inspection) - अिगीकत तरथ यो का वनरीकषण करक यह वनवित वकया जाता
ह वक कौन सा मल य सबस अवरक बार आता ह अथाात कौन सा मल य सबस अवरक परचवलत ह
जो मल य सबस अवरक परचवलत होता ह िही इन तरथ यो का बहलक मल य होता ह
उदाहरण- वनम नवलवखत सख याओ क समहो क वलए बहलक जञात कीवजए
i 3 5 2 6 5 9 5 2 8 6 2 3 5 4 7
ii 516 487 533 495 489 516 52 546 54 533 iii 80 110 40 30 20 50 100 60 40 10 100 80 120 60 50
70
हल - उपरोक त सख याओ को वनरीकषण करन स जञात होता ह वक ndash
i 5 सख या सबस अवरक बार (चार बार) आया ह अत बहलक = 5 ह
ii 533 ि 516 दोनो ही सख याऍ दो-दो बार आित त हआ ह अत यहॉ पर दो बहलक
(533 ि 516) ह इस शरणी को वदव-बहलक (Bi-Modal) शरणी कहत ह
iii 40 50 60 80 100 सख याऍ दो-दो बार आित त होती ह हम यह कह सकत ह वक
यहॉ पर पॉच बहलक ह इस बह-बहलक (Multi Modal) शरणी कहत ह इस वसथवत
म यह कहना अवरक उपयक त होगा वक बहलक विदयमान नही ह
अवगीकि िथ यो का वगीकिण किक- यवद परस तत मल यो की सख या बहत अवरक होती ह तो
बहलक का वनरीकषण दवारा वनराारण करना सरल नही होता ह ऐसी वसथवत म व यवकतगत मल यो को
आिवतत वितरण क रप म खवणडत या सतत शरणी म पररिवतात कर लत ह तत पश चात खवणडत या
सतत शरणी स बहलक वनरााररत करत ह बहलक जञात करन की यह रीवत अवरक विश िसनीय एि
तका सगत ह
माध यो क अिासबध िािा- यवद समक वितरण समवमत ह अथिा आवशक रप स विषम ह तो
सम रावित बहलक मल य का वनराारण इस रीवत दवारा वकया जाता ह एक समवमत समक वितरण म
समान तर माध य मध यका ि बहलक )( ZMX का मल य समान होता ह अथाात ZMX == यवद
वितरण आवशक रप स विषम या असमवमत हो तो इन तीनो माध यो क मध य औसत सबर इस
परकार होता ह-
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XMorZMXZX 23)(3)( minus=minus=minus
बिलक = 3x मध यका - 2x समान िि माध य
खशणडि शरणी म बिलक- इस शरणी म बहलक मल य वनरीकषण दवारा एि समहीकरण दवारा जञात
वकया जा सकता ह
शनिीकषण िािा (By Inspection) - यवद आिवतत बटन वनयवमत हो तथा उनक पद मल य
सजातीय हो तो वनरीकषण मातर स ही बहलक का वनराारण वकया जा सकता ह वजस मल य की
आिवतत सबस अवरक होती ह िही मल य बहल क माना जाता ह वनयवमत स आशय आिवतयो क
ऐस वितरण स ह जहॉ परारम र म ि बढत करम म हो मध य म अवरकतम एि वफर ि घटत करम म हो
जसा वक वनम नवलवखत उदाहरण स सरलता स समझा जा सकता ह-
उदाहरण- वनम नवलवखत समको स बहलक की गणना कीवजए
अक ( 5 म स) 0 1 2 3 4 5
छातरो की सखया 5 8 13 5 2 1
िल - उपयाक त आिवतत वितरण स स पष ट जञात होता ह वक 2 पराप ताक की आिवतत 13 ह जो
सिाावरक ह अत 2 पराप ताक बहलक होगा यहॉ पर आिवततयॉ पहल बढत करम म ह मध य म
सिाावरक तथा वफर घटत करम म ह अत यह वनयवमत आिवतत वितरण का उदाहरण ह
समिीकिण िािा (By Grouping) - जब शरणी म अवनयवमतता हो अथिा दो या इसस अवरक
मल यो की आिवतत सबस अवरक हो तो यह वनवित करना कवठन होता ह वक वकस मल य को बहलक
माना जाए ऐसी वसथवत म lsquoसमहीकरणrsquo दवारा बहलक जञात करना उपयक त रहता ह समहीकरण रीवत
दवारा बहलक जञात करन क वलए वनम न तीन काया करन होत ह-
i समहीकरण सारणी बनाना
ii विश लषण सारणी बनाना iii बहलक जञात करना
यहॉ पर हम लोग मातर वनरीकषण विवर दवारा बहलक (Mode) जञात करन की परवकरया का
अध ययन करग
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अखशणडि या सिि शरणी (Continuous Series) म बिलक जञाि किना- सतत शरणी म
बहलक वनवित करत समय सिापरथम वनरीकषण दवारा सबस अवरक आिवतत िाल पद को बहलक िगा
क वलए चन लत ह बहलक िगा म बहलक मल य जञात करन क वलए वनम न सतरो का परयोग वकया जा
सकता ह-
उपयाक त सतरो म परयक त विवरन न वचन हो क अथा इस परकार ह-
Z = बहलक
L1 = बहलक िगा की अरर (Lower Limit) सीमा
i = बहलक िगा का िगा विस तार या िगाान तर
D1 = परथम िगा अतर (Delta) = Difference one (f1-fo)
D2 = वदवतीय िगा अतर (Delta) = Difference two (f1-f2)
उदाििण- वनम नवलवखत समको स बहलक मल य जञात कीवजए-
िगा आकार - 0-5 5-10 10-15 15-20 20-25
बारमबारता 2 6 15 8 6
इस शरणी क वनरीकषण स जञात होता ह वक शरणी का 10-15 िगा बहलक िगा ह क योवक इस
िगा की आिवतत सिाावरक ह इस परकार
xiDD
LZ21
11
D
++= यहॉ D1 = f1 ndashfo =15 -6 = 9
D2 = f1 - f2 =15 -8 = 7
579
910 x
++=
16
4510 +=
=10+281
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= 1281
बहलक = 1281
बिलक की परमख शविषिाए (Principal Characteristics of Mode) -
1 बहलक मल य पर असारारण इकाईयो का परराि नही पड़ता ह अथाात इस माध य
पर शरणी क उच चतम ि वनम नतम अको का बहत कम परराि पड़ता ह
2 िास तविक बहलक क वनराारण क वलए पयााप त गणना की आिश यकता होती ह
यवद आिवतत वितरण अवनयवमत ह तो बहलक का वनराारण करना री कवठन
होता ह
3 बहलक सिाावरक घनत ि िाला वबन द होता ह अत शरणी क वितरण का अनमान
सरलता स लगाया जा सकता ह
4 बहलक क वलए बीजगवणतय वििचन करना सरि नही होता
5 सवननकट बहलक आसानी स जञात वकया जा सकता ह
बिलक क गण (Advantages of Mode) -
i सिलिा- बहलक को समझना ि परयोग करना दोनो सरल ह करी-
करी इसका पता वनरीकषण दवारा ही लगाया जा सकता ह
ii शरष ि परशिशनशधत व- बहलक मल य क चारो ओर समक शरणी क
अवरकतम मल य कवनरत होत ह अत समगर क लकषणो तथा रचना पर
री कछ परकाश पड़ता ह
iii थोड़ मदो की जानकािी स िी बिलक गणना सम िव- बहलक को
गणना क वलए सरी मदो की आिवततयॉ जानना आिश यक नही किल
बहलक िगा क पहल और बाद िाल िगा की आिवततयॉ ही पयााप त ह
iv शबन द िखीय परदिान सम िव- बहलक का परदशान रखा वचतर स सरि
ह
v चिम मल यो स कम परिाशवि- इसक मल य पर चरम मदो का परराि
नही पड़ता क योवक यह सरी मल यो पर आराररत नही होता ह
vi सवााशधक उपयोगी मल य- बहलक एक व यािहाररक माध य ह वजसका
सािारौवमक उपयोग ह
vii शवशिन न न यादिो म समान शनष कषा- समगर स सदि वनदशान दवारा चाह
वजतना न यादशा वलय जाए उनस पराप त बहलक समान रहता ह
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बिलक क दोष-
1 अशनशिि िथा अस पष ट- बहलक जञात करना अवनवित तथा अस पष ट रहता ह
करी-करी एक ही समकमाला स एक स अवरक बहलक उपलब र होत ह
2 चिम मल यो का मित व निी- बहलक म चरम मल यो को कोई महत ि नही वदया
जाता
3 बीजगशणिीय शववचन कशिन- बहलक का बीजगवणतीय वििचन नही वकया
जा सकता अत यह अपणा ह
4 वगा शवस िाि का अशधक परिाव- बहलक की गणना म िगा विस तार का बहत
परराि पड़ता ह वरन न-वरन न िगा विस तार क आरार पर िगीकरण करन पर
बहलक री वरन न-वरन न आत ह
5 कल योग पराप ि किना कशिन- बहलक को यवद मदो की सख या स गणा कर
वदया जाए तो मदो क कल मल यो का योग पराप त नही वकया जा सकता
6 करमानसाि िखना- इसम मदो को करमानसार रखना आिश यक ह इसक वबना
बहलक जञात करना सम रि नही होता ह
317 समान तर माध य मध यका तथा बहलक क बीच सबध- एक समवमत शरणी (Symmetrical Series) ऐसी शरणी होती ह वजसम समान तर माध य
मध यका ि बहलक का एक ही मल य होता ह एक विषम शरणी म तीनो माध य समान नही होत ह
परन त विषम शरणी म री मध यका समान तर माध य ि बहलक क बीच की दरी की औसतन एक
वतहाई होती ह
इसका सतर इस परकार ह-
XMorZMXXZ 23)(3 minus=minusminus=
)(3
2ZXZM minus+=
)3(2
1ZMX minus=
सवमलयाशकि परशन
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6 एक helliphelliphelliphellipशरणी (Series) म समान तर माध य मध यका ि बहलक का एक ही
मल य होता ह
7 helliphelliphelliphelliphellipवकसी आिवतत वितरण का िह मल य ह वजसक चारो ओर मदो क
कवनरत होन की परिवतत बहत अवरक होती ह
8 सौ बराबर रागो म बॉटन िाल मल य helliphelliphelliphelliphelliphellipकहलाता ह
9 helliphelliphelliphellipसमक शरणी का िह चर मल य ह जो समह को दो बराबर रागो म
विरावजत करता ह
10 चार रागो म बॉटन िाला मल य helliphelliphelliphelliphelliphellipकहलाता ह
318 साराश (Summary) परसतत इकाई म आपन सावखयकी का अथा तथा िणानातमक सावखयकी क रप म कनरीय परिवतत क
मापको (Measures of Central Tendency) म समातर माधय मधयका ि बहलक का
अधययन वकया इन सरी अिरारणाओ क बार म सवकषपत वििरण वदया जा रहा ह
सावखयकी अनमानो और सरािनाओ का विजञान ह तथा यह गणना का विजञान ह सावखयकी को
सही अथा म माधयो का विजञान कहा जा सकता ह
िणानात मक सावखयकी वकसी कषतर क रतकाल तथा ितामान काल म सकवलत तरथ यो का अध ययन
करता ह और इनका उददशय वििरणात मक सचना परदान करना होता ह कन रीय परिवतत क माप
वििरणात मक या िणानात मक सावखयकी क उदाहरण ह
एक समक शरणी की कन रीय परिवतत का आशय उस समक शरणी क अवरकाश मल यो की वकसी एक
मल य क आस-पास कवनरत होन की पर िवतत स ह वजस मापा जा सक और इस परिवतत क माप को ही
माध य कहत ह
कन रीय परिवतत क माप क उददशय एि काया ह- सामगरी को सवकषप त रप म परस तत करना तलनात मक
अध ययन क वलए समह का परवतवनवरत ि अक गवणतीय वकरयाऍ रािी योजनाओ का आरार
माधयो क मधय पारस पररक सबर जञात करन क वलए आवद
वकसी री आदशा माध य म गण होनी चावहए- परवतवनवरति स पष टता एि वसथरता वनवित वनराारण
सरलता ि शीघरता पररितान का न यनतम परराि वनरपकष सख या आवद
सावखयकीय म मख यत वनम न माध यो का परयोग होता ह-
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IV वसथवत सम बन री माध य (Averages of position)
a बहलक (Mode)
b मध यका (Median)
V गवणत सम बन री माध य (Mathematical Average)
a समान तर माध य (Arithmetic Average or mean)
b गणोत तर माध य (Geometric Mean)
c हरात मक माध य (Harmonic Mean)
d वदवदयात या िगीकरण माध य (Quadratic Mean)
VI व यापाररक माध य (Business Average)
a चल माध य (Moving Average)
b परगामी माध य (Progressive Average)
c सगरहीत माध य (Composite Average)
वकसी समक शरणी का समान तर माध य उस शरणी क मल यो को जोड़कर उसकी सख या का राग दन स
पराप त होता ह समान तर माध य दो परकार क होत ह-
3 सरल समान तर माध य (Simple Arithmetic Mean)
4 राररत समान तर माध य (Weighted Arithmetic Mean)
समान तर माध य की गणना करन क वलए दो रीवतयो का परयोग वकया जाता ह-
iii परत यकष रीवत (Direct Method)
iv लघ रीवत (Short-cut Method)
मध यका समक शरणी का िह चर मल य ह जो समह को दो बराबर रागो म विरावजत करता ह वजसम
एक राग म मल य मध यका स अवरक और दसर राग म सरी मल य उसस कम होत ह वजन तरथ यो की
व यवकतगत रप स पथक-पथक तलना नही की जा सकती अथिा वजन ह समहो म रखा जाना
आिश यक ह उनकी तलना क वलए मध यका का परयोग बहत उपयोगी ह इसक दवारा ऐसी समस याओ
का अध ययन री सरि होता ह वजन ह पररणाम म व यक त नही वकया जा सकता ह
वजस परकार मध यका दवारा एक शरणी की अनविन यावसत मदो को दो बराबर रागो म बॉटा जाता ह
उसी परकार शरणी को चार पॉच आठ दस ि सौ बराबर रागो म बॉटा जा सकता ह चार रागो म
बॉटन िाला मल य चतथाक (Quartiles) पॉच रागो म बॉटन िाला मल य पचमक (Quintiles)
आठ रागो िाल मल य अष ठमक (Octiles) दस िाल दशमक (Deciles) ि सौ बराबर रागो म
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बॉटन िाल मल य शतमक (Percentiles) कहलात ह इन विवरन न मापो का परयोग सावखयकीय
विश लषण म वकया जाता ह
बहलक वकसी आिवतत वितरण का िह मल य ह वजसक चारो ओर मदो क कवनरत होन की परिवतत
बहत अवरक होती ह यह मल य शरणी क मल यो का सिाशरष ठ चारो ओर मदो क कवनरत होन की
परिवतत बहत अवरक होती ह यह मल य शरणी क मल यो का सिाशरष ठ परवतवनवर होता ह
अिगीकत तरथ यो क सबर म बहलक जञात करन की तीन विवरयॉ ह-
iv वनरीकषण विवर
v व यवकतगत शरणी को खवणडत या सतत शरणी म पररिवतात करक
vi माध यो क अतासबर दवारा
एक समवमत शरणी (Symmetrical Series) ऐसी शरणी होती ह वजसम समान तर माध य मध यका ि
बहलक का एक ही मल य होता ह एक विषम शरणी म तीनो माध य समान नही होत ह परन त विषम
शरणी म री मध यका समान तर माध य ि बहलक क बीच की दरी की औसतन एक वतहाई होती ह
इसका सतर ह- XMorZMXXZ 23)(3 minus=minusminus=
319 शबदावली (Glossary) साशययकी (Statistics) सावखयकी अनमानो और सरािनाओ का विजञान ह तथा यह गणना का
विजञान ह सावखयकी को सही अथा म माधयो का विजञान कहा जाता ह
वणानात मक साशययकी (Descriptive Statistics) िणानात मक सावखयकी सकवलत तरथ यो का
वििरणात मक सचना परदान करना होता ह कन रीय परिवतत क माप वििरणात मक या िणानात मक
सावखयकी क उदाहरण ह
कन रीय परवशतत का माप ( Measures of Central Tendency) एक समक शरणी की कन रीय
परिवतत का आशय उस समक शरणी क अवरकाश मल यो की वकसी एक मल य क आस-पास कवनरत
होन की पर िवतत स ह वजस मापा जा सक और इस परिवतत क माप को माध य री कहत ह
मध यका (Median) मध यका समक शरणी का िह चर मल य ह जो समह को दो बराबर रागो म
विरावजत करता ह
चिथाक (Quartiles) चार रागो म बॉटन िाला मल य चतथाक (Quartiles)
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पचमक (Quintiles) पॉच रागो म बॉटन िाला मल य पचमक (Quintiles)
अष िमक (Octiles) आठ रागो िाल मल य अष ठमक (Octiles)
दिमक (Deciles) दस रागो िाल मल य दशमक (Deciles)
ििमक (Percentiles) सौ बराबर रागो म बॉटन िाल मल य शतमक (Percentiles)
बिलक (Mode) बहलक वकसी आिवतत वितरण का िह मल य ह वजसक चारो ओर मदो क
कवनरत होन की परिवतत बहत अवरक होती ह
320 सवमलयाककत परशनो क उततर 1 समान तर माध य 2 शन य 3 46 4 वििरणात मक या िणानात मक 5 माध यो 6
समवमत 7 बहलक 8 शतमक (Percentiles) 9 मध यका 10 चतथाक
(Quartiles)
321 सदरभ गरनथ सची पाठय सामगरी (References
Useful Readings)
1 Best John W amp Kahn (2008) Research in Education New Delhi
PHI
2 Good Carter V (1963) Introduction to Educational Research New
York Rand Mc Nally and company
3 Koul Lokesh (2002) Methodology of Educational Research New
Delhi Vikas Publishing Pvt Ltd
4 Garret HE (1972) Statistics in Psychology and Education New
York Vakils Feffers and Simans Pvt Ltd
5 वसह ए०क० (2007) मनोविजञान समाजशास तर तथा वशकषा म शोर विवरयॉ नई
वदल ली मोतीलाल बनारसी दास
6 गप ता एस०पी० (2008) मापन एि मल याकन इलाहाबाद शारदा पवबलकशन
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय96
7 शमाा आर०ए० (2001) वशकषा अनसरान क मल तत ि एि शोर परवकरया मरठ
आर०लाल० पवबलकशनस
322 तनबधातमक परशन 1 सावखयकी का अथा बताइए तथा िणानातमक सावखयकी क महति का िणान
कीवजए
2 कनरीय परिवतत क मापको विवरन न मापको की तलना कीवजए 3 कनरीय परिवतत क मापको क महति का िणान कीवजए 4 वनम नवलवखत समको स समानतर माधय मधयका ि बहलक का मल य जञात
कीवजए- (उततर समानतर माधय =675 मधयका = 6932 बहलक =
7296)
िगा
अतराल
90-
94
85-
89
80-
84
75
-
79
70
-
74
65
-
69
60
-
64
55
-
59
50
-
54
45
-
49
4
0-
4
4
बारबार
ता
1 4 2 8 14 6 6 6 4 3 3
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उततराखणड मकत विशवविदयालय97
इकाई सखया 4 वणभनातमक सामखयकी ववचरणशीलता मापक (Descriptive
Statistics Measures of Variability
or Dispersion Quartiles
Percentiles Standard Errors of
Various Relevant Statistics)
इकाई की रपरखा
41 परसतािना
42 उददशय
43 विचरणशीलता अथिा अपवकरण का अथा
44 अपवकरण की माप
45 अपवकरण क उददशय एि महत ि
46 अपवकरण क विवरन न माप
47 विस तार
48 अन तर चतथाक विस तार
49 शतमक विस तार
410 चतथाक विचलन या अदा अन तर-चतथाक विस तार
411 माध य विचलन या परथम घात का अपवकरण
412 परमाप विचलन
413 अपवकरण क विवरन न मापो क मध य सबर
414 मानक तरवट
415 साराश
416 शबदािली
417 सिमलयावकत परशनो क उततर
418 सदरा गरनथ सची पाठय सामगरी
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उततराखणड मकत विशवविदयालय98
419 वनबरातमक परशन
41 परसतावना इसस पहल आपन कन रीय परिवतत क बार म यह जाना वक माध य एक शरणी का परवतवनवर मल य
होता ह यह मल य उस शरणी की माध य वसथवत या सामान य वसथवत का पररचायक मातर होता ह
माध य मल य क आरार पर समक शरणी की बनािट सरचना पद मल यो का माध य मल य क सदरा
म विखराि या फलाि आवद क सदरा म जानकारी करना सरि नही ह अत कन रीय परिवतत क
मापो क आरार पर सावखयकीय तरथयो का विश लषण ि वनष कषा पराय अशद ि भामक होता ह
सावखयकीय विश लषण की शदता क वलए विचरणशीलता क मापक को समझना अत यत
आिश यक ह परसतत इकाई म आप विचरणशीलता क मापको चतथााक शताक तथा परमख
सावखयवकयो क परमाप तरवटयो का अधययन करग
42 उददशय इस इकाई क अध ययनोपरात आप-
bull विचरणशीलता अथिा अपवकरण का अथा बता पाएग
bull विचरणशीलता क महति का िणान कर सक ग
bull विचरणशीलता की परकवत को बता पाएग
bull विचरणशीलता क सपरत यय की व याख या कर सक ग
bull विचरणशीलता क विवरन न मापको का पररकलन कर सक ग
bull चतथााक मापक का पररकलन कर सक ग
bull शताक मापक का पररकलन कर सक ग
bull परमख सावखयवकयो क परमाप तरवटयो का पररकलन कर सक ग
bull विचरणशीलता क विवरन न मापको की तलना कर सक ग
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43 ववचरणशीलता अथवा अपककरण का अथभ (Meaning of Variability or Dispersion)
विचरणशीलता अथिा अपवकरण का अथा फलाि विखराि या परसार ह अपवकरण वकसी शरणी
क पद-मल यो क विखराि या विचरण की सीमा बताता ह वजस सीमा तक व यवकतगत पद मल यो म
वरन नता होती ह उसक माप को अपवकरण कहत ह बक स तथा वडक क मतानसार एक कन रीय
मल य क दोनो ओर पाए जान िाल चर मल यो क विचलन या परसार की सीमा ही अपवकरण ह
अपवकरण (Dispersion) को विखराि (Scatter) परसार (Spread) तथा विचरण
(Variation) आवद नामो स जाना जाता ह
44 अपककरण की माप (Measures of Dispersion) अपवकरण को वनम न परकार स मापा जा सकता ह-
i शनिपकष माप (Absolute Measures) - यह माप अपवकरण को बतलाता ह
और उसी इकाई म बताया जाता ह वजसम मल समक व यक त वकए गए ह जस-
रपय मीटर लीटर इत यावद वनरपकष माप दो शरवणयो की तलना करन हत परयोग
नही वकया जा सकता
ii सापकष माप (Relative Measures)- सापकष अपवकरण कल अपवकरण का
वकसी परमाप मल य स विराजन करन स पराप त होता ह और अनपात या परवतशत
क रप म व यक त वकया जाता ह दो यो दो स अवरक शरवणयो की तलना करन हत
सापकष माप का ही परयोग वकया जाता ह
45 अपककरण क उददशय एव महत व (Objectives and importance of Dispersion)
अपवकरण क विवरन न माप क वनम नवलवखत उददशय एि महत ि ह -
i समक शरणी क माध य स विवरन न पद-मल यो की औसत दरी जञात करना
ii समक शरणी की बनािट क बार म जानकारी परदान करना अथाात यह जञात करना वक
माध य क दोनो ओर पद-मल यो का विखराि या फलाि कसा ह
iii समक- शरणी क विवरन न पद-मल यो का सीमा विस तार जञात करना
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय100
iv दो या दो स अवरक समक शरवणयो म पायी जान िाली असमानताओ या बनािट म
अन तर का तलनात मक अध ययन करना तथा यह वनवित करना वक वकस समक शरणी म
विचरण की मातरा अवरक ह
v यह जॉचना वक माध य दवारा समक शरणी का वकस सीमा तक परवतवनवरत ि होता ह इस
परकार अपवकरण की माप माध यो की अनपरक होती ह
46 अपककरण क ववमरन न माप (Different Measures of Dispersion)
अपवकरण जञात करन की विवरन न रीवतयॉ वनम न चाटा म परस तत ह-
सीमा िीशिय
(Methods of Limits)
शवचलन माध य िीशिय
(Methods of Average Deviation)
1 विस तार (Range)
2 अन तर-चतथाक विस तार (Inter-Quartile
Range)
3 शतमक विस तार (Percentile Range)
4 चतथाक विचलन (Quartile Deviation)
1 माध य विचलन (Mean Deviation)
2 परमाप विचलन (Standard
Deviation)
47 ववस तार (Range) वकसी समक शरणी म सबस अवरक मल य (H) और सबस छोट मल य या न यनतम मल य (L) क
अन तर को विस तार कहत ह यह अन तर यवद कम ह तो शरणी वनयवमत या वसथर कहलायगी
इसक विपरीत यवद यह अन तर अवरक ह तो शरणी अवनयवमत कहलाती ह यह अपवकरण जञात
करन की सबस सरल परन त अिजञावनक रीवत ह
शवस िाि की परिगणना- अवरकतम और न यनतम मल यो का अन तर विस तार कहलाता ह
विस तार जञात करत समय आिवततयो पर ध यान नही वदया जाता ह विस तार की पररगणना किल
मल यो (मापो या आकारो) क अन तर क आरार पर ही की जाती ह
विस तार = अवरकतम मल य - न यनतम मल य
Range = Highest Value (H)- Lowest Value (L)
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उततराखणड मकत विशवविदयालय101
शवस िाि गणाक (Coefficient of Range)- विस तार का माप वनरपकष होता ह इसवलए इसकी
तलना अन य शरवणयो स ठीक परकार नही की जा सकती इस तलनीय बनान हत यह आिश यक ह वक
इस सापकष रप म व यक त वकया जाए इसक वलए विस तार गणाक जञात वकया जाता ह वजसका सतर
वनम न ह-
विस तार गणाक (Coefficient of Range) = LH
LH
+
minus
उदाििण 01- वनम नवलवखत सख याओ क समहो म विस तार (Range) की गणना कर उनकी
तलना कीवजए
A = 7 8 2 3 4 5
B = 6 8 10 12 5 8
C = 9 10 12 13 15 20
िल विस तार (Range) = अवरकतम मल य (H) ndash न यनतम मल य (L)
A = 8 ndash 2 = 6
B = 12 ndash 5 = 7
C = 20 ndash 9 = 11
A B और C सख याओ क तीन समहो की तलना हत विस तार गणाक (Coefficient of
Range) की पररगणना करनी होगी जो वनम नित ह-
विस तार गणाक (Coefficient of Range) = LH
LH
+
minus
A = 6010
6
28
28==
+
minus
B = 41017
7
512
512==
+
minus
C = 37029
11
920
920==
+
minus
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय102
अत विस तार गणाक A का 060 B का 041 तथा C का 037 ह स पष ट ह A म विचरणशीलता
सिाावरक ह जबवक C म न यनतम ह
शवस िाि क गण (Merits of Range)-
bull इसकी गणना सरल ह
bull यह उन सीमाओ को स पष ट कर दता ह वजनक मध य पदो क मल य म वबखराि ह अत
यह विचलन का एक विस तत वचतर दशााता ह
bull विस तार की गणना क वलए आिवततयो की आिश यकता नही होती किल मल यो पर ही
ध यान वदया जाता ह अत आिवततयो स पररावित नही होता ह
शवस िाि क दोष (Demerits of Range)-
bull विस तार एक अिजञावनक माप ह क योवक इसम माध यो की उपकषा की जाती ह
bull विस तार अपवकरण का एक अवनवित माप ह
bull विस तार म शरणी क सरी मल यो पर ध यान नही वदया जाता अत इस सरी मल यो का परवतवनवर मल य नही कहा जा सकता
48 अन तर चतथभक ववस तार (Inter Quartile
Range)-
वकसी री शरणी क ततीय चतथाक (Q3) तथा परथम चतथाक (Q1) क अन तर को अन तर चतथाक
विस तार कहत ह यह माप आवशक रप स विस तार (Range) क समान ही ह इस माप क अन तगात
मध य की 50 मदो क मल यो को ही ध यान म रखा जाता ह इसकी गणना करत समय आिवततयो को
री महत ि वदया जाता ह जबवक विस तार म आिवततयो को ध यान म नही रखत ह अन तर-चतथाक
विस तार अपवकरण का माप होन क साथ-साथ वसथवत का री मापक ह इसकी पररगणना विवर
वनम नित ह-
i सिापरथम समक शरणी क परथम एि ततीय चतथाक जञात वकए जायग
ii तत पश चात इस जञात करन हत वनम न सतर का परयोग करग-
अन तर चतथाक विस तार (Inter -Quartile RangeIQR) = Q3- Q1
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उततराखणड मकत विशवविदयालय103
उदाििण 02- एक परीकषा म 40 परीकषावथायो दवारा पराप त पराप ताको का अन तर-चतथाक विस तार
जञात कीवजए
Find out Inter-Quartile Range from the following data regarding marks
obtained by 40 students in an examination
Marks 1-10 11-20 21-30 31-40 41-50 Total
No of Examinees 5 8 12 9 6 40
हल- सिापरथम शरणी क विवरन न िगो की िास तविक सीमाऍ जञात कर वनम न परकार वलखा
जाएगा-
Marks
(X)
No of Examinees
(f)
सचयी बािबाििा
Cumulative frequency
(cf)
05-105 5 5
105- 205 6 13
205- 305 12 25
305- 405 9 34
405 ndash 505 6 40
Q1 = N4 िॉ पद 4
40= 10 िॉ पद यह िगा अन तराल
(105- 205) क मध य आता हसतर म सरी मानो को
रखन पर Q1 = )( 11 cqf
iL minus+
= )510(8
10510 minus+
= 105+625 or 1675 अक
4
33
NQ = िॉ पद या
=4
403x 30 िॉ पद
यह िगा अन तराल (305-40-5) क मध य आता ह
)( 313 cqf
iLQ minus+=
)2530(9
10530 minus+=
= 305 +556 or 3606 अक
अन तर चतथाक विस तार (IQR) = 3606-1675 अथिा 1931 अक
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उततराखणड मकत विशवविदयालय104
अन िि चिथाक शवस िाि (IQR) का गण (Merits of IQR)
1 विस तार की रॉवत इसकी गणना सरल ह
2 इसम चरम मल यो का कोई परराि नही पड़ता ह
अन िि चिथाक शवस िाि (IQR) दोष(Demerits of IQR)
1 इस परवतवनवर माप नही कहा जा सकता क योवक यह माप शरणी क मध य क 50 परवतशत
मल यो पर आराररत होता ह
2 यह माप बनािट शरणी की बनािट को स पष ट नही करता ह
3 इस माप का बीजगवणतीय वििचन सरि नही ह
अत अन तर-चतथाक विस तार अपवकरण का सतोषजनक माप नही ह
49 शतमक ववस तार (Percentile Range) यह आवशक विस तार का ही अन य माप ह इसका उपयोग शकषवणक ि मनोिजञावनक मापो म
अवरक होता ह शतमक विस तार P90 ि P10 का अन तर होता ह यह माप शरणी क 80 मल यो
पर आराररत होता ह अत यवद मध य का 80 मलय जञात हो तो री शतमक विस तार जञात वकया
जा सकता ह इस जञात करन हत हम वनम न सतर का परयोग करग-
PR = P90 - P10 (PR = Percentile Range शतमक विस तार) इस माप को दशमक
विस तार (D9 - D1) री कहा जा सकता ह क योवक P90 तथा P10 करमश D9 तथा D1 ही होत ह
अत DR = D9 - D1 (DR = Decile Range = दशमक विस तार)
D9 = निम दशमक (9th Decile) तथा D1 = परथम दशमक (1
st Decile)
उदाििण 03- उदाहरण सख या 02 म परस तत समको स शतमक विस तार (Percentile Range) की
गणना कीवजए
िल-
P10 = 10010N or
1004010x
10090
90NP = या
1004090x
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उततराखणड मकत विशवविदयालय105
= 4th पद यह सचयी बारबारता 5 िाल िगा
अन तराल (05-105) क मध य आता ह
)( 10110 cPf
iLP minus+=
)04(5
1050 minus+=
= 05+8 अथिा 85 अक
PR = P90- P10 = 4383 - 85
= 3533 अक
= 36 िॉ पद 1 यह 40 सचयी
बारबारता िाल िगा अन तराल (405-
505) क मध य आता ह
)( 90190 cPf
iLP minus+=
)3536(6
10540 minus+=
= 405 + 333
= 4383 अक
ििमक शवस िाि क गण (Merits of PR)-
1 यह रीवत विस तार एि अन तर-चतथाक विस तार स शरष ठ मानी जाती ह क योवक यह माप शरणी क 80 मल यो पर आराररत होता ह
2 इस अवरक सरलता स समझा जा सकता ह
ििमक शवस िाि क दोष (Demerits of PR)-
1 एक री मद क सवममवलत करन ि हटान स शतमक विस तार पररावित होता ह 2 इसक अवतररक त इसस शरणी की बनािट क बार म कोई जानकारी नही वमलती ह और
न ही इसका बीजगवणतीय वििचन सरि ह
410 चतथभक ववचलन या अदभध अन तर-चतथभक ववस तार (Quartile Deviation or Semi Inter-Quartile
Range)
चतथाक विचलन शरणी क चतथाक मल यो पर आराररत अपवकरण का एक माप ह यह शरणी क
ततीय ि परथम चतथाक क अन तर का आरा होता ह इसवलए इस अदा अन तर-चतथाक विस तार री
कहत ह यवद कोई शरणी वनयवमत अथिा स मवमतीय हो तो मध यक (M) ततीय चतथाक (Q3) तथा
परथम चतथाक (Q1) क ठीक बीच होगा इसक वलए वनम न सतर का परयोग वकया जाता ह
चतथाक विचलन (Quartile Deviation or QD) = 2
13 QQ minus Q3 = ततीय चतथाक
Q1 = परथम चतथाक
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उततराखणड मकत विशवविदयालय106
चिथाक शवचलन का गणाक (Coefficient of Quartile Deviation)
Coefficient of QD = 13
13
13
13 2
2 QQ
QQx
+
minus=
+
minus
उदाििण 04 - वनम न समको क आरार पर चतथाक विचलन एि उसका गणाक जञात कीवजए
From the following data find Quartile Deviation and its
Coefficient
अक
(X)
4 6 8 10 4 14 16
बारबारता
(f)
2 4 5 3 2 1 4
सचयी बारबारता
(cf)
2 6 11 14 16 17 21
हल-
Q1 = 4
1+Nिॉ पद
4
121+= िॉ पद
= 55 िॉ पद
= 6
42
614
2 13 =
minus=
minus=
QQDQ
QD गणाक 400614
614=
+
minus=
4
)1(3
+=
NDQ िॉ पद
4
)121(3 += िॉ पद
= 165 िॉ पद
= 17
िगीकत आकड़ो का QD वनकालन क वलए शतमक या दशमक विस तार की तरह ही परवकरया
अपना कर वनम न सतर का परयोग वकया जाता ह
)( 111 Cqf
iLQ minus+= )( 313 Cq
f
iLQ minus+=
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय107
2
13 QQDQ
minus=
चिथााक शवचलन क गण (Merits of QR)-
1 चतथाक विचलन की गणना सरल ह तथा इस शीघरता स समझा जा सकता ह क योवक इसकी गणना म जवटल गवणतीय सतरो का परयोग नही करना पड़ता ह
2 यह शरणी क न यनतम 25 तथा अवरकतम 25 मल यो को छोड़ दता ह अत यह अपवकरण क अन य मापो की अपकषा चरम मल यो दवारा कम पररावित होता ह
3 यदयवप यह शरणी की बनािट पर परकाश नही डालता वफर री शरणी क उन 50 मल यो का विस तार पररष कत रप स परस तत करता ह जो चरम मल यो स पररावित नही होत ह
चिथााक शवचलन क दोष ( Demerits of QR)-
1 यह पदो क वबखराि का परदशान करन म असमथा ह 2 यह चरम मल यो को महत ि नही दता ह 3 इसक आरार पर बीजगवणतीय रीवतयो का परयोग करक विश लषण करना सरि नही ह
4 वनदशान क उच चािचनो (Fluctuations) स यह बहत अवरक पररावित होता ह
इन दोषो को दर करन क उददशय स ही माध य विचलन और परमाप विचलन की गणना की
जाती ह
411 माध य ववचलन या परथम घात का अपककरण (Mean Deviation or First Moment of Dispersion)-
माध य विचलन शरणी क सरी पदो क विचलनो का माध य होता ह य विचलन बहलक
मध यका या समान तर माध य वकसी री एक माध य स वलय जा सकत ह इसम बीजगवणतीय वचन हो को
छोड़कर वदया जाता ह इस परकार माध य विचलन कन रीय पर िवतत क वकसी री माप (समान तर माध य
मध यका या बहलक आवद) स शरणी क विवरन न पदो क वनरपकष विचलन का माध य ह बीजगवणतीय
वचन ह + और ndash पर स थान न दकर सरी विचलनो को रनात मक माना जाता ह इस परकार पराप त
विचलनो को जोड़कर मदो की कल सख याओ स राग दन पर जो सख या पराप त होती ह उस माध य
विचलन कहत ह माध य विचलन वजतना अवरक होता ह उस शरणी म अपवकरण या फलाि उतना
ही अवरक होता ह समान तर माध य स पररकवलत माध य विचलन को परथम घात का अपवकरण
(First Moment of Dispersion) री कहत ह माध य विचलन की पररगणना हत वनम न पदो को
अपनात ह-
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय108
1 माध य का चनाि 2 बीजगवणतीय वचन हो को छोड़ना 3 विचलनो का योग एि माध य की गणना
माध य विचलन को गरीक राषा δ (Delta Small) दवारा व यक त वकया जाता ह यवद माध य विचलन
समान तर माध य स जञात करना हो तो δx मध यका स जञात करन पर δm तथा बहलक स जञात करन
पर δz सकताकषरो का परयोग करत ह सतर क रप म माध य विचलन ि उसका गणाक वनम न परकार
होगा-
आरार माध य विचलन माध य विचलन गणाक
समान तर माध य स
N
XdX
= Coefficient
X
XX
=
मध यका स
N
dM
M
= Coefficient
M
MM
=
बहलक स
N
d z
z
= Coefficient
Z
zz
=
यहॉ δ (डल टा) गरीक राषा का अकषर Small Delta ह
δ = माध य विचलन
xd = समान तर माध य स विचलन
dM = मध यका स विचलन
dz = बहलक स विचलन
N = पदो की सख या
= बीजगवणतीय वचन हो को छोड़ना
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय109
उदाििण 05- वनम न सख याओ का समान तर माध य स माध य विचलन ि माध य विचलन स गणाक
जञात कीवजए
2 3 6 8 11
हल- समान तर माध य )(X = 65
118632=
++++
माध य विचलन )(X
= 61168666362 minus+minus+minus+minus+minus
5
= 52034 ++++ or 825
14=
5
अत समान तर माध य स माध य विचलन 82)( =X
माध य विचलन गणाक 4606
82===
X
XX
माध य शवचलन क गण (Merits of MD)-
1 इसकी गणना आसान ह
2 यह मध यका समान तर माध य अथिा बहलक म स वकसी को री आरार मानकर वनकाला
जा सकता ह
3 यह शरणी क सरी मल यो पर आराररत ह अत यह शरणी की आकवत पर पणा परकाश
डालता ह
4 यह शरणी क चरम मल यो स परमाप विचलन की तलना म कम पररावित होता ह 5 माध य विचलन दवारा ही वितरण क महत ि को स पष ट वकया जा सकता ह 6 यह विचलन समस त मल यो को उनकी सापवकषक महत ता परदान करता ह 7 यह अपवकरण का एक वनवित माप ह तथा इसका मल य शद अश तक वनकाला जा सकता
ह
माध य शवचलन क दोष (Demerits of MD)-
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय110
1 माध य विचलन की गणना म बीजगवणतीय वचन हो की उपकषा करन स इस शद नही माना जाता
2 करी-करी यह अविश िसनीय पररणाम दता ह 3 अलग-अलग माध यो स अलग-अलग विचलन पराप त होन क कारण इसम समानता का
अराि पाया जाता ह
व यािहाररक रप म माध य विचलन की अपकषा परमाप विचलन (Standard Deviation)
अवरक परचवलत ह
412 परमाप ववचलन (Standard Deviation)- परमाप विचलन क विचार का परवतपादन काला वपयसान न 1893 ई0 म वकया था यह अपवकरण को
मापन की सबस अवरक लोकवपरय और िजञावनक रीवत ह परमाप विचलन की गणना किल समान तर
माध य क परयोग स ही की जाती ह वकसी समक समह का परमाप विचलन वनकालन हत उस समह क
समान तर माध य स विवरन न पद मल यो क विचलन जञात वकए जात ह माध य विचलन की रॉवत
विचलन लत समय बीजगवणतीय वचन हो को छोड़ा नही जाता ह इन विचलनो क िगा जञात कर वलए
जात ह पराप त िगो क योग म कल मदो की सख या का राग दकर िगामल वनकाल लत ह इस परकार
जो अक पराप त होता ह उस परमाप विचलन कहत ह िगामल स पिा जो मल य आता ह उस
अपवकरण की वदवतीय घात या विचरणाक अथिा परसरण (Variance) कहत ह अत परमाप
विचलन समान तर माध य स समक शरणी क विवरन न पद मल यो क विचलनो क िगो क माध य का
िगामल होता ह ( Standard Deviation is the square root of the Arithmetic Mean of
the squares of all deviations being measured from the Arithmetic mean of the
observations)
परमाप विचलन का सकताकषर गरीक राषा का छोटा अकषर (Small Sigma) होता ह
परमाप विचलन को मध यक विभम (Mean Error) मध यक िगा विभम (Mean Square Error)
या मल मध यक िगा विचलन (Root Mean Square Deviation) आवद अनक नामो स री
सम बोवरत वकया जाता ह
परमाप शवचलन का गणाक (Coefficient of Standard Deviation) दो शरवणयो की
तलना क वलए परमाप विचलन का सापकष माप (Relative Measure of Standard Deviation)
जञात वकया जाता ह वजस परमाप विचलन गणाक (Coefficient of Standard Deviation) कहत
ह परमाप विचलन म समान तर माध य )(X स राग दन स परमाप विचलन का गणाक पराप त हो जाता
ह
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय111
परमाप विचलन का गणाक (Coefficient of SD) = Mean
DSor
X
परमाप शवचलन की परिगणना (Calculation of Standard Deviation)-
i खवणडत शरणी म परमाप विचलन की गणना (Calculation of SD in Discrete
Series)
a परत यकष विवर (Direct Method)
= N
fd 2
b लघ रीवत (Short-cut Method) = 22
minus
N
fdx
N
xfd
उदाििण 06- वनम न समको स परमाप विचलन की पररगणना कीवजए
अक
(X)
1 2 3 4 5 6 7 Total
बारबारता
(f)
1 5 11 15 13 4 1 50
िल- परत यकष विवर स परमाप विचलन की पररगणना
अक
X
बािबाििा
(f)
4 स
शवचलन
D
शवचलन का
वगा
d2
शवचलन का वगा
व बािबाििा का
गणन
fd2
अक व
बािबाििा का
गणन
fx
1 1 -3 9 9 1
2 5 -2 4 20 10
3 11 -1 1 11 33
4 15 0 0 0 60
5 13 1 1 13 65
6 4 2 4 16 24
7 1 3 9 9 7
Total 50 28 78 200
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उततराखणड मकत विशवविदयालय112
450
200==
=
N
fxX
σ = N
fd 2 or 251501
50
78== अत SD=125
लघ िीशि (Short-cut Method) स परमाप शवचलन की परिगणना
X F dx(A=3) fdx fdx X dx
(fdx2)
1 1 -2 -2 4
2 5 -1 -5 5
3 11 0 0 0
4 15 +1 15 15
5 13 +2 26 52
6 4 +3 12 36
7 1 +4 4 16
Total 50 50 120
22
minus
=
N
fdx
N
xfd
2
50
50
50
120
minus=
2)1(562 minus=
1562 minus=
= 125
सतत शरणी म (Continuous Series) म परमाप विचलन
(A) परत यकष रीवत N
fd 2==
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(B) लघ रीवत 22
minus
==
N
fdx
N
xfd
उदाििण 07- वनम न समको स परमाप विचलन तथा उनक गणाक की पररगणना कीवजए
कल अको म पराप ताक- 0-2 2-4 4-6 6-8 8-10 Total
छातरो की सख या- 2 5 15 7 1 30
Marks
No of
Students
MV
Deviation
from X =
S
Square of
Deviations
Product of
f x d2
frequency
X Value
Square of
MV
Product of
f and X2
X f X D d2 fd2
fX X2 fx2
0-2
2-4
4-6
6-8
8-10
2
5
15
7
1
1
3
5
7
9
-4
-2
0
2
4
16
4
0
4
16
32
20
0
28
16
2
15
75
49
9
1
9
25
49
81
2
45
375
343
81
Total 30 - - 40 96 150 165 846
79130
965
30
150 2
==
===
=N
fdMarks
N
fxX
Coefficient of 3605
791or
X===
लघ िीशि स परमाप शवचलन का परिकलन
X MV
(X)
No of
F
Dx
A=7
f d x fdx
Xdx
X2 fX2
0-2
2-4
4-6
6-8
8-10
1
3
5
7
9
2
5
15
7
1
-6
-4
-2
0
2
-12
-20
-30
0
2
72
80
60
0
4
1
9
25
49
81
2
45
375
343
81
Total - 30 -10 -60 216 165 846
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय114
52730
607 =minus=
minus+=
+=
N
fdxAX Marks
=
minus
=
22
N
fdx
N
xfd
2
30
60
30
216
minusminus
2)2(207 minusminus= = 23 = 179 Marks
शवचिण गणाक (Coefficient of Variation)- दो या दो स अवरक शरवणयो म अपवकरण की
मातरा की तलना करन क वलए विचरण-गणाक का परयोग वकया जाता ह विचरण-गणाक जञात करन
हत परमाप विचलन क गणाक को 100 स गणा कर दत ह तो विचरण गणाक कहलाता ह
विचरण गणाक (Coefficient of Variation) = 100XX
विचरण गणाक एक सापकष माप ह इसका परवतपादन काला वपयसान न 1895 म वकया था अत इस
काला वपयसान का विचरण गणाक री कहत ह काला वपयसान क अनसार विचरण गणाक माध य म
होन िाला परवतशत विचरण ह जबवक परमाप विचलन को माध य म होन िाला सम पणा विचरण माना
जाता ह इसका परयोग दो समहो की अवसथरता (Variability) सजातीयता (Homogeneity)
वसथरता (Stability) तथा सगवत (Consistency) की तलना क वलए वकया जाता ह वजस शरणी
म विचरण गणाक कम होता ह िह शरणी उस शरणी स अवरक वसथर (सगत) होती ह वजसम विचरण
गणाक अवरक होता ह
परमाप शवचलन की गशणिीय शविषिाए (Mathematical Properties of Standard
Deviation)-
1 एक स अवरक शरवणयो क आरार पर विवरन न परमाप विचलनो स सम पणा शरवणयो का
सामवहक परमाप विचलन वनकाला जा सकता ह
2 यवद दो शरवणयो क मदो की सख या ि समान तर माध य समान हो तो सम पणा शरणी का परमाप
विचलन वनम न सतर दवारा जञात वकया जा सकता ह- 2
2
2
2
112
+=
3 करमानसार पराकवतक सख याओ का परमाप विचलन जञात करन हत वनम न सतर का परयोग
वकया जा सकता ह- )1(12
1 2 minus= N
4 परमाप विचलन का सामान य िकर (Normal Crave) क कषतरफल स एक विवशष ट सबर
होता ह
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उततराखणड मकत विशवविदयालय115
=X 6826
= 2X 9544
= 3X 9976
परमाप शवचलन क गण (Merits of Standard Deviation)-
1 परमाप विचलन शरणी क समस त पदो पर आराररत होता ह
2 परमाप विचलन की स पष ट एि वनवित माप ह 3 परमाप विचलन की गणना क वलए विचलनो क िगा बनाए जात ह फलस िरप सरी पद
रनात मक हो जात ह अत इसका अवगरम वििचन री वकया जा सकता ह
4 परमाप विचलन पर आकवसमक पररितानो का सबस कम परमाप पड़ता ह
5 विवरन न शरवणयो क विचरणशीलता की तलना करन मापो की अथापणाता की जॉच करन वितरण की सीमाऍ वनरााररत करन आवद म परमाप विचलन अपवकरण का सिाशरष ठ माप
माना जाता ह
6 वनिाचन की सविरा क कारण शरणी की आकवत को समझना सरल होता ह
परमाप शवचलन क दोष (Demerits) -
1 परमाप विचलन की पररगणना वकरया अपकषाकत कवठन ि जवटल ह 2 परमाप विचलन पर चरम पदो का अवरक परराि पड़ता ह
413अपककरण क ववमरन न मापो क मध य सबध (Relationship among different measures of
Dispersion)-
यवद आिवत बटन समवमत अथिा कछ असमवमत हो तो अपवकरण क विवरन न मापो म
सबर वनम नित पाया जाता ह-
1 Range = 4 to 6 times of )( DS
2 QD = 3
2 of )( DS or )( DS
2
3= of QD
3 QD = 6
5 of
5
6)( =DM of QD
4 (MD) = 5
4 of )( DS or )( DS
4
5= of (MD)
5 6 )( DS = 9 Q D = 75 (MD)
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उततराखणड मकत विशवविदयालय116
6 PE (Probable Error) = 6745 or 3
2 of )( DS
414 मानक तरटि (Standard Error)- न यादशा सावखयकी (Sample Statistics) क मानक विचलन (Standard Deviation) को उस
सावखयकी का मानक तरवट (Standard Error) कहा जाता ह वकसी री न यादशा सावखयकी का
परयोग उस जनसख या की विशषता (Population parameter) को आकलन करन म होता ह
न यादशा माध य (Sample Mean) वितरण क परमाप विचलन को माध य की मानक तरवट (Standard
Error of Mean) की सजञा दी जाती ह ठीक उसी तरह न यादशा अनपात वितरण (Distribution
of Sample Proportions) क परमाप को उस अनपात की मानक तरवट (Standard Error of
the Proportion) की सजञा दी जाती ह जसा वक हम जानत ह वक परमाप विचलन वकसी री एक
न यादशा क माध य स अको क फलाि को दशााता ह जबवक मानक तरवट वकसी री समक शरणी क
माध य स उस शरणी क अको क औसत विचरण या अपवकरण को दशााता ह वकसी री न यादशा
वितरण क विवरन न माध यो क माध य स विवरन न मानो क औसत विचरण या अपवकरण को इवगत
करता ह
दसर शबदो म परवतदशा दवारा पराप त वकसी सावखयकीय मान की शदता तथा साथाकता जञात करन
क वलए वजस सावखकीय विवर का परयोग वकया जाता ह उस उस सावखयकी की परामावणक तरवट
(Standard Error) या SE कहत ह इस सतर दवारा हम इन सीमाओ का पता सरलतापिाक लगा
सकत ह वजनक अन तगात िास तविक सावखयकीय मान (मध यमान मावधयका बहलक चतथाक
विचलन परमाप विचलन सहसबर इत यावद) होता ह बड़ परवतदशा तथा छोट परवतदशा की परामावणक
तरवट जञात करन क सतर अलग-अलग होत ह
परामावणक तरवट को सरल शबदो म इस परकार समझा जा सकता ह वनदशान (परवतदशा) बटन
(Sampling distribution) क परमाप विचलन को परामावणक तरवट (Standard Error) कहत ह
अत समान तर माध य क वनदशान बटन क परमाप विचलन (SD) को समान तर माध य का परामावणक
तरवट )( x कहग वकसी री परवतदशान का परमाप तरवट या परामावणक तरवट (SE) उस परवतदशान क
वनदशान बटन का परमाप विचलन होता ह परमाप विचलन क वनदशान बटन (Sampling
distribution) का परमाप विचलन परमाप विचलन अनपातो का परमाप तरवट (CP) कहलाता ह
न यादशा (Sample) क सदरा म मानक तरवट (Standard Error) न यादशा तरवट (Sampling
Error) स गहर रप स सबवरत ह न यादशा सावखयकी (Sample Statistics) एक आकलन ह इस
आकलन की शदता सगतता और सिाशरष ठता क बार म न यादशा तरवट की मातरा स आकवलत की
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उततराखणड मकत विशवविदयालय117
जाती ह न यादशा म परमाप विचलन की मातरा वजतनी अवरक होती ह मानक तरवट की मातरा उतनी ही
बढती जाती ह मानक तरवट और न यादशा तरवट क मध य परत यकष सबर ह अत वकसी री सावखयकी
मान की शदता सचकाक जञात करन स पहल उस सावखयकी की मानक तरवट की जानकारी होनी
चावहए तावक न यादशा सावखयकी (Sample Statistics) स समगर सावखयकी (Population
Parameter) का सही-सही आकलन वकया जा सक िास ति म मानक तरवट वकसी री सावखयकी क
साथाकता स तर को परदवशात करता ह तथा साथ ही उसक िरता ि विश िसनीयता क बार म री
बतलाता ह यहॉ पर कछ महत िपणा सावखयकीयो क मानक तरवट का सतर बतलाया जा रहा ह तावक
उन सावखयकीय मानो का परयोग उच च साथाकता स तर पर वकया जा सक
1 समान तर माध य की मानक तरवट (Standard Error of Arithmetic Mean SEM)
a जब न यादशा का आकार बड़ा हो n
X
= = SD of Population
n = Sample Size
(न यादशा आकार)
MXSE=
b जब न यादशा का आकार 30 या उसस छोटा हो
N
SSM = जहॉ
1
2
minus
=
N
xS
=N न यादशा आकार
2 मध यका की मानक तरवट (Standard Error of Median)
N
Qor
NMdnMdn
85812531==
= SD
Q = Quartile Deviation
3 परमाप विचलन की मानक तरवट (Standard Error of SD)-
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समगर का परमाप विचलन ि न यादशा का परमाप विचलन क मध य विचलन की मातरा
परमाप विचलन का मानक तरवट कहलाता ह
ZNN
SE
===716
( SE का मान हमशा SEM क मान स कम होता ह)
4 चतथाक विचलन का मानक तरवट (Standard Error of QD)-
N
Q
786= या
N
171=
5 परवतशत की मानक तरवट (Standard Error of Percentage)-
N
PQ= P = वकसी व यिहार क घवटत होन का परवतशत
Q = (1-P)
N = No of cases
6 सहसबर गणाक की मानक तरवट (Standard Error of the Coefficient of
Correlation)-
N
rr
)1( 2minus=
शवशिन न परशिदिानो क परमाप तरशट क सतर (Formulae of Standard Error of
Difference Statistics)
Statistic Standard Error
1 Sample Mean X Xn
orn
=2
2 Sample Proportion lsquoprsquo Pn
PP =minus )1(
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3 Sample Standard Deviation Sn
orn
=22
2
4 S2 Variance Vn
=22
5 lsquorrsquo Sample Correlation Coefficient r
n
P =minus )1( 2
6 Difference between two means
)( 21 XX minus 2
2
2
2
1
2
1
1
Xnn X
minus=+
7 Difference between two means
when r is given 11
21
2
2
2
1
2
1 2nn
ssr
nnminus+
8 Difference between two standard
deviations
(S1-S2)
2
2
2
2
1
2
1
1s
znznS minus=+
9 Difference between two
proportions (P1-P2) 2
2
22
1
11
1
)1()1(p
n
PP
n
PPP minus=
minus+
minus
10 Difference between sample mean
and combined mean (i)
)( 211
2212
1 nnn
nX
X +=minus
(ii) )( 212
1212
2 nnn
nX
X +=minus
11 Difference between sample
proportion and combined
proportion
)( 211
2
1 nnn
nQPP oOoP
+=minus
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उततराखणड मकत विशवविदयालय120
12 Difference between sample
standard deviation and combined
standard deviation
(i) )( 211
2
2
121 nnn
n
zSS
+=minus
(ii) )( 212
1
2
122 nnn
n
zSS
+=minus
13 Other Measures Median
nm
253311=
Quartile Deviation =
nQD
786720=
Mean Deviation = n
60280=
Variance n
zS
22 =
Coefficient of Skewness=n
j2
3=
Coefficient of Correlation
r
rr
21minus=
सवमलयाशकि परशन
1 helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellipका अथा फलाि विखराि या परसार ह
2 वकसी समक शरणी म सबस अवरक मल य (H) और सबस छोट मल य या न यनतम
मल य (L) क अन तर को helliphelliphelliphelliphelliphellip कहत ह
3 परमाप विचलन क गणाक को 100 स गणा कर दत ह तो helliphelliphellipकहलाता ह
4 न यादशा सावखयकी (Sample Statistics) क मानक विचलन (Standard
Deviation) को उस सावखयकी का helliphelliphelliphelliphelliphellipकहा जाता ह
5 दो या दो स अवरक शरवणयो म helliphelliphelliphelliphellipकी मातरा की तलना करन क वलए
विचरण-गणाक का परयोग वकया जाता ह
6 माध य विचलन शरणी क सरी पदो क विचलनो काhelliphelliphelliphelliphellip होता ह
7 माध य विचलन कन रीय पर िवतत क वकसी री माप (समान तर माध य मध यका या बहलक आवद) स शरणी क विवरन न पदो क helliphelliphelliphellipविचलन का माध य ह
8 चतथाक विचलन शरणी क helliphelliphelliphelliphelliphellipमल यो पर आराररत अपवकरण का
एक माप ह
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उततराखणड मकत विशवविदयालय121
9 चतथाक विचलन शरणी क ततीय ि परथम चतथाक क अन तर का helliphellipहोता ह
10 शतमक विस तार P90 ि helliphelliphelliphellipका अन तर होता ह
11 शतमक विस तार माप शरणी क helliphelliphellip मल यो पर आराररत होता ह
12 helliphelliphelliphellipअपवकरण कल अपवकरण का वकसी परमाप मल य स विराजन करन
स पराप त होता ह
13 वकसी री शरणी क ततीय चतथाक (Q3) तथा परथम चतथाक (Q1) क अन तर को
helliphelliphelliphellipविस तार कहत ह
14 मानक तरवट वकसी री सावखयकी कhelliphelliphelliphellip स तर को परदवशात करता ह
15 परमाप विचलन क विचार का परवतपादन helliphelliphelliphelliphellipन वकया
16 विचरण गणाक एक helliphelliphelliphelliphelliphelliphellipमाप ह
17 विचरण गणाक क विचार का परवतपादन helliphelliphelliphellipन वकया था
18 helliphelliphelliphelliphelliphellipसमान तर माध य स समक शरणी क विवरन न पद मल यो क
विचलनो क िगो क माध य का िगामल होता ह
19 समान तर माध य स पररकवलत माध य विचलन को helliphelliphelliphellipघात का अपवकरण
(Moment of Dispersion) री कहत ह
20 () = LH
LH
+
minus
415 साराश सावखयकीय विश लषण की शदता क वलए विचरणशीलता क मापक को समझना अत यत
आिश यक ह परसतत इकाई म आप विचरणशीलता क मापको चतथााक शताक तथा परमख
सावखयवकयो क परमाप तरवटयो का अधययन वकया इस राग म इन सरी अिरारणाओ का सवकषपत
वििरण वदया जा रहा ह
विचरणशीलता अथिा अपवकरण का अथा फलाि विखराि या परसार ह अपवकरण वकसी शरणी
क पद-मल यो क विखराि या विचरण की सीमा बताता ह वजस सीमा तक व यवकतगत पद मल यो म
वरन नता होती ह उसक माप को अपवकरण कहत ह
अपवकरण को वनम न परकार स मापा जा सकता ह-
(i) शनिपकष माप (Absolute Measures) - यह माप अपवकरण
को बतलाता ह और उसी इकाई म बताया जाता ह वजसम मल
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समक व यक त वकए गए ह वनरपकष माप दो शरवणयो की तलना करन
हत परयोग नही वकया जा सकता
(ii) सापकष माप (Relative Measures)- सापकष अपवकरण कल
अपवकरण का वकसी परमाप मल य स विराजन करन स पराप त होता
ह और अनपात या परवतशत क रप म व यक त वकया जाता ह दो
यो दो स अवरक शरवणयो की तलना करन हत सापकष माप का ही
परयोग वकया जाता ह
अपवकरण जञात करन की विवरन न रीवतयॉ ह-
विस तार (Range) वकसी समक शरणी म सबस अवरक मल य (H) और सबस छोट मल य या
न यनतम मल य (L) क अन तर को विस तार कहत ह
a अन तर-चतथाक विस तार (Inter-Quartile Range) वकसी री शरणी क ततीय
चतथाक (Q3) तथा परथम चतथाक (Q1) क अन तर को अन तर चतथाक विस तार
कहत ह यह माप आवशक रप स विस तार (Range) क समान ही ह इस माप क
अन तगात मध य की 50 मदो क मल यो को ही ध यान म रखा जाता ह
b शतमक विस तार (Percentile Range) यह आवशक विस तार का ही अन य माप
ह इसका उपयोग शकषवणक ि मनोिजञावनक मापो म अवरक होता ह शतमक
विस तार P90 ि P10 का अन तर होता ह यह माप शरणी क 80 मल यो पर
आराररत होता ह अत यवद मध य का 80 मलय जञात हो तो री शतमक
विस तार जञात वकया जा सकता ह
c चतथाक विचलन (Quartile Deviation) चतथाक विचलन शरणी क चतथाक
मल यो पर आराररत अपवकरण का एक माप ह यह शरणी क ततीय ि परथम
चतथाक क अन तर का आरा होता ह इसवलए इस अदा अन तर-चतथाक विस तार
री कहत ह यवद कोई शरणी वनयवमत अथिा स मवमतीय हो तो मध यक (M)
ततीय चतथाक (Q3) तथा परथम चतथाक (Q1) क ठीक बीच होगा
d माध य विचलन (Mean Deviation) माध य विचलन शरणी क सरी पदो क
विचलनो का माध य होता ह य विचलन बहलक मध यका या समान तर माध य
वकसी री एक माध य स वलय जा सकत ह इसम बीजगवणतीय वचन हो को छोड़कर
वदया जाता ह इस परकार माध य विचलन कन रीय पर िवतत क वकसी री माप
(समान तर माध य मध यका या बहलक आवद) स शरणी क विवरन न पदो क वनरपकष
विचलन का माध य ह बीजगवणतीय वचन ह + और ndash पर स थान न दकर सरी
विचलनो को रनात मक माना जाता ह इस परकार पराप त विचलनो को जोड़कर मदो
की कल सख याओ स राग दन पर जो सख या पराप त होती ह उस माध य विचलन
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कहत ह माध य विचलन वजतना अवरक होता ह उस शरणी म अपवकरण या फलाि
उतना ही अवरक होता ह
परमाप विचलन (Standard Deviation) परमाप विचलन की गणना किल समान तर माध य क
परयोग स ही की जाती ह वकसी समक समह का परमाप विचलन वनकालन हत उस समह क समान तर
माध य स विवरन न पद मल यो क विचलन जञात वकए जात ह माध य विचलन की रॉवत विचलन लत
समय बीजगवणतीय वचन हो को छोड़ा नही जाता ह इन विचलनो क िगा जञात कर वलए जात ह पराप त
िगो क योग म कल मदो की सख या का राग दकर िगामल वनकाल लत ह इस परकार जो अक पराप त
होता ह उस परमाप विचलन कहत ह
न यादशा सावखयकी (Sample Statistics) क मानक विचलन (Standard Deviation) को उस
सावखयकी का मानक तरवट (Standard Error) कहा जाता ह वकसी री न यादशा सावखयकी का
परयोग उस जनसख या की विशषता (Population parameter) को आकलन करन म होता ह
न यादशा माध य (Sample Mean) वितरण क परमाप विचलन को माध य की मानक तरवट (Standard
Error of Mean) की सजञा दी जाती ह ठीक उसी तरह न यादशा अनपात वितरण (Distribution
of Sample Proportions) क परमाप को उस अनपात की मानक तरवट (Standard Error of
the Proportion) की सजञा दी जाती ह
416 शबदावली शवचिणिीलिा (Dispersion) विचरणशीलता अथिा अपवकरण का अथा फलाि विखराि
या परसार ह अपवकरण वकसी शरणी क पद-मल यो क विखराि या विचरण की सीमा बताता ह वजस
सीमा तक व यवकतगत पद मल यो म वरन नता होती ह उसक माप को अपवकरण कहत ह
शनिपकष अपशकिण (Absolute Dispersion) यह माप अपवकरण को बतलाता ह और उसी
इकाई म बताया जाता ह वजसम मल समक व यक त वकए गए ह वनरपकष माप दो शरवणयो की तलना
करन हत परयोग नही वकया जा सकता
सापकष माप (Relative Dispersion)- सापकष अपवकरण कल अपवकरण का वकसी परमाप
मल य स विराजन करन स पराप त होता ह और अनपात या परवतशत क रप म व यक त वकया जाता ह
दो यो दो स अवरक शरवणयो की तलना करन हत सापकष माप का ही परयोग वकया जाता ह
शवस िाि (Range) वकसी समक शरणी म सबस अवरक मल य (H) और सबस छोट मल य या
न यनतम मल य (L) क अन तर को विस तार कहत ह
अन िि-चिथाक शवस िाि (Inter-Quartile Range) वकसी री शरणी क ततीय चतथाक (Q3)
तथा परथम चतथाक (Q1) क अन तर को अन तर चतथाक विस तार कहत ह
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ििमक शवस िाि (Percentile Range) शतमक विस तार P90 ि P10 का अन तर होता ह यह
माप शरणी क 80 मल यो पर आराररत होता ह
चिथाक शवचलन (Quartile Deviation) चतथाक विचलन शरणी क चतथाक मल यो पर
आराररत अपवकरण का एक माप ह यह शरणी क ततीय ि परथम चतथाक क अन तर का आरा होता
ह
माध य शवचलन (Mean Deviation) माध य विचलन शरणी क सरी पदो क विचलनो का माध य
होता ह इसम बीजगवणतीय वचन हो को छोड़कर वदया जाता ह माध य विचलन कन रीय पर िवतत क
वकसी री माप (समान तर माध य मध यका या बहलक आवद) स शरणी क विवरन न पदो क वनरपकष
विचलन का माध य ह
परमाप शवचलन (Standard Deviation) वकसी समक समह का परमाप विचलन उस समह क
समान तर माध य स विवरन न पद मल यो का विचलन होता ह इन विचलनो क िगा जञात कर वलए जात
ह पराप त िगो क योग म कल मदो की सख या का राग दकर िगामल वनकाल लत ह इस परकार जो
अक पराप त होता ह उस परमाप विचलन कहत ह
मानक तरशट (Standard Error) न यादशा सावखयकी (Sample Statistics) क मानक विचलन
(Standard Deviation) को उस सावखयकी का मानक तरवट (Standard Error) कहा जाता ह
शवचिण गणाक (Coefficient of Variation) विचरण-गणाक जञात करन हत परमाप विचलन
क गणाक को 100 स गणा कर दत ह तो विचरण गणाक कहलाता ह दो या दो स अवरक शरवणयो
म अपवकरण की मातरा की तलना करन क वलए विचरण-गणाक का परयोग वकया जाता ह
417 सवमलयाककत परशनो क उततर 1 अपवकरण 2 विस तार 3 विचरण गणाक 4 अपवकरण 5 मानक तरवट (Standard
Error) 6 माध य 7 वनरपकष 8 चतथाक 9 आरा 10 P10
11 80 12 सापकष 13 अन तर चतथाक 14 साथाकता 15 काला वपयसान
16 सापकष 17 काला वपयसान 18 परमाप विचलन 19 परथम विस तार गणाक
418 सदरभ गरनथ सची पाठय सामगरी (References Useful Readings)
1 Garret HE (1972) Statistics in Psychology and Education New
York Vakils Feffers and Simans Pvt Ltd
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
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2 Best John W amp Kahn (2008) Research in Education New Delhi
PHI
3 Koul Lokesh (2002) Methodology of Educational Research New
Delhi Vikas Publishing Pvt Ltd
4 Karlinger Fred N (2002) Foundations of Behavioural Research
New Delhi Surjeet Publications
5 गप ता एस०पी० (2008) मापन एि मल याकन इलाहाबाद शारदा पवबलकशन
6 वसह ए०क० (2007) मनोविजञान समाजशास तर तथा वशकषा म शोर विवरयॉ नई
वदल ली मोतीलाल बनारसी दास
7 शमाा आर०ए० (2001) वशकषा अनसरान क मल तत ि एि शोर परवकरया मरठ
आर०लाल० पवबलकशनस
419 तनबधातमक परशन 1 विचरणशीलता अथिा अपवकरण का अथा सपि कीवजए तथा विचरणशीलता क महति का
िणान कीवजए
2 विचरणशीलता क विवरन न मापको की तलना कीवजए 3 परमाप तरवट का अथा सपि कीवजए तथा इसक महति का िणान कीवजए 4 वनम न समको क आरार पर चतथाक विचलन एि उसका गणाक जञात कीवजए
From the following data find Quartile Deviation and its Coefficient
(उततर Q 1=413 Q3= 711 QD= 149 गणाक=027)
अक
(X)
1
2 3 4 5 6 7 8 9 10
बारबारता
(f)
2
9 11 14 20 24 20 16 5 2
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5 वनम न समको स माधय विचलन की पररगणना कीवजए (उततर 1219)
अक
(X)
0-10 10-20 20-30 30-40 40-50 50-60
बारबारता
(f)
10 25 35 45 50
6वनम न समको स परमाप विचलन तथा उसका गणक की पररगणना कीवजए (उततर परमाप
विचलन= 1391 गणक=057)
अक
(X)
0 10 20 30 40
बारबारता
(f)
80 60 50 35 10
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इकाई 5 सहसबध क माप वपयसभन परोडकि मोमि सहसबध गणाक दववपमकतक सहसबध गणाक व बबद-दववपमकतक सहसबध गणाक (Measures of
Relationship- Pearsonrsquos Product Moment
Coefficient of Correlation Bi-serial and
Point ndashbiserial Coefficients of
Correlation)
इकाई की रपरखा
51 परसतािना
52 उददशय
53 सहसबर का अथा ि पररराषाए
54 सहसबर ि कारण-काया सबर
55 सहसबर का महत ि
56 सहसबर क परकार
57 सहसबर का पररमाण
58 सहसबर क रप म r की विश िसनीयता
59 सरल सहसबर जञात करन की विवरयॉ
510 काला वपयसान सहसबर गणाक
511 काला वपयसान क सहसबर गणाक की गणना
512 िगीकत शरणी म सहसबर गणाक
513 वदवपवकतक सहसबर
514 वबन द वदवपवकतक सहसबर
515 वदवपवकतक सहसबर ि वबन द वदवपवकतक सहसबर क मध य तलना
516 साराश
517 शबदािली
518 सिमलयावकत परशनो क उततर
519 सदरा गरनथ सची पाठय सामगरी
520 वनबरातमक परशन
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51 परसतावना मानि जीिन स सबवरत सामावजक शवकषक मनोिजञावनक आवथाक राजनवतक एि
िजञावनक आवद सरी कषतरो म विवरन न परकार की समक शरवणयो म आपस म वकसी न वकसी परकार
सबर पाया जाता ह उदाहरण क वलए- दविता क बढन स समायोजन म कमी अवरगम बढन स
उपलवबर म िवद गरीबी बढन स जीिन स तर म कमी आवद इन वसथवतयो म सावखयकीय विश लषण
क वलए सहसबर जञात वकया जाता ह इस परकार यह कहा जा सकता ह वक सहसबर दो अथिा
अवरक चरो क मध य सबर का अध ययन करता ह एि उस सबर की मातरा को मापता ह यहॉ पर
आप सहसबर का अथा पररराषा परकवत ि इसक मापन क विवरन न परकारो का अध ययन करग
52 उददशय इस इकाई क अध ययनोपरात आप-
bull सहसबर का अथा बता पायग
bull सहसबर क विवरन न परकारो को सपि कर सक ग
bull सहसबर क विवरन न मापको का पररकलन कर सक ग
bull सहसबर क विवरन न मापको की तलना कर सक ग
bull सहसबर गणाक का अथाापन कर सक ग
bull काला वपयसान क सहसबर गणाक की गणना कर सक ग
bull वदवपवकतक सहसबर गणाक का पररकलन कर सक ग
bull वबद वदवपवकतक सहसबर गणाक की गणना कर सक ग
53 सहसबध (Correlation) का अथभ व पररराषाए जब दो या अवरक तरथ यो क मध य सबर को अको म व यक त वकया जाए तो उस मापन एि
सकष म रप म व यक त करन क वलए जो रीवत परयोग म लायी जाती ह उस सावखयकी म सहसबर कहा
जाता ह दसर शब दो म दो या दो स अवरक चरो क मध य अन तासबर को सहसबर की सजञा दी
जाती ह सहसबर क पररमाप को अको म व यक त वकया जाता ह वजस सहसबर गणाक
(Coefficient of Correlation) कहा जाता ह विवरन न विदवानो न सहसबर की अनक पररराषाऍ
दी ह-
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परो0 वकग यवद यह सत य वसद हो जाता ह वक अवरकाश उदाहरणो म दो चर-मल य (Variables)
सदि एक ही वदशा म या परस पर विपरीत वदशा म घटन-बढन की परिवतत रखत ह तो ऐसी वसथवत म
यह समझा जाना चावहए वक उनम एक वनवित सबर ह इसी सबर को सहसबर कहत ह (If it is
proved true that in a large number of instances two variables tend always to
fluctuate in the same or in opposite direction we consider that the fact is
established and relationship exists This relationship is called correlation)
बाउल- जब दो सख याऍ इस परकार सम बवनरत हो वक एक का पररितान दसर क पररितान की
सहानरवत म हो वजसम एक की कमी या िवद दसर की कमी या िवद स सबवरत हो या विपरीत
हो और एक म पररितान की मातरा दसर क पररितान की मातरा क समान हो तो दोनो मातराऍ सहसबर
कहलाती ह इस परकार सहसबर दो या दो स अवरक सबवरत चरो क बीच सबर की सीमा क
माप को कहत ह
54 सहसबध व कारण-कायभ सबध (Causation and
Correlation)
जब दो समक शरवणयॉ एक दसर पर वनरारआवशरत हो तो इस पर वनरारता को सहसबर क
नाम स जाना जाता ह अत एक समक शरणी म पररितान कारण होता ह तथा इसक पररणामस िरप
दसरी शरणी म होन िाला पररितान परराि या काया कहलाता ह कारण एक स िततर चर होता ह तथा
परराि इस पर आवशरत ह कारणो म पररितानो स परराि पररिवतात होता ह न वक परराि क पररितान
स कारण सहसबर की गणना स पिा चरो की परकवत को अच छी तरह समझना चावहए अन यथा
गवणतीय विवर स चरो क मध य सहसबर की वनकाली गई मातरा बहत ही भामक हो सकता ह
गवणतीय विवर स वकसी री दो या दो स अवरक चरो क मध य सहसबर की मातरा का पररकलन
वकया जा सकता ह और इन चरो क मध य कछ न कछ सहसबर की मातरा री हो सकती ह लवकन
इसका अथा यह कदावप नही लगाना चावहए वक उन चरो क मध य कारण- काया का सबर विदयमान
ह परत यक कारण-काया सबर का अथा सहसबर होता ह लवकन परत यक सहसबर स कारण-काया
सबर को सवनवित नही वकया जा सकता ह उदाहरण क वलए यवद अवरपररणा की मातरा म पररितान
क फलसिरप अवरगम पर पड़न िाल परराि क बीच सहसबर गणाक का पररकलन वकया जाता ह
तो वनवित रप स उस सहसबर गणाक क आरार पर यह कहा जा सकता ह वक इन दोनो चरो क
मध य कारण-काया सबर ह लवकन यवद रारत म पस तको क मल यो म पररितान का न ययाका म सोन
क मल यो म पररितान क समको स सहसबर गणाक का पररकलन वकया जाए तो इस गणाक स पराप त
पररणाम तका सगत नही हो सकत क योवक पस तको क मल य ि सोन क मल यो क मधय कोई कारण-
काया का सबर सवनवित नही वकया वकया जा सकता
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय130
अत इसस यह वनषकषा वनकलता ह वक परत यक सहसबर गणाक कारण-काया सबर को सवनवित
नही करता
55 सहसबध का महत व (Importance) सहसबर का व यािहाररक विजञान ि रौवतक विजञान विषयो म बहत महत ि ह इस वनम न तरीक स
समझा जा सकता ह-
bull सहसबर क आरार पर दो सबवरत चर-मल यो म सबर की जानकारी पराप त होती ह
bull सहसबर विश लषण शोर कायो म सहायता परदान करता ह
bull सहसबर क वसदान त पर विचरण अनपात (Ratio of Variation) तथा परतीपगमन
(Regression) की रारणाऍ आराररत ह वजसकी सहायता स दसरी शरणी क
सरावित चर-मल यो का विश िसनीय अनमान लगाया जा सकता ह
bull सहसबर का परराि रविष यिाणी की अनवितता क विस तार को कम करता ह
bull व यािहाररक जीिन क परत यक कषतर म दो या अवरक घटनाओ का तलनात मक अध ययन
करन एि उनम पारस पररक सबर का वििचन करक पिाानमान लगान म सहसबर बहत
उपयोगी वसद होता ह
56 सहसबध क परकार (Types of Correlation) सहसबर को हम वदशा अनपात तथा चर-मल यो की सख या क आरार पर कई रागो म विरक त कर
सकत ह
i धनात मक एव ऋणात मक सिसबध (Positive and Negative Correlation) -
यवद दो पद शरवणयो या चरो म पररितान एक ही वदशा म हो तो उस रनात मक सहसबर
कहग जस- अवरगम की मातरा म िवद स शवकषक उपलवबर का बढना इसक विपरीत यवद
एक चर क मल यो म एक वदशा पररितान होन स दसर चर क मल यो म विपरीत वदशा म
पररितान हो तो ऐसा सहसबर ऋणात मक सहसबर कहलाएगा इसक अन तगात एक चर-
मल य म िवद तथा दसर चर-मल य म कमी होती ह तथा एक क मल य घटन स दसर क मल य
बढन लगत ह रनात मक एि ऋणात मक सहसबर को वनम न रखावचतर की मदद स समझा
जा सकता ह-
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय131
अगरावकत रखावचतर म पणा रनात मक तथा पणा ऋणात मक सह सबर को परदवशात वकया गया
ह
ii िखीय िथा अ-िखीय सिसबध (Linear or Non-Linear Correlation)-
पररितान अनपात की समवमतता क आरार पर सहसबर रखीय अथिा अ-रखीय हो
सकता ह रखीय सहसबर म पररितान का अनपात स थायी रप स समान होता ह अथाात
यवद इन चर-मल यो को वबन द-रखीय पतर पर अवकत वकया जाए तो िह रखा एक सीरी रखा
क रप म होगी जस- यवद छातरािास स छातरो की सख या को दगनी कर दी जाए फलसिरप
यवद खादयानन की मातरा री दगनी दर स खपत हो तो इस रखीय सहसबर (Linear
Correlation) कहग इसक विपरीत जब पररितान का अनपात वसथर नही होता तो ऐस
सहसबर को अरखीय सहसबर कहग जस- छातरो की सख या दगनी होन पर खादयाननो की
मातरा का दगनी दर स खपत नही होना उसस अवरक या कम मातरा म खपत होना अथाात
दोनो चरो क पररितान क अनपात म स थावयत ि का अराि हो ऐसी वसथवत को यवद वबन द
धनात मक सिसबध ऋणात मक सिसबध
Y
O X O
Y
X
पणा धनात मक सि सबध पणा ऋणात मक सि सबध
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय132
रखीय पथ पर परदवशात वकया जाए तो यह रखा िकर क रप म बनगी रखीय ि अरखीय
सहसबरो को वनम न रखावचतरो क माध यम स रलीरॉवत समझा जा सकता ह-
iii सिल आशिक िथा बिगणी सिसबध (Simple Partial and Multiple
Correlation)- दो चर मल यो (वजनम एक स िततर तथा एक आवशरत हो) क आपसी
सहसबर को सरल सहसबर कहत ह तीन अथिा अवरक चर-मल यो क मध य पाए जान
िाला सहसबर आवशक अथिा बहगणी हो सकता ह तीन चरो म स एक स िततर चर को
वसथर मानत हए दसर स िततर चर मल य का आवशरत चर-मल य स सहसबर जञात वकया जाता
ह तो उस आवशक सहसबर कहग उदाहरणाथा- यवद रवच को वसथर मानकर शवकषक
उपलवबर पर अवरकषमता की मातरा क परराि का अध ययन वकया जाए तो यह आवशक
सहसबर कहलायगा जबवक बहगणी सहसबर क अन तगात तीन या अवरक चर मल यो क
मध य सहसबर स थावपत वकया जाता ह इसक अन तगात दो या दो स अवरक स िततर चर-
मल य होत ह एि एक आवशरत चर होता ह उदाहरणाथा- यवद बवद रवच दोनो का शवकषक
उपलवबर पर सामवहक परराि का अध ययन वकया जाए तो यह बहगणी सहसबर
कहलायगा
O A ne O B OA=OB
B
O A
B
O A
अिखीय सिसबध िखीय सिसबध
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57 सहसबध का पररमाण (Degree of
Correlation)-
सहसबर का पररकलन सहसबर गणाक (Coefficient of Correlation) क रप म वकया जाता
ह इसक आरार पर रनात मक (Positive) एि ऋणात मक (Negative) सहसबर क वनम न पररमाण
हो सकत ह-
i पणा धनात मक अथवा पणा ऋणात मक सिसबध (Perfect Positive or
Perfect Negative Correlation)- जब दो पद शरवणयो म पररितान समान
अनपात एि एक ही वदशा म हो तो उस पणा रनात मक सहसबर कहग ऐसी वसथवत म
सहसबर गणाक (+1) होगा इसक विपरीत जब दो मल यो म पररितान समान अनपात
म ठीक विपरीत वदशा म हो तो उस पणा ऋणात मक सहसबर कहग ऐसी वसथवत म
सहसबर गणाक (-1) होगा सहसबर गणाक का मल य हर दशा म 0 तथा plusmn1 क मध य
होता ह
सिसबध गणाक का मान व इसका अथाापन
सिसबध परिमाण
(Degree of Correlation)
धनात मक सिसबध
(Positive
Correlation)
ऋणात मक सिसबध
(Negative
Correlation)
पणा (Perfect)
उच च स तरीय (High Degree)
मध यम स तरीय (Moderate Degree)
वनम न स तरीय (Low Degree)
सहसबर का पणात अराि (No
Correlation)
+1
+ 75 स +1 क बीच
+ 25 स +75 क बीच
0 स +25 क मध य
0
-1
-75 स -1 क मध य
-25 स -75 क मध य
0 स -25
0
58 सहसबध क रप म r की ववश वसनीयता सहसबर का सामान य अथा ह दो समक शरवणयो म कारण और पररणाम क आरार पर परस पर
सहसबर पाया जाना दोनो शरवणयो म जञात r का मान करी-करी भामक पररणाम द सकता ह
(पणा ऋणात मक
सिसबध)
-1 +1
0
(पणा धनात मक
सिसबध)
सिसबध की मातरा
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सहसबर गणाक क कम होन पर यह नही मान लना चावहए वक सबर वबल कल नही ह तथा इसक
विपरीत सहसबर गणाक का मान अवरक होन पर री यह नही मान लना चावहए वक उन चरो क
मध य घवनष ठ सबर ह छोट आकार क परवतदशा म सहसबर किल अिसर तरवट क कारण ही हो
सकता ह अत जहॉ तक सरि हो सक दोनो चरो म कारण ि परराि सबर को जञात वकया जाए
तावक उसक सबरो की पष ठरवम की जानकारी पराप त हो जाए
59 सरल सहसबध जञात करन की ववधधय (Methods of Determining Simple Correlation)-
i वबन द रखीय विवरयॉ (Graphic Methods)-
i विकषप वचतर (Scatter Diagram)
ii सारारण वबन द रखीय रीवत (Simple graphic Method)
ii गवणतीय विवरयॉ (Mathematical Methods)-
i काला वपयसान का सहसबर गणाक (Karl Pearson Coefficient of
Correlation)
ii स पीयरमन की शरणी अतर विवर (Spearmans Rank Difference
Method)
iii सगामी विचलन गणाक (Coefficient of Concurrent Deviations)
iv न यनतम िगा रीवत (Least Squares Method)
v अन य रीवतयॉ (Other Methods)
i शबन दिखीय शवशधय (Graphic Methods) -
शवकषप शचतर (Scatter Diagram) दो समको क मध य यह जानन क वलए वक ि एक
दसर क सबर म वकस परकार गवतमान होत ह विकषप वचतर बनाए जात ह इसम दो चर
जहॉ परथम स िततर चर वजस रजाकष (X-axis) पर तथा वदवतीय आवशरत चर वजस कोवट-
अकष Y पर परदवशात कर X एि Y शरणी क सबवरत दोनो मल यो क वलए एक ही वबन द
अवकत वकया जाता ह एक शरणी म वजतन पद-यग म (Pair-Values) होत ह उतन ही वबन द
अवकत कर वदय जात ह विकषप वचतर को वनम न परकार समझा जा सकता ह-
Zero Correlation
Zero Correlation
Negative Correlation
Negative Correlation
Positive Correlation Different types of Scatter Diagram
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ii साधािण शबन द िखीय शवशध- यह बहत ही सरल विवर ह इसक अन तगात शरवणयो
(X एि Y) को खड़ी रखा पर तथा सख या समय अथिा स थान को पड़ी रखा पर
अवकत कर दोनो शरवणयो म सबर को आसानी स दखा जा सकता ह
ii गशणिीय शवशधय (Mathematical Methods)- गवणतीय विवर क अन तगात हम यहॉ
काला वपयसान सहसबर गणाक (Karl Pearsons Coefficient of Correlation) का
अध ययन करग
510 कालभ वपयसभन सहसबध गणाक सहसबर गणाक जञात करन वक वलए यह विवर सिाशरष ठ समझी जाती ह इस विवर म सहसबर
की वदशा तथा सख यात मक मातरा का माप री वकया जाता ह यह सहसबर गणाक माध य एव
परमाप शवचलन पर आराररत ह अत इसम गवणतीय दवि स पणा शदता पायी जाती ह इस
रीवत का परयोग सिापरथम काला वपयसान न 1890 म जीिशास तर की समस याओ क अध ययन म
वकया था इस रीवत क अन तगात दो चरो क मध य सहसबर गणाक (Coefficient
Correlation) जञात करत ह वजस सकताकषर r स सबोवरत वकया जाता ह इस विवर की
मख य विशषताए वनम नित ह -
1 इस विवर स सहसबर की वदशा का पता चलता ह वक िह रनात मक (+) ह या ऋणात मक (-)
2 इस विवर क सहसबर गणाक स मातरा ि सीमाओ (-1 स 0 स +1) का जञान
सरलता स हो जाता ह
X
Q Y
Learning
Time
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3 इसम शरणी क समस त पदो को महत ि वदय जान क कारण इस सह-विचरण
(Covariance) का एक अच छा मापक माना जाता ह
सतरानसार (Covariance) = N
xy
YYy
XXx
minus=
minus=
4 सहसबर गणाक चरो क मध य सापकष सबर की माप ह अत इसम इकाई नही होती
5 सहसबर गणाक पर मल वबन द तथा पमान स पररितान का कोई परराि नही पड़ता 6 सह-विचरण स काला वपयसान क सहसबर की गणना की जा सकती ह
जस yx
ianceCor
22
var
=
511 कालभ वपयसभन क सहसबध गणाक की गणना काला वपयसान का सहसबर गणाक जञात करन क वलए सिापरथम सह-विचरण (Covariance) जञात
करत ह इस सहसबर गणाक म पररितान करन क वलए दोनो शरवणयो क परमाप विचलनो क
गणनफल स राग द वदया जाता ह इस परकार पराप त पररणाम ही काला वपयसान का सहसबर गणाक
कहलाता ह
सतरानसार- r = yxN
xy
व यवकतगत (Individual Series)- व यवकतगत शरणी म सहसबर गणाक जञात करन की दो विवरयॉ
ह-
i परत यकष शवशध (Direct Method)- परत यकष विवर स सहसबर गणाक वनम न
सतरो म स वकसी एक क दवारा जञात वकया जा सकता ह-
परथम सतर - r = yx
ianceCo
var
वदवतीय सतर- yxN
xy
ततीय सतर- r =
N
y
N
xN
xy
22
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चतथा सतर- 22 yx
xy
r = सहसबर गणाक
xy = दोनो शरवणयो क माध यो स विचलनो क गणनफल का योग 2x
= X शरणी क माध य स विचलन िगो का योग
2y = Y शरणी क माध य स विचलन िगो का योग
x = X शरणी का परमाप विचलन y = Y शरणी
का परमाप विचलन
N = पदो की सख या
उपयाक त चारो ही सतर मल रप स एक ही ह अतएि वकसी री सतर स सहसबर गणाक
की गणना करन पर पररणाम एक ही होगा
उदाििण- अगर समको क आरार पर परत यकष रीवत दवारा काला वपयसान का सहसबर गणाक जञात
कीवजए
X 10 20 30 40 50 60 70
Y 5 4 2 10 20 25 04
िल- Calculation of the Coefficient of Correlation
X 40=X
स
शवचलन
= x
शवचलन का
वगा x2
Y 10=Y
स
शवचल
न =y
y2 xXy
10 -30 900 05 -5 25 150
20 -20 400 04 -6 36 120
30 -10 100 02 -8 64 80
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40 0 0 10 0 0 0
50 10 100 20 10 100 100
60 20 400 25 15 225 300
70 30 900 04 -06 36 -180
7
280
=
=
N
X
28002 =x
7
70
=
=
N
Y
6162 =y
570=xy
407
280==
=
N
XX 10
7
70==
=
N
Yy
204007
28002
===
=N
xx 389
7
6162
==
=N
yy
परथम सतर क अनसार- r = 43406187
4281
38920
7570
var==
=
=x
Nxy
ianceCo
yxyx
वनष कषा- X तथा Y चरो म मध यम स तरीय रनात मक सहसबर ह
ii सिसबध गणाक जञाि किन की लघ िीशि (short-cut method of
calculating Coefficient of Correlation)- इस विवर म वकसी री
पणााक मल य को कवलपत माध य मानकर उसस परदत त मल यो क विचलन (X- Ax
=dx तथा Y - Ay) = dy) जञात कर लन चावहए तत पश चात इन विचलनो क िगा
(d2x तथा d2y) जञात कर लत ह अन त म दोनो शरवणयो क विचलनो का
गणनफल dx dy जञात कर लत ह इन सरी मल यो का योग जञात करन क पश चात
वनम न मल य जञात हो जात ह - N dx dy d2x d2y तथा
dx dy
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इनक आरार पर अगरवलवखत म वकसी एक सतर का परयोग करक सहसबर गणाक जञात वकया जा
सकता ह
परथम सतर - yx
yx
N
AYAXNdxdyr
))(( minusminusminus=
dx dy = कवलपत माध यो स वलए गए विचलनो क गणनफलो का योग
शििीय सतर-
2222
minus
minus
minus
N
dy
N
ydX
N
dx
N
xdN
N
dy
N
dxNdxdy
ििीय सतर- 2
222 )()(
))((
dyNydXdxNxd
dydxNdxdy
minusminus
minus=
चिथा सतर- r =
N
dyyd
N
dxxd
N
dydxdxdy
22
22 )()(
minus
minus
minus
शटप पणी- उपयाक त चारो सतर एक ही सतर क विवरन न रप ह इनम स वकसी क री परयोग दवारा सह-
सबर गणाक का उत तर एक ही आता ह लवकन सविरा की दवि स आपको ततीय सतर का ही
परयोग करना चावहए
उदाििण- वनम न समको स सहसबर गणाक का पररकलन कीवजए
X 10 20 30 40 50 60 70
Y 2 4 8 5 10 15 14
िल- सहसबर गणाक का पररकलन (Calculation of the Coefficient of Correlation)
X A=40 स शवचलन
(X-A)=dx
d2x Y A=5 स शवचलन
(X-5)=dy
d2y dx dy
10 -30 900 2 -3 9 90
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20 -20 400 4 -1 1 20
30 -10 100 8 3 9 -30
40 0 0 5 0 0 0
50 10 100 10 5 25 50
60 20 400 15 10 100 200
70 30 900 14 9 81 270
N=7 sumdx=0 sumd2x=
2800
N=7 sumdy=23 sumd2y=
325
sumdxdy=600
r = 2222 )()(
))((
dyNyddxNxd
dydxNdxdy
minusminus
minus
2
2
2)23(732519600
4200)23(7325
)0(
230
72800
7600
minus=minus
minus
minus=
xXX
X
X
X
71709235849
4200
78541140
4200===
x
अत दोनो चरो म उच च मध य स तरीय सहसबर ह
मल शबन द िथा पमान म परिविान का परिाव (Effect of Change in origin and
scale)-
वकसी शरणी क मल वबन द म पररितान का अथा ह उस शरणी क सरी मल यो म एक वनवित सख या
वसथराक को घटाना तथा जोड़ना इसी परकार वकसी शरणी क पमान म पररितान का अथा ह उस शरणी
क सरी मल यो म एक वनवित सख या का राग दना अथिा गणा करना िास ति म सहसबर गणाक
पर मल वबन द तथा पमान म पररितान का कोई परराि नही पड़ता दसर शब दो म यह मल वबन द तथा
पमान क परवत स िततर ह
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512 वगीकत शरणी म सहसबध गणाक (Coefficient of Correlation in Grouped Series)
िगीकत शरणी म सहसबर गणाक जञात वकया जा सकता ह लवकन इसक वलए वदवचर सारणी का
होना आिश यक ह इसक अन तगात दो परस पर आिवतत बटनो की कोष ठक आिवततयो तथा कल
आिवततयो को इस परकार परस तत वकया जाता ह वक दोनो का अन तसाबर स पष ट हो सक िगीकत
सारणी म सहसबर गणाक जञात करन क वलए अन य परवकरया अपनायी जाती ह-
i सतत शरणी की वसथवत म X एि Y शरणी क मध य वबन द जञात कर वकसी री कवलपत माध य
स विचलन जञात वकए जात ह िगाान तर समान होन पर दोनो शरवणयो म अथिा वकसी री
एक शरणी म पद-विचलन वलए जा सकत ह
ii विचलनो तथा आिवततयो का गणा करक गणनफल का याग जञात कर लत ह जोवक fdx
तथा fdy होग
iii fdx को dx स तथा fdy को dy स गणा करक xfd 2 तथा yfd 2 जञात करत ह
iv fdx dy को जञात करन हत परत यक कोष ठ आिवतत तथा dx और dy को आपस म गणा
करग fdxdy का योग दोनो ही तरफ समान होता ह
सतर म परयक त fdxdy की गणना वनम न परकार की जानी चावहए-
i कोष ठ आिवतत को तावलका म छोट खान क नीच दायी ओर वदखाऍ
ii परत यक कोष ठ आिवतत स सबवरत dx तथा dy का गणा करक कोष आिवतत िाल
खान क मध य म वसथर कर
iii इस परकार dxdy का गणा सबवरत कोष ठ आिवतत स करक छोट खान म ऊपर बायी
ओर गहर अकषरो म अवकत कर ऐसा इसवलय वकया जाता ह वजसस वक fdxdy का
योग करत समय तरवट न हो
iv सरी िगो क समकष fdxdy का योग कर
v इस परकार fdxdy का पन योग करन पर अरीष ट fdxdy जञात हो जाता ह
उदाििण- एक बवद परीकषण म 67 विदयावथायो दवारा पराप त अको क समह तथा आिवतत
वनम नवलवखत तावलका म वदय गए ह आय तथा बवद म सबर क स तर का माप कीवजए
पिीकषण
पराप िाक उमर (Age) in years Total
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उततराखणड मकत विशवविदयालय142
200-250 4 4 2 1 11
250-300 3 5 4 2 14
300-350 2 6 8 5 21
350-400 1 4 6 10 21
Total 10 19 20 18 67
िल- सहसबर गणाक का पररकलन (Calculation of Coefficient of Correlation)
Age in
years
(X)
18 19 20 21 F Fdy fd2y fdxdy
Test
marks
Mid
Valu
e (Y)
dx
dy
-1 0 +1 +2
200-
250
225 -1 4
1
4
0
0
4
-2
-1
2
-2
-2
1
11 -11 11 0
250-
300
275 0 0
0
3
0
0
5
0
0
4
0
0
2
14 0 0 0
300-
350
325 +1 -2
-1
2
0
0
6
8
1
8
10
2
5
21 21 21 16
350-
400
375 +2 -2
-2
1
0
0
4
12
2
6
40
4
10
21 42 84 50
Total
f
10 19 20 18 N=67
52
=fdy
116
2
=
yfd
fdxdy
fdx -10 0 20 36
46
=fdx
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xfd 2
10 0 20 72
102
2
=
xfd
fdxd
y
0 6 18 48 fdxdy
=
66
=minusminus
minus=
2222 )()(
))((
fdyNyfdXfdxNxfd
fdyfdxNfdxfdyr
=2)57(671162)46(67102
52466766
minusminus
minus
xx
xx
04150874889
2030+== r
अत आय तथा बवद म मध यम स तरीय रनात मक सहसबर ह
सिाव य शवभरम (Probable Error) - सहसबर गणाक की विश िसनीयता जॉच करन हत
सराव य विभम का परयोग वकया जाता ह इस विभम क दो मख य काया होत ह-
सीमा शनधाािण- PE क आरार पर r की दो सीमाऍ वनरााररत की जाती ह वजनक अन तगात पर
समगर पर आराररत सहसबर गणाक पाए जान की 50 परवतशत सरािना रहती ह PE का सतर
वनम न परकार ह PE= 06745 N
r 21minus
परमाप शवभरम (Standard Error)- ितामान सावखयकी म PE क आरार पर SE का परयोग
अच छा माना जाता ह सहसबर का SE सदि स PE अवरक उपयक त समझा जाता ह
SE of r = N
r 21minus
50684718
2030
xr =
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शनश चयन गणाक (Coefficient of determination)- वनश चयन गणाक का तात पया ह
आवशरत चर म होन िाल पररितानो क वलए स िततर चर वकतना उत तरदायी ह
Coefficient of determination (r2) tionTotalVaria
ariationExplainedV=
वनश चयन गणाक का िगामल ही सहसबर गणाक ह यवद r = 007 हो तो इसका वनश चयन गणाक
(r)2 =043 होगा इसका तात पया ह वक आवशरत चर (Y चर) म होन िाल किल मातर 49 परवतशत
पररितान ही X क कारण ह जबवक (100-49) = 51 परवतशत पररणाम अस पष ट ह
अशनश चयन गणाक (Coefficient of Non-determination) - अस पष टीकत विचरणो को
कल विचरणो स राग दन पर अवनश चयन गणाक की गणना की जा सकती ह कल विचरण को 1
मानन पर 1 म स वनश चयन गणाक को घटान पर अवनश चयन गणाक जञात वकया जा सकता ह
Coefficient of Non-determination K2 = Unexplained Variation
Total Variation
अथिा K2 = 1-r2
सवमलयाशकि परशन
1 यवद r = 006 हो तो इसका वनश चयन गणाकhelliphelliphelliphelliphelliphellip होगा
2 helliphelliphelliphelliphelliphellipका तात पया ह आवशरत चर म होन िाल पररितानो क वलए स िततर
चर वकतना उत तरदायी ह
3 कल विचरण को 1 मानन पर 1 म स वनश चयन गणाक को घटान पर helliphelliphelliphelliphelliphellipजञात वकया जा सकता ह
4 helliphelliphelliphelliphellip= 1-r2
5 SE of helliphelliphelliphellip= N
r 21minus
6 सहसबर गणाक की विश िसनीयता जॉच करन हत helliphelliphelliphelliphelliphelliphellipका परयोग
वकया जाता ह
7 तीन चरो म स एक स िततर चर को वसथर मानत हए दसर स िततर चर मल य का आवशरत
चर-मल य स सहसबर जञात वकया जाता ह तो उस helliphelliphelliphelliphellipसहसबर कहत ह
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय145
8 जब दो पद शरवणयो म पररितान समान अनपात एि एक ही वदशा म हो तो उस helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellipसहसबर कहत ह
9 यवद एक चर क मल यो म एक वदशा म पररितान होन स दसर चर क मल यो म विपरीत वदशा म पररितान हो तो ऐसा सहसबर helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellipकहलाता ह
10 जब दो चरो म पररितान का अनपात वसथर नही होता तो ऐस सहसबर को helliphelliphelliphelliphelliphelliphellipसहसबर कहत ह
513 दववपमकतक सहसबध (Bi-serial Correlation) वशकषा या मनोविजञान क कषतर म दो सहसबर चर अखवणडत या सतत (Continuous) रप स
मापनीय होत ह अथाात दो अखवणडत चरो क मध य सहसबर का पररकलन वकया जाता ह लवकन
इस वसथवत क अलािा एक ऐसी वसथवत री होती ह जहॉ दो सहसबर चरो म स एक चर अखवणडत
रप स मापनीय होता ह ि दसरा चर कवतरम रप स वदवखवणडत वकया जाता ह इस वसथवत म जब एक
चर अखवणडत (Continuous) हो ि दसर चर को कवतरम रप स दो रागो म विरावजत वकया गया
हो तो इनक मध य सहसबर को पररकवलत करन क वलए हम वदवपवकतक सहसबर की विवर अपनात
ह
चरो का वदवविराजन (Dichotomize) का अथा ह उस दो रागो म बॉटना या दो िगो म िगीकत
करना इस तरह का विराजन इस बात पर वनरार करता ह वक सगरवहत आकड़ो की परकवत क या ह
उदाहरण क वलए यवद हम यह अध ययन करना ह वक एक ककषा म पास या फल छातरो की सख या क या
ह इस अध ययन क वलए सिापरथम हम पास या फल की कसौटी वनरााररत करनी होती ह तत पश चात
उस कसौटी स परत यक छातर क शवकषक उपलवबर की तलना की जाती ह तो यह पता चलता ह वक
वकतन छातर पास या फल ह यहॉ पास या फल शवकषक उपलवबर चर का कवतरम वदवविराजन
(Dichotomize) ह यह वदवराजन पराकवतक नही ह वशकषा या मनोविजञान क कषतर म चरो का कवतरम
वदवविराजन अपनी सविरा की दवि स वकया जाता ह तावक उन चरो को उपयक त सावखयकीय
उपचारो दवारा सही अथा वदया जा सक
वनम नवलवखत उदाहरणो दवारा चरो क कवतरम वदवविराजन क अथा को समझा जा सकता ह-
1 उत तीणा और अनत तीण
2 समायोवजत और कसमायोवजत
3 एथलवटक और नॉन-एथलवटक
4 गरीब और अमीर
5 नवतक और अनवतक
6 सन दर और करप
वदवविराजन चरो को दो रागो
म बॉटना
कवतरम वदवविराजन जब चरो को
िगीकत करन का आरार पणा रप
स आत मवनष ठ या अपराकवतक हो
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उततराखणड मकत विशवविदयालय146
7 सफल और असफल
8 सामावजक और असामावजक
9 परगवतिादी और रव ढिादी
उपरोक त उदाहरण म lsquoउत तीणा और अनत तीणrsquo क रप म परीकषाफल रपी चरो का वदवविराजन पणा
रप स कवतरम ह उत तीणा या अनत तीण वनरााररत करन की कसौटी पणा रप स परीकषक अपन वििक
क आरार पर तय करता ह अत यह कवतरम वदवविराजन का उदाहरण ह इसी तरह अन य उदाहरण
री कवतरम आरार पर ही वदवविरावजत ह
आपन उपरोक त अनच छद म चरो का कवतरम वदवविराजन का अध ययन वकया ह कवतरम वदवविराजन
क अलािा चरो को पराकवतक कसौटी क आरार पर री बॉटा जा सकता ह जस वलग क आरार पर
स तरी ि परष का विराजन जीवित या मरा हआ पसन द या नापसन द अपरारी या गर-अपरारी
पी0एच0डी0 उपावर रारक या गर-पी0एच0डी0 उपावर रारक इत यावद अत सतत चर
(Continuous Variable) और वदवविराजन चर (a variable reduced to dichotomy) क
मध य जब उपयक त सहसबर गणाक की परविवर का वनराारण करना हो तो हम सिापरथम यह दख
लना चावहए वक चरो क वदवविराजन कवतरम या पराकवतक रप स वकया गया ह जब एक सतत चर ि
तथा दसरा कवतरम रप स वदवरावजत चर क मध य सहसबर वनकाला जाता ह तो हम वदवपवकतक
सहसबर गणाक परविवर का परयोग करत ह इसक विपरीत एक सतत चर ि पराकवतक रप म
वदवविरावजत चर क मध य सहसबर वनकालन क वलए हम वबन द वदवपवकतक सहसबर (Point
Biserial Correlation) परविवर का परयोग करत ह
िशकषक उपलशबध व पिीकषािल क मध य सिसबध शिपशिक सिसबध का उदाििण ि
शकसी पिीकषण क
एक पद पि पराप ि
पराप िाक
Score obtained on
an item of a test
सिी उत िि वाल को 1 अक
(Right Response)
गलि उत िि वाल को 0 अक
(Wrong Response)
िशकषक उपलशबध (Scholastic
Achievement)
सिि चि (Continuous Variable)
अकगशणि पिीकषा म उत िीण (Pass)
(पिीकषािल) - का कशतरम रप स
शिशविाजन
अकगशणि पिीकषा म अनत िीण (Fail)
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शकसी पद पि पराप िाक व उत िि की परकशि (RightWrong) क मध य सिसबध शबन द
शिपशिक सिसबध (Point biserial Correlation) का उदाििण ि
शिपशिक सिसबध की मान यिाय (Assumptions of Biserial Correlation)-
i वदवरावजत चर म सततता (Continuity in the dichotomized trait)
ii वदवरावजत चरो क वितरण म परसामानयता (Normality of the distribution
underlying the dichotomy)
iii N का आकार बड़ा होना चावहए (Large N)
iv मवधयका (50) क मध य चर का वदवविराजन (a split that is not too extreme-
the closer to 50 the better)
सीमाऐ-
i वदवपवकतक सहसबर को परतीपगमन विश लषण (Regression Analysis) करन म
परयोग नही वकया जा सकता
ii इसस परमाप तरवट का आकलन नही वकया जा सकता
iii काला वपयसान क सहसबर गणाक की सीमा (plusmn 100) की तरह यह गणाक plusmn
100 क मध य सीवमत नही होता
514 बबन द दववपमकतक सहसबध की मान यताऍ (Assumptions of Point Biserial
Correlation)
i वदवविरावजत चर म असततता (Discontinuity in the dichotomized trait)
ii वदवविरावजत चर क वितरण म अपरसामानयता (Lack of normality in the
distribution underlying the dichotomy)
iii चरो का विराजन का आरार पराकवतक होना चावहए (Natural or genuine
dichotomy of variable)
iv N का आकार बड़ा होना चावहए
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उततराखणड मकत विशवविदयालय148
515 दववपमकतक सहसबध व बबन द दववपमकतक सहसबध क मध य तलना Comparison between Bi-serial lsquorrsquo
and Point- biserial r)
Biserial (r bis) Point Biserial (r pbis)
1 rpbis की तलना म यह सावखयकी
वनरारयोग य नही ह
2 चरो क वदवविराजन का वितरण परसामानय होना चावहए
3 इसका परसार plusmn100 स अवरक री हो सकता ह
4 इसका परमाप तरवट नही वनकाला जा सकता
5 इसका परयोग परतीपगमन विश लषण म नही वकया जा सकता
6 rbis का मान rpbis क मान स हमशा
अवरक होता ह
7 rbis क मान को r क मान स परवतजॉच
नही वकया जा सकता
8 इसका परयोग Item analysis म नही
वकया जा सकता
9 rbis r स वरन न ह
1 rpbis वनरारयोग य सावखयकी ह
2 चरो क वदवविराजन क वितरण क सबर म
कोई अिरारणा नही रखता
3 इसका परसार plusmn100 होता ह
4 इसका परमाप तरवट-आसानी स वनकाला जा
सकता ह
5 इसका परयोग परतीपगमन विश लषण
(Regression Analysis) म वकया जा
सकता ह
6 rpbis का मान rbis क मान स हमशा कम होता
ह
7 rpbis क मान को r क मान स परवतजॉच
(Cross Check) वकया जा सकता
8 इसका परयोग पराय वकसी परीकषण क
परमाणीकरण म पद-विश लषण (Item
analysis) क रप म वकया जाता ह
9 rbis r का ही एक रप ह
शिपशिक सिसबध गणाक परिकलन का सतर (Formula to calculate the
coefficient of Biserial Correlation)-
rbis
u
Pqx
t
MM qP
minus=
(biserial Coefficient of Correlation or biserial r)
Mp = उच च िगा (उत तीण) का माध य (Mean)
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Mq = वनम न िगा (अनत तीण) का माध य (Mean)
t = सम पणा िगा का परमाप विचलन (SD)
p = उच च िगा का कल िगा क साथ अनपात (Proportion)
q = वनम न िगा का कल िगा क साथ अनपात (Proportion) (q=1-P)
u = p और q क विराजन वबन द पर परसामानय िकर की ऊचाई
शिपशिक सिसबध (rbis) परिकलन का वकशलपक सतर
rbis = u
Px
MTM P
minus
MT = कल िगा का माध य
rbis को परमाप तरशट (Standard Error) परिकलन का सतर
N
sru
pqbi
2minus
जब P और q का मान बहत छोटा न हो और N बहत बड़ा हो
शबन द शिपशिक सिसबध (rpbis) परिकलन का सतर (Formula to Calculate
Coefficient of Point -biserial Correlation)
rpbis = pqxMM qP
minus
MP और Mq = दो िगो का करमश माध य
P = परथम िगा का अनपात q = वदवतीय िगा का अनपात
= कल िगा का परमाप विचलन
rpbis क परमाप तरशट परिकलन का सतर
N
r pbis
pbisr
)1( 2minus=
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उदाििण- वनम न तावलका म दो समहो क छातरो दवारा (करमश उत तीण ि अनत तीण) गवणत विषय क
उपलवबर पराप ताक का वितरण वदखाया गया ह वनम न पराप ताक स वदवपवकतक सहसबर गणाक
(Coefficient of Biserial Correlation) की गणना कीवजए
गशणि उपलशबध
पिीकषण का पराप िाक
गशणि उपलशबध पिीकषण का
पिीकषािल
उत िीण (fp) अनत िीण (fq)
5-10 0 5
10-15 3 5
15-20 10 13
20-25 15 26
25-30 24 40
30-35 35 15
35-40 10 6
40-45 16 0
45-50 7 0
Total 120 110 230
िल- वदवपवकतक सहसबर गणाक का सतर -
u
pqx
MMprbis
q
minus=
rbis का पररकलन क वलय आपको वनमन पदो का अनसरण करना चावहए
परथम सोपान- p = उच च िगा का अनपात उत तीण छातरो की सख या
कल छातर
52230
120
110120
120==
+
शििीय सोपान- q = 1 - p = 1-52 = 48
ििीय सोपान- u = p और q क विराजन वबन द पर परसामानय िकर की ऊचाई
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= 3989 (यह मान परसामानय िकर स सबवरत तावलका स वलया गया ह)
चिथा सोपान-
Mp = 1331120
3736==
P
P
f
xf
Mq = 7724110
2725==
fq
xfq
= कल पराप ताक का परमाप विचलन = 841
चिथा सोपान-
सरी चरो का मान सतर म रखन पर
u
pqX
MMprbis
t
q
minus=
39840
4852
418
77241331 XX
minus=
39840
24960
418
366X=
= 075624257 x 062650602
= 047
इस परकार वदवपवकतक सहसबर गणाक का मान 047 ह
उदाििण- एक राषा परीकषण को 15 छातरो पर परशावसत वकया गया परीकषण क पद न0 10 तथा
उस परीकषण का कल पराप ताक वनम न परकार स ह (उत तीण क वलय 01 ि अनत तीण क वलय 0) वबन द
वदवपवकतक सहसबर गणाक स आप यह पता कीवजए वक उस परीकषण का पद न0 10 कल परीकषण
स सहसबवरत ह अथिा नही
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छातर पिीकषण पि कल
पराप िाक
पद न0 10 पि पराप िाक
1 25 1
2 23 1
3 18 0
4 24 0
5 23 1
6 20 0
7 19 0
8 22 1
9 21 1
10 23 1
11 21 0
12 20 0
13 21 1
14 21 1
15 22 1
कल योग 323 09
उत तीण छातरो की सख या = 9
उत तीण छातरो का अनपात 6015
9)( ==P
अनत तीण छातरो की सख या = 6
अनत तीण छातरो का अनपात (9) = 1- 60 = 40
33229
201
9
222121232122232325==
++++++++=PM
33206
122
6
202119202418==
+++++=Mq
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय153
821=T 4060821
33203322XXpqX
MMpr
q
bisP
minus=
minus=
= 54
इस वबन द वदवपवकतक सहसबर गणाक क मान स यह पता चलता ह पद न0 10 कल परीकषण
स साथाक रप स सहसबवरत ह यह पद एक अच छा पद ह वजस परीकषण म रखा जा सकता ह
सवमलयाशकि परशनो क उतति
1 का परसार plusmn100 स अवरक री हो सकता ह 2 चरो को दो सिाराविक रागो म बॉटन की परवकरया को कहत
ह
3 जब एक चर अखवणडत (Continuous) हो ि दसर चर को कवतरम रप स दो
रागो म विरावजत वकया गया हो तो इनक मध य सहसबर को हम
helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellipकहत ह
4 एक सतत चर ि पराकवतक रप म वदवविरावजत चर क मध य सहसबर को helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellipकहत ह
5 helliphelliphelliphelliphellipसहसबर गणाक माध य एव परमाप शवचलन पर आराररत ह
6 rpbis का मान rbis क मान स हमशा helliphelliphelliphelliphelliphellipहोता ह
7 helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellipका परयोग पराय वकसी परीकषण क परमाणीकरण म पद-
विश लषण (Item analysis) क रप म वकया जाता ह
8 helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellipसहसबर को परतीपगमन विश लषण (Regression
Analysis) करन म परयोग नही वकया जा सकता
9 उत तीणा और अनत तीण helliphelliphelliphelliphelliphellipविराजन का उदाहरण ह
10 परष और नारी विराजन का उदाहरण ह
516 साराश (Summary) इस इकाई म आपन सहसबर का अथा पररराषा परकवत ि इसक मापन क काला वपयसान
वदवपवकतक तथा वबद- वदवपवकतक सहसबर गणाको का अध ययन वकया इन सरी अिरारणाओ का
सवकषपत वििरण यहाा वदया जा रहा ह
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दो या दो स अवरक चरो क मध य अन तासबर को सहसबर की सजञा दी जाती ह सहसबर क
पररमाप को अको म व यक त वकया जाता ह वजस सहसबर गणाक (Coefficient of
Correlation) कहा जाता ह
गवणतीय विवर स वकसी री दो या दो स अवरक चरो क मध य सहसबर की मातरा का पररकलन
वकया जा सकता ह और इन चरो क मध य कछ न कछ सहसबर की मातरा री हो सकती ह लवकन
इसका अथा यह कदावप नही लगाना चावहए वक उन चरो क मध य कारण- काया का सबर विदयमान
ह परत यक कारण-काया सबर का अथा सहसबर होता ह लवकन परत यक सहसबर स कारण-काया
सबर को सवनवित नही वकया जा सकता ह
सहसबर को हम वदशा अनपात तथा चर-मल यो की सख या क आरार पर कई रागो म विरक त कर
सकत ह
धनात मक एव ऋणात मक सिसबध (Positive and Negative Correlation) - यवद दो पद
शरवणयो या चरो म पररितान एक ही वदशा म हो तो उस रनात मक सहसबर कहग इसक विपरीत
यवद एक चर क मल यो म एक वदशा पररितान होन स दसर चर क मल यो म विपरीत वदशा म पररितान
हो तो ऐसा सहसबर ऋणात मक सहसबर कहलाएगा
िखीय िथा अ-िखीय सिसबध (Linear or Non-Linear Correlation)- पररितान
अनपात की समवमतता क आरार पर सहसबर रखीय अथिा अ-रखीय हो सकता ह रखीय
सहसबर म पररितान का अनपात स थायी रप स समान होता ह अथाात यवद इन चर-मल यो को वबन द-
रखीय पतर पर अवकत वकया जाए तो िह रखा एक सीरी रखा क रप म होगी इसक विपरीत जब
पररितान का अनपात वसथर नही होता तो ऐस सहसबर को अरखीय सहसबर कहग
सिल आशिक िथा बिगणी सिसबध (Simple Partial and Multiple
Correlation)- दो चर मल यो (वजनम एक स िततर तथा एक आवशरत हो) क आपसी सहसबर को
सरल सहसबर कहत ह तीन अथिा अवरक चर-मल यो क मध य पाए जान िाला सहसबर
आवशक अथिा बहगणी हो सकता ह तीन चरो म स एक स िततर चर को वसथर मानत हए दसर
स िततर चर मल य का आवशरत चर-मल य स सहसबर जञात वकया जाता ह तो उस आवशक सहसबर
कहग जबवक बहगणी सहसबर क अन तगात तीन या अवरक चर मल यो क मध य सहसबर स थावपत
वकया जाता ह
पणा धनात मक अथवा पणा ऋणात मक सिसबध (Perfect Positive or Perfect
Negative Correlation)- जब दो पद शरवणयो म पररितान समान अनपात एि एक ही वदशा म
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उततराखणड मकत विशवविदयालय155
हो तो उस पणा रनात मक सहसबर कहग ऐसी वसथवत म सहसबर गणाक (+1) होगा इसक
विपरीत जब दो मल यो म पररितान समान अनपात म ठीक विपरीत वदशा म हो तो उस पणा ऋणात मक
सहसबर कहग ऐसी वसथवत म सहसबर गणाक (-1) होगा सहसबर गणाक का मल य हर दशा म
0 तथा plusmn1 क मध य होता ह
सरल सहसबर जञात करन की वनमन विवरयाा ह -
1वबन द रखीय विवरयॉ (Graphic Methods)-
2विकषप वचतर (Scatter Diagram)
3सारारण वबन द रखीय रीवत (Simple graphic Method)
4 गवणतीय विवरयॉ (Mathematical Methods)-
5काला वपयसान का सहसबर गणाक (Karl Pearson Coefficient of
Correlation)
6स पीयरमन की शरणी अतर विवर (Spearmans Rank Difference
Method)
7सगामी विचलन गणाक (Coefficient of Concurrent Deviations)
8न यनतम िगा रीवत (Least Squares Method)
अन य रीवतयॉ (Other Methods)
काला वपयसान सहसबर गणाक सहसबर गणाक जञात करन वक वलए यह विवर सिाशरष ठ समझी
जाती ह इस विवर म सहसबर की वदशा तथा सख यात मक मातरा का माप री वकया जाता ह यह
सहसबर गणाक माध य एव परमाप शवचलन पर आराररत ह अत इसम गवणतीय दवि स पणा
शदता पायी जाती ह इस रीवत क अन तगात दो चरो क मध य सहसबर गणाक (Coefficient
Correlation) जञात करत ह वजस सकताकषर r स सबोवरत वकया जाता ह
िास ति म सहसबर गणाक पर मल वबन द तथा पमान म पररितान का कोई परराि नही पड़ता दसर
शब दो म यह मल वबन द तथा पमान क परवत स िततर ह
सिाव य शवभरम (Probable Error) - सहसबर गणाक की विश िसनीयता जॉच करन हत
सराव य विभम का परयोग वकया जाता ह
परमाप शवभरम (Standard Error)- ितामान सावखयकी म PE क आरार पर SE का परयोग
अच छा माना जाता ह सहसबर का SE सदि स PE अवरक उपयक त समझा जाता ह SE of r =
N
r 21minus
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शनश चयन गणाक (Coefficient of determination)- वनश चयन गणाक का तात पया ह
आवशरत चर म होन िाल पररितानो क वलए स िततर चर वकतना उत तरदायी हवनश चयन गणाक का
िगामल ही सहसबर गणाक ह
अशनश चयन गणाक (Coefficient of Non-determination) - अस पष टीकत विचरणो को
कल विचरणो स राग दन पर अवनश चयन गणाक की गणना की जा सकती ह कल विचरण को 1
मानन पर 1 म स वनश चयन गणाक को घटान पर अवनश चयन गणाक जञात वकया जा सकता ह K2 =
1-r2 जहॉ दो सहसबर चरो म स एक चर अखवणडत रप स मापनीय होता ह ि दसरा चर कवतरम
रप स वदवखवणडत वकया जाता ह इस वसथवत म जब एक चर अखवणडत (Continuous) हो ि दसर
चर को कवतरम रप स दो रागो म विरावजत वकया गया हो तो इनक मध य सहसबर को पररकवलत
करन क वलए हम वदवपवकतक सहसबर की विवर अपनात ह इसक विपरीत एक सतत चर ि
पराकवतक रप म वदवविरावजत चर क मध य सहसबर वनकालन क वलए हम वबन द वदवपवकतक सहसबर
(Point Biserial Correlation) परविवर का परयोग करत ह
517 शबदावली (Glossary) सिसबध (Correlation) दो या दो स अवरक चरो क मध य अन तासबर को सहसबर की सजञा
दी जाती ह
सिसबध गणाक (Coefficient of Correlation) सहसबर क पररमाप को अको म व यक त
वकया जाता ह वजस सहसबर गणाक (Coefficient of Correlation) कहा जाता ह
धनात मक सिसबध (Positive Correlation) यवद दो पद शरवणयो या चरो म पररितान एक ही
वदशा म हो तो उस रनात मक सहसबर कहत ह
ऋणात मक सिसबध (Negative Correlation) यवद एक चर क मल यो म एक वदशा म
पररितान होन स दसर चर क मल यो म विपरीत वदशा म पररितान हो तो ऐसा सहसबर ऋणात मक
सहसबर कहलाता ह
िखीय सिसबध (Linear Correlation) रखीय सहसबर क अनतगात दो चरो म पररितान का
अनपात स थायी रप स समान होता ह अथाात यवद चर-मल यो को वबन द-रखीय पतर पर अवकत वकया
जाए तो िह रखा एक सीरी रखा क रप म होती ह
अ-िखीय सिसबध (Non-Linear Correlation) जब दो चरो म पररितान का अनपात वसथर
नही होता तो ऐस सहसबर को अरखीय सहसबर कहत ह
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उततराखणड मकत विशवविदयालय157
सिल सिसबध (Simple Correlation) दो चर मल यो (वजनम एक स िततर तथा एक आवशरत
हो) क आपसी सहसबर को सरल सहसबर कहत ह
आशिक सिसबध (Partial Correlation) तीन चरो म स एक स िततर चर को वसथर मानत हए
दसर स िततर चर मल य का आवशरत चर-मल य स सहसबर जञात वकया जाता ह तो उस आवशक
सहसबर कहत ह
बिगणी सिसबध (Multiple Correlation) तीन या अवरक चर मल यो क मध य सहसबर
को बहगणी सहसबर कहत ह
पणा धनात मक सिसबध (Perfect Positive Correlation) जब दो पद शरवणयो म पररितान
समान अनपात एि एक ही वदशा म हो तो उस पणा रनात मक सहसबर कहत ह ऐसी वसथवत म
सहसबर गणाक (+1) होता ह
पणा ऋणात मक सिसबध (Perfect Negative Correlation) जब दो मल यो म पररितान
समान अनपात म ठीक विपरीत वदशा म हो तो उस पणा ऋणात मक सहसबर कहग ऐसी वसथवत म
सहसबर गणाक (-1) होता ह
काला वपयसान सहसबर गणाक यह सहसबर गणाक माध य एव परमाप शवचलन पर आराररत ह
इस रीवत क अन तगात दो चरो क मध य सहसबर गणाक (Coefficient Correlation) जञात करत ह
वजस सकताकषर r स सबोवरत वकया जाता ह
सिाव य शवभरम (Probable Error) - सहसबर गणाक की विश िसनीयता जॉच करन हत
सराव य विभम का परयोग वकया जाता ह
परमाप शवभरम (Standard Error) सहसबर गणाक की विश िसनीयता जॉच करन हत परमाप
विभम का परयोग वकया जाता ह SE of r = N
r 21minus
शनश चयन गणाक (Coefficient of determination)- वनश चयन गणाक का तात पया ह
आवशरत चर म होन िाल पररितानो क वलए स िततर चर वकतना उत तरदायी ह वनश चयन गणाक का
िगामल ही सहसबर गणाक ह
अशनश चयन गणाक (Coefficient of Non-determination) - अस पष टीकत विचरणो को
कल विचरणो स राग दन पर अवनश चयन गणाक की गणना की जा सकती ह कल विचरण को 1
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय158
मानन पर 1 म स वनश चयन गणाक को घटान पर अवनश चयन गणाक जञात वकया जा सकता ह K2 =
1-r2
पराकशिक शिशविाजन (Natural Dichotomy) चरो को दो सिाराविक रागो म बॉटना
कशतरम शिशविाजन (Artificial Dichotomy) जब चरो को िगीकत करन का आरार पणा रप
स आत मवनष ठ या अपराकवतक हो
शिपशिक सिसबध (Biserial Correlation) जब एक चर अखवणडत (Continuous) हो ि
दसर चर को कवतरम रप स दो रागो म विरावजत वकया गया हो तो इनक मध य सहसबर को हम
वदवपवकतक सहसबर कहत ह
शबन द शिपशिक सिसबध (Point-biserial Correlation) एक सतत चर ि पराकवतक रप म
वदवविरावजत चर क मध य सहसबर को वबन द वदवपवकतक सहसबर (Point-biserial Correlation)
कहत ह
518 सवमलयाककत परशनो क उततर 1 (r)2 =036 2 वनश चयन गणाक 3 अवनश चयन गणाक 4 K2 5 r 6 परमाप विभम
7 आवशक 8 पणा रनात मक 9 ऋणात मक सहसबर 10 अरखीय 11 वदवपवकतक
सहसबर 12 पराकवतक वदवविराजन 5 वदवपवकतक सहसबर 14 वबन द वदवपवकतक
सहसबर (Point-biserial Correlation) 15 काला वपयसान 16 कम 17 वबन द
वदवपवकतक सहसबर 18 वदवपवकतक 19 कवतरम वदवविराजन 20 पराकवतक वदवविराजन
519 सदरभ गरनथ सची पाठय सामगरी (References Useful Readings)
1 Koul Lokesh (2002) Methodology of Educational Research New
Delhi Vikas Publishing Pvt Ltd
2 Karlinger Fred N (2002) Foundations of Behavioural Research
New Delhi Surjeet Publications
3 Garret HE (1972) Statistics in Psychology and Education New
York Vakils Feffers and Simans Pvt Ltd
4 वसह ए०क० (2007) मनोविजञान समाजशास तर तथा वशकषा म शोर विवरयॉ नई
वदल ली मोतीलाल बनारसी दास
5 गप ता एस०पी० (2008) मापन एि मल याकन इलाहाबाद शारदा पवबलकशन
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय159
6 राय पारसनाथ (2001) अनसरान पररचय आगरा लकष मी नारायण अगरिाल
पवबलकशनस
7 Best John W amp Kahn (2008) Research in Education New Delhi
PHI
8 Good Carter V (1963) Introduction to Educational Research New
York Rand Mc Nally and company
520 तनबधातमक परशन 1 सहसबर का अथा बताईय ि इसक विवरन न परकारो को सपि कीवजय
1 सहसबर क विवरन न मापको का पररकलन कर सक ग 2 सहसबर क विवरन न मापको की तलना कर सक ग 3 सहसबर गणाक का अथाापन कर सक ग 4 वनमन आकड़ स काला वपयसान क सहसबर गणाक की गणना कीवजय (उततर r = 069)
छातर परथम पिीकषण म परापत
अक
शििीय पिीकषण म परापत
अक
A 8 6
B 6 5
C 5 4
D 5 3
E 7 2
F 8 7
G 3 2
H 6 3
5 वदवपवकतक सहसबर गणाक ि वबद वदवपवकतक सहसबर गणाक क मधय अतर सपि कीवजए 6 वनम न तावलका म दो समहो क छातरो दवारा (करमश दाशावनक ि गर दाशावनक ) गवणत
विषय क उपलवबर पराप ताक का वितरण वदखाया गया ह वनम न पराप ताक स वदवपवकतक
सहसबर गणाक (Coefficient of Biserial Correlation) की गणना कीवजए (उततर
=041)
गशणि उपलशबध गशणि उपलशबध पिीकषण का पिीकषािल
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उततराखणड मकत विशवविदयालय160
पिीकषण का पराप िाक
दाशावनक
(fp)
गर दाशावनक (fq)
85-89 5 6
80-84 2 16
75-79 6 19
70-74 6 27
65-69 1 19
60-64 0 21
55-59 1 16
Total 21 124 145
8 एक परीकषण को 11 छातरो पर परशावसत वकया गया परीकषण क पद न0 07 तथा उस
परीकषण का कल पराप ताक वनम न परकार स ह (उत तीण क वलय 01 ि अनत तीण क वलय 0)
वबन द वदवपवकतक सहसबर गणाक स आप यह पता कीवजए वक उस परीकषण का पद न0 07
कल परीकषण स सहसबवरत ह अथिा नही (उततर =036)
छातर पिीकषण पि कल पराप िाक पद न0 07 पि पराप िाक
1 15 1
2 14 1
3 13 0
4 15 0
5 10 1
6 15 0
7 13 0
8 12 1
9 15 1
10 10 1
11 11 0
कल योग 143 06
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उततराखणड मकत विशवविदयालय161
इकाई 6 अको क ववतरण की परकतत का अवबोध सामान य ववतरण वकरndashइसकी ववशषताए और उपयोधगताए ववषमता व पथशीषभत व क मानो का पररकलन (Understanding the nature of the distribution of scores Normal
Probability Curve (NPC)- Its
features and uses Computation of
the Values of Skewness and
Kurtosis)
इकाई की रपरखा
61 परसतािना
62 उददशय
63 आिवतत वितरण क परकार
64 विषमता
65 विषमता गणाक का पररकलन
66 पथशीषात ि या ककदता
67 पथशीषाति का माप
68 परसामानयसामानय बटन या वितरण
69 परसामानय िकर
610 परसामानय िकर की विशषताऐ
611 मानक परसामानय िकर
612 मानक परसामानय िकर की विशषताऍ
613 परसामानय िकर की उपयोवगताऍ या अनपरयोग
614 परसामानय िकर म परावयकता वनरााररत करना
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उततराखणड मकत विशवविदयालय162
615 सामान य सरािना िकर क उपयोग क उदाहरण
616 साराश
617 शबदािली
618 सिमलयावकत परशनो क उततर
619 सदरा गरनथ सचीपाठय सामगरी
620 वनबरातमक परशन
61 परसतावना आकड़ो की विश लषण की वकरया म एक शोराथी या छातर को आकड़ या समक (Data) या अको
(Scores) की परकवत को जानना चावहए कन रीय परिवतत क माप (Measures of Central
Tendency) हम समक शरणी क परवतवनवर मल यो का अनमान परस तत करत ह तथा विचरणशीलता
क माप (Measures of Variability) कन रीय मल य क विवरन न पद मल यो क विखराि फलाि
अथिा परसार को इवगत करत ह यदयवप य दोनो ही माप शरणी क विश लषण हत अत यत आिश यक
सचनाऍ परस तत करत ह वकन त इनम यह जञात नही हो पाता वक समक शरणी का स िरप कसा ह
अथाात कन रीय परिवतत स मल यो का वबखराि या परसार समवमतीय ह अथिा समवमतीय नही ह अत
शरणी या आकड़ो क िास तविक स िरप को जानन क वलए आकड़ो क वितरण की परिवतत को
समझना अत यािश यक ह इसक वलए आपको सामान य वितरण िकरइसकी विशषताए और
उपयोवगताएा समक वितरण िकर क परकार को विषमता ि पथशीषात ि जस मानो क माधयम स
जानना अवनिाया ह तावक आप अको क वितरण की परकवत को समझ सक और इसका परयोग शोर
वनषकषा वनकालन म कर सक | परसतत इकाई म आप सामान य वितरण िकरकी विशषताए और
उपयोवगताएा विषमता ि पथशीषात ि क मान क पररकलन क बार म अधययन करग|
62 उददशय इस इकाई क अध ययनोपरात आप-
bull सामान य वितरण क अथा को सपि कर पायग
bull सामान य वितरण िकर की विशषताओ की वयाखया कर सक ग|
bull सामान य वितरण िकर की परकवत को बता पायग
bull सामान य वितरण िकर की उपयोवगताओ की व याख या कर सक ग
bull सामान य वितरण िकर पर आराररत समसयाओ को हल कर सक ग|
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय163
bull विषमता गणाक क मान का पररकलन कर सक ग|
bull पथशीषात ि मापक का पररकलन कर सक ग|
63 आववतत ववतरण क परकार (Types of frequency
distribution)
1 समशमि अथवा सामान य शवििण (Symmetrical or Normal Distribution)-
इस परकार क वितरण म आिवततयाा एक वनवित करम स बढती ह वफर एक वनवित वबन द पर
अवरकतम होन क पश चात उसी करम स घटती ह यवद आिवतत वितरण का िकर तयार
वकया जाय तो िह सदि घण टी क आकार (Bell Shaped) का होता ह जो इसकी
सामान य वसथवत को परदवशात करता ह ऐस वितरण म समान तर माध य मध यका ि बहलक क
मल य समान होत ह तथा मध यका स दोनो चतथाको (Quartiles) क मल यो म अन तर री
समान होता ह इस परकार क वितरण म विषमता नही होती ह ऐस वितरण को सामान य
वितरण (Normal Di stribution) सामान य िकर (Normal Curve) या सामान य
विभम िकर (Normal Curve of Error) क नाम स री जाना जाता ह
रखावचतर 01 एक आदशा आिवतत िकर को परस तत करता ह वजसम वबल कल विषमता नही ह इसकी
आिवतत घण टी क आकार की होन क कारण इस घण टी क आकार (Bell Shaped) िाली िकर
O X= M= Z
(Q3- M) = (M-Q1)
Y
िखाशचतर 01
सामान यशवििण
X
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उततराखणड मकत विशवविदयालय164
कहत ह इस दशा म समान तर माध य मध यका तथा बहलक का मल य समान रहता ह यह सामान य
िकर ह
2 असमशमि शवििण अथवा शवषम शवििण (Asymmetrical Distribution)-
असमवमत वितरण म आिवततयो क बढन ि घटन क करम म अन तर पाया जाता ह
आिवततयाा वजस करम म बढती ह अवरकतम वबन द पर पहाचन क पश चात उसी करम म नही
घटती ऐस वितरण का िकर घण टी क आकार िाला ि दाय या बाय झकाि वलए हए होता
ह ऐस वितरण म समान तर माध य मध यका एि बहलक क मल य असमान होत ह तथा
चतथाको क अन तर री असमान होत ह तथा मध यका म दोनो चतथाको क अन तर री
असमान होत ह इस परकार क वितरण म विषमता की उपवसथवत होती ह असमवमत
वितरण दो परकार की हो सकती ह-
i धनात मक शवषमिा (Positive Skewness) - यवद िकर का झकाि दावहनी ओर ह तो
उस िकर म रनात मक विषमता होगी रनात मक विषमता रखन िाल वितरण म समान तर
माध य का मल य )(X मध यका (Md) तथा बहलक (Z) स अवरक होता ह यवद रनात मक
विषमता िकर को वबन दरखीय वचतर पर परदवशात वकया जाय तो िकर का लम बा राग अवरक
चर िाल स थानो को जाता ह रनात मक विषमता िकर म सिापरथम वफर मध यका और
अन त म समान तर माध य आता ह अथाात )(X gt Mdgt Z
िासति म असमवमत बटन िाला िकर कन र स दावहनी ओर को अवरक फला हो सकता ह या
बायी ओर को वदवतीय आकवत स दावहनी ओर झकाि िाली थोड़ी विषम िकर वदखाई गई ह इस
Median
िखाशचतर02
धनात मक शवषमिा
Mode Mean
Mean gt Median gt Mode
Median
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उततराखणड मकत विशवविदयालय165
दशा म समान तर माध य का मल य मध यका स अवरक होता ह तथा मध यका का बहलक स अवरक
इस परकार बहलक का मल य सबस कम होता ह ऐसा आिवतत िकर रनात मक विषमता को परदवशात
करता ह
i शवषमिा(Negative Skewness) - यवद िकर का झकाि दावहनी ओर न होकर बायी
ओर अवरक हो तो विषमता ऋणात मक होगी यवद समान तर माध य का मल य मध यका और
बहलक स कम होता ह तो विषमता ऋणात मक होगी इस वबन द रखीय वचतर पर परदवशात
वकया जाय तो िकर का लम बा राग कम मल य िाल स थानो को जाता ह ऋणात मक
विषमता म सिापर थम समान तर माध य वफर मध यका और अन त म बहलक आता ह अथाात
Xlt Mlt Z
रखावचतर 03 ऋणात मक विषमता (Negative Skewness) को परदवशात करता ह इस दशा म
बहलक का मल य सबस अवरक होता ह ऐसा िकर बायी ओर विषमता को बताता ह
ऋणात मक शवषमिा
Mode Median
Mean
(Q1- M) gt(M- Q1)
िखाशचतर 03
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उततराखणड मकत विशवविदयालय166
आिवतत वितरण क विवरनन परकारो को अगरावकत वचतर दवारा सरलता स समझा जा सकता ह सामानय
वितरण िकर रनातमक विषमता िकर ि ऋणातमक विषमता िकर क सापवकषक वसथवत को इन
रखावचतरो क माधयम स समझा जा सकता ह
इस परकार आपन दखा वक विषमता रनातमक अथिा ऋणातमक दोनो ही परकार की हो सकती ह
दसरी बात यह ह वक विषमता कम या अवरक हो सकती ह यवद िकर कम फला हआ हो तो
विषमता सारारणतया कम और िकर क अवरक फला होन की दशा म विषमता अवरक होती ह
आिवतत वितरण क विवरनन सिरपो म कनरीय परिवतत क मापो की वसथवत को अगरवलवखत आाकड़ो
क माधयम स आप समझ सकत ह -
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उततराखणड मकत विशवविदयालय167
आवशतत शवििण क शवशिन न स वरप
आकाि
(Size)
अ ब स
आवशतत (Frequency) आवशतत (f) आवशतत (f)
5 10 10 10
10 30 90 20
15 50 50 30
20 70 40 40
25 50 30 50
30 30 20 90
35 10 10 10
विषमता विषमता का अराि
(Symmetrical)
समवमत
अस मवमत
(Asymmetrical)
रनात मक विषमता
(Positively Skewed)
असमवमत
(Asymmetrical)
ऋणात मक विषमता
(Negatively Skewed)
माध यो की
वसथवत
Position of
Average
Mean = Median=
Mode
M gt Md gt Mo M lt Md lt Mo
चतथाक
Quartiles
Q3- Md= Md- Q1 (Q3 ndash Md) gt
(Md ndash Q1)
Q3- Md lt Md ndash Q1
िकर
(Curve)
परसामानय (Normal) रनात मक विषमता
(Positively Skewed
or Skewed to the
Right
ऋणात मक विषमता
(Negatively Skewed
or Skewed to the
Right)
64 ववषमता(Skewness) विषमता का माप एक ऐसा सख यात मक माप ह जो वकसी शरणी की असमवमतता (Asymmetry)
को परकट करता ह एक वितरण को विषम कहा जाता ह जबवक उसमसमवमतता (Symmetry) का
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उततराखणड मकत विशवविदयालय168
अराि हो अथाात मापो क विस तार क एक ओर या दसरी ओर ही मल य कवनरत हो जात ह (A
distribution is said to be skewed if it is lacking in symmetry that is in the
measure tend to pile up at one end or the other of the range of measures)
वसम पसन और काफका क अनसार- विषमता अथिा असमवमतता एक आिवतत वितरण की
विशषता ह जो एक ओर अवरकतम आिवतत क साथ अन य ओर की अपकषा अवरक झक जाता
ह(Skewness or asymmetry is the attribute of frequency distribution that
extends further on one side of class with the highest frequency than on the
other) मौररस हमबगा क अनसार- विषमता एक आिवतत वितरण स असमवमतता अथिा
समवमतता क अराि को आकार क रप म बतलाता ह यह लकषण कन रीय परिवतत क कल मापो क
परवतवनवर का वनणाय हत विशष महत ि का ह (Skewness refers to the asymmetry or lack
of symmetry in the shape of a frequency distribution This characteristic is of
particular importance in connection with judging the typicality of certain
measures of central tendency
सकषप म वकसी वितरण की समवमतता स दर हटन की परिवतत ही विषमता कहलाती ह विषमता
रनात मक या ऋणात मक हो सकती ह रनात मक एि ऋणात मक मातरा जञात करन हत विषमता क
मापो का उपयोग वकया जाता ह विषमता क चार माप होत ह तथा इनम स परत यक माप को दो रपो
म परदवशात वकया जा सकता ह वजन ह वनरपकष माप (Absolute Measure) तथा सापकष माप
(Relative Measure) कहत ह विषमता क वनरपकष माप दवारा विषमता की कल मातरा (Degree)
तथा रनात मक (+) ि ऋणात मक (-) परकवत मातर ही जञात हो पाती ह यह माप तलनात मक अध ययन
हत उपयक त नही होता अत दो या दो स अवरक वितरणो क तलनात मक अध ययन हत विषमता का
सापकष माप महत िपणा होता ह य सापकष माप विषमता गणाक (Coefficient of Skewness)
कहलाता ह वजस सकताकषर (J) दवारा व यक त वकया जाता ह वजस शरणी का विषमता गणाक कम
होता ह तो वितरण म विषमता न यन अथिा विषमता का अराि या समवमत वितरण होता ह
65 ववषमता गणाक का पररकलन(Computation of the measures of Skewness)
विषमता गणाक का पररकलन वनम नवलवखत तीन परकार स वकया सकता ह जो इस परकार ह-
i काला वपयसान का माप (Karl Pearsonrsquos Measure)
ii बाउल का माप (Bowleyrsquos Measure)
iii कली का माप (Kellyrsquos Measure)
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1 काला शपयसान का माप (Karl Pearsonrsquos Measure)- यह माप समक शरणी क
माध यो की वसथवत पर वनरार करता ह एक विषम आिवतत वितरण म समान तर माध य
मध यका तथा बहलक क मल य समान नही होत ह इन माध यो क मध य अन तर वजतना
अवरक होगा वितरण उतना ही अवरक विषम होगा यह रनात मक या ऋणात मक हो सकता
ह वनरपकष माप को परमाप विचलन (SD) स विरावजत करन पर सापकष माप जञात वकया
जा सकता ह इस माप क वनम न सतर ह-
i Skewness (Sk) = Mean )(X - Mode (z)= वनरपकष माप
ii Coefficient of Skewness (J) = )(
)()(
DS
zModexMean minus = सापकष माप
यवद वकसी शरणी म बहलक मल य का वनराारण सरि न हो तो िकवलपक सतर का
परयोग वकया जा सकता ह जो काला वपयसान का वदवतीय माप (Second Measure of
Skewness) कहलाता ह इसक सतर वनम नित ह-
i Skewness (Sk) =3 (Mean ndash Median) = वनरपकष माप
iiCoefficient of Skewness (i) = )(
)(3
DS
MedianMean minus= सापकष माप
काला वपयसान का िकवलपक सतर (Alternative Formula) माध यो क मध य आनपावतक
सबर Mode = 3 Md ndash 2 Mean पर आराररत ह
उदाििण 1- दो वितरणो स सबवरत आकड़ो क आरार पर माप बताइए वक परस तत वितरण म
वकस परकार की विषमता ह और कौन स वितरण म अवरक विषमता ह
शवििण - I शवििण- II
Mean (माध य) 10 9
Median (मावधयका) 9 10
Standard Deviation (परमाप विचलन) 2 2
िल- इस परश न म बहलक का मल य नही वदया गया ह अत काला वपयसान का वदवतीय सतर परयक त
वकया जाएगा
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उततराखणड मकत विशवविदयालय170
वितरण - I 512
)910(3
)(3+=
minus=
minus=
DS
MedianMeanj
वितरण ndashII 512
)109(3
)(3minus=
minus=
minus=
DS
MedianMeanj
स पष ट ह वक वितरण- I रनात मक रप स विषम ि वितरणndashII ऋणात मक रप स विषम ह दोनो
वितरणो म विषमता की मातरा समान ह
बाउल का माप (Bowleys Measures)- डा0 ए0एल0 बाउल दवारा परवतपावदत माप मध यका
और चतथाको पर आराररत ह एक समवमत वितरण म मध यका स परथम और ततीय चतथाको क
अन तर समान दरी पर होत ह तथा इनक असमान होन पर वितरण म विषमता पायी जाती ह यह
अन तर वजतना अवरक होता ह विषमता उतनी अवरक होती ह चतथाको तथा मध यका क आरार
पर जञात वकए जान िाल विषमता क माप को विषमता का वदवतीय माप (Second Measures of
Skewness) अथिा चतथाक विषमता का माप (Quartile Measure of Skewness) री कहत
ह विषमता क इस माप का परयोग ऐसी वसथवत म वकया जाता ह जब एक वितरण क बहलक
वनवित न हो इस माप का परयोग खल शीषाक िाल िगा होन की वसथवत म री वकया जा सकता ह
इसका सतर वनम न ित ह-
बाउल का विषमता माप (विषमता का चतथाक माप) -
Sk = (Q3 ndash Md) ndash (Md ndash Q1) or Q3 + Q1 ndash 2 Md
बाउल का विषमता गणाक (विषमता का चतथाक गणाक)
13
13
13
13 2
)()(
)()(
MdQQor
QMdMdQ
QMdMdQJQ
minus
minus+
minus+minus
minusminusminus=
2 कली का माप (Kellys Measure)- कली का माप उपयाक त दोनो मापो का मध य
मागा ह काला वपयसान का माप एक वितरण की समस त मदो पर आराररत ह जबवक डा0
बाउल का माप मध य की 50 परवतशत मदो पर ही आराररत ह कली क माप क अन तगात
मध य की 80 परवतशत मदो पर ध यान वदया जाता ह इस माप क अन तगात वितरण क 90 िॉ
शतमक (Percentile) और 10िॉ शतमक(Percentile) (अथिा दशमक 9 ि दशम क
1) क मध य की मदो पर ध यान वदया जाता ह-
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इस माप पर आराररत सतर वनम नित ह-
5191090 22)(50
DDDorPPSSkewness Pk minusminusminusminus=
Coefficient of Skewness (JP)= 19
519
1090
501090 22
DD
DDDor
PP
PPP
minus
minus+
minus
minus+
कली दवारा परस तावित विषमता माप बहत सरल ह वकन त यह वितरण की मातर 80 परवतशत
राग की विषमता का ही मापन करती ह अत इसका व यिहार म परयोग बहत कम वकया जाता
ह
66 पथशीषभत व या ककदता (Kurtosis)- पथशीषात ि या ककदता एक सावखयकीय माप ह जो िकर क शीषा की परकवत (Peak of a
curve) पर परकाश डालती ह गरीक राषा म इस शब द का अथा फलािट (Bulginess) होता
ह सावखयकी म पथशीषात ि स तात पया एक आिवतत िकर क बहलक क कषतर म चपटपन या
नकीलापन की मातरा स ह वसम पसन एि काफका क अनसार- एक वितरण म पथशीषात ि की
मातरा का माप सामान य िकर क बनािट क सबर म की जाती ह (The degree of kurtosis
of a distribution is measured relative to the peakedness of a normal curve)rsquorsquo
कराक स टन एव काउडन क िब दो म -पथशीषात ि का माप उस मातरा को व यक त करता ह
वजसम एक आिवतत वितरण का िकर नकीला अथिा चपट शीषा िाला होता ह (A measure
of Kurtosis indicates the degree to which a curve of the frequency
distribution is peaked or flat-topped)
सी0एच0 मयसा क िब दो म ndashपथशीषात ि स आशय वितरण क मध य क नकीलपन क
पररणाम स ह (Kurtosis is the property of a distribution which expresses
relative peaked ness)rsquorsquo िकर का शीषा नकीला ह अथिा चपटा इसका मल याकन मध य शीषा
िाल िकर वजस सामान य िकर या Mesokurtic कहत ह क आरार पर वकया जाता ह वनम न
रखावचतरो म इन तीनो परकार क िकरो को परदवशात वकया गया ह-
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काला वपयसान न 1905 म वनम न तीन शब दो का परयोग वकया था-
i LEPTOKURTIC (लप टोकवटाक) नकील शीषा िाला िकर (Peaked Curve)
ii PLATYKURTIC (प लटीकवटाक) चपट शीषा िाला िकर (Flat-topped
Curve)
iii MESOKURTIC (मसोकवटाक) सामान य िकर (Normal Curve)
िकर का शीषा नकीला ह अथिा चपटा इसका मल याकन मध य शीषा िाल िकर वजस सामान य
िकर या मसोकवटाक(Mesokurtic)कहत ह क आरार पर वकया जाता ह वनम न रखावचतरो म इन
तीनो परकार क िकरो को परदवशात वकया गया ह| उपरोक त तीनो रखावचतरो क स थान पर एक ही
रखावचतर स पथशीषाति क विवरन न परकारो को समझा जा सकता ह
67 पथशीषभतव का माप (Measurement of Kurtosis) पथशीषात ि का माप चतथा एि वदवतीय कन रीय पररघातो (Moments) क आरार पर पररघात
अनपात (Moments Ratio) दवारा जञात वकया जाता ह काला वपयसान क अनसार पथशीषात ि को
पररकलन का सतर वनम न परकार स ह-
)(sec
)()(
2
42
momentond
momentfourthtwoBeta
=
X= M= Z
(Q3- Md) = (Md-Q1)
Platykurtic
चपटा
Leptokurtic
नकीला
Mesokurtic
सामान य
Leptokurtic
2gt 3
Mesokurtic (Normal)
2= 3
Platy Kurtic
2lt 3
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जहॉ N
XX
N
d 44
4
)( minus=
=
N
XX
N
d 22
2
)( minus=
=
सामान य वितरण म2 का मान 3 क बराबर होता ह यवद
2 का मान 3 स अवरक ह तो िकर का
शीषा नकीला (Leptokurtic) होगा जबवक इसका मान 3 स कम ह तो शीषा चपटा
(Platykurtic) होगा
सकतानसार ndash यवद 2 = 3 िकर सामान य ह अथाात Mesokurtic
यवद 2 gt3 िकर नकीला ह अथाात Leptokurtic
यवद 2 lt3 िकर चपटा ह अथाात Platykurtic
पथशीषात ि क माप हत 2 (गामा) का री परयोग वकया जा सकता ह इसक अनसार यवद
2 or ndash 3 = िकर सामान य ह Mesokurtic
2 रनात मक ह तो िकर नकीला होगा अथाात Leptokurtic
2 ऋणात मक ह िकर चपटा होगा अथाात Platykurtic
पथिीषात व क माप का वकशलपक सतर- पथशीषात ि क माप का पररकलन वनम न सतर की मदद स
री जञात की जा सकती ह-
1090 PP
Qku
minus=
यवद k = 0263 तो यह िकर सामान य (Mesokurtic) होगा
यवद k gt0263 तो यह िकर चपटा (Platykurtic) होगा
यवद k lt0263 तो यह िकर नकीला (Leptokurtic) होगा
उदाििण- वकसी वितरण क परथम चार कन रीय पररघातो (Moments) का मान 0 25 07 तथा
1875 ह विषमता तथा पथशीषात ि का परीकषण कीवजए
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हल- विषमता (Skewness) क वलए-
03062515
4900
)52(
)70(3
2
2
2
2
31 +=== r
पथशीषात ि (Kurtosis) क वलए- 3)52(
751822
2
42 or==
चवक 1 = + 003 ह वितरण पणा रप स समवमत (Symmetrical) नही ह1 इसी परकार 2 =
3 ह अत वितरण सामान य या Mesokurtic ह
68 परसामानयसामानय बिन या ववतरण (Normal
Distribution)
परसामानयसामानय बटन या वितरण (Normal Distribution) एक सतत परावयकता बटन
(Continuous Random Distribution) ह इसका परावयकता घनत ि फलन (Probability
Density Function) घटीनमा आकार (Bell Shaped) का िकर (Curve) होता ह तथा यह िकर
परसामानय बटन क दो पराचल (Parameters) माध य (Mean)( ) तथा परमाप विचलन
(Standard Deviation) (σ) पर आराररत होता ह इस बटन को विकवसत करन म 18िी
शताब दी क गवणतजञ काला गॉस का बहत बड़ा योगदान रहा ह| अत इस बटन को ग स का बटन
(Gaussian Distribution) री कहत ह इस अन य नामो स जस तरशट वकर (Curve of
error) डीमोवसा वकर (Demoveres Curve)और घटाकाि वकर (Bell Shaped
Curve) क नाम स री जाना जाता ह
परसामानय परावयकता घनत ि फलन (Normal Probability Density function) वजसक आरार
पर घटीनमा आकार का िकर बनता ह क समीकरण को वनम नवलवखत रप म वयकत वकया जा सकता
ह -
2
2
2)(1
)(
minus= minus X
eXP जहा - infinle x geinfin
यहॉ micro = समान तर माध य
σ = परमाप विचलन
π = 3 6159
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e= 271828
69 परसामानय वकर( Normal Curve) परसामानय िकर स तात पया िस िकर स होता ह वजसक दवारा परसामानय वितरण (normal
distribution) का परवतवनवरत ि होता ह परसामानय वितरण का अथा िस वितरण स होता ह वजसस
बहत सार मदकसजइकाई (cases) मापनी क बीच म आत ह तथा बहत कम मदकसजइकाई
मापनी क ऊपरी छोर तथा बहत कम कसज मापनी क वनचली छोर पर आत ह मनोविजञान तथा
वशकषा म अध ययन वकए जान िाल अवरकतर चर (Variable) पर आय पराप ताक चावक परसामानय
रप स वितररत होत ह अत इस िकर की उपयोवगता काफी अवरक ह बवद शावबदक बोर कषमता
(Verbal Comprehension ability) आवद कछ ऐस चर ह जो परसामानय रप स वितररत होत
ह अत इनस बनन िाला िकर परसामानय िकर होगा परसामानय िकर को गवणतीय समीकरण क रप
म वनम न परकार स व यक त वकया जाता ह
2
2
2
xe
Ny minus= (Equation of the normal Probability curve)
वजसम x = अक (माध य स विचलन क रप म) x अकष पर रखा जाता ह
y = अकष क ऊपर िकर की ऊा चाई जो x मान की बारबारता को परदवशात करता ह
N = कसज की सख या
σ = परमाप विचलन (वितरण का)
π = 31416
e = 27183
जब N और σवदया रहता ह तो वकसी री x मान क वलए बारबारता (y) का मान उक त समीकरण स
जञात वकया जा सकता ह
610 परसामानय वकर की ववशषताऐ (Features of a
Normal Curve)
1 इस िकर का एक ही शीषा वबद होता ह अथाात यह एक बहलकीय (Unimodal) िकर ह
इसका आकार घटीनमा (Bell Shaped) होता ह
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यह एक समवमत िकर (Symmetrical curve) ह अथाात माध य स या बीच स दाय का राग बाय
राग का दपाण परवतवबम ब होता ह मध य स दाय राग का कषतरफल और मध य स बाय राग का
कषतरफल दोनो का मान एक समान होता ह इसका विषमता गणाक 0 यावन यह Mesokurtic िकर
होता ह
2 एक परसामानय िकर म माध य मध यका एि बहलक बराबर तथा िकर क मध य म वसथत होत
ह
A B
Sk = 0
A िाग का कषतरिल = B िाग का कषतरिल
50 50
Mean = Median = Mode
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3 परसामानय िकर की दोनो बाह अपररवमत (Infinite) रप स विस तत होती ह यही कारण ह
वक यह आरार रखा को करी नही छता अथाात यह िकर asymptotic होता ह
4 इस िकर क दो पराचल होत ह समान तर माध य (micro) तथा परमाप विचलन (σ)| परत यक micro तथा
σ क समच चय क वलए एक नया परसामानय िकर होता ह अत परसामानय िकर एक न होकर
अनक होत ह अत विवरन न परसामानय िकरो का एक ही पररिार होता ह
5 समान तर माध य की दायी ओर क वहस स का परवतवबम ब बाया वहस सा होता ह अत कागज पर
परसामानय िकर का वचतर बनाकर बीच म मोड़न पर एक वहस सा दसर वहस स को परी तरह ढक
लता ह
6 परसामानय िकर का माध य ऋणात मक शन य अथिा रनात मक कोई री सख या हो सकती ह
Xअकष को किी
निी छिा
X
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7 परमाप विचलन िकर की चौड़ाई को वनरााररत करता ह यवद परमाप विचलन कम ह तो िकर की चौड़ाई कम होगी तथा यवद परमाप विचलन अवरक ह तो िकर की चौड़ाई अवरक होगी
8 वकसी री सतत परावयकता बटन क िकर का कल कषतरफल 1 होता ह क योवक परसामानय िकर
री एक सतत परावयकता बटन ह अत इसक अन तगात कल कषतरफल 1 होता ह कषतरफल ही
परावयकता ह माध य क दायी ओर का कषतरफल बायी ओर क कषतरफल क बराबर होता ह
अत यह दोनो ओर 05 05 होता ह
9 परसामानय दि चर (Normal Random Variable) क वलए परावयकता कषतरफल क
आरार पर वनरााररत की जा सकती ह कछ वनवित अन तरालो क वलए परावयकताऍ वनम न
परकार ह-
- 100 0 +100
σ = 1
σ = 2
micro
50
05 05
50
micro
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A=plusmn1σ =6826 कसज
B =plusmn2σ = 9544 कसज
C = plusmn3σ = 9972 कसज
अथाात microplusmn 1σ = 06826 परावयकता
microplusmn 2σ = 09544 परावयकता
microplusmn 3σ = 09972 परावयकता
10 परसामानय िकर क परमाप विचलन (SD) माध य विचलन (MD) तथा चतथाक विचलन
(QD) म वनम नवलवखत सबर होता ह-
4 σ = 5 δ = 6 Q D
11 वकसी री परसामानय िकर को मानक परसामानय िकर (The Standard Normal Curve)
म रपान तररत वकया जा सकता ह परसामानय िकर का चर X समान तर माध य micro तथा परमाप
विचलन σ को मानक परसामानय िकर म रपान तररत करन क बाद मानक परसामानय िकर का चर z (Standard Normal Variable SNV) समान तर माध य micro = 0 तथा परमाप
विचलन σ = 1 हो जाता ह
12 परसामानय िकर म micro +σ और micro -σ क मध य सकरमण (Inflection or transitions)
वबन द होता ह जहॉ स िकर का रप अितल स उत तल होता जाता ह
-3σ micro
C
B
A
-2σ -1σ +1σ 2σ 3σ
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13 परसामानय िकर का उच चतम वबन द माध य पर कवनरत होता ह और इकाई परसामानय िकर
(unit normal curve) म इसकी ऊा चाई 03989 होती ह
611 मानक परसामानय वकर (The Standard Normal
Curve)
इसस पहल यह स पष ट वकया जा चका ह वक परत यक माध य तथा परमाप विचलन क सचय क वलए
एक पथक परसामानय िकर का आसजन (draw) करना होगा आपको कषतरफल जञात करन क वलए
हर बार एक परसामानय िकर की रचना करनी होगी अन यथा परावयकता का पररकलन नही वकया जा
सकगा यह एक कवठन काया होगा इसस बचन का एकमातर उपाय ह वक सरी परकार क परसामानय
िकरो को मानक परसामानय िकर म रपान तररत करना एक बार परसामानय िकर मानक रप म
रपान तररत होन क पश चात किल एक ही िकर क आरार पर परावयकता (कषतरफल) वनरााररत करना
सरल होता ह
3989
Downward cup
micro -3σ micro micro -2σ micro - σ micro +σ
सकरमण शबन द
Inflection
Points
micro +2σ micro -3σ
Upward cup Upward cup
वकर का उच चिम शबन द
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612 मानक परसामानय वकर की ववशषताऍ (Characteristic of the Standard Normal
Curve)
1 मानक परसामानय िकर का माध य 0 होता ह 2 मानक परसामानय िकर का परमाप विचलन 1 होता ह 3 इसका शीषा वबन द शन य पर वसथत होता ह क योवक इसका बहलक शन य ही ह इसका
मध यका री शन य होता ह
4 इसम परसामानय िकर की अन य सरी विशषताऍ होती ह 5 Z रपान ििण (z-transformation)- वकसी वदय गय परसामानय िकर को मानक
परसामानय िकर म पररिवतात करन क वलए X चर को Z चर म पररिवतात करन को Z
रपान तरण (z-transformation) कहत ह Z रपान तरण करन पर समान तर माध य 0 तथा
परमाप विचलन 1 हो जाता ह
उदाहरणसिरप यवद वकसी परसामानय िकर का माध य 100 तथा परमाप विचलन 25 ह तब
150 का अथा 225
100150+=
minus=Z तथा 75 का अथा 1
25
10075minus=
minus होगा इसका
अथा ह 150 समान तर माध य स Z परमाप विचलन आग (दायी ओर) ह जबवक 75 समान तर
माध य स 1 परमाप विचलन (बायी ओर) ह
Z रपान तरण का सतर-
minusX X = कोई पराप ताक
micro= माध य
σ = परमाप विचलन
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सवमलयाशकि परशन
1 मानक परसामानय िकर का माध य helliphelliphellip होता ह
2 मानक परसामानय िकर का परमाप विचलन helliphelliphellipहोता ह
3 मानक परसामानय िकर म 4 σ = 5 δ = 6 ()होता ह
4 मानक परसामानय िकर म microplusmn 2σ = (helliphelliphellip)परावयकताहोती ह
5 परसामानय िकर का उच चतम वबन द माध य पर कवनरत होता ह और इकाई
परसामानय िकर (unit normal curve) म इसकी ऊा चाई helliphellip होती
हपरसामानय बटन दो पराचल (Parameters) माध य (Mean)( ) तथा
helliphelliphelliphelliphellipपर आराररत होता ह
6 यवद परमाप विचलन कम ह तो िकर की चौड़ाई helliphellipहोगी|
7 यवद परमाप विचलन अवरक ह तो िकर की चौड़ाई helliphelliphellipहोगी
8 यवद k = 0263 तो यह िकर helliphelliphelliphelliphelliphellipहोगा
9 Z रपान तरण करन पर समान तर माध य helliphelliphellipतथा परमाप विचलन 1
हो जाता ह
613 परसामानय वकर की उपयोधगताऍ या अनपरयोग (Application of Normal Curve)
परसामानय िकर या वजस परसामानय परसराव यता िकर (Normal Probability Curve) री कहा
जाता ह क कछ परमख अनपरयोग को वनम नावकत उदाहरण दवारा समझा जा सकता ह-
75 -1
100 0
150
+2σ
X
Z
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1 परसामानय िकर दवारा परसामानय वितरण म दी गई सीमाओ (Limits) क रीतर पड़न
िाल कसज क परवतशत का पता लगाया जाता ह यह परसामानय िकर की एक परमख
उपयोवगता ह जब शोरकताा को परसामानय वितरण का माध य तथा मानक विचलन
जञात होता ह तो िह वितरण क वकसी री दो पराप ताको क बीच आन िाल कसज का
पता परसामानय िकर क दवारा आसानी स कर लता ह
उदाििण- एक परीकषा क पराप ताको का बटन परसामानय बटन (वितरण) ह इसका माध य 180
अक तथा परमाप विचलन 40 अक ह एक परीकषा म यवद 10000 विदयाथी
सवममवलत हए तो (अ) 140 स 150 क मध य अक परापत करन िाल विदयावथायो
की सख या बताइए
i िल-(अ) सिापरथम परायवकता जञात कर इसक बाद परावयकता को कल विदयावथायो की
सख या स गणा करक विदयावथायो की सख या जञात कर यहाा दो बार पररकलन करना
होगा-
140
180140minus=
minus=
minus=
XZ
ii 140 स 180 अक की परावयकता
iii 150 स 180 अक की परावयकता
75040
180150minus=
minus=
minus=
XZ
P= (Z = 075) = 02734
अत 140 स 150 अक की परावयकता = 03413 - 02734 = 00679
अत विदयावथायो की सख या = 10000 X 00679 = 679
140 150 180 X Z
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ii परसामानय वितरण िकर दवारा परसामानय वितरण म वदय गय कसज क परवतशत क
आरार पर उनकी सीमाओ का पता लगाया जाता ह जब शोरकताा को परसामानय
वितरण का माध य तथा मानक विचलन जञात होता ह और िह वितरण क विशष
परवतशत जस मध य 60 या 70 कसज की सीमाओ का पता लगाना चाहता ह तो
िह परसामानय िकर का उपयोग करता ह क योवक इसस िह आसानी स इन सीमाओ क
बार म जान लता ह
iv परसामानय िकर दवारा वकसी समस या या परीकषण क एकाश क सापकष कवठनता स तर
(relative difficulty level) जञात वकया जा सकता ह परसामानय िकर का एक
महत िपणा अनपरयोग यह ह वक इसक दवारा शोरकताा वकसी परश न समस या या वकसी
परीकषण क एकाश की सापकष कवठनता स तर का पता आसानी स लगा लता ह इसक
वलए परत यक परश न या एकाश पर उत तीणा होन िाल छातरो की परवतशत क आरार पर
वसगमा या Z पराप ताक (Sigma Score) जञात कर वलया जाता ह जो इसकी कवठनता
स तर होती ह और इस कवठनता स तर को एक दसर स घटाकर जो अतर परापत वकया
जाता ह इसस परश नो या एकाशो का सापकष कवठनता स तर का पता लग जाता ह
v परसामानय िकर दवारा दो वितरणो की अवतव यावपत (Overlapping) क रप म तलना
वकया जाता ह परसामानय िकर की चौथी उपयोवगता यह ह वक इसक दवारा दो वितरणो
की तलना अवतव यावपत क रप म की जाती ह जब शोरकताा यह पता लगाना चाहता ह
वक वदए गए दो वितरणो म माध य मावधयका (Median) तथा मानक विचलन क
ख याल स कहॉ तक अवतव यावपत ह तो इसक वलए परसामानय िकर का सहारा लता ह
vi परसामानय िकर दवारा वकसी समह को उपसमह म आसानी स परसामानय रप स वितररत
शीलगण या चर क आरार पर बॉटा जाता ह परसामानय िकर का उपयोग पराय
शोरकताा िसी पररवसथवत म करता ह जहॉ परसामानय रप स वकसी वितररत वकसी
शीलगण या चर पर वदए गए समह क कई छोट-छोट उपसमहो म बॉटना होता ह यह
काया री Z- score जञात करक वकया जाता ह
अत यह स पष ट ह वक परसामानय िकर की अनक उपयोवगताए ह वजनक कारण इस िकर की
लोकवपरयता वयािहाररक विजञान क कषतर म बहत ज यादा ह
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उततराखणड मकत विशवविदयालय185
614 परसामानय वकर म परातयकता तनधाभररत करना (Determination of Probability under the
Normal Curve)
1 परसामानय िकर क अन तगात परावयकता जञात करन क वलए सिापरथम आप एक परसामानय
िकर का वचतर बनाऍ
2 इसक मध य म समान तर माध य वलख ल
3 अब परावयकता जञात करन क वलए X क मल यो को सतर दवारा Z म रपान तररत कर ल
4 मानक परसामानय िकर क अन तगात कषतरफल (Area under the normal curve) की
सारणी जो इस सि-अवरगम सामगरी पवसतका क पीछ दी गई ह क आरार पर कषतरफल
जञात कर ल कषतरफल ही परावयकता ह
5 परावयकता जञात करत समय यह ध यान रख वक सारणी म कषतरफल सदि समान तर माध य
(Z = 0) स X मल य (Z का पररकवलत मल य) तक वदया जाता ह अत कषतरफल
(परावयकता) तदनसार वनरााररत की जाती ह परसामानय िकर क अन तगात कल कषतरफल
10 होता ह जो माध य क दायी ओर 05 तथा बायी ओर री 05 होता ह
उदाििण िािा स पष टीकिण-
i वकसी मल य क 100 स 150 क मध य
होन की परावयकता -
minus=
XZ Z=
minus
25
100150
Area (Z= 2) = 047725 (सारणी स)
100
micro 150 180 X 75
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय186
अत िावछत परावयकता = 047725
ii वकसी मल य क 150 स कम होन की परावयकता
आप जानत ह वक समान तर माध य स वकसी मल य क कम होन की परावयकता = 05
जबवक समान तर माध य (100 स 150 तक की परावयकता) उपयाक त (i) क अनसार 047725 ह
अत िावछत परावयकता =05+ 047725 = 097725
iii वकसी मल य क 150 स अवरक होन की परावयकता
= परसामानय िकर क अन तगात कल कषतरफल- वकसी मल य क 150 स कम होन की
परावयकता = 1- 097725 = 002275
वकसी मल य क 75 स 150 क मध य होन की परावयकता-
यहॉ यह ध यान रखना चावहए वक परसामानय िकर क कषतरफल वनराारण का सन दरा वबन द सदि माध य
होता ह अत िावछत परावयकता दो अलग-अलग रागो म पररकवलत करग
वकसी मल य क 75 स 100 क मध य होन की परावयकता + वकसी मल य क 100 स 150 क मध य होन
की परावयकता
125
10075minus=
minus=Z
Z = -1 क वलए कषतरफल 034134
अत िावछत परावयकता (034134+047725) = 081859
शटप पणी-Z = -1 स विचवलत होन की आिश यकता नही हZ क ऋणात मक मल य का अथा होता
ह माध य क बायी ओर जबवक Z क रनात मक मल य का अथा होता ह माध य क दायी ओर लवकन
Z क ऋणात मक मल य क कारण परावयकता को ऋणात मक नही कर द अन यथा अनथा हो जाएगा
कषतरफल (परावयकता) करी री ऋणात मक नही हो सकता
(iv) शकसी मल य क 150 स 180 क मध य िोन की पराशयकिा- सन दरा सदि माध य
रहता ह अत दो अलग-अलग माप करग 100 स 150 तथा 100 स 180 यहॉ
100 स 180 की माप क वलए 2325
100180=
minus=Z
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय187
Z = 32 क वलए कषतरफल = 049931
अत िावछत परावयकता = 049931 ndash 047725 = 002206
(v) वकसी मल य क 75 स कम होन की परावयकता- आपन 75 स 100 तक का
कषतरफल 034134 (iv) म जञात वकया ह जबवक माध य स बायी ओर का कल
कषतरफल 05 होता ह अत िावछत परावयकता माध य स बायी ओर का कल
कषतरफल ndash 75 स 100 तक का कषतरफल = 05 ndash 034134 = 015866
(vi) वकसी मल य क 75 होन की परावयकता- एक सतत आिवतत बटन म वकसी िगाान तर
का कषतरफल (परावयकता) जञात वकया जा सकता ह न वक वकसी वनवित मल य का
इसका कारण यह ह वक वकसी चर की रखा म अनन त वबन द होत ह उनम स वकसी
एक वनवित वबन द क होन की परावयकता सदावनतक रप स 01=
होती ह
615 सामान य सरावना वकर क उपयोग क उदाहरण (Examples of the application of Normal
Probability Curve)
(i) दी िई सीमाओ क मध य पराप िाको का परशििि जञाि किना (To find out the
percentage of cases within given limits)
उदाििण- एक परसामानय वितरण म समान तर माध य (M) 80 और परमाप विचलन 10 ह गणना
करक बताइय वक वनम नवलवखत सीमाओ क मध य वकतन परवतशत कसज होग
a 70 स 90 क मध य b 90 स 100 क मध य
हल (a) 70 का Z स कोर 110
10
10
8070minus=
minus
minus=
minus=
90 का Z स कोर 110
10
10
8090+==
minus=
75 -1σ
80 0
90 +1σ
X Z
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय188
70 स 90 क मध य कसज
= plusmn 1σ ि -1σ क
मध य कसज का परवतशत
= 3413 + 3413
= 6826 परवतशत कसज
(ब) 90 का Z स कोर 110
10
10
8090+==
minus=
100 का Z स कोर 210
80100+=
minus=
परसामानय वितरण िकर म 0 स +2σ क मध य परवतशत कसज = 4772
परसामानय वितरण िकर म 0 स +1σ क मध य परवतशत कसज = 3413
अत +1σ और +2σ क मध य परवतशत कसज = 4772- 3413 = 1359
(ii) दो अशिव यापी अक शवििणो क पराप िाको का अध ययन (To Compare the two
Overlapping Distribution)
उदाििण- वकसी एक बवद परीकषण क छातरो का मध यमान 120 तथा परमाप विचलन 80 ह तथा
छातराओ का मध यमान 124 तथा परमाप विचलन 100 ह वकतन परवतशत छातराओ का
मध यमान छातरो क मध यमान स ऊपर ह इसकी गणना कर
िल-परस तत उदाहरण म छातराओ का मध यमान छातरो स 124-120 = 4 ऊपर ह यवद छातरो क
मध यमान को आरार माना जाय तो यह कहा जा सकता ह वक छातराओ का मध यमान छातरो
क 48σ = 056 दायी ओर वसथत ह तावलका क अनसार मध यमान स 056 तक 1915
परवतशत तक कसज आत ह चवक मध यमान स दायी वदशा (+) म 50 परवतशत कसज आत
ह अत छातरो की अपकषा छातराओ का मध यमान 50-1915 = 3085 आग ह
80 0
90 +1σ
100 +2σ
X Z
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय189
छातर का M = 120
σ = 80
छातराओ का M = 124
σ = 100
(iii) मनोवजञाशनक पिीकषणो म पद कशिनाई क स िि को शनधाारिि किना (To
determine the level of item difficulty)
उदाििण- एक परमाणीकत परीकषण क A B C तथा D परश नो को हल करन म छातर करमश
50 40 35 तथा 15 असफल रह परश नो क कवठनाई स तर की गणना करत
हए इसकी व याख या कीवजए
परश न सिल छातरो
का
असिल छातरो
का
असिल छातरो की
मध यमान स दिी
कशिनाई स िि या
असिल छातरो की
M स σ दिी
A 50 50 50 - 50 = 0 0006
B 40 60 60-50 = 10 0256
C 35 65 65-50 = 15 0396
D 20 80 80-50 = 30 0846
1915 -3σ
छातर
छातराऐ
3085
-2σ -1σM 1σ 2σ 3σ
3085
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय190
NPC म परीकषण क परश नो की कवठनाई स तर की व याख या σ क आरार पर की जाती ह
रनात मक वदशा म मध यमान स वसग मा दरी वजतनी अवरक होती ह परीकषण क परश न का कवठनाई स तर
उतना ही अवरक होता ह परीकषा क विवरन न परश नो का तलनात मक कवठनाई स तर वनम न परकार स ह-
A स B परश न (0256- 0006) = 0256 अवरक कवठन ह
B स C परश न (0396 - 0256) = 0146 अवरक कवठन ह
B स D परश न (0846 - 0256) = 0596 अवरक कवठन ह
A स C परश न (0396 - 0006) = 0396 अवरक कवठन ह
C स D परश न (0846 - 0396) = 0456 अवरक कवठन ह
(iv) आवशतत जञाि किना (Calculate the frequency)-
परसामानय वितरण म आिवतत जञात करत समय परावयकता (P) को
कल आिवतत (N) स गणा करना होता ह अत आिवतत = NXP
उदाहरण- एक दि चर (Random Variable) का बटन (Distribution) परसामानय ह वजसका
माध य 128 ह तथा परमाप विचलन 54 ह जञात कीवजए
(a) P (80 lt x lt 100)
(b) P (x gt 40)
(c) P (x lt 144)
(d) P (x lt 60) or P (x gt 180)
हल- (a) 89054
120801 minus=
minus=
minus=
XZ
52054
1281002 minusminus=
minus=
minus=
XZ
Area (Z1 = - 089) = 031 33
X
80 100
0 (-089) (-052)
128 X
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय191
Area ( Z2 = - 052) = 01985 (घटान पर)
P (80 lt x lt 100) = 01148
(b) 63154
12840=
minus=Z
Area (Z= divide163) = 044845
Area (above 128) = 050000 (जोड़न पर)
P (x gt 40) = 94845
(c) 30054
16
54
128144==
minus=Z
Area (Z = 030) = 01179
Area (below 128) = 05000
P (X lt 144) = 06179
(d) 26154
128601 =
minus=Z
Area(below 128) = 050000
Area ( Z1 = - 126) = 039617 (+)
144 128 X
Z
030 O
180 128 X
Z
O
60
-126 096
40 128 X
Z
- 163 O
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय192
= 010383
96054
1281802 =
minus=Z
Area above (128) = 050000
Area ( Z2 = 096) = 03315
01685
P (x lt 60) or P (x gt180)
= 010383 + 01685
= 027233
उदाििण- वकसी एक परीकषा म पास होन िाल विशष योग यता पराप त करन िाल विदयाथी करमश
46 तथा 90 थ अभ यवथायो दवारा पराप त औसत पराप ताको का अनमान लगाइए जबवक न यनतम
पास पराप ताक तथाविशष योग यता पराप ताक करमश 40 तथा 75 ह यह मावनए वक पराप ताको का
वितरण सामान य ह
िल- यहाा पास विदयाथी 46 परवतशत ह अत फल विदयाथी 54 होग 50 तक विदयाथी H स
ऊपर होग
10)40( ==PZ
micro4010
micro minus=
minus=
XZ )(micro4010 iminusminus=
341)41( ==PZ
micro75341
micro minus=
minus=
XZ )(micro75341 iiminusminus=
(i) म (ii) को घटान पर
micro
04 46
41 09
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय193
35241
micro75341
micro4010
minus=minus
+minus
minus=
minus=
2228241
35=
minus
minus=
का मान (i) म रखन पर
01(2822) = 40- micro
2822- 40= - micro
micro= 37178
अत औसत अक 37178 तथा परमाप विचलन 2822 अक ह
उदाििण एक परसामानय बटन (Normal distribution) क 20 परवतशत मल य 45 स कम ह तथा
15 परवतशत मल य 70 स अवरक बटन का समान तर माध य तथा परसरण (Variance) जञात कीवजए
िल
=2 micro =
microminus=
xZ
Z = - Z = +
035 15 or
015 03
45 Z = -
micro = 70 Z = +
X
Z
20 or 02
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय194
Z (P=035) = + 104
Z (P = 030) = - 084
microminus=
XZ + 104 =
micro70 minus micro+ 104 = 70 ndash (i)
-084 =
micro45 minus micro- 084 = 45 ndash (ii)
समीकरण (i) म स समीकरण (ii) को घटान पर 25881 =
3013=
का मान समीकरण (i) मरखन पर micro + 1383 = 70
micro= 5617
अत बटन का परसरण (Variance) 89176)313( 22 ==
माध य 5617 ह
उदाििण- एक ककषा म 75 छातर ह वजनक औसत पराप ताक 50 तथा परमाप विचलन 5 ह वकतन
विदयावथायो न 60 स अवरक अक पराप त वकए
िल- वदया गया ह 50=X और 5= हम ऐस विदयावथायो की सख या जञात करनी ह
वजनक 60 स अवरक पराप ताक आए ह अत X= 60
25
5060 =
minus=
minus= Z
XXZ
Z का परसामानय िकर क अन तगात कषतरफल = 04772
60 स अवरक क वलए कषतरफल = 05 - 4772 = 00228
अत 60 स अवरक अक पान िाल विदयावथायो की सख या = NP = 0228x75 = 171= 2
अत 60 स अवरक अक पान िाल विदयावथायो की सख या = 2
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय195
सवमलयाशकि परशन
10 helliphelliphelliphelliphellipवितरण म आिवततयो क बढन ि घटन क करम म अन तर
पाया जाता ह
11 रनात मक विषमता रखन िाल वितरण म समान तर माध य का मल य )(X
मध यका (Md) तथा बहलक (Z) स helliphelliphelliphellipहोता ह
12 यवद िकर का झकाि दावहनी ओर न होकर बायी ओर अवरक हो तो
विषमताhelliphelliphelliphelliphellip होगी
13 सामान य वितरणसदि helliphellip क आकारका होता ह|
14 helliphelliphelliphelliphellipका माप एक ऐसा सख यात मक माप ह जो वकसी शरणी
की असमवमतता (Asymmetry) को परकट करता ह
15 helliphelliphelliphelliphellipएक सावखयकीय माप ह जो िकर क शीषा की परकवत पर
परकाश डालती ह
16 परसामानय िकर का उच चतम वबन द helliphelliphelliphellip पर कवनरत होता ह|
17 पथशीषात ि का माप helliphelliphelliphelliphellipएि वदवतीय कन रीय पररघातो
(Moments) क आरार पर पररघात अनपात (Moments Ratio) दवारा
जञात वकया जाता ह
18 एक परसामानय िकर म माध य मध यका एि बहलक बराबर तथा िकर क
helliphelliphelliphelliphellip म वसथत होत ह
19 परसामानय िकर की दोनो बाहhelliphelliphelliphellip रप स विस तत होती ह
616 साराश परसतत इकाई म आप सामान य वितरण िकर की विशषताए और उपयोवगताएा विषमता ि पथशीषात ि
क मान क पररकलन क बार म अधययन वकया| यहाा पर इन सरी अिरारणाओ का सवकषपत वििरण
वदया जा रहा ह|
समवमत अथिा सामान य वितरण (Symmetrical or Normal Distribution) इस परकार क
वितरण म आिवततयाा एक वनवित करम स बढती ह वफर एक वनवित वबन द पर अवरकतम होन क
पश चात उसी करम स घटती ह यवद आिवतत वितरण का िकर तयार वकया जाय तो िह सदि घण टी क
आकार (Bell Shaped) का होता ह जो इसकी सामान य वसथवत को परदवशात करता ह
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय196
असमवमत वितरण अथिा विषम वितरण (Asymmetrical Distribution) असमवमत वितरण म
आिवततयो क बढन ि घटन क करम म अन तर पाया जाता ह आिवततयाा वजस करम म बढती ह
अवरकतम वबन द पर पहाचन क पश चात उसी करम म नही घटती ऐस वितरण का िकर घण टी क
आकार िाला ि दाय या बाय झकाि वलए हए होता ह
रनात मक विषमता (Positive Skewness) यवद िकर का झकाि दावहनी ओर ह तो उस िकर म
रनात मक विषमता होगी रनात मक विषमता रखन िाल वितरण म समान तर माध य का मल य )(X
मध यका (Md) तथा बहलक (Z) स अवरक होता ह
ऋणात मक विषमता (Negative Skewness) यवद िकर का झकाि दावहनी ओर न होकर बायी
ओर अवरक हो तो विषमता ऋणात मक होगी
विषमता का माप एक ऐसा सख यात मक माप ह जो वकसी शरणी की असमवमतता (Asymmetry)
को परकट करता ह एक वितरण को विषम कहा जाता ह जबवक उसमसमवमतता (Symmetry) का
अराि हो अथाात मापो क विस तार क एक ओर या दसरी ओर ही मल य कवनरत हो जात ह
विषमता गणाक का पररकलन वनम नवलवखत तीन परकार स वकया सकता ह जो इस परकार ह-
iv काला वपयसान का माप (Karl Pearsonrsquos Measure)
v बाउल का माप (Bowleyrsquos Measure)
vi कली का माप (Kellyrsquos Measure)
पथशीषात ि या ककदता एक सावखयकीय माप ह जो िकर क शीषा की परकवत (Peak of a curve)
पर परकाश डालती ह गरीक राषा म इस शब द का अथा फलािट (Bulginess) होता ह सावखयकी
म पथशीषात ि स तात पया एक आिवतत िकर क बहलक क कषतर म चपटपन या नकीलापन की मातरा स
ह
काला वपयसान न 1905 म पथशीषात ि या ककदता क परकार क वलए वनम न तीन शब दो का परयोग
वकया था-
iv LEPTOKURTIC (लप टोकवटाक) नकील शीषा िाला िकर (Peaked Curve)
v PLATYKURTIC (प लटीकवटाक) चपट शीषा िाला िकर (Flat-topped Curve)
vi MESOKURTIC (मसोकवटाक) सामान य िकर (Normal Curve)
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय197
पथशीषात ि का माप चतथा एि वदवतीय कन रीय पररघातो (Moments) क आरार पर पररघात
अनपात (Moments Ratio) दवारा जञात वकया जाता ह
परसामानयसामानय बटन या वितरण (Normal Distribution) एक सतत परावयकता बटन
(Continuous Random Distribution) ह इसका परावयकता घनत ि फलन (Probability
Density Function) घटीनमा आकार (Bell Shaped) का िकर (Curve) होता ह तथा यह िकर
परसामानय बटन क दो पराचल (Parameters) माध य (Mean)( ) तथा परमाप विचलन
(Standard Deviation) (σ) पर आराररत होता ह
परसामानय िकर की विशषताऐ (Features of a Normal Curve)इस परकार ह
1 इस िकर का एक ही शीषा वबन द होता ह अथाात यह एक बहलकीय
(Unimodal) िकर ह इसका आकार घटीनमा (Bell Shaped) होता ह
2 यह एक समवमत िकर (Symmetrical curve) ह
3 एक परसामानय िकर म माध य मध यका एि बहलक बराबर तथा िकर क मध य म
वसथत होत ह
4 परसामानय िकर की दोनो बाह अपररवमत (Infinite) रप स विस तत होती ह
5 इस िकर क दो पराचल होत ह समान तर माध य (micro) तथा परमाप विचलन (σ)| 6 समान तर माध य की दायी ओर क वहस स का परवतवबम ब बाया वहस सा होता ह|
7 परसामानय िकर का माध य ऋणात मक शन य अथिा रनात मक कोई री सख या हो
सकती ह
8 परमाप विचलन िकर की चौड़ाई को वनरााररत करता ह 9 वकसी री सतत परावयकता बटन क िकर का कल कषतरफल 1 होता ह|
10 परसामानय िकर का उच चतम वबन द माध य पर कवनरत होता ह|
परसामानय िकर या वजस परसामानय परसराव यता िकर (Normal Probability Curve) री कहा
जाता ह क कछ परमख अनपरयोग वनम नावकत ह
1 परसामानय िकर दवारा परसामानय वितरण म दी गई सीमाओ (Limits) क रीतर पड़न
िाल कसज क परवतशत का पता लगाया जाता ह यह परसामानय िकर की एक परमख
उपयोवगता ह
2 परसामानय वितरण िकर दवारा परसामानय वितरण म वदय गय कसज क परवतशत क
आरार पर उनकी सीमाओ का पता लगाया जाता ह
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय198
3 परसामानय िकर दवारा वकसी समस या या परीकषण क एकाश क सापकष कवठनता स तर
(relative difficulty level) जञात वकया जा सकता ह
4 परसामानय िकर दवारा दो वितरणो की अवतव यावपत (Overlapping) क रप म तलना
वकया जाता ह
617 शबदावली समशमि अथवा सामान य शवििण (Symmetrical or Normal Distribution)जब वकसी
वितरण म आिवततयाा एक वनवित करम स बढती ह वफर एक वनवित वबन द पर अवरकतम होन क
पश चात उसी करम स घटती ह
असमशमि शवििण अथवा शवषम शवििण (Asymmetrical Distribution) असमवमत
वितरण म आिवततयो क बढन ि घटन क करम म अन तर पाया जाता ह
शवषमिा (Skewness)एक वितरण को विषम कहा जाता ह जबवक उसमसमवमतता
(Symmetry) का अराि हो अथाात मापो क विस तार क एक ओर या दसरी ओर ही मल य कवनरत
हो जात ह
धनात मक शवषमिा (Positive Skewness) यवद िकर का झकाि दावहनी ओर ह तो उस िकर
म रनात मक विषमता होगी रनात मक विषमता रखन िाल वितरण म समान तर माध य का
मलय )(X मध यका (Md) तथा बहलक (Z) स अवरक होता ह
ऋणात मक शवषमिा (Negative Skewness)यवद िकर का झकाि दावहनी ओर न होकर बायी
ओर अवरक हो तो विषमता ऋणात मक होगी
पथिीषात व (Kurtosis) पथशीषात ि या ककदता एक सावखयकीय माप ह जो िकर क शीषा की
परकवत (Peak of a curve) पर परकाश डालती ह सावखयकी म पथशीषात ि स तात पया एक आिवतत
िकर क बहलक क कषतर म चपटपन या नकीलापन की मातरा स ह
परसामानयसामानय बटन या शवििण (Normal Distribution) यह एक सतत परावयकता
बटन (Continuous Random Distribution) ह इसका परावयकता घनत ि फलन (Probability
Density Function) घटीनमा आकार (Bell Shaped) का िकर (Curve) होता ह|
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय199
618 सवमलयाककत परशनो क उततर 1 0 2 1 3 QD 4 09544 5 03989 6 परमाप विचलन (Standard
Deviation) (σ) 7 कम 8 अवरक 9 सामान य (Mesokurtic) 10 0 11
असमवमत 12 अवरक 13 ऋणात मक 14 घण टी 15 विषमता 16 पथशीषात ि
या ककदता 17 माध य 18चतथा 19 मध य 20 अपररवमत (Infinite)
619 सदरभ गरनथ सचीपाठय सामगरी
1 Best John W amp Kahn (2008) Research in Education New Delhi
PHI
2 Good Carter V (1963) Introduction to Educational Research New
York Rand Mc Nally and company
3 Koul Lokesh (2002) Methodology of Educational Research New
Delhi Vikas Publishing Pvt Ltd
4 Karlinger Fred N (2002) Foundations of Behavioural Research
New Delhi Surjeet Publications
5 Garret HE (1972) Statistics in Psychology and Education New
York Vakils Feffers and Simans Pvt Ltd
6 वसह ए०क० (2007) मनोविजञान समाजशास तर तथा वशकषा म शोर विवरयॉ नई
वदल ली मोतीलाल बनारसी दास
7 गप ता एस०पी० (2008) मापन एि मल याकन इलाहाबाद शारदा पवबलकशन
8 राय पारसनाथ (2001) अनसरान पररचय आगरा लकष मी नारायण अगरिाल
पवबलकशनस
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय200
620 तनबधातमक परशन 1 सामान य वितरण क अथा ि विशषताओ को सपि कीवजए |
2 सामान य वितरण िकर की उपयोवगताओ की व याख या कीवजए |
3 सामान य वितरण िकर पर आराररत समसयाओ को हल कर सक ग|
4 विषमता गणाक स आप कया समझत ह विषमता गणाक क मान को पररकवलत करन क
सतरो को वलवखए|
5 पथशीषात ि स आप कया समझत ह पथशीषात ि गणाक क मान को पररकवलत करन क
सतरो को वलवखए|
6 500 छातरो को 10 समहो म बाटा गया| यवद छातरो की योगयता सामान य रप स वितररत ह
तो परतयक समह म वकतन छातर होग| (उततर 3 14 40 80 113 80 40 14 3)
7 यवद एक समह वजसका वक माधय 100 तथा मानक विचलन 15 म यह माना जाय वक
बवदलवबर सामानय रप स वितररत ह तो वनमन बवदलवबर िाल लोगो का अनपात
वनकावलए (अ) 135 स ऊपर (ब) 120 स ऊपर (स) 90 स नीच (द) 75 ि 125 क मधय
(उतततर (अ) 0099 (ब) 0918 (स) 02514 (द) 9050 )
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय201
इकाई सखया 7 आनमातनक सामखयकी- कराततक अनपात शनय पररकलपना का परीकषण साथभकता
परीकषण तरटियो क परकार एक पचछीय तथा दववपचछीय परीकषण िी ndash परीकषण तथा एफ ndash
परीकषण (एनोवा)[Inferential Statistics-Critical Ratio Testing the Null
Hypothesis Test of Significance
Types of Error One ndashtailed
testTwo-tailed test t-test and F-
test (ANOVA)]
इकाई की रपिखा
71 परसतािना
72 उददशय
73 आनमावनक सावखयकी का अथा ि परकार
74 पराचवलक एि अपराचल सावखयकी म अतर
75 शोर पराक कल पना तथा नल या वनराकरणीय पराक कल पना
76 एक -पाश िा परीकषण तथा वदव-पाश िा परीकषण
77 साथाकता क स तर
78 परथम परकार की तरवट ि वदवतीय परकार की तरवट
79 पररकल पना परीकषण
710 दो समान तर माध यो क अन तर का साथाकता परीकषण
711 दो समान तर माध यो क अन तर का साथाकता परीकषण- जब उनम सहसबर गणाक
वदया हो
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय202
712 दो अनपातो क अतर की साथाकता का परीकषण
713 परवतदशा समान तर माध य तथा सामवहक समान तर माध य क अन तर की साथाकता का
परीकषण
714 परवतदशा परमाप विचलन तथा सामवहक परमाप विचलन (SD) क अन तर का
साथाकता परीकषण
715 परवतदशा अनपात तथा सयक त अनपात क अन तर का साथाकता परीकषण
716 स िाततरय कोवटयाा
717 स टडण टt- परीकषण
718 करावतक अनपात का मान
719 F- परीकषणया परसरण विश लषण(एनोिा)
720 F बटन की विशषताऍ
721 F ndashपरीकषण क अनपरयोग
722 समगर क माध यो म अन तर की साथाकता का परीकषण
723 मल वबन द तथा पमान म पररितान
724 साराश
725 शबदािली
726 सिमलयावकत परशनो क उततर
727 सदरा गरनथ सचीपाठय सामगरी
728 वनबरातमक परशन
71 परसतावना सावखयकी िह विजञान ह जो घटनाओ की व याख या वििरण तथा तलना क वलए सख यात मक तरथ यो
का सकलन िगीकरण तथा सारणीकरण करता ह यह िजञावनक कायापरणाली की एक शाखा ह
वजसक दवारा परयोगो तथा सिकषणो क आरार पर पराप त आकड़ो का सकलन (Collection)
िगीकरण (Classification) वििरण (Description) तथा वििचन की जाती ह काया क आरार
पर सावखयकी को दो रागो म िगीकत वकया जा सकता ह-िणानात मक सावखयकी (Descriptive
statistics)ि आनमावनक सावखयकी (inferential statistics)|
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय203
िणानात मक सावखयकी सख यात मक तरथ यो का सारारण ढग स िणान करता ह कन रीय
परिवतत क विवरन न मापक (माध य मावधयका और बहलक) विचरणशीलता क विवरन न मापक
(परमाप विचलन माध य विचलन चतथााक विचलन ि परास) और सहसबर गणाक क विवरन न
मापक िणानात मक सावखयकी (Descriptive statistic) क उदाहरण ह य सरी सावखयकीय
मापक सख यात मक आकड़ो का सामान य ढग स िणान करता ह इसस वकसी परकार का कोई अनमान
(Inference) नही लगाया जा सकता ह
आनमावनक सावखयकी (inferential statistics) हम यह बतलाती ह वक एक परवतदशा
(Sample) क पराप ताको (Scores) क आरार पर वमल सावखयकी उस बड़ समगर (Population)
का वकस हद तक परवतवनवरत ि करता ह वजसस वक िह परवतदशा वलया गया था आनमावनक
सावखयकीक बहतर परयोग क वलए आपको करावतक अनपात शनय या वनराकरणीय पररकलपना का
परीकषण साथाकता परीकषण तरवटयो क परकार (परथम ि वदवतीय ) एक पाशवाि (पचछीय) तथा वदव
पाशवाि (पचछीय) परीकषण इतयावद आराररत अिरारणाओ को समझना आिशयक ह| परसतत इकाई
म इन सरी अिरारणाओ को सपि वकया गया ह| साथ ही इस इकाई म पराचवलक सावखयकी
(आनमावनक सावखयकी) टी ndashपरीकषण तथा एफ ndashपरीकषण (एनोिा) क पररकलन की विवरयो पर री
चचाा की गयी ह|
72 उददशय इस इकाई क अध ययनोपरात आप-
bull आनमावनक सावखयकी क अथा को सपि कर पायग
bull आनमावनक सावखयकी की विशषताओ की वयाखया कर सक ग|
bull आनमावनक सावखयकी को िगीकत कर सक ग|
bull पराचवलक सावखयकी ि अपराचवलक सावखयकी क मधय अतर सपि कर पायग
bull एक पाशवाि (पचछीय) तथा वदव पाशवाि (पचछीय) परीकषण क मधय अतर सपि कर पायग
bull वनराकरणीय पररकलपना क अथा को सपि कर पायग
bull तरवटयो क परकार (परथम ि वदवतीय )क मधय अतर सपि कर पायग
bull वनराकरणीय पररकलपनाका परीकषण कर सक ग
bull टी ndashपरीकषण क मान का पररकलन कर सक ग|
bull एफ ndashपरीकषण (एनोिा) क मान का पररकलन कर सक ग|
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय204
73 आनमातनक सामखयकी का अथभ व परकार(Meaning and types of Inferential Statistics)
सावखयकीय परवकरयाऍ वजसक दवारा परवतदशा आकड़ क आरार पर समगर क गणो क बार म
अनमान लगाया जाता ह आनमावनक सावखयकी या परवतचयन सावखयकी कहा जाता ह
आनमावनक सावखयकी को परवतचयन सावखयकी या आगमनात मक (inductive
statistics) री कहा जाता ह इसका परयोग शोरो स पराप त आकड़ो स अनमान लगान
तथा इन अनसरानो क दौरान हई तरवटयो की जानकारी करन क वलए होता ह
आनमावनक सावखयकी को दो रागो म बॉटा जा सकता ह सावखयकी म करी-करी समगर
(Population) क बार म कछ पिाकल पनाऍ करनी पड़ती ह इस पिाकल पनाओ
(assumptions) क आरार पर आनमावनक सावखयकी को दो रागो म िगीकत वकया
गया ह-
i पराचवलक सावखयकी (Parametric Statistics)
ii अपराचवलक सावखयकी (Nonparametric Statistics)
पराचवलक सावखयकी (Parametric Statistics) िह सावखयकी ह जो समगर
(Population) वजसस वक परवतदशा (Sample) वलया जाता ह क बार म कछ
पिाकल पनाओ या शतो (Conditions) पर आराररत होता ह य शता वनम नित ह -
i परवतदशा (Sample) का चयन सामान य रप स वितररत समगर (Normally
distributed population) स होना चावहए
ii समगर स परवतदशा का चयन यादवचछक परवतदशा विवर (Method of random
sampling) स होना चावहए अथाात परकषण (observation) अिश य ही स िततर
तथा वनष पकष होना चावहए इसम शोरकताा या परकषक क पकषपात या पिाागरह को
सवममवलत नही करना चावहए
iii शोर म सवममवलत चरो का मापन अन तराल मापनी (interval scale) पर होना
चावहए तावक उनका गवणतीय पररकलन (arithmetical calculation) जस-
जोड़ घटाना गणा माध य वनकालना आवद वकया जा सक
सीगल (Siegel 1956) क अनसाि- चवक य सरी शत ऐसी ह वजनकी सारारणत जॉच नही
की जाती ह यह मान ली जाती ह वक शत मौजद ह पराचवलक सावखयकी (Parametric
Statistics) क पररणाम की साथाकता उपयक त शतो की सत यता पर आराररत होती ह टी ndashपरीकषण
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय205
(t- test) एफ- परीकषण(F-test) (ANOVA) तथा काला वपयसान सहसबर गणाक पराचवलक
सावखयकी क उदाहरण ह
अपराचल सावखयकी (Nonparametric Statistics) उस समगर क बार म वजसस वक
परवतदशा वनकाला जाता ह कोई खास शता नही रखती ह यह समगर क वितरण क बार म कोई
पिाकल पना नही करती इसवलए इस वितरण मक त सावखयकी (distribution- free statistics) री
कहत ह अपराचल सावखयकी क परयोग हत कछ शतो का पालन आिश यक ह जो वनम नित ह -
i परकषण स िततर एि वनष पकष हो
ii मावपत चर म वनरन तरता (Continuity) हो
iii चरो का मापन करवमत (ordinal) या नावमत (Nominal) पमान पर हो
काई िगा परीकषण (X2test)मान- विटनी य परीकषण (Mann - Whitney U test)
स पीयरमन कोवट अन तर विवर (spearman rank- difference method) कण डाल कोवट अन तर
विवर (Kendalls rank difference method) मावधयका परीकषण (Median test) करसकाल-
िावलस परीकषण (Kruskal Wallis test) फरीडमन परीकषण (Freidman test) और
विलकोक सोन वचवहन त करम परीकषण (Wilcoxon signed rank test) इत यावद अपराचल सावखयकी
क कछ परमख उदाहरण ह
सारारणतया पराचवलक एि अपराचल साथाकता परीकषण वजसका परयोग शवकषक एि
मनोिजञावनक शोरो म वकया जाता ह उनका सवकषप त वििरण अगर सारणी म वदया गया ह-
पिीकषण का
नाम
सा
शयय
कीय
पिीकष
ण
स वितरिा क
अि
पराचशलक
)P) व
अपराचल
(NP)
साशययकी
उददश य स वितर
चि
आ
शशर
ि
चि
स िततर न यादशो क
वलए t- परीकषण
t-test n1 + n2 ndash 2 P दो स िततर समहो क
माध यो क अन तरो
का परीकषण
नावमत
(Nomi
nal)
अ
न त
राल
या
अन
पा
ती
(R
ati
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय206
o)
आवशरत न यादशो
क वलए t-
परीकषण
t-test N -1 P दो आवशरत समहो
क माध यो क
अन तरो का परीकषण
-तदि-
-
तद
ि-
एनोिा
(Analysis of
Variance-
ANOVA)
F SSB= िगो
की सख या -1
SSW= कल
परवतरावगयो
की सख या-
िगो की
सख या -1
P तीन या तीन स
अवरक स िततर
समहो क माध यो क
अन तरो का परीकषण
-तदि-
-
तद
ि-
काला वपयसान
सहसबर
r N ndash 2 P सहसबर की जॉच अन तराल
या
अनपाती
तद
ि
काई-िगा परीकषण
X2 test
X2 (r-1) (c-1) NP दो या दो स अवरक
समहो क मध य
अनपात-अतरो का
परीकषण
नावमत ना
वमत
मावधयका परीकषण X2 (r-1) (c-1) NP दो स िततर समहो क
मावधयकाओ क
अन तरो का परीकषण
नावमत कर
वमत
मान-विटनी य
परीकषण
U N -1 N P दो स िततर समहो क
करमान तर का
परीकषण
नावमत कर
वमत
विलकोक सोन
वचवनहत करम
परीकषण
Z N -2 NP दो सबवरत समहो
क करमान तर का
परीकषण
नावमत कर
वमत
करसकाल-िावलस
परीकषण
H िगो की
सख या -1
NP तीन या तीन स
अवरक स िततर
समहो क करमान तर
का परीकषण
नावमत कर
वमत
फरीडमन परीकषण X िगो की NP तीन या तीन स नावमत कर
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय207
सख या -1 अवरक सबवरत
समहो क करमान तर
का परीकषण
वमत
स पीयरमन रो
Speramanrsquos
Rho
P N -2 NP सहसबर की जॉच करवमत कर
वमत
74 पराचमलक एव अपराचमलक सामखयकी म अतर (Difference between Parametric and
Nonparametric Statistics)
इस परकार पराचवलक एि अपराचल सावखयकी म बहत वरननताए पायी जाती ह| इन वरननताओ को
समझन क वलए आपक समकष तलनात मक तावलका परसतत वकया गया ह -
अपराचल साशययकी
(Nonparametric Statistics)
पराचशलक साशययकी
(Parametric Statistics)
1 अपराचल सावखयकी की व यत पवत )derivation)
पराचवलक सावखयकी की व यत पवत की तलना म
आसान ह
यह अपकषाकत कवठन ह
2 अपराचल सावखयकी म गवणतीय पररकलन क रप म शरणीकरण )ranking) वगनती
)Counting)जोड़ )Addition) घटाि
)Substraction) आवद का परयोग होता ह
पराचवलक सावखयकी म इसस अवरक उच च
स तर क गवणतीय पररकलन की जररत
पड़ ती ह
3 अपराचल सावखयकी को पराचवलक सावखयकी की अपकषा व यिहार म लाना ज यादा आसान ह
यह अपकषाकत जवटल ह
4 जब परवतदशा का आकार छोटा हो तो अपराचल
सावखयकी का परयोग वकया जाता ह जब परवतदशा का आकार बड़ा हो तो
पराचवलक सावखयकी का परयोग वकया जाता
ह
5 इसकी शत कम सख त होती ह इसकी शत अपकषाकत ज यादा सख त होती ह
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय208
6 अपराचल सावखयकी क परयोग म नावमत तथा करवमत आकड़ की जररत होती ह
पराचवलक सावखयकी क परयोग म अन तराल
मापनी तथा आनपावतक मापनी पर पराप त
आकड़ो की आिश यकता होती ह
7 अपराचल सावखयकी क परयोग म वकसी शोरकताा दवारा अवतकरमण करन की सरािना
कम स कम होती ह
पराचवलक सावखयकी की शत सख त होन स
अवतकरमण की सरािना ज यादा होती ह
8 व यािहाररक दविकोण स अपराचल सावखयकी ज यादा उपयक त ह
सदावनतक दविकोण स पराचवलक सावखयकी
ज यादा सशक त ह
75 शोध पराक कल पना तथा नल या तनराकरणीय पराक कल पना (Research Hypothesis and Null Hypothesis)-
िजञावनक अनसरान म पराक कल पना का स थान बहत ही महत िपणा ह शकषवणक शोर तथा
मनोिजञावनक शोर म शोर समस या क चयन क बाद शोरकताा पराक कल पना का परवतपादन करता ह
पराक कल पना का परवतपादन वकसी री शोर समस या का एक अस थायी समारान (Tentative
Solution) एक जाचनीय परस ताि (testable proposition) क रप म करता ह इसी जाचनीय
परस ताि को पराक कल पना की सजञा दी जाती ह पराक कल पना दो या दो स अवरक चरो क बीच
सरावित सबरो क बार म बनाय गय जाचनीय कथन को कहत ह
शोर पराक कल पना स तात पया िसी पराक कल पना स होता ह जो वकसी घटना तरथ य क वलए
बनाय गय विवशष ट वसदान त (Specific Theory) स वनकाल गय अनवमवत (deductions) पर
आराररत होती ह शोर समस या क समारान क वलए एक अस थायी तौर पर हम एक परस ताि तयार
कर लत ह वजस शोर पराक कल पना की सजञा दी जाती ह उदाहरण क वलए दण ड दन स अवरगम की
परवकरया रीमी गवत स होती ह यह एक जाचनीय परस ताि ह जो शोर पराक कल पना का एक उदाहरण
ह
शनय या वनराकरणीय या नल पराक कल पना िह पराक कल पना ह वजसक दवारा हम चरो क बीच
कोई अन तर नही होन क सबर का उल लख करत ह शोरकताा जब कोई शोर पराक कल पना बनाता ह
तो साथ ही साथ ठीक उसक विपरीत ढग स नल पराक कल पना री बना लता ह तावक शोर क
पररणाम दवारा नल पराक कल पना अस िीकत हो जाय उपरोक त उदाहरण क विपरीत यवदहम यह कहत
ह वक दण ड दन स अवरगम की परवकरया पर कोई परराि नही पड़ता हrsquorsquo तो यह नल पराक कल पना का
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय209
उदाहरण होगा यवद शोर क पररणाम दवारा यह अस िीकत हो जाता ह तो स ित उसका विपरीत
(अथाात शोर पराक कल पना) को यथााथ मान वलया जाता ह
नल पराक कल पना को दो परकार स अवरव यक त वकया जा सकता ह- वदशात मक पराक कल पना
(Directional Hypothesis) तथा अवदशात मक पराक कल पना (No directional Hypothesis)|
उदाहरणस िरप मान वलया जाय वक कोइा शोरकताा लड़क और लड़वकयो क दो समहो म बवद म
अन तर का अध ययन करना चाहता ह वजसक वलए िह शोर पराक कल पना इस तरह बनाता ह- लड़क
लड़वकयो की अपकषा बवद म शरष ठ ह इस शोर पराक कल पना को नल पराक कल पना क रप म दो तरह
स अवरव यक त वकया जा सकता ह-
i लड़क ि लड़वकयो की बवद म कोई अन तर नही ह-
अवदशात मक पराक कल पना (No directional Hypothesis)
ii लड़क लड़वकयो की अपकषा बवद म शरष ठ ह ndash
वदशात मक पररकल पना (Directional Hypothesis)
पहली पराक कल पना म लड़क ि लड़वकयो क बवद क अतर म कोई वदशा का उल लख नही
ह इसवलए इस परकार क पराक कल पना को अवदशात मक पराक कल पना की सजञा दी जाती ह दसरी
पराक कल पना म लड़क ि लड़वकयो क बवद म अतर को वदशात मक रप स पररलवकषत वकया गया
ह उनक मध य अतर म एक वदशा पर बल डाला गया ह अत यह वदशात मक पररकल पना का
उदाहरण ह
सवमलयाशकि परशन
1 lsquoलड़क ि लड़वकयो की बवद म कोई अन तर नही हrsquo
पराक कल पना (Hypothesis)का उदाहरण ह|
2 helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellipिह पराक कल पना ह वजसक दवारा हम चरो क
बीच कोई अन तर नही होन क सबर का उल लख करत ह
3 helliphelliphelliphelliphelliphelliphellipसावखयकी म अवरक उच च स तर क गवणतीय
पररकलन की जररत पड़ ती ह
4 helliphelliphelliphelliphelliphellipसावखयकी क परयोग म नावमत तथा करवमत आकड़ की
जररत होती ह
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय210
5 helliphelliphelliphelliphellipसावखयकी क परयोग म अन तराल मापनी तथा
आनपावतक मापनी पर पराप त आकड़ो की आिश यकता होती ह
76 एक पाश वभ तथा दवव पाश वभ परीकषण (One- tailed and Two- tailed Tests)
पराक कल पना परीकषण म एक पाश िा परीकषण तथा वदवपाश िा परीकषण की रवमका महत िपणा ह
सावखयकीय विश लषण म इन परीकषणो क स िरप को जानना आिश यक होता ह जब शोरकताा
नल पराक कल पना (null hypothesis) का उल लख इस परकार स करता ह वक उसम अध ययन
वकय जान िाल समहो क बीच कोई अन तर नही ह अथाात िह नल पराक कल पना की अवरव यवकत
अवदशात मक रप म करता ह तो इस वदव-पाश िा परीकषण (Two- tailed test) कहा जाता ह
इसक विपरीत जब शोरकताा नल पराक कल पना का उल लख इस परकार स करता ह वक उसम
अध ययन वकय जान िाल समहो क बीच अन तर की वदशा का पता चलता ह तो उस एक पाश िा
परीकषण (One- tailed test) कहा जाता ह उदाहरणस िरप यवद शोरकताा यह नल
पराक कल पना (hypothesis) बनाता ह वक कला स नातक क छातरो एि छातराओ क माध य
उपलवबर पराप ताको (Mean achievement scores) म कोई अन तर नही ह स पष टत यहॉ
शोर पराक कल पना होगा वक इन दोनो समहो क माध य उपलवबर पराप ताको म अन तर ह
उपयाक त नल पराक कल पना क परीकषण क वलए वदवपाश िा परीकषण का परयोग िाछनीय ह क योवक
माध यो का अन तर रनात मक वदशा ((positive direction) तथा ऋणात मक वदशा (negative
direction) दोनो म ही होन की सम रािना ह इस दशा म यह परसामानय वितरण (normal
distribution) िकर क दोनो छोरो (दायी छोर या रनात मक वदशा और बााई छोर या ऋणातमक
वदशा) को एक साथ वमला दत ह वजस करावनतक कषतर (critical region) या अस िीकवत का
कषतर (region of rejection) कहा जाता ह वनम न रखावचतर म अस िीकवत क 5 परवतशत कषतर
अथाात 005 साथाकता स तर को दशााया गया ह वजस परसामानय िकर (normal curve) क
दोनो छोरो पर समान रप स विरावजत कर वदया गया ह इस परकार 25 परवतशत कषतर परसामानय
वितरण (normal distribution) िकर क दायी ओर तथा 25 परवतशत बायी ओर का कषतर
होगा 5 परवतशत का Z पराप ताक अथाात वसग मा पराप ताक वजस परसामानय िकर क X अकष पर
वदखलाया गया ह plusmn 196 ह
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यवद हम 1 साथाकता स तर की बात करत ह तो िकर क दोनो छोरो पर 05 (या 005)
का अस िीकत कषतर होगा इस कषतर का Z पराप ताक plusmn 258 होता ह इसको वनम न रखावचतर क माध यम
स दशााया जा सकता ह
अथाात वदवपाश िा परीकषण म न यादशा वितरण क (sampling distribution) क दोनो छोरो (+Ve
तथा -Ve) को ध यान म रखकर माध य अन तरो (Mean differences) स सबवरत वनराकरणीय
-258
99
स वीकि कषतर
Acceptance Area
4950 4950
अस वीकि कषतर
Rejection Area
05 or 005
0 01 स िि पि शिपाश वा पिीकषण (05 या 0005 परत यक छोि पि)
सिी अन िि
अस वीकि कषतर
Rejection Area
05 or 005
+258
-196σ
95
स वीकि कषतर
Acceptance Area
4750 4750
+196σ
25 or 025
सिी अन िि = 0
0 05 स िि पि शिपाश वा पिीकषण (25 या 0025 परत यक छोि पि)
अस वीकि कषतर Rejection Area
25 or 025
अस वीकि कषतर Rejection Area
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पराक कल पना या शोर पराक कल पना की जॉच की जाती ह क योवक इसम अन तर रनात मक या
ऋणात मक कछ री वदशा जञात नही होती ह
वदवपाश िा परीकषण क विपरीत यवद वनराकरणीय पराक कल पना को पररिवतात कर उस वदशा क
सदरा म बात वकया जाय चाह िह रनात मक हो या ऋणात मक एक पाश िा परीकषण का उदाहरण
होगा उदाहरणस िरप कला स नातक क छातरो की शवकषक उपलवबर उस ककषा क छातराओ की
तलना म अवरक ह इस तरह की पराक कल पना स पष ट रप स अन तर की वदशा की ओर इवगत करता
ह इस तरह का उदाहरण एक पाश िा परीकषण का उदाहरण होगा एक पाश िा परीकषण क वलए
अस िीकत (rejection) का 5 परवतशत कषतर परसामानय िकर का ऊपरी छोर या वनचली छोर पर ही
होगा इस वसथवत म 005 स तर की परसम राववयता (Probability)P2 जो 0052 या 010 होती ह
या (005 +005) होगी उसी परकार स इस परीकषण क अस िीकवत का 1 कषतर परसामानय िकर
(Normal Curve) का ऊपरी छोर या वनचली छोर पर ही होगा इस वसथवत म 001 स तर की
परसम राववयता (Probability) P2 जो िस तत 002 होती ह (001+001=002) होगी
77 साथभकता क स तर (Level of Significance) वकसी री शोर म नल पराक कल पना का विकास उस अस िीकत करन क दविकोण स ही वकया जाता
ह तावक उसक विपरीत शोर पराक कल पना (research hypothesis) को अवतम रप स स िीकत
वकया जा सक नल पराक कल पना की स िीकवत या अस िीकवत क वलए कछ विशष कसौवटयो का
इस तमाल वकया जाता ह य विशष कसौवटयाा साथाकता क स तर क नाम स जानी जाती ह अथाात
नल पराक कल पना को स िीकत या अस िीकत करन क वलए वजस कसौटी का परयोग वकया जाता ह
साथाकता क स तर (Level of Significance) कहलाती ह व यािहाररक विजञान क शोरो म नल
पराक कल पना को स िीकत या अस िीकत करन क वलए पराय साथाकता क दो स तरो का चयन वकया
जाता ह- 005 स तर या 5 परवतशत स तर तथा 001 या 1 परवतशत स तर साथाकता क स तर को
शोरकताा दवारा वकय जान िाल तरवटयो की मातरा का री पता चलता ह यवद नल पराक कल पना को
005 या 5 परवतशत स तर पर अस िीकत वकया जाता ह तो इसका अथा ह वक शोरकताा दवारा वलए गय
वनणाय म तरवट की सरािना मातर 5 परवतशत ह अथाात िह अपन दवारा वलए गए वनणाय को 95
परवतशत विश िास क साथ कहन म सकषम ह ठीक इसी परकार यवद शोरकताा नल पराक कल पना को
001 या 1 परवतशत स तर पर अस िीकत करता ह तो इसका अथा ह वक उसक दवारा वलए गए वनणाय म
तरवट की सरािना मातर 1 परवतशत ह अथाात इस वनणाय को िह 99 परवतशत विश िास क स तर
(level of confidence)क साथ कह सकता ह
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वकसी नल पराक कल पना की अस िीकवत क वलए यह आिश यक ह वक शोर दवारा पराप त
सावखयकीय मान (Calculate statistical value) परसामानय िकर क 5 परवतशत या 1 परवतशत कषतर
कषतर पर वदए गए सावखयकीय मान क बराबर या अवरक हो अगर कोई नल पराक कल पना 5 परवतशत
पर अस िीकत कर वदया जाता ह तो स ित ही 1 परवतशत पर री अस िीकत हो जाता ह इसक
विपरीत यह सत य नही हो सकता
जब कोई नल पराक कल पना 005 स तर पर अस िीकत कर दी जाती ह तो इसका अथा ह वक
सबवरत शोर वजनस आकड़ पराप त हए ह को यवद 100 बार दोहराया जाए तो उसम स 5 बार नल
पराक कल पना सत य होगी और 95 बार असत य होगी व यािहाररक विजञान म सावखयकीय दविकोण स
100 म 5 बार को सहनीय माना गया ह अत इस सतर पर नल पराक कल पना को अस िीकत वकया जा
सकता ह 001 साथाकता स तर को (005 की अपकषा) ज यादा तीखा (कठोर) माना जाता ह जब
कोई नल पराक कल पना 001 स तर पर अस िीकत कर दी जाती ह तो उसका अथा ह वक सबवरत शोर
वजनस आकड़ पराप त हए ह यवद 100 बार दोहराया जाए तो उसम स 1 बार नल पराक कल पना सत य
होगी और 99 बार असत य होगी 100 बार म स 1 बार सही होन स शोरकताा इस और अवरक
विश िास ि सकषमता क साथ अस िीकत करता ह साथाकता क दोनो स तरो (001 ि 005) म वकसी
एक री स तर पर नल पराक कल पना क सत य होन पर री अस िीकत वकया जाता ह तो इस तरह क तरवट
को परथम परकार की तरवट (Type- I error) कही जाती ह 001 स तर पर परथम परकार की तरवट की
मातरा 005 स तर पर क परथम परकार की तरवट की मातरा स कम होती ह इसवलए 001 का साथाकता
स तर 005 साथाकता स तर की अपकषा ज यादा विश िसनीय होता ह
78 परथम परकार की तरटि व दववतीय परकार की तरटि (Type- I Error and Type-II Error)
वकसी अनसरान स सबवरत पररकल पना परीकषण करत समय दो परकार की तरवटयाा हो सकती ह
वकसी री वनणाय पर पहचत समय दो परकार की गलती की सरािना रहती ह इसको एक उदाहरण
दवारा समझा जा सकता ह माना वक एक न यायारीश दवारा व यवकत वजस पर खन करन का आरोप ह
वनणाय दत समय दो परकार की तरवट या गलती की जा सकती ह- यवद उस व यवकत दवारा खन वकया गया
हो तो उस मौत की सजा सनान क बजाय उस छोड़ वदया जाय अथिा यवद उस व यवकत दवारा खन नही
वकया गया हो तथा उस मौत की सजा सना दी जाय दोनो वसथवतयो म गलत वनणाय हआ ह सही
वनणाय तरी माना जायगा जबवक खन करन पर सजा वमल तथा झठा आरोप होन पर छोड़ वदया
जाय खन करन पर पयााप त साकष य क अराि म छोड़ दना परथम परकार की तरवट या वजस अल फा-तरवट
)( Error तथा खन नही करन पर मौत की सजा सना दना वदवतीय परकार की तरवट अथिा बीटा-
तरवट )( Error ह दसर शब दो म परथम परकार की तरवट उस दशा म उत पन न होती ह जब ऐसी शन य
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पररकल पना (H0) को अस िीकार (reject) कर वदया जाता ह जो िास ति म सही ह अथाातसत य शन य
पररकल पना की अस िीकवत ही परथम परकार की तरवट ह वदवतीय परकार की तरवट उस दशा म उत पन न
होती ह जबवक गलत शन य पररकल पना को स िीकार कर वलया जाता ह अथाात गलत शन य
पररकल पना की स िीकवत ही वदवतीय परकार की तरवट ह दोनो ही तरवटयाा अनवचत ह
= परथम परकार की तरवट की परावयकता = वदवतीय परकार की तरवट की परावयकता
िास ति मशन य पररकल पना
सत य ह|
िास ति मशन य पररकल पना
असत य ह|
शन य पररकल पना स िीकवत की
जाती ह
सही वनणाय तरवट (वदवतीय परकार की तरवट)
शन य पररकल पना अस िीकत की
जाती ह
तरवट (परथम परकार की तरवट) सही वनणाय
पररकल पना परीकषण म तरवटयो को परी तरह समाप त नही वकया जा सकता
पररकल पना परीकषण करत समय अवरकतर तरवट को कम करन का परयास वकया जाता
ह जबवक तरवट पर वनयतरण नही रखा जाता तरवट ही साथाकता स तर कहलाती ह
इस करी-करी बहत कम कर वदया जाता ह इस वसथवत म सत य शन य पररकल पना तो
स िीकवत हो जाती ह लवकन इसक कारण असत य शन य पररकल पना क स िीकत होन की
परावयकता री बढ जाती ह का पररकलन सामान य करम म नही वकया जाता लवकन
यह समझना आिश यक ह वक साथाकता स तर को ब हत कम करना ठीक नही ह अत
1 परवतशत क स थान पर सामान यतया 5 परवतशत साथाकता स तर पर रखना ज यादा अच छा ह
सवमलयाशकि परशन
6 helliphelliphelliphelliphelliphellipकी तरवट उस दशा म उत पन न होती ह जब ऐसी शन य
पररकल पना (H0) को अस िीकार (reject) कर वदया जाता ह जो िास ति
म सही ह
7 helliphelliphelliphelliphelliphelliphellipकी तरवट उस दशा म उत पन न होती ह जबवक गलत
शन य पररकल पना को स िीकार कर वलया जाता ह
8 001 स तर पर परथम परकार की तरवट की मातरा 005 स तर पर क परथम परकार की तरवट की मातरा स helliphelliphelliphelliphelliphellipहोती ह|
9 जब नल पराक कल पना की अवरव यवकत अवदशात मक रप म करता ह तो इस helliphelliphelliphelliphelliphellipपरीकषण (test) कहा जाता ह
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10 जब शोरकताा नल पराक कल पना का उल लख इस परकार स करता ह वक उसम अध ययन वकय जान िाल समहो क बीच अन तर की वदशा का पता
चलता ह तो उस परीकषण (test) कहा जाता ह
79 पररकल पना परीकषण (Hypothesis Testing) पररकल पना परीकषण को साथाकता परीकषण की सजञा री दी जाती ह करी-करी परवतदशाज या
सावखयकी (Statistics) क आरार पर पराचल (Parameters) को जञात नही करना पड़ता बवलक
पराचल का दािा वकया जाता ह उस दाि को पररकल पना परीकषण क माध यम स या तो स िीकत वकया
जाता ह अथिा अस िीकत जसा वक पिा म बताया गया ह वक शन य पररकल पना (H0) म पराचल को
स िीकत वकया जाता ह जबवक िकवलपक पररकल पना (H1) म पराचल को अस िीकत वकया जाता ह
साथाकता परीकषण करत समय उवचत पररकल पना तथा साथाकता स तर का वनराारण आिश यक ह
अन यथा पररणाम गलत होन की सरािना रहती ह परवतचयन वसदान त क आरार पर अिलोवकत
(observed) ि परत यावशत आिवतयो (expectedfrequency)म अतर की साथाकता जॉच की
सामान य परवकरया वनम न परकार ह-
i समस या को परस िि किना (Presentation of the Problem)- सिापरथम
अनसरान क उददश य को स पष ट कर लना चावहए अथाात वकस सबर म अध ययन करना
ह और वकसस तलना करना ह इस परकार विश लषणकताा क दवारा समस या को परस तत
करना सिोपरर काया ह
ii िन य परिकल पना का शनधाािण (Setting up a Null Hypothesis)- शन य
पररकल पना (H0) म वदए गय पराचल क दाि को सही मानत ह जबवक िकवलपक
पररकल पना (H1) म पराचल क दाि को गलत मानत ह दसर शब दो म इस परवकरया म
यह पररकल पना की जाती ह वक न यादशा ि समगर क विवरन न सावखयकी मापो म एक
वनवित सीमा तक सबर ह अथाात परवतदशाज या सावखयकी (Statistics) स पराचल
(Parameters) क अन तर की साथाकता की जॉच करन स पिा यह मान वलया जाता ह
वक परवतदशाज ि पराचल म कोई साथाक अन तर नही ह और जो थोड़ा सा अन तर ह िह
परवतचयन (sampling) उच चािचनो (fluctuations) क कारण ह
iii साथाकिा स िि का चनाव (Selection of the level of Significance)-
परवतदशाज ि पराचल क सबर की जााच करन क वलए इस स तर का पिा म ही वनराारण
कर वलया जाता ह वजसक आरार पर पररकल पना की मान यता को स िीकार या
अस िीकार करना हो दसर शब दो म परवतदशा ि समगर क विवरन न सावखयकी मापो को
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वकस स तर तक स िीकार करना ह इस बात का पिा वनराारण करना ही साथाकता स तर
का चनाि कहलाना ह
परसामानय िकर क आरार पर विवरन न साथाकता स तरो क वलए Z (Standard
Normal Variate) क मान वनम नवलवखत ह-
साथाकिा स िि 10 या 01 5 या 005 2 या 002 1 या 001
बायाा पकष परीकषण Z -128 -165 - 206 - 233
दायाा पकष परीकषण Z + 128 + 165 + 206 + 233
दोनो पकष का परीकषण Z plusmn 165 plusmn 196 plusmn 233 plusmn 258
iv परमाप तरशट का परिकलन (Computation of Standard Error)- साथाकता
स तर क वनराारण करन क बाद वनदशान क विवरन न मापो की परमाप तरवट की गणना क
वलए अलग-अलग सतर ह वजनका विस तत वििरण वपछली इकाई म वकया जा चका
ह
v कराशिक अनपाि की गणना (Calculation of Critical Ratio)- पराचल ि
परवतदशाज क अन तर की जााच करन क वलए करावतक अनपात की गणना की जाती
हवजसक वलय पराचल ि परवतदशाज क अन तर म सबवरत परमाप तरवट का राग द वदया
जाता ह
vi शनवाचन (Interpretation)- अन तर की साथाकता अनपात की गणना करन क बाद
पिा साथाकता स तर पर Z क करावनतक मान (Critical Value of Z) स साथाकता
अनपात की तलना की जाती ह यवद यह साथाकता अनपात Z क करावनतक मान की
सीमाओ म होता ह तो अन तर अथाहीन माना जाता ह एि शन य पररकल पना स िीकत
कर ली जाती ह यवद साथाकता अनपात Z क करावनतक मान की सीमाओ स बाहर हो
जाय तो अन तर साथाक माना जाता ह तथा शन य पररकल पना (H0) को अस िीकत करक
िकवलपक पररकल पना (H1) को स िीकत कर वलया जाता ह इस वसथवत म ऐसा री
माना जा सकता ह वक वनदशान यादवचछक आरार पर नही वकया गया था क योवक
अन तर किल परवतचयन उच चािचनो क अवतररक त अन य कारणो स री ह ऐसी वसथवत
म शन य पररकल पना अस िीकत कर दी जाती ह एि उसक स थान पर िकवलपक
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पररकल पना स िीकार कर ली जाती ह दसर शब दो म शन य पररकल पना की अस िीकवत
का अथा पराचल क दाि की अस िीकवत ह
उदाििण- (a)100 सख या िाल एक न यादशा म माध य 324 cm ह क या 5 परवतशत साथाकता
स तर पर उस एक ऐस समगर का न यादशा माना जा सकता ह वजसका माध य 274
cm ह तथा परमाप विचलन 25 cm ह तथा परमाप विचलन 25 cm ह (A
sample of size 100 is found to have mean of 324 cms Could it
be regarded as a sample from a large population whose mean is
274 cms and standard deviation is 25 cms at 5 level of
significance)
(b) यवद आप 1 परवतशत साथाकता स तर पर परीकषण कर तो क या आपका उत तर वरन न
होगा(I will your answer differ in case you test it at 1 level of
significance)
िल- 52742253100 ==== cmXN
742 1HHO = ne274 वदवपाशवा परीकषण (Two tail test)
050= Z= plusmn 196 (करावनतक मल य)
x
XZ
minus= यहाा 250
100
52===
nx
2250
500
250
742243==
minus=Z
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पररकवलत Z का मल य 2 करावनतक मल य plusmn 196 क बाहर ह अत शन य पररकल पना अस िीकत की
जाती ह अथाात इस वदए गए समगर का न यादशा नही माना जा सकता
742 1HHO = ne274 Two tail test
010= Z= plusmn 258
उपयाक त पररकवलत Z का मल य 2 करावनतक मल य plusmn 258 की सीमाओ क अन तगात ह
अत 1 परवतशत साथाकता स तर पर शन य पररकल पना स िीकत की जाती ह अथाात इस वदय गए समगर
का न यादशा माना जा सकता ह
िन य परिकल पना
स वीकि कषतर
+196(-089)
अस वीकि कषतर
60 अस वीकि कषतर
-126
Z +196
HO
स वीकि कषतर
+258
Z096
-258
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710 दो समान तर माध यो क अन तर का साथभकता परीकषण (Test of Significance of difference between
two means)-
अनसरान कायो म बहरा दो परवतदशाजो (Statistics) क अन तर क आरार पर उनका एक ही समगर
स होन अथिा न होन सबरी पररकल पनाओ का परीकषण वकया जाता ह उदाहरण क वलए एक
परवतदशा म परष औसत रप स 2 घट परवतवदन तथा मवहलाएा 2
11 घट परवतवदन शोर पवतरका का
अध ययन करत ह तो क या दोनो क अध ययन क समय म साथाक अन तर ह अथिा नही यहाा परषो
क परवतदशा दवारा अवरक अध ययन करना सयोगिश री हो सकता ह दसर शब दो म यह अन तर
वनदशाक तरवट क कारण सयोगिश उत पन न हआ ह अथिा िास तविक अतर ह इसक परीकषण की
आिश यकता होती ह इस परीकषण म समगर क समान तर माध यो म अन तर शन य )0( 21 =minus माना
जाता ह अथाात )( 2 = की शन य पररकल पना लकर जााच आरर की जा सकती ह एकपकषीय
जााच की वसथवत म दायी बाह परीकषण (Right tailed test) म (micro1lemicro2) तथा बायी बाह परीकषण
(Left tailed test) म (micro1gemicro2) शन य पररकल पना ली जा सकती ह
साथाकता परीकषण करन क वलए परमाप विभम की आिश यकता होती ह समान तर माध यो क
अतर का परमाप तरवट या विभम (Standard Error) का सतर-
जब समगर का परमाप शवचलन
(SD) जञाि िो
जब समगर का परमाप शवचलन
(SD) जञाि निी िो
21
xxminus
2
2
2
1
2
1
nn
+
2
2
2
1
2
1
n
S
n
S+
साथाकता परीकषण की शष परवकरया िही ह जो वक इसस पहल क उदाहरणो म समझायी गई
ह जस Z का पररकवलत मान वनम न परकार जञात वकया जाता ह-
Z= परवतदशाज ndash पराचल
परमाप विभम = 2
1
21)()( 21
x
xx
xminus
minusminusminus
यहाा 0)( 21 =minus अत 2
1
21
x
xxZ
xminus
minus=
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उदाििण- परष (X1) तथा मवहला वशकषको क ितन स सबवरत वनम नवलवखत आकड़ उपलब र ह
(अ) क या 5 परवतशत साथाकता स तर पर परष तथा मवहला वशकषको क औसत ितन म
अतर ह (ब) क या 5 परवतशत साथाकता स तर पर परष वशकषको का औसत ितन
मवहला वशवकषकाओ स कम ह
100
5000
440
1
1
1
RsS
RsX
n
=
=
=
200
5100
500
1
1
1
RsS
RsX
n
=
=
=
िल- (a) Ho micro1 = micro2
H1 = micro1ne micro2
n2 = 500
51002 RsX =
S2 = Rs 200
or micro1- micro2 = 0
or micro1gt micro2ne 0
α = 05 Z = plusmn 196 (करावनतक मान) (वदवबाह परीकषण)
2
21
1xx
xxZ
minus
minus=
यहॉ
2
2
2
1
2
12
1 n
S
n
Sx
x+=minus
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय221
1410
51005000minus=
500
200
440
100 22
+=
8691410
100minus=
minus= 73102807322 =+=
= 1014
Z का पररकवलत मान ndash 986Z क करावनतक मान plusmn 196 की सीमाओ स बाहर ह अत शन य
पररकल पना (Ho) अस िीकत की जाती ह परष तथा मवहला वशकषको क ितन म साथाक अन तर ह
(िकवलपक पररकल पना स िीकत की जाती ह)
(b) Ho micro1ge micro2 H1 micro1le micro2(बायी बाह परीकषण)
α = 05 Z= - 165 करावनतक मान
Z का पररकवलत मल य (-986) करावनतक मल य (-165) स कम होन क कारण शन य पररकल पना
अस िीकत कषतर म ह अत िकवलपक पररकल पना स िीकार की जाती ह
शनष कषा- 5 परवतशत साथाकता स तर पर परष वशकषको का ितन मवहला वशवकषकाओ स कम ह
711 दो समान तर माध यो क अन तर का साथभकता परीकषण- जब उन म सहसबध गणाक टदया हो (Test of
significance of difference between two
means when coefficient of correlation
between them is given)
इस वसथवत म परमाप तरवट (Standard Error) का सतर वनम न परकार होगा-
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय222
21
21
21
2
2
2
12 2
nn
SSr
nn
SSx
xminus
+
+=minus
उदाििण- 60 वपताओ और उनक 100 पतरो पर वकए गए एक बौवदक परीकषण स वनम न पररणाम
पराप त हए-
वपताओ क माध य पराप ताक = 114 परमाप विचलन= 13
पतरो क माध य पराप ताक = 110 परमाप विचलन = 11
दोनो म सहसबर गणाक + 75 मानकर दोनो माध यो क अन तर की परमाप तरवट वनकावलए और
मालम कीवजए वक क या अन तर साथाक ह
िल-
Ho micro1 = micro2
H1 micro1ne micro2
α= 005
Z = plusmn 196
n1 = 60 X = 114 S1 = 13 n2 = 100
X 2 = 110 S2 = 11 r = + 75
21
21
2
2
2
1
2
1 22
1 xnn
xSSr
n
S
n
Sx
xminus+=minus
210060
1113752
100
)11(
60
)13( 22
=minus+=x
xxx
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय223
22
110114
21
21=
minus=
minus
minus=
X
XX
X
2 gt 196 Ho rejected
712 दो अनपातो क अतर की साथभकता का परीकषण(Test of significance of difference between two
proportions)-
समगर स वलए गए परवतदशो क अनपात क आरार पर समगरो क अनपात की साथाकता का परीकषण
वकया जाता ह परीकषण विवर दो समान तर माध यो म अन तर की साथाकता परीकषण की तरह ही ह
शन य पररकल पना का आरार ह वक दोनो समगरो क अनपातो म अतर साथाक नही ह इसस
सबवरत पररकल पनाऍ वनम न परकार हो सकती ह-
Left Tail Test Right Tail Test Two Tail Test
HO P1ge P2 HO P1le P2 HO P1 = P2
H1 P1lt P2 H1 P1gt P2 H1 P1ne P2
अनपािो क अन िि का परमाप तरशट का सतर (Formula of Standard Error of
difference between two proportions)
जब समगर क अनपात P1 तथा P2 जञात हो
2
22
1
11
21 n
QP
n
QPPP +=
minus
जब समगर क अनपात P1 तथा P2 जञात न हो सामवहक अनपात (PO) का अनमान लगाए
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय224
21
2211
nn
PnPnPo
+
+=
oo PQ minus=1
+=minus
21
2
111 nn
QPP ooP
713 परततदशभ समान तर माध य तथा सामटहक समान तर माध य क अन तर की साथभकता का परीकषण(Test of Significance of difference between sample mean and
combined mean)
इसक वलए परमाप तरवट तथा Z क सतर वनम न परकार होग-
i जब परथम माध य का सामवहक माध य स साथाकता परीकषण करना हो-
)( 211
22
12121 nnn
nx
x +=minus
121
121
x
xxZ
xminus
minus=
ii जब वदवतीय माध य का सामवहक माध य स साथाकता परीकषण करना हो-
)( 211
12
12122 nnn
nx
x +=minus
122
122
x
xxZ
xminus
minus=
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय225
714 परततदशभ परमाप ववचलन तथा सामटहक परमाप ववचलन(SD) क अन तर का साथभकता परीकषण (Test of
significance of difference between sample
standard deviation and combined standard
deviation)
इसक वलए परमाप तरवट तथा Z क सतर वनम न परकार ह-
I जब परथम परवतदशा परमाप विचलन का सामवहक परमाप विचलन स साथाकता परीकषण
करना हो-
)(2 211
22
121 nnn
nSS
+=minus
12
121
1S
SSZ
S minus
minus=
II जब वदवतीय परवतदशा परमाप विचलन का सामवहक परमाप विचलन स साथाकता परीकषण
करना हो-
)(2 212
12
121 nnn
nSS
+=minus
12
122
2S
SSZ
S minus
minus=
715परततदशभ अनपात तथा सयक त अनपात क अन तर का साथभकता परीकषण(Test of significance of
difference between sample proportion and
combined proportion)-
इस वस थवत म परमाप तरवट तथा Z क सतर वनम नवलवखत ह-
I जब परथम परवतदशा अनपात तथा सामवहक अनपात का साथाकता परीकषण करना हो-
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय226
)( 211
2
1 nnn
nQPP oooP
+=minus
oP
o
P
PPZ
minus
minus=
1
1
II जब वदवतीय परवतदशा अनपात तथा सामवहक अनपात का साथाकता परीकषण करना हो-
)( 212
1
2 nnn
nQPP oooP
+=minus
oP
o
P
PPZ
minus
minus=
2
2
716 स वाततरय कोटिया (Degree of Freedom)- सिाततरय कोवट स तात पया एक समक शरणी क ऐस िगो स ह वजसकी आिवततयॉ स िततर रप स
वनरााररत की जा सकती ह दसर शब दो म इसका तात पया पराप ताको को स िततर रप स पररिवतात
(freedom to vary) होन स होता ह जब सावखयकी (Statistics) का परयोग पराचल
(Parameter) का आकलन करन क वलए वकया जाता ह तो सिाततरय मातरा की सख या रख गए
परवतबरो (restrictions) पर वनरार करता ह परत यक ऐस परवतबर क वलए सिाततरय मातरा (one
degree of freedom) सीवमत हो जाता ह यही कारण ह वक सिाततरय मातरा की सख या
(number of degree of freedom) एक सावखयकी स दसर सावखयकी क वलए अलग-
अलग होता ह सिाततरय कोवट या मातरा को वनम न उदाहरण स समझा जा सकता ह उदाहरण क
वलए 3 विदयावथायो क अक 70 परवतशत ह पहल विदयाथी क अक 80 परवतशत दसर विदयाथी
क अक यवद 75 परवतशत ह अब तीसर विदयाथी क अक बतान क वलए आप स िततर नही ह
तीसर विदयाथी क अक तो 55 परवतशत ही होग इस उदाहरण म परथम दो विदयावथायो क अक
यवद 90 परवतशत तथा 40 परवतशत हो तब री आप तीसर विदयाथी क अक बतान क वलए
स िततर नही ह क योवक उसक अक 80 परवतशत ही होग दसर शब दो म समान तर माध य जञात होन
पर विचरण (n-1) सिाततरय कोवटयो क कारण ही होता ह स िाततरय कोवटयॉ (Degrees of
Freedom)-
df अथिा v= n-1
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय227
एक सारणी म सिाततरय कोवटयॉ (df) = (r-1) (c-1) यहॉ r पवकतयो की सख या तथा c स तरो
की सख या ह
717 स िडण ि t-परीकषण (Studentrsquos t-
Distributon (test)
t परीकषण छोट आकार क वनदशान (sampling) स सबवरत ह इसका शरय आयररश वनिासी
विवलयम गौसट को जाता ह वजन होन अपन छदम नाम स टडण ट क नाम स इस परकावशत वकया
क योवक वजस सस था म ि काम करत थ उसन उन ह अपन नाम स इस परकावशत करन की अनमवत
नही परदान कीसामान यत t- परीकषण या अनपात दो माध यो क बीच क अन तर की साथाकता की
जॉच क वलए एक महत िपणा पराचवलक सावखयकी ह-
t परीकषण वनम नवलवखत वसथवतयो म परयक त वकया जाना चावहए-
i जब परवतदशा का आकार 30 या 30 स कम हो (n le 30) ii जब समगर का परमाप विचलन जञात न हो तथा
iii जब समगर का बटन एक परसामानय बटन हो
iv जब दोनो परवतदशो स वमल पराप ताको क वितरण म परसरण की समजातीयता
(homogeneity of variance) हो
v जब परयक त चरो का माप अन तराल (Interval) का अनपात (Ratio) मापनी पर हो
इस वनम न परकार सरलता स समझा जा सकता ह-
स टडण ट t- बटन की शविषिाऍ(Characteristics of Studentrsquos t- distribution)-
स टडण ट का t- बटन परसामानय नही होता हालावक वजस समगर म स इस वलया जाता ह िह
वनवित रप स परसामानय बटन होना चावहए
जब σजञाि िो (σ known) σअजञाि िो
(σ not know)
N gt 30 Z Z
n le 30 Z T
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय228
1 परत यक परवतदशा आकार (n) क वलए एक पथक lsquotrsquo बटन होता ह अत परसामानय बटन की
तरह lsquotrsquo बटन का री एक पररिार ह अत एक मानक lsquotrsquo बटन जञात कर वलया जाता ह
वजसका समान तर माधय शन य तथा परमाप विचलन 1 ह
2 परत यक lsquotrsquo बटन एक समवमत (Symmetrical) बटन होता ह
3 िकर का उच चतम वबन द t = 0 अथाात माध य पर वसथत होता ह
4 जस- जस n का मान बढता जाता ह t िकर परसामानय िकर का आकार गरहण करन लगता
ह जस-जस n का मान 30 स बड़ा होता जाता ह िस-िस t- िकर तथा परसामानय िकर म
अन तर समाप त होता जाता ह िास ति म lsquotrsquo क सारणी मल य म अन तर समाप त होता जाता
ह िास ति म lsquotrsquo क सारणी मल य क वलए परवतदशा क आकार क स थान पर स िततरय
कोवटयो की आिश यकता होती ह
5 परत यक lsquotrsquo बटन एक परावयकता बटन ह अत इसक अतगात कल कषतरफल 10 होता ह
6 lsquotrsquo बटन म परसरण (variance) परसामानय बटन की अपकषा अवरक होता ह
lsquotrsquo पिीकषण का अनपरयोग (Application of t-test)
(i) दो स वितर समिो क माध यमानो क अन िि की साथाकिा की ज च (The
significance of the Difference between the Means of two
Independent Group-
t- मान की गणना =
2
2
2
1
2
1
21
N
S
N
S
XX
+
minus
X1 = परथम समह का मध यमान
X2 = वदवतीय समह का मध यमान
N1 = परथम समह म सदस यो की सख या
N2 = वदवतीय समह म सदस यो की सख या
S1 2 = परथम समह का परसरण
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय229
S2 2 = वदवतीय समह का परसरण
उदाििण- विदयावथायो क दो समहो पर एक बवद परीकषण परशावसत वकया और वनम नवलवखत
आकड़ पराप त हए यह जााच कीवजए वक क या दोनो समहो की बवद म साथाक अन तर
ह
परथम समह म विदयावथायो की सख या = 32परथम समह का मध यमान= 8743परथम समह
का परसरण= 3940वदवतीय समह म विदयावथायो की सख या= 34वदवतीय समह का मध यमान
= 8258वदवतीय समह का परसरण = 4080
िल- 21 XXHo =
11 XH ne 2X
N1 = 32 N2 = 34 1X = 8743
2X = 8258 S1 2 = 3940 S2
2 = 4080
t =
2
2
2
1
2
1
21
N
S
N
S
XX
+
minus
34
8040
32
4039
58824387
+
minus=
= 201231
854
+= 113
561
854
432
854=== t
यहॉ पररकवलत t- का मान जो 311 ह जो 64 df पर 1 साथाकता क स तर पर t क
सारणी मान 258 स ज यादा ह अत यहॉ नल पराक कल पना Ho 1X = 2X को अस िीकत वकया
जाता ह अथाात यह वनष कषा वनकाला जाता ह वक दोनो समहो की बवद म साथाक अन तर ह
यहॉ df = N1+N2 ndash 2=
32+34 ndash 2=66-2 = 64
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय230
(ii) दो छोट स वितर समिो क मध यमानो क अन िि की साथाकिा की ज च
(Significance of the Difference between two small sample
Independent means
t =
+
minus+
minus+minus
minus
2121
2
22
2
11
21
11
2
)1()1(
NNNN
SNSN
XX
(iii) परसिण की समजािीयिा की जााच (To test the Homogeneity of
Variances)-परसरण की समजातीयता की जॉच t- परीकषण क वलए एक आिश यक
शता ह इसकी जॉच वनम न सतर स की जाती ह-
S2 बड़ा परसरण (Largest Variance)
F=
S2 छोटा परसरण(Smallest Variance)
F अनपात का मान हमशा 1 स ज यादा होता ह क योवक बड़ परसरण को हमशा
अश(numerator) क रप म रखा जाता ह तथा छोट परसरण को हर (denominator) क रप म
इस सतर स F क पररकवलत मान को Fndash सारणी (वकसी अपवकषत साथाकता ि स िततरय कोवट क मान
पर) मान स तलना की जाती ह यवद पररकवलत F मान ltF का सारणी मान तो यह माना जाता ह
वक दोनो समहो क परसरणो म समजातीयता ह
उदाििण- छातरो एि छातराओ क दो समहो को एक गवणत- उपलवबर परीकषण दी गयी और वनम न
आकड़ पराप त हए यह जॉच कीवजए वक क या दोनो समहो क गवणतीय उपलवबर म
साथाक अन तर ह
बड़ परशिदिा क मध यमानो
का शवििण
छोट परशिदिा क मध यमानो
का शवििण
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय231
छातर समह छातरासमह
141 =X 92 =X
S1 2 = 1960 S2
2= 2044
N1 = 12 N2 = 12
िल- F= 0416019
4420= (परसरणो म समजातीयता ह)
df = N1 + N2 -2 = 10 + 12 - 2 = 20
t =
+
minus+
minus+minus
minus
2121
2
22
2
11
21
11
2
)1()1(
NNNN
SNSN
XX
=
+
minus+
+
minus
10
1
12
1
21012
)4420(9)6019(11
914
+
+=
10
1
12
1
20
9618360215
5
= 622911
5
663
5
60
119819
5===
x
20 df तथा 005 साथाकता स तर पर t का सारणी मान = 2086 t का पररकवलत मान = 262
चवक t का पररकवलत मान gt t का सारणी मान
अत यहॉ नल पराक करल पना )( 21 XXHo == को अस िीकत वकया जाता ह तथा यह
वनष कषा वनकाला जाता ह वक दोनो समहो क गवणतीय उपलवबर म साथाक अन तर ह
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय232
(iv) दो सिसबशधि या मशचग (Matched or Correlated) समिो क मध यमानो क
अन िि की साथाकिा की ज च (Significance of the Difference between
the Means of Two Matched or Correlated Group (Non
independent sample)
t =
minus+
minus
2
2
1
1
2
1
1
2
1
21
22
N
S
N
Sr
N
S
N
S
XX
r = दोनो समहो क मध य सहसबर की मातरा
उदाििण- एक ककषा क 91 विदयावथायो को एक वहन दी व याकरण परीकषण वदया गया तथा एक माह
क परवशकषण क बाद पन एक समरप वहन दी व याकरण परीकषण इन परीकषणो क पराप ताक का साराश
नीच वदया ह गणना क आरार पर बताइय वक क या परवशकषण का कोई साथाक परराि पड़ा
परथम पिीकषण शििीय पिीकषण
N 91 91
मध यमान 554 569
SD 72 80
SEM1= 7201
1 =
N
S SEM2= 800
2
2 =
N
Sr = 64
t =
minus+
minus
2
2
1
1
2
2
2
1
2
1
21
2N
S
N
Sr
N
S
N
S
XX =
8072642)80()720(
956455
22 xxxminus+
minus
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय233
= 737364005184
51
minus+ = 3102
669
51
4211
51
737315841
51===
minus
यहॉ df = (N-1) = (91-1) = 90 यहॉ पराप त t का 231 मान 5 क साथाकता क स तर पर
साथाक ह तथा 1 परवतशत पर नही अत यहॉ नल पराक कल पना की 5 परवतशत की साथाकता क स तर
पर अस िीकत वकया जाता ह तथा यह सत य ह वक परवशकषण का वहन दी व याकरण क उपलवबर पर
साथाक परराि पड़ा ह
(v) सिसबध गणाक का साथाकिा पिीकषण (To test the significance of
coefficient of correlation) -जब हम एक वदवचर परसामानय समगर (bivariate
normal population म स यवगमत समको का एक दि न यादशा (random sample)
चनत ह तथा इस पररकल पना (hypothesis) की जॉच करना चाहत ह वक समगर का
सहसबर गणाक P (गरीक अकषर Rho) शन य ह अथाात चर आपस म सहसबवरत नही
ह तो t परीकषण का परयोग करत ह यहॉ पर df को n-2 स जञात करत ह क योवक
सहसबर गणाक जञात करन म दो स िततरता की मातराऍ कम हो जाती ह इसक जञात
करन का सतर वनम नवलवखत ह-
21 2
minusminus
= nXr
rt क योवक
2
1 2
minus
minus=
n
rr
यवद t का पररकवलत (Calculate) मल यt की करावतक मानो (Critical values or
table values) स अवरक होगा तो सहसबर गणाक साथाक होगा
उदाििण
i वकसी परसामानय समगर म स 20 यवगमत अिलोकनो क यादवचछक परवतदशा का
सहसबर गणाक 09 ह क या यह सरि ह वक समगर म चर असबवरत ह
ii वकसी िस त क दो समहो म स 10 और 20 क आकार क यवगमत परवतदशा वलए गए
िस तओ का दो विशषताओ क मध य सहसबर गणाक करमश 025 एि 016 ह क या
य मान साथाक ह
िल
i इस पररकल पना क साथ वक समगर म चर स िततर ह तथा उनम शन य सहसबर
ह- Ho P= 0 i H1 P ne 0
शिकषा म अनसधान पदधशियाा एव साशययकी MAED 503 SEM ndash 2nd
उततराखणड मकत विशवविदयालय234
18811
90220
)9(1
902
1 22XXnX
r
rt
minus=minus
minus=minus
minus=
4360
8183
190
24349==
x7598=t
18 df तथा 5 साथाकता स तर पर t का सारणी मल य plusmn 210 ह तथा t का पररकवलत मान
8759 करावतक मान स अवरक ह अत मानी गयी पररकल पना असत य ह अथाात सहसबर गणाक
साथाक ह
ii Ho P = 0 Ho P = 0
H1 P ne 0 H1 P ne 0
N = 10 r = 25 N = 20 r = 16
2
1 2minus
minus= nX
r
rt 2
1 2minus
minus= nX
r
rt
210
)25(1
25
2minus
minus= X 220
)16(1
16
2minus
minus= X
= 73 = 0688
8 d f पर तथा 5 साथाकता स तर
पर t का सारणी मल य 2306 ह
वजसस पररगवणत मल य (073) कम
ह अत सहसबर गणाक साथाक नही
ह
18 d f पर तथा 5 साथाकता स तर
पर t का सारणी मल य 210 ह
वजसकी तलना म पररगवणत मल य
(0688) कम ह अत सहसबर
गणाक साथाक नही ह
दोनो वसथवतयो म ही हमारी पररकल पना सत य वसद होती ह वजसका अथा ह वक समगर म
सहसबर गणाक शन य ह
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718 कराततक अनपात का मान (Value of Critical Ratio (CR)
दो समहो क मध यमान क अन तर की साथाकता की जॉच अलग-अलग विवरयो क दवारा की जाती ह
बड़ समहो क मध यमानो क अन तर की साथाकता की जॉच करावनतक अनपात (Critical Ratio =
CR) क मान क दवारा की जाती ह जबवक छोट समहो क मध यमानो की साथाकता की जॉच t-
परीकषण क मान क दवारा की जाती ह जब परवतदशो का मान 30 या 30 स अवरक होता ह तो उनक
मध यमानो क अन तर की जॉच करावतक अनपात परीकषण (Critical Ratio Test) दवारा की जाती ह
CR की गणना म तीन पदो का अनसरण वकया जाता ह-
i साथाकता स तर का वनराारण ndash पराय दो साथाकता स तर 005 या 001 का परयोग वकया
जाता ह
ii परमाप विभम या परमावणक तरवट या परमाप तरवट (Standard Error) की गणना| विवरन न
सावखयवकयो क परमाप तरवट की गणना हत सतरो की व याख या इसस पिा इकाई म की
गयी ह
iii CR का मान CR का मान जञात करन क वलए वनम न सतर का परयोग वकया जाता ह
SEd
MMCR 21 minus=
M1 = परथम परवतदशा का मध यमान
M2 = वदवतीय परवतदशा का मध यमान
SEd = दो परवतदशा क मध यमानो क अन तर की परमावणक तरवट
अथाात जब N का मान 30 स कम होता ह तो ऐस समह को छोटा समह कहत ह
छोट समह म CR क स थान पर t की गणना की जाती ह परत यक t- मान CR होता ह
लवकन परत यक CR का मान t- नही होता
719 F- परीकषण(test)या परसरण ववश लषण(Analysis of Variance) एनोवा (ANOVA) जसा वक आपन इसस पिा अधययन वकया ह वक t- test का परयोग दो परवतदशो म माध यो क बीच
साथाक अन तर का पता लगान क वलए वकया जाता ह लवकन जब दो स अवरक परवतदशो क माध यो
क बीच साथाक अन तर का पता लगाना होता ह तो F- परीकषण या परसरण विश लषण (Analysis of
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Variance-ANOVA) का परयोग वकया जाता ह यवद हम तीन परवतदशो क माध यो क बीच साथाक
अन तर का पता लगाना ह तो 6-F- test का परयोग करना हागा जो अपन आप म एक जवटल (ि
अपव ययी) काया होगा t- test की सख या वजतनी अवरक होगी Type-I तरवट की मातरा उतनी ही
अवरक होगी इन कवमयो को दर करन क वलए ANOVA या F- test जस पररािशाली सवखयकी
का परयोग वकया जाता ह इस सावखयकी का परवतपादन RA Fisher दवारा वकया गया वजनक
सम मान म उनक वशष य जी डब ल य स नडकर (GW Snedecor) न इस F- अनपात या F- परीकषण
(F- test) कहा ह
परसरण विश लषण परसरण (variance) क दो अनमानो का तलनात मक अध ययन ह
परवतदशो क परसरण(variance)क अनपात को F अनपात कहत ह सरी सरि F अनपातो क
आरार पर वनवमात बटन- F बटन कहलाता ह इस परकार t काई िगा (x2) की तरह F री एक
परवतदशाज (Statistic) ह
परसिण शवश लषण म शनम न परकाि की सशकरयाऍ (Operations) सशननशिि िोिी ि
1 कल समहो का परसरण (Vt) (Total group Variance)
2 (Vw) समहो क अनतगात परसरण (Within groups variance)
3 Vt - Vw = समहो क मध य परसरण (Vb)( Between groups variance)
4 F अनपात क पररकलन का सतर
F = = =
समहो क अन तगातपरसरण (Vw) बटन क परवतदशा तरवट (Sampling error) का परवतवनवरत ि करता
ह वजस तरवट-परसरण(error variance) या अिशष (residual) री कहत ह| समहो क मध य परसरण
(Between groups variance)परयोगात मक चरो क परराि को दशााता ह यवद F अनपात का मान
1 स ज यादा ह तो इसका अथा ह वक समहो क मध य परसरण या परयोगात मक परसरण(Experimental
Variance) का मान समहो क अन तगात परसरण या तरवट परसरण क मान स ज यादा ह F अनपात का
करावनतक मान (Critical Ratio values) F- table स पराप त वकया जाता ह जो वकसी वनवित
साथाकता स तर पर नल पराक कल पना को अस िीकत करन क वलए आिश यक ह
F सारणी म दो परकार क स िाततरय कोवटयॉ (df) होती ह
Vbकाdf Vb अथाात अश(Numerator)
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Vwअथाात हर (denominator) का df
Vw का dfपररकवलत करन क वलए सरी समहो क सदस य सख या म स समहो की सख या को घटा
वदया जाता ह अथाात df (Vw)= N1 + N2 + helliphelliphellip- K (समहो की सख या)|
Vb का df पररकवलत जञात करन क वलए समहो की सख या म स एक को घटा वदया जाता ह अथाात
df(Vb) = K ndash 1 Vt का df जञात करन क वलए Vwका df तथा Vb का df को जोड़ वदया जाता ह
अथाात Vtका df = Vw का df+ Vb का df उदाहरण क वलए यवद चार समहो म कल सदस य
सख या 60 ह वजसम परत यक समह म सदस यो की सख या बराबर ह अथाात परत यक समह म सदस यो की
सख या= परह ह तोVw का df= 15 + 15 + 15 + 15 ndash 4= 56 Vw का df= 4 ndash 1 = 3
Vt का df = 56 + 3 = 59
F मान क पररकलन म Vb जो समहो क मध य िगो का माध य (Mean Squared between या
MSb) कहलाता ह तथा Vw जो समहो क अन तगात िगो का माध य (Mean Squared within या
MSw) री कहलाता ह क अनपात का परयोग वकया जाता ह
F = =
अथाात F = परवतदशो क मध य विचलन िगो का योग (Sum of Square between
column SSC परवतदशो क अन तगात विचलन िगो का योग (Sum of
Square within Row SSR)
= = =
धयातव य हो वक कल विचलन िगो का योग (Total Sum of square) = +
या = -
= -
720 F बिन की ववशषताऍ(Characteristics of F- distribution)
(i) परत यक F बटन का विस तार 0 स + तक होता ह
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(ii) F सारणी को अश (Numerator) तथा हर (denominator) की स िाततरय
कोवटयो क आरार पर दखा जाता ह
(iii) परत यक F बटन एक परावयकता बटन ह तथा इसका कषतरफल 1 होता ह
(iv) यह एक सतत बटन ह अत कषतरफल (परावयकता) का अनमान लगानक वलए दो
सीमाओ की आिश यकता होती ह
(v) F एक समवमत बटन नही ह तथा F क मल य सदि रनात मक होत ह क योवक
परसरण जब ऋणात मक नही हो सकता तब परसरण का अनपात ऋणात मक कस
होगा
(vi) परत यक अश तथा हर की सिाततरय कोवट क समचचय क वलए एक पथक F बटन
होता ह इस परकार F बटन का एक िहत पररिार ह
(vii) F बटन का परयोग बहत सािरानीपिाक करन की आिश यकता ह क योवक इसका
परयोग तरी सरि ह जब दोनो समगर परसामानय हो इसम वकसी परकार की कोई
छट की गजाईश नही ह
Fndash बटन (n1 ndash 1 = 12 तथा n2 -1 = 16कोवटयो क वलए)
यह वचतर F बटन को दशााता ह जबवक अश तथा हर की सिाततरय कोवटयॉ करमश 12 तथा 16 ह
तथा पर दवशात करना ह वक 5 परवतशत मल य 242 स अवरक होग इस अधययन सामगरी क पीछ राग
म 5 परवतशत तथा 1 परवतशत साथाकता स तर क वलए F बटन की सारवणयॉ उपलब र ह उदाहरण क
वलए 5 परवतशत साथाकता स तर पर अश की सिाततरय कोवट 12 तथा हर की स िाततरय कोवट 16 क
वलए मलय दखना हो तब स तम र म 12 तथा पवकत म 16 क वलए जो उरयवनष ट मल य
(intersectional value) 242F की अवरकतम सीमा वनरााररत करगातथा पररकवलत मान यवद
इसस अवरक होगा तो शन य पररकल पना अस िीकत कर दी जाएगी
df (12 16)
Ho
acceptance segion 05
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721 F ndashपरीकषण क अनपरयोग(Application of F-
test)
दो समगर परसिणो का परिकल पना पिीकषण (Testing Hypotheses about two
Population Variances)शन य पररकल पना वनरााररत करत समय मान यता होती ह वक दोनो
समगर क परसरण (पराचल) समान ह साथाकता स तर का वनराारण वकया जाता ह तथा F का सारणी
मल य (करावनतक मान) अश तथा हर स िाततरय कोवटयो क आरार पर वनरााररत कर वदया जाता ह
यवद F का पररकवलत मान कर ावनतक मान स कम होता ह तो दोनो परसरणो की समानता सबरी
पररकल पना स िीकत कर दी जाती ह इसक विपरीत यवद परसरणो म अन तर साथाक हतो सबरी
िकवलपक पररकल पना स िीकत कर दी जाती ह
F सािणी स कराशिक मान का शनधाािण
(i) एक बाि (पचछीय ) पिीकषण क शलए- यहॉ बड़ परसरण को सदि अश म रखत
ह तथा छोट परसरण को हर म ऐसा सारणी मल य को दखन म सविरा की दवि स वकया
जाता ह इसी परकार सारणी का मल य दखत ह इस अधययन पवसतका म सारणी एक
बाह (दाया बाह) परीकषण क आरार पर दी गई ह
(ii) शिबाि पिीकषण (two tailed test)ndash वदवबाह परीकषण म साथाकता स तर को
आरा कर लत ह जस 2 साथाकता सतर क वलए 1 का सारणी का मल य दखग
यह मल य F िकर क दायी ओर वलखा जाएगा बायी ओर का मल य सदि 1 स कम
होगा उसको जञात करन की परवकरया वनम न परकार ह उदाहरण क वलए 12 तथा 15
कोवटयो क वलए F का मलय 1 परवतशत क वलए 367 ह 15 तथा 12 क वलए मल य
दखग यह 401 ह इसका व यत करम 1401 = 025यह करावनतक मान की वनचली
सीमा होगी यह 1215 स िाततरय कोवटयो क वलए 95 परवतशत दायी ओर क वलए F
का मल य ह
उदाििण वकसी विदयालय क दो ककषाओ IX और X क विदयावथायो की गवणत विषय म
उपलवबर क विश लषण स वनम न पररणाम पराप त हए
ककषा IX ककषा X
विदयाथीयो की सख या 5 6
परसरण 100 121
(i) क या दोनो ककषाओ क विचरण म साथाक अन तर ह (साथाकता स तर 2)
(ii) (क या ककषा X का परसरण ककषा IX क परसरण स अवरक ह साथाकता स तर 1)
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िल
ककषा IX का परसरण =
= n1
अत ककषा म IX का परसरण =
= = 125
ककषा X का परसरण =
=
= = 1452
(i) =
( =1)
Two tailed test
Degrees of freedom D1=4
D2= 5
F = = 086
करावनतक मल य F (D1 D2 )
उच चतम सीमा F (45 01) = 1139
वनम न सीमा F (4599) =
06
01
86 1139
01
Ho acceptance region
df (4 5)
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= = 006
क योवक F का पररकलन मल य (086) Hoस िीकवत कषतर म ह अथाात 006 तथा
1139 क मध य ह अत Hoस िीकवत की जाती ह अथाात 2 साथाकता स तर (अथिा 98
परवतशत विश िासयता स तर) पर दोनो परसरणो म साथाक अन तर नही ह दोनो समगरो क परसरण
समान मान जा सकत ह
(ii) Ho
क योवक F का पररकवलत मान 086 करावनतक मान 1139 स कम ह अत 1 परवतशत साथाकता
स तर पर ककषा X का परसरण ककषा IX क परसरण स अवरक नही ह बवलक समान ह
सवमलयाशकि परशन
11 F एक helliphelliphelliphelliphelliphelliphellipबटन नही ह|
12 F क मल य सदि helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip होत ह|
13 F- परीकषण का परवतपादन helliphelliphelliphelliphellipदवारा वकया गया|
14 जब परवतदशो का मान 30 या 30 स अवरक होता ह तो उनक मध यमानो क अन तर की जॉच helliphelliphelliphelliphellipपरीकषण (Test) दवारा की जाती ह
15 helliphelliphelliphelliphelliphelliphellipछोट आकार क वनदशान (sampling) स सबवरत
ह इसका शरय आयररश वनिासी विवलयम गौसट को जाता ह
722 समगर क माध यो म अन तर की साथभकता का परीकषण(Significance of difference between
population mean)
F बटन क दवारा समगर क माध यो म अन तर साथाक ह अथिा नही सबरी पररकल पना परीकषण री
वकया जाता ह शन य पररकलन का वनराारण करत समय यह माना जाता ह वक बटन समगरो क माध य
तथ परसरण समान ह तथा सरी समगरो का बटन परसामानय ह परवतदशो क आरार पर यह पररकल पना
स िीकत की जा सकती ह यवद किल दो माध यो का साथाकता परीकषण करना ह तब t- बटन क
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आरार पर ऐसा वकया जा सकता ह लवकन 5 माध यो की वसथवत म t परीकषण 10 बार जञात करन
होग इसक आरार पर परस पर परवतदशो क मध य परसरण (Between samples) तथा परवतदशो क
अन तगात परसरण (within samples) का अनपात (F अनपात) जञात कर शन य पररकल पना को
स िीकत अथिा अस िीकत वकया जा सकता ह
उदाहरण वनम नवलवखत समक विदयावथायो क तीन समहो Y1 Y2तथा Y3 क राषा (X1) गवणत
(X2) ि विजञान (X3) उपलवबरयो क परीकषण पराप ताको स सबवरत ह
समह X1 X2 X3
Y1 10 13 4
Y2 16 19 7
Y3 19 22 13
क यो तीनो समहो क उपलवबर म साथाक अन तर ह
िल
(i) सिापरथम आप माध य जञात कीवजए
(ii) तब आप माध यो का माध य जञात कर ( )
( ) = जबवक K = परवतदशो की सख या = 3
( ) = = 1367
(iii) परवतदशो म परस पर अन तर का परसरण(Between Variance)
=
=
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=
(iv) शवशिन न शवषयो क अन िगाि परसिण (Within Variance)
X1 (X1 - )2 X2
(X2 - )2 X3
(X3 - )2
10 25 13 25 4 16
16 1 19 1 7 1
19 16 22 16 13 25
42 42 42
अन तगात परसरण (Within variance) (Vw) =
= = 21
H1 सरी माध य समान नही ह(All are not equal)
साथाकता स तर करावतक मान F (26 05) = 514
F=
F का पररकवलत मान 376 सारणी मान 514 स कम ह अत 5 साथाकता सतर पर अन तर
साथाक नही ह अथाात समगर क तीन समहो क तीन विषयो क उपलवबरयो का स तर समान ह